Difference between revisions of "वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / सतही जल / सड़क पर बरसे जल का संचयन"

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इस किसान ने इस प्रणाली को दो पड़ोसियों के लिए भी विकसित किया. प्रमुख नहर इनमें से एक के खेतों से होकर बहती है. वह उस किसान के साथ मिलकर काम करता है. करीब 40 किसान अब तक इस प्रणाली को अपना चुके हैं. अब उन सभी ने अपने आसपास यह व्यवस्था बना ली है. हालांकि उनमें से कुछ इस तरह से पानी को लाने में मुस्योका की तरह प्रभावशाली नहीं साबित हो सके हैं.
 
इस किसान ने इस प्रणाली को दो पड़ोसियों के लिए भी विकसित किया. प्रमुख नहर इनमें से एक के खेतों से होकर बहती है. वह उस किसान के साथ मिलकर काम करता है. करीब 40 किसान अब तक इस प्रणाली को अपना चुके हैं. अब उन सभी ने अपने आसपास यह व्यवस्था बना ली है. हालांकि उनमें से कुछ इस तरह से पानी को लाने में मुस्योका की तरह प्रभावशाली नहीं साबित हो सके हैं.
  
===Manuals, videos and links===
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===नियमावली, वीडियो और लिंक===
* [http://www.samsamwater.com/library/Book6_Water_from_roads.pdf Water from Roads: A handbook for technicians and farmers on harvesting rainwater from roads]. Erik Nissen-Petersen for Danish International Development Assistance (Danida), 2006.
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* [http://www.samsamwater.com/library/Book6_Water_from_roads.pdf वाटर फ्रॉम रोड्स: अ हैंडबुक फॉर टेक्रीशियंस ऐंड फार्मर्स ऑन हार्वेस्टिंग रेनवाटर फ्रॉम रोड्स]. एरिक निस्सेन-पीटरसन फॉर डैनिश इंटरनैशनल डेवलपमेंट असिस्टेंस (डांडिया), 2006
  
* VIDEO: [http://www.thewaterchannel.tv/media-gallery/3451-road-runoff-harvesting Road Runoff Harvesting]
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* VIDEO: [http://www.thewaterchannel.tv/media-gallery/3451-road-runoff-harvesting वीडियो: रोड रनऑफ हार्वेस्टिंग]
  
* Roads for Water: [http://www.roadsforwater.org roadsforwater.org], [http://thewaterchannel.tv/en/videos/categories/viewvideo/2074/roads-for-water-webinar video webinar], [https://metameta.adobeconnect.com/p4bb06m79t9/?launcher=false&fcsContent=true&pbMode=normal flash presentation], [http://thewaterchannel.tv/en/webinar webinar description]
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* रोड्स फॉर वाटर: [http://www.roadsforwater.org रोड्सफॉरवाटर.ओआरजी], [http://thewaterchannel.tv/en/videos/categories/viewvideo/2074/roads-for-water-webinar वीडियो वेबीनॉर], [https://metameta.adobeconnect.com/p4bb06m79t9/?launcher=false&fcsContent=true&pbMode=normal फ्लैश प्रजेंटेशन], [http://thewaterchannel.tv/en/webinar वेबनियर डिस्क्रिप्शन]
  
* ARTICLE: [http://www.thewaterchannel.tv/index.php?option=com_content&view=article&id=182 Combining Water Harvesting and Road Infrastructure Development]
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* आर्टिकल: [http://www.thewaterchannel.tv/index.php?option=com_content&view=article&id=182 कंबाइनिंग वाटर हार्वेस्टिंग ऐंड रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट]
  
* ARTICLE: [http://r4d.dfid.gov.uk/PDF/Outputs/AfCap/AFCAP-GEN-102-D-sand-dams-road-crossings.pdf The potential of sand dam road crossings]
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* आर्टिकल: [http://r4d.dfid.gov.uk/PDF/Outputs/AfCap/AFCAP-GEN-102-D-sand-dams-road-crossings.pdf द पोटेंशियल ऑफ सैंड डैम रोड क्रॉसिंग]
  
