वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / वाश पर्यावरण निरंतरता आकलन

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ग्रामीण और शहरी दोनों परिस्थितियों में, स्थानीय समुदाय की जीवन की गुणवत्ता पारिस्थितिकी तंत्र के ठीक तरीके से काम करने पर निर्भर करती है. जल, भूमि और अन्य स्रोत एक ही पारिस्थितिकी से हिस्से हैं, इनके साथ अलग-अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता. वाश का हस्तक्षेप हमेशा पारिस्थितिकी तंत्र को और तंत्र हस्तक्षेप को प्रभावित करता है. इसलिए यह आवश्यक है कि आप वाश परियोजना को पर्यावरण की दृष्टि से स्थायी बनायें.

भू-आकृति आपको वाश सिस्टम और पर्यावरण के बीच के विभिन्न कारकों के बारे में सूचित करती है. इन कारकों के आकलन की मदद से आप अपने वाश हस्तक्षेप को निर्देशित कर सकते हैं और जलग्रहण के स्तर पर पर्यावरणीय शाश्वतता हासिल कर सकते हैं.


मैं अपनी वाश परियोजना को कैसे पर्यावरणीय शाश्वत बना सकता हूं?

ये तीन चरण आपको सूचित करते हैं कि आप कैसे अपने वाश परियोजना को पर्यावरण की दृष्टि से शाश्वत बना सकते हैं. हम एक आकलन उपकरण पर काम कर रहे हैं जिसे बाद में जोड़ा जायेगा.

चरण I : आकलन

वाश परियोजना के लिए जलग्रहण और उसके आसपास रहने वाले लोगों के संपूर्ण आकलन की जरूरत होती है. जलग्रहण का नक्शा बनायें और जल संसाधन, कचरा बहाव, पारिस्थितिकी तंत्र सेवा, बीमारियां और समुदाय के बीच धारा के ऊपर नीचे के ताल्लुक से संबंधित सूचनाएं जुटाएं. पारिस्थितिकी सेवा, पर्यावरण परिवर्तन प्रभाव, जल पुनर्भरण और अवरोधन क्षमता, समुदाय-पारिस्थितिकीतंत्र अंतर्संबंध और जैव-विविधता से संबंधित आंकड़े जुटायें. अपने-आप से सवाल पूछें, जैसे : मेरे कुएं में पानी कहां से आता है और मेरे शौचालय से मल कहां जाता है? स्थानीय पारिस्थितिकीतंत्र का चरित्र कैसा है? इस इलाके में कैसा जल संसाधन और कचरे का बहाव मौजूद है? और, क्या इस इलाके में जल-जनित रोगों का बाहुल्य है?

चरण II : विश्लेषण

एक बार आप अपने इलाके, