Difference between revisions of "वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / सतही जल / लघु पनबिजली"

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* [http://blip.tv/mobile-school-for-water-and-sanitation/hydroelectricity-small-hydroelectric-power-plants-2468916पन-बिजली - लघु लघु पन- बिजली ताप संयत्र.] इएमएएस पद्धति. ( ऊपर चौथे नम्बर का वीडियो, लेकिन आवाज के साथ )
 
* [http://blip.tv/mobile-school-for-water-and-sanitation/hydroelectricity-small-hydroelectric-power-plants-2468916पन-बिजली - लघु लघु पन- बिजली ताप संयत्र.] इएमएएस पद्धति. ( ऊपर चौथे नम्बर का वीडियो, लेकिन आवाज के साथ )
  
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* [http://www.indiawaterportal.org/articles/case-against-small-hydropower A case against small hydropower]. Small hydel projects are often hailed as sustainable models of power production but they spark an equal number of contentious issues much like the bigger projects.
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* [http://www.indiawaterportal.org/articles/case-against-small-hydropower अ केस अगेंस्ट स्माल हाइड्रोपावर]. छोटी पन बिजली परियोजनाओं को अक्सर बिजली उत्पादन के लिये सस्टेनेबल  मॉडल के रूप में देखा जाता है जबकि सच्चाई यह है कि ये परियोजनाएं भी उतनी ही विवादास्पद मुद्दों से घिरी हुी हैं जितनी कि बड़ी पन बिजली परियोजनाएं.
* [http://www.energynext.in/micro-hydro-projects-light-villages-northeast/ Micro hydro projects to light up villages in Northeast]
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* [http://www.energynext.in/micro-hydro-projects-light-villages-northeast/ माइक्रो हाइड्रो प्रोजे्ट्स टू लाइट अप विलेजेज़ इन नॉर्थ ईस्ट]
* BLOG: [http://green.blogs.nytimes.com/2009/09/30/the-rise-of-micro-hydro-projects-in-africa/ The Rise of Micro-Hydro Projects in Africa.]
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* BLOG: [http://green.blogs.nytimes.com/2009/09/30/the-rise-of-micro-hydro-projects-in-africa/ द राइज ऑफ माइक्रो हाइड्रो प्रोजेक्ट्स इन अफ्रीका.]
* [http://www.internationalrivers.org/resources/micro-hydro-powers-rural-development-in-cameroon-1937 Micro-Hydro Powers Rural Development in Cameroon.]
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* [http://www.internationalrivers.org/resources/micro-hydro-powers-rural-development-in-cameroon-1937 माइक्रो हाइड्रो पावर्स इन कैमरून.]
* Article: [http://www.howwemadeitinafrica.com/can-micro-hydro-boost-economic-development-in-rural-africa/4249/ Can micro hydro boost economic development in rural Africa?]
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* Article: [http://www.howwemadeitinafrica.com/can-micro-hydro-boost-economic-development-in-rural-africa/4249/ कैन माइक्रो हाइड्रो बूस्ट इकॉनोमिक डेवलपमेंट इन रूरल अफ्रीका?]
* [http://www.builditsolar.com/Projects/Hydro/hydro.htm Small Scale Hydro]: Here are some good references for planning, designing, and building a micro-hydro system. The first step is to carefully determine if you have a hydro resource that is worth developing -- some of the references cover how to do this in detail.
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* [http://www.builditsolar.com/Projects/Hydro/hydro.htm स्माल स्केल हाइड्रो]: एक लघु पन बीजली परियोजना के नियोजन, डिजाइन और बनाने संबंधी जानकारी यहां दी गई है. सबसे पहला कदम तो यह सुनिश्चित कर लेना होगा कि आपके पास पर्याप्त मात्रा में पन बिजली स्रोत हैं और उनका विकास किया जा सकता हैं -- इनमें से कुछ संदर्भों में यह जानकारी साफ तौर पर और विस्तार से मिल सकती है कि ऐसा करने के लिये करें और कैसे.
* S.D.B. Taylor and D. Upadhyay. [http://www.esha.be/fileadmin/esha_files/documents/publications/articles/IT_Power_final.pdf Sustainable markets for small hydro in developing countries.] Hydropower & Dams Issue Three, 2005. IT Power, UK.
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* S.D.B. Taylor and D. Upadhyay. [http://www.esha.be/fileadmin/esha_files/documents/publications/articles/IT_Power_final.pdf सस्टनेबल मार्केट्स फॉर स्माल हाइड्रो इन डेवलपिंग कंट्रीज़.] पनाबिजली और बांध अंक -3, 2005. आई टी पावर यू. के.
  
 
===Acknowledgements===
 
===Acknowledgements===

Revision as of 06:22, 5 December 2015

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Micro hydro icon.png
तुंगु-कबीरी सामुदायिक पनबिजली परियोजना. तुंगु कबीरी लघु पनबिजली परियोजना केन्य की एक सस्ती, स्थायी और छोटे पैमानेे वाली तकनीक पर आधारित है जो गिरते पानी से बिजली बनाती है. फोटो: माइक्रोहाइड्रोपॉवर.नेट
कॅमरून में एक सामुदायिक लघु पनबिजली परियोजना. फोटो: टेरी हाथवे.
अफ्रीका के दक्षिणी हिस्से में लघु पनबिजली. एक महिला और एक बच्चा एक विनिर्मित नहर के करीब. नहर का निर्माण लघु पनबिजली के लिए किया जाता है. पानी का इस्तेमाल स्थानीय किसान प्लास्टिक के पाइप के जरिए सिंचाई के लिए भी करते हैं. फोटो: प्रैक्टिकल एक्शन.

लघु पनबिजली सामान्य पनबिजली से अलग होती है क्योंकि यह नदी के बहाव के साथ छेड़छाड़ नहीं करती है. आमतौर पर इसका आकलन 300 किलोवॉट प्रति घंटा तक की क्षमता के आधार पर किया जाता है. लघु विद्युत व्यवस्था में नदियों पर बांध नहीं बनाए जाते लेकिन इसके बजाय नीचे की ओर आ रही नदी की धारा को एक पाइप की मदद से टर्बाइन में गिराया जाता है. इस टर्बाइन से बिजली बनती है जिसे बैटरियों में संरक्षित किया जा सकता है और जरूरतमंद गांवों में ले जाया जाता है.

समुदाय और पनबिजली
300 किलोवॉट तक की क्षमता के पनबिजली संयंत्र अफ्रीका के कई दूरदराज गांवों को जरूरी बिजली उपलब्ध कराने में सक्षम हैं. इनकी मदद से मक्के की दराई, छोटे कारोबारों और घरों को बिजली देने जैसे काम होते हैं. अफ्रीका के अधिकांश ग्रामीण समुदायों के गांवों में ग्रिड आधारित बिजली आने में कई साल का समय लग सकता है. लेकिन इनमें से अधिकांश गांव नदियों के किनारे रहते हैं. ऐसे में उन गांवों की अपनी खुद की बिजली बनाने में मदद की जा सकती है. इसके लिए खासतौर पर तकनीकी और वित्तीय समर्थन की आवश्यकता होती है. तथा उनको यह निर्देशन देना होता है कि इस संयंत्र की देखरेख कैसे की जाए. एक लघु पनबिजली संयंत्र अपेक्षाकृत कम लागत और कम तकनीक वाला होता है फिर भी यह स्थानीय संसाधनों पर दबाव डाल सकता है. इसकी लागत जगह-जगह पर निर्भर करती है. लेकिन नहर, इनटेक आदि के निर्माण में भौतिक सहयोग से समुदाय इसकी लागत कम कर सकते है.

किन तरह की परिस्थतियों में यह तकनीक काम में आती है

पारंपरिक बिजली घरों में जहां जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल होता है वहीं लघु पनबिजली परियोजनाओं का वातावरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। चूंकि ये बांध या जमा पानी के बजाय बहते पानी पर आधारित होते हैं इसलिए बड़े पैमाने पर चलने वाली पनबिजली परियोजनाओं की तुलना में भी खासे बेहतर होते हैं.