* GRANT AWARD: [http://gotw.nerc.ac.uk/list_full.asp?pcode=NE%2FL001934%2F1 Optimizing Road Development for Groundwater Recharge and Development] - The research project 'Optimizing Road Development for Groundwater Recharge and Retention' investigates how the fast growing road development programs in Sub-Saharan Africa can become 'inclusive' by securing, and where possible improving, the groundwater sources of the poor. Roads have a major but little researched impact on hydrology and local groundwater availability. The aim of the project is to optimize the planning and design of roads in rural areas for the recharge and retention of groundwater, thus contributing to secure and equitable use of shallow groundwater. This should contribute to better water buffering in view of climate variability (and changes therein) and lead to poverty reduction and socio-economic development (groundwater is important to agricultural production/irrigation as well as for drinking water supply).
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* ग्रांट अवार्ड: [http://gotw.nerc.ac.uk/list_full.asp?pcode=NE%2FL001934%2F1 ऑप्टिमाइजिंग रोड डेवलपमेंट फॉर ग्राउंडवाटर रिचार्ज ऐंड डेवलपमेंट] - यह शोध परियोजना इस बात की पड़ताल करती है कि सब सहारा अफ्रीका में कैसे सडक़ परियोजनाओं के विकास को भूजल धारण और रिचार्ज में प्रयोग किया जाए. इन इलाकों में तेजी से बढ़ती सडक़ों के जरिये भूजल स्रोत को सुधारने और सुरक्षित करने की समावेशी प्रक्रिया अपनाने की तलाश भी इसमें शामिल है. सडक़ों की ऐसी क्षमता को लेकर कोई खास अध्ययन अब तक देखने को नहीं मिला है. इस परियोजना का लक्ष्य है योजनाबद्ध ढंग से भूजल को रिचार्ज और धारण करने की संभावनाएं तलाश करना. ताकि सभी को भूजल पर्याप्त मात्रा में मिल सके. जलवायु की परिवर्तनशीलता को देखते हुए कहा जा सकता है कि यह तरीका पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने का कारगर जरिया है. यह गरीबी निवारण और सामाजिक आर्थिक विकास मेंं भी अहम भूमिका निभाता है. इसमें कृषि उत्पादन, सिंचाई और पेयजल शामिल हैं.
  
 
===Acknowledgements===
 
===Acknowledgements===
 
* Kithinji Mutunga and Will Critchley, [http://www.samsamwater.com/library/TR27_PFI_WOCAt.pdf FARMERS’ INITIATIVES IN LAND HUSBANDRY Promising technologies for the drier areas of East Africa.] UNDP – Office to Combat Desertification and Drought (UNSO/ESDG/BDP) and Sida’s Regional Land Management Unit, 2001.
 
* Kithinji Mutunga and Will Critchley, [http://www.samsamwater.com/library/TR27_PFI_WOCAt.pdf FARMERS’ INITIATIVES IN LAND HUSBANDRY Promising technologies for the drier areas of East Africa.] UNDP – Office to Combat Desertification and Drought (UNSO/ESDG/BDP) and Sida’s Regional Land Management Unit, 2001.
 
* [http://archive.infonet-biovision.org/default/ct/180/soilConservation Water Storage.] Infonet-Biovision.org.
 
* [http://archive.infonet-biovision.org/default/ct/180/soilConservation Water Storage.] Infonet-Biovision.org.

Revision as of 05:56, 4 December 2015

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सड़क पर बहते पानी का संरक्षण मृदा संरक्षण में भी मदद करेगा. फोटो: यूएनडीपी

नजदीक की किसी सड़क पर से बहने वाले पानी का संरक्षण करना एक ऐसी तकनीक है जिसकी शुरुआत मविंगी जिले के क्येथानी के मुस्योका मुइंदु ने की थी. वह सन् 1993 से लगातार इस प्रणाली को विकसित करने के काम में लगे थे. यह काफी हद तक जमीनी अनुभवोंं और पर्यवेक्षण पर आधारित था. इसके जल और मृदा संरक्षण को कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय (मोराड) का प्रशिक्षण और मदद भी हासिल थी. उनकी तकनीक का जिक्र मवारासोंबा और मुटुंगा (1995) ने केन्या के एसएएएल (शुष्क और अर्द्ध शुष्क) में किए गए अपने सर्वेक्षण में इस तकनीक के सकारात्मक इस्तेमाल का जिक्र किया था.

डामर रोड से उनके खेत बहुत करीब होने के कारण यह आनेजाने वाले लोगों के लिए बहुत आसानी से सुगम है. करीब 800 गांववासी नजांबाा नगू गए और उन्होंने खुले दिल से सभी लोगों का स्वागत किया. उनके लिए अपनी पर्यटक पुस्तिका खोल दी.

