Difference between revisions of "वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / बहुउपयोगी सेवा (एमयूएस)"
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Revision as of 16:06, 28 November 2015
बहु उपयोगी जल सेवा (एमयूएस) एक नवोन्मेषी नजरिये वाली जल सेवा है. इसने अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों में गरीबी उन्मूलन के लिए नये निवेश अवसरों की राह खोली है. एमयूएस ने लोगों की पानी संबंधी विविध आवश्यकताओं को अपनी योजना, नये तंत्र की संरचना और उन्नयन का शुरुआती बिंदू माना है. वैश्विक स्तर पर जल उपयोगकर्ता घरेलू तंत्र या सिंचाई तंत्र का इस्तेमाल विविध आवश्यकताओं के लिए करते आये हैं, भले ही यह कानूनी हो या नहीं. इन बहु उपयोगों को योजनाबद्ध तरीके से निवेश करने से, स्वास्थ्य, घरेलू परेशानियों से निजात, भोजन, आय और लैंगिक समानता जैसे कई लाभ होते हैं.
बहु-उपयोगी जल सेवा स्थायी जल सेवा का एक संपूर्ण नजरिया है
जिससे सेहत और आजीविका का विकास होता है.
Contents
एमयूएस का घरेलू-मानक : 50-200 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन
जब भी पानी घर के पास या सटे हुए भूमि पर उपलब्ध हो तो लोग उसका इस्तेमाल घरेलू और कई उत्पादक उपयोगों के लिए करते हैं. जल उपयोगकर्ता और उपलब्धता का यह व्यावहारिक रिश्ता बहु-उपयोगी जल सीढ़ी में दर्शाया गया है. यह नीतिगत प्रस्ताव गरीब लोगों को जल सीढ़ी पर चढ़ने और उन्हें 50-200 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन जल उपलब्ध कराने में मददगार होता है. इनमें से 3-5 लीटर शुद्ध पेयजल की जरूरत प्रति व्यक्ति प्रति दिन के हिसाब से पूरी होती है. अधिकतर बहु-उपयोगी तंत्र निवेश में तीन साल के अंदर पुनर्भुगतान की क्षमता विकसित हो जाती है. घरेलू एमयूएस से खास तौर पर उन महिलाओं को लाभ होता है, जिन्हें पानी लाने और पानी का भंडारण करने के लिए अक्सर लंबा अंतराल घर से दूर बिताना पड़ता है और इस वजह से वे कई उत्पादक कार्यों से वंचित हो जाती हैं. ऐसे भूमिहीन जिनके पास सिर्फ रहने की जमीन होती है, उन्हें भी इससे लाभ होता है.
समुदाय-स्तरीय एमयूएस : स्थानीय समेकित जल संसाधन प्रबंधन
इसके तहत एमयूएस समुदाय को जल सेवाओं का प्रवेश बिंदू मानता है. यह उनके विभिन्न स्रोतों के जरिये( बारिश, भूमिगत जल, भूजल, वेटलैंड) पानी के विविध उपयोगों (घरेलू, सिंचाई, पशुओं के पीने के लिए, पेड़ों के लिए, मत्स्य पालन, उद्योग, समारोह, पर्यावरण संबंधी) की बात को स्वीकारता है. एकल उपयोग सेवा के मुकाबले यह समेकित जल संसाधन प्रबंधन जो स्थानीय स्तर पर संचालित होता है अधिक सस्ता और स्थायी माना जाता है.
लाभ | हानि |
---|---|
- लैंगिक समानता का पोषक, क्योंकि यह पुरुषों और स्त्रियों दोनों की जरूरतों को स्वीकार करता है. - भुगतान की इच्छा और क्षमता दोनों का विकास करता है, जो लोक सेवाओं में निवेश के लिए मददगार होता है और स्व-वित्तपोषी योजनाओं को बढ़ावा देता है. |
- अधिकतर जल क्षेत्रीय परियोजनाएं बहु-उपयोग के नजरिये से व्यवस्थित नहीं हो पाती है, इसलिए इसका नियोजन कई लोगों के लिए नया अनुभव होता है. - कई दफा जब बहु-उपयोगी विचार मौलिक जल परियोजना से बाहर होती हैं तो उन्हें रोका जाता है, दंड लगा कर उन्हें अवैध करार दिया जाता है. |
एक बहु-उपयोगी जल सेवा कैसी दिखती है?
एक बार जब आप लोगों को, उनकी आकांक्षाओं और आवश्यकताओं को और स्रोतों के बारे में जान लेते हैं, फिर आप समेकित जल सेवा की संकल्पना कर सकते हैं, सेहत और आजीविका को ध्यान में रखते हुए. तकनीक और सहयोगी कार्यक्रम के सही समन्वय का आप कैसे निर्धारण करते हैं?
1. जल: बहु-उपयोगी जल सेवाओं का मतलब यह नहीं है कि आप एक ही तकनीक को पूरे समुदाय में बार-बार दुहराएं. सफल और स्थायी जल सेवाओं के विकास के लिए सही तकनीक का चयन काफी महत्वपूर्ण होता है और इसके साथ समुदाय को सही तकनीक के सही इस्तेमाल के लिए सक्षम बनाना भी उतना ही जरूरी होता है. सही सहयोगी कार्यक्रम (प्रशासन, प्रबंधन और प्रशिक्षण) का चयन भी उतना ही जरूरी है ताकि जल सेवाएं लंबे समय तक संचालित हो सकें.