वास्तव में वृक्षों को काटने की जरूरत कम करके तथा खेती को किफायती बनाकर लघु पनबिजली परियोजना स्थानीय वातावरण पर सकारात्मक असर डालती है.

छोटे स्तर पर देखा जाए तो इनके सामने निम्नलिखित गतिरोध आते हैं:

  • नीतिगत एवं नियामकीय ढांचा: ऐसी परियोजनाओं के लिए नीति और नियम या तो हैं ही नहीं या फिर एकदम अस्पष्ट हैं. कुछ देशों में पनबिजली का विकास तो हुआ है लेकिन उनका नियमन नहीं है जबकि अन्य देशों में ये ग्रामीण विद्युतीकरण की प्रक्रिया के आम नियामकीय ढांचे का हिस्सा हैं. आम ढांचों में अक्सर पनबिजली आधारित मुद्दों को लेकर समझ का अभाव होता है. इन मुद्दों में पानी, बुनियादी ढांचे की समझ और भुगतान से संबंधित मुद्दे होते हैं.
  • वित्तीय मदद: नवीकरणीय ऊर्जा के अन्य स्रोतों से इतर पनबिजली की छोटी परियोजनाओं की शुरुआती लागत अधिक आती है जबकि उसकी परिचालन और रखरखाव लागत कम है. आमतौर पर उपलब्ध वित्त पोषण के मॉडल इसकी मदद नहीं करते. अफ्रीका में ऐसे तमाम मॉडल किसी न किसी तरह दानदाताओं की मदद पर आधारित हैं. वैकल्पिक वित्तपोषण मॉडल के उपाय विकसित करने की आवश्यकता है ताकि इन परियोजनाओं की मदद की जा सके.
  • पनबिजली परियोजना की योजना, निर्माण और परिचालन क्षमता: ग्रामीण विद्युतीकरण की दिशा में इन छोटी परियोजनाओ की उपयोगिता को लेकर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय ज्ञान और जागरूकता लगभग नदारद है.इसमें राजनीतिक, सरकारी और नियामकीय संस्थाओं का ज्ञान भी शामिल है. इसके अलावा स्थानीय उत्पादन और घटकों को लेकर जानकारी का अभाव तो है ही.
  • जल संसाधनों पर आंकड़े: तकनीक को लेकर सीमित ज्ञान, पानी की उपलब्धता को लेकर पर्याप्त आंकड़ों की कमी के बीच उसके बहाव की पूर्ण जानकारी होनी चाहिए ताकि परियोजना विकसित की जा सके.

विनिर्माण, परिचालन और रखरखाव

एक लघु पन- बिजली परियोजना का ढांचा. बड़ा करके देखने के लिये क्लिक करें. रेखाचित्र: प्रैक्टिकल एक्शन.

लागत

इन परियोजनाओं की लागत प्रति किलोवॉट क्षमता 1,200 पाऊंड से 4,000 पाऊंड के बीच होती है. ऐसा उपयुक्त तकनीक के प्रयोग के साथ होता है जो कि पारंपरिक तकनीकों की तुलना में खासी सस्ती होती है.

पांच देशों में किए गए परीक्षणों लघु पनबिजली संयंत्रों की पूंजीगत लागत शाफ्ट के हिसाब से नेपाल और जिंबाब्वे में 714 डॉलर और मोजांबिक में 1,233 डॉलर के दरमियान रही. औसत लागत की बात की जाए तो वह प्रति किलोवॉट स्थापित क्षमता के मुताबिक 965 डॉलर रही. यह राशि कुछ अध्ययनों में उल्लिखित राशि के अनुरूप ही है. बिजली उत्पादन योजना की स्थापित क्षमता की लागत बहुत ज्यादा है. प्रति किलोवॉट यह लागत पेरू के पुकारा में 1136 डॉलर, पेरू के ही पेड्रो शहर में 5630 डॉलर है. इसकी औसत स्थापित क्षमता 3,085 डॉलर है.