इस पहल का महत्त्व यह है कि मुस्योका ने मोराड की मृदा संरक्षण तकनीक को अपनाकर इसे व्यावहारिक जल संरक्षण तकनीक के रूप में बदलने मेंं कामयाबी पाई है जो सूखे क्षेत्रों में कारगर हैं. केन्या में जल संरक्षण को लेकर न तो पहले और न ही अब कोई तकनीकी दिशानिर्देश है. लेकिन अब वहां एक ऐसा मॉडल है जिस पर विस्तृत अध्ययन किया जा सकता है. यह अन्य किसानों के लिए प्रोत्साहन का काम कर सकता है.


किन तरह की परिस्थतियों में यह तकनीक काम में आती है

लाभ

मुस्योका ने आकलन किया कि उनकी मक्के की प्रमुख फसल का उत्पादन इस जल संरक्षण मॉडल को अपनाने के बाद दोगुनी हो गई. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इसकी मदद से वह अतिरिक्त नमी पैदा करने में कामयाब रहे. खेत से अतिरिक्त आय होने लगी तो उनको अन्य लाभ भी मिलने लगे. एक अनुमान के मुताबिक मिट्टी का अनुमानित नुकसान आधा हो गया और चारे का अतिरिक्त उत्पादन भी होने लगा.

सावधानी

यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सड़क का इस्तेमाल भली भांति समझा जा सके ताकि प्रदूषकों का बहाव रोका जा सके. सडक़ अगर मुरम की हो और उसमें गंदगी हो तथा उसमें गोबर और अन्य प्रदूषक तत्त्व हों तो उससे बहकर आने वाले पानी को घरेलू कामों में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. जबकि डामर की सड़क में टार होता है जो लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है.

विनिर्माण, परिचालन और रखरखाव

This map illustrates how you locate the channels coming from the road. Click image to zoom in. Drawing: UNDP

इस तकनीक को डब्ल्यूओसीएटी (वर्ल्ड ओवरव्यू ऑफ कंजरवेशन अप्रोच्स ऐंड टेकनॉलॉजीज) के तहत एक संयुक्त ढाँचागत पौधरोपण उपाय (वाटर पोर्टल/ वर्षाजल संचयन/ भूजल पुनर्भरण/ पुस्ता या खेत-बन्धी) के रूप में सूचीबद्ध किया गया. गड्ढों और नहरों को बारहमासी घास से स्थिर किया जाता है. इसका प्राथमिक उद्देश्य मिट्टी में नमी पैदा करना है ताकि बढ़िया पैदावार हो. इसका प्रभाव जल संरक्षण से पैदा होता है. मृदा संरक्षण की बदौलत जमीन का क्षरण रुकता है.

तारकोल की सडक़ पर बहते पानी को करीब 300 मीटर लंबी नहर के जरिए लाया गया जो एक पड़ोसी के खेत से कट कर आती है. इसके अलावा भी कुछ पूरक नहर बनाई गईं जो पहाड़ी से बहते पानी को एकत्रित करतीं. अनुमानित भंडारण क्षेत्र करीब 10 हेक्टेयर है। इससे करीब 5 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है. प्रमुख नहर पानी को शुरुआती फान्या चिनि (एक ऐसी नहर जो धरती के सहारे ढलान से बहती है) ढांचे की मदद से निकालती है. जब पानी नहर के आखिरी सिरे पर पहुंचती है तब उसे ऐसे ही एक अन्य ढांचे में मिला दिया जाता है जो पानी को एकदम दूसरी दिशा मेंं ले जाता है. दूसरे शब्द मेंं कहें तो पानी जिगजैग शैली में बहता है. कुछ खास स्थानों पर किसान ने पानी को नियंत्रित करने के लिए गेट लगाया है. इनकी मदद से पानी की दिशा तय की जाती है.

खेतों में पानी लाने वाली व्यवस्था तो आमतौर पर फान्या चिनि होती है लेकिन कई जगह फान्या जु (नहर के ऊपर बनावट) का प्रयोग भी किया जाता है. नहर का आकार प्राय: एक मीटर गहरा, एक से दो मीटर चौड़ा होता है जबकि सतह पर बनी उभरी नहर डेढ़ मीटर ऊंची और 18 मीटर चौड़ी होती है. ये आकार अनुशंसित फान्या जू /फान्या चिनि डिजाइन से कमतर हैं. खेतों की औसत ढलान करीब 3 डिग्री है. ढांचों के बीच अनुमानित लंबाकार अंतराल करीब 0.9 मीटर होता है. इनको घास या केले अथवा गन्ने जैसी सदाबहार फसलों से स्थिर किया जाता है.