सहयोगी कार्यक्रमों का एक महत्वपूर्ण कारक उसका प्रबंधन होता है. जल उपयोगकर्ताओं के साथ काम करते हुए प्रबंधन संरचना को तैयार करना चाहिये जो उनके संसाधनों और परेशानियों का हल निकाल सके. यह समुदाय आधारित (समिति द्वारा संचालन या किसी उद्योग को प्रबंधन की जिम्मेदारी देना) भी हो सकता है और निजी (किसी एक व्यक्ति, परिवार या छोटे समूह द्वारा) भी.
2. स्वास्थ्य: केवल स्वच्छ जल उपलब्ध करा कर ही आप स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकते हैं. कुछ हद तक अगर परियोजना संसाधन सक्षम हो तो अतिरिक्त स्वास्थ्य गतिविधियों की योजना भी बनायी जा सकती है (साफ-सफाई, स्वच्छता और पोषण) और यह नयी जल सेवा के जरिये संपूर्ण सेहत प्रभाव की क्षमता वृद्धि कर सकता है. आकलन प्रक्रिया में सीखी गयी सूचनाओं और उनके नतीजों के आधार पर जल सेवाओं का विकास करने से परियोजना में सेहत गतिविधियां जोड़ी जा सकती हैं.
3. आजीविका: केवल समेकित जल सेवाओं को उपलब्ध कराने से ही आजीविका का विकास हो जाता है. हालांकि अगर परियोजना संसाधन इजाजत दें तो अतिरिक्त आजीविका संबंधी गतिविधियां (खेती, चारा, व्यापार) आदि को शामिल किया जा सकता है औऱ ये आपकी परियोजना के प्रभाव को बढ़ा देती हैं. आय में वृद्धि होती है और शिक्षा जैसे अवसरों तक पहुंच बढ़ती है.
जमीनी अनुभव
नेपाल में नेपाल स्मालहोल्डर मार्केट इनिशियेटिव (सिमी) और विनरॉक द्वारा बहु-उपयोगी जल सेवा की शुरुआत की गयी. इस व्यवस्था में झरनों के पास संग्रहण टैंक या छोटी धाराओं की दिशा बदलने जैसे काम किये गये, जिससे गांव के नजदीक तालाब में गुरुत्वाकर्षण बहाव के साथ पाइप की मदद से जल पहुंचाया गया. यह सेवाएं 10-40 परिवारों के लिए कारगर साबित हुईं, वे इन पानी का इस्तेमाल घरेलू और खेती दोनों मकसद के लिए कर रहे हैं. ड्रिप सिंचाई को लागू कराने की वजह से पौधों का विकास भी बेहतर हुआ और जल का उपयोग भी. ड्रिप सिंचाई का इस्तेमाल करने वाले साठ फीसदी परिवार घरेलू तंत्र से ही पानी का उपयोग कर रहे हैं.
आरएसआर परियोजना
निर्देशिका, वीडियो और लिंक
- तीन आर स्मार्ट समाधान
- पीडीएफ : बहु-उपयोगी जल सेवा : पोषण-संवेदी नजरिये की ओर. आइएफएडी.
- बहु-उपयोगी जल सेवा समूह.
- आइडब्लूएमआइ रिपोर्ट - मल्टीपल-यूज वाटर सर्विस टू एडवांस द मिलेनियम डेवलपमेंट गोल.
- मोरियेरिटी, पी., बटरवोर्थ, जे., कोप्पेन, बी. वैन. 2004. बियॉन्ड डोमेस्टिक : केस स्टडी ऑन पोवर्टी एंड प्रोडक्टिविटी यूजेज ऑफ वाटर एट द हाउसहोल्ड लेवल, आइआरसी टेक्निकल पेपर्स सिरीज 41.
- सूटेन, टी.; मोरियेरिटी, पी. 2003. कम्युनिटी वाटर, कम्युनिटी मैनेजमेंट – फ्रॉम सिस्टम टू सर्विस इन रूरल एरियाज. द हेग, द नीदरलैंड्स : आइआरसी इंटरनेशनल वाटर एंड सेनिटेशन सेंटर एंड आइटीडीजी
- नेपाल (सिमी) स्मॉलहोल्डर मार्केट इनिशियेटिव. 2004. प्रोसेस एंड इम्पैक्ट स्टडी ऑफ द मल्टीपल-यूज (हाइब्रिड) ग्रैविटी वाटर सप्लाई स्कीम इन पाल्पा एंड सिएंग्जा डिस्ट्रिक्ट ऑफ वेस्ट नेपाल. काठमांडू : इको-टेक कंसल्ट (पी) लि. एस. नेपाल स्मॉलहोल्डर इरिगेशन मार्केट इनिशियेटिव (सिमी).
- टेकिंग ए मल्टीपल-यूज अप्रोच टू मीटिंग द वाटर नीड्स ऑफ पूअर कम्युनिटीज ब्रिंग्स मल्टीपल बेनिफिट्स. आइडब्लूएमआइ (2006)
आभार
- मोडेल्स फॉर इम्प्लीमेंटिंग मल्टीपल-यूज वाटर सप्लाई सिस्टम फॉर इनहैंस लैंड एंड वाटर प्रोडक्टिविटी, रूरल लाइवलीहुड्स एंड जेंडर इक्विटी- मल्टीपल यूज सिस्टम (एमयूएस). ऑनगोइंग रिसर्च- सीआइजीएआर.
- ए गाइड टू मल्टीपल-यूज वाटर सर्विसेज. विनरॉक इंटरनेशनल.