एक अहम पर्यवेक्षण यह भी है कि प्रति स्थापित किलोवॉट लागत अक्सर उल्लिखित राशि की तुलना में ज्यादा है. ऐसा आंशिक तौर पर लागत के विश्लेषण में आने वाली कठिनाई की वजह से है. लघु पनबिजली की लागत का एक अहम हिस्सा स्थानीय समुदायों के लोगों से श्रम के रूप में मदद लेकर कम किया जा सकता है. स्थानीय मुद्राओं के तेज अवमूल्यन और मुद्रास्फीति को देखते हुए मौद्रिक संदर्भों में लागत कम करना खासा कठिन है. इसके अलावा लागत के आकलन को लेकर कोई निरंतरता नहीं है. मिसाल के तौर पर वितरण की लागत कितनी होगी और घर मेंं होने वाली वायरिंग, जल प्रबंधन सिंचाई आदि की लागत सब अस्पष्ट हैं.

जमीनी अनुभव

तंजानिया में
यहां लघु विद्युत संयंत्र स्थापित करने के मामले में चर्च मिशन बहुत आगे रहे हैं. माटेंब्वे गांव की पनबिजली योजना इसका उदाहरण है. यहां मिशन के जरिये एक व्यावसायिक केंद्र चलाया जाता है. इस सिस्टम ने 150 किलोवॉट क्षमता का संयंत्र स्थापित किया है और वह 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दो गांवों को वाणिज्यिक और निजी इस्तेमाल के लिए बिजली उपलब्ध कराती है. इसमें से अधिकांश बिजली का इस्तेमाल व्यावसायिक केंद्र में होता है. पहले कुछ सालों तक दोनोंं गांवों की समितियां इस परियोजना के प्रबंधन के लिए उत्तरदायी थीं. जब इन समितियोंं की क्षमता अपर्याप्त लगने लगी तब प्रबंधन का काम मातेंब्वे ग्राम कंपनी लिमिटेड को सौंप दिया गया. यह कंपनी व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र का भी संचालन करती है. योजना का स्वामित्व एक स्वयंसेवी संगठन डायोसेस, ग्राम प्राधिकार और जिला शासन के पास है. पनबिजली परियेाजना की शुरुआत के बाद से ही राष्ट्रीय ग्रिड ने संबंधत गांवों से संपर्क किया और अब गांव वालों के पास चयन की सुविधा है कि वे ग्रिड की बिजली लेते हैं या पनबिजली. अधिकांश गांववासी सस्ती पनबिजली ही ले रहे हैं.

भारत में
भारत में लघु पनबिजली की अनुमानित संभावना 15,000 मेगावॉट तक की है. अब तक 495 ऐसी परियोजनाएं शुरू की गई हैं जिनकी स्थापित क्षमता करीब 1693 मेगावॉट है. इसके अलावा 170 ऐसी परियोजनाएं क्रियान्वयन के अधीन हैं जिनकी स्थापित क्षमता 479 मेगावॉट है. इन परियोजनाओं के आंकड़े अपारांपरिक ऊर्जा मंत्रालय के पास हैं. उसने अब तक 4233 संभावित स्थानों का चयन किया है जिनकी कुल क्षमता 10,324 मेगावॉट है.

नियमावली, वीडियो और लिंक

वीडियो

लघु पन- बिजली
टरबाइन्स:
द एक्सपर्ट
पेरू में लघु पन- बिजली,
द्वारा
प्रैक्टिकल एक्शन
केन्या में लघु पन- बिजली
हार्ट- डेविस, द्वारा
प्रैक्टिकल एक्शन
लघु पन- बिजली
संयत्र
इण्डोनेशिया
पन-बिजली - लघु
लघु पन- बिजली ताप
संयत्र, भाग 1
पन-बिजली - लघु
लघु पन- बिजली ताप
संयत्र, भाग 2
फिलीपीन्स इफुगाओ-अम्बागल
लघु पन-बिजली
परियोजना

अन्य पठनीय संसाधन

Acknowledgements