रखरखाव

रखरखाव में निरंतर बालू निकासी शामिल है ताकि नहर अपनी पूरी क्षमता से काम कर सके. इकसे अलावा नहरों में टूटफूट का सुधार और जरूरत के मुताबिक घास लगाना या फलों के सूखे वृक्षों का इस्तेमाल आदि सभी इसमे शामिल हैं.

लागत

प्रति हेक्टेयर विनिर्माण लागत के रूप में करीब 100 दिन तक श्रमिक कर्म शामिल है. इसमेंं गड्ढों और नहर का बुनियादी ढाँचा शामिल है. अन्य लागत की बात करें तो वे मामूली हैं. रखरखाव की सालाना जरूरत प्रति हेक्टेयर 10 व्यक्ति दिन है. सूखे वर्ष में यह कम होता है लेकनि भारी बारिश के समय इसमें अत्यधिक इजाफा भी हो सकता है. स्पष्ट है कि यह अपेक्षाकृत महंगी तकनीक है. खासतौर पर अगर श्रम को ध्यान मेंं रखा जाए. चूंकि यह व्यवस्था सीधे तौर पर उत्पादन बढ़ाने से जुड़ी है इसलिए इसकी लागत झटपट वसूली जा सकती है. निवेश की तुलना मेंं इसके लाभ सकारात्मक है. दीर्घावधि के हिसाब से तो ये अत्यंत सकारात्मक कहे जा सकते हैं.

जमीनी अमुभव

The road runoff system of capturing rainwater was created by a farmer. Photo: UNDP

सुधार

इस व्यवस्था को अपनाने का एक बड़ा लाभ तो यह होगा कि किसानों को डिजाइन तैयार करने में मदद मिलेगी. सडक़ पर बहते पानी का भंडारण बहुत प्रभावी हो सकता है लेकिन अगर इसे सही तरह से तैयार नहीं किया गया या इसका समुचित प्रबंधन नहीं किया गया तो इसके रखरखाव पर काफी खर्च आ सकता है और यह बड़े पैमाने पर क्षरण की वजह भी बन सकता है. मुस्योका व्यवस्था में सुधार का एक और मशविरा यह है कि उनको अपनी नहरों को अधिक उथला बनाना चाहिए ताकि अधिकाधिक पानी उनके खेतों में फैल सके. बजाय कि गहराई में जाकर नष्ट हो जाने के. शोध की बात करें तो इस व्यवस्था को मान्यता देने की जरूरत है क्योंकि केन्या के सूखे इलाकों में जल संरक्षण अत्यधिक आवश्यक है.

अन्य किसानोंं द्वारा अनुकरण

इस किसान ने इस प्रणाली को दो पड़ोसियों के लिए भी विकसित किया. प्रमुख नहर इनमें से एक के खेतों से होकर बहती है. वह उस किसान के साथ मिलकर काम करता है. करीब 40 किसान अब तक इस प्रणाली को अपना चुके हैं. अब उन सभी ने अपने आसपास यह व्यवस्था बना ली है. हालांकि उनमें से कुछ इस तरह से पानी को लाने में मुस्योका की तरह प्रभावशाली नहीं साबित हो सके हैं.

नियमावली, वीडियो और लिंक

  • ग्रांट अवार्ड: ऑप्टिमाइजिंग रोड डेवलपमेंट फॉर ग्राउंडवाटर रिचार्ज ऐंड डेवलपमेंट - यह शोध परियोजना इस बात की पड़ताल करती है कि सब सहारा अफ्रीका में कैसे सडक़ परियोजनाओं के विकास को भूजल धारण और रिचार्ज में प्रयोग किया जाए. इन इलाकों में तेजी से बढ़ती सडक़ों के जरिये भूजल स्रोत को सुधारने और सुरक्षित करने की समावेशी प्रक्रिया अपनाने की तलाश भी इसमें शामिल है. सडक़ों की ऐसी क्षमता को लेकर कोई खास अध्ययन अब तक देखने को नहीं मिला है. इस परियोजना का लक्ष्य है योजनाबद्ध ढंग से भूजल को रिचार्ज और धारण करने की संभावनाएं तलाश करना. ताकि सभी को भूजल पर्याप्त मात्रा में मिल सके. जलवायु की परिवर्तनशीलता को देखते हुए कहा जा सकता है कि यह तरीका पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने का कारगर जरिया है. यह गरीबी निवारण और सामाजिक आर्थिक विकास मेंं भी अहम भूमिका निभाता है. इसमें कृषि उत्पादन, सिंचाई और पेयजल शामिल हैं.

Acknowledgements