[[File:200px-TemplePondChennai.jpg|200px|thumb|right|A temple pond at Mylapore, Chennai, India]]
तमिलनाडु पहला भारतीय राज्य है जहां वर्षाजल संचयन को अनिवार्य बनाया गया है. 30 मई, 2014 को राज्य सरकार ने घोषणा की कि वह चेन्नई शहर के विभिन्न हिस्सों में 50 हजार से वर्षाजल संचयन ढांचे का निर्माण करायेगी. [1] [http://timesofindia.indiatimes.com/city/chennai/50000-rain-water-harvesting-structures-to-come-up-in-Chennai/articleshow/35794531.cms]
Around 4,000 temples in Tamilnadu state traditionally had water tanks that were used for various ritualsतमिलनाडु के चार हजार से अधिक मंदिरों में तालाब हैं जो विभिन्न कर्मकांडों के लिए प्रयोग में लाये जाते हैं. The tanks also served as natural aquifers and helped recharge groundwaterये तालाब प्राकृतिक जलवाही के रूप में काम करता है और भूजल संवर्धन में मददगार साबित होता है. Over the years, however, many of these tanks have gone out of use. Overflowing mounds of silt and garbage have replaced the water in themमगर गाद और कचरे ने इन तालाबों का रास्ता बंद कर दिया है.
Nowअब, following sustained campaigns by voluntary organisations and departments in charge of water distribution and use, authorities in Chennai have decided to restore around स्वैच्छिक संस्थानों और जल वितरण व उपयोग से संबंधित विभागों द्वारा निरंतर चलाये जा रहे अभियानों के बाद चेन्नई प्रशासन ने तय किया कि वह शहर में 40 major temple tanks in the cityबड़े मंदिर तालाबों की मरम्मत करायेगा. The aim is to convert the tanks into catchments for rainwater harvestingतालाबों को वर्षाजल संचयन के जलग्रहण क्षेत्र में बदले का लक्ष्य है. [http://infochangeindia.org/environment/news/temple-tanks-in-tamil-nadu-to-harvest-rainwater.html]
===Rainwater harvesting linksवर्षाजल संचयन लिंक===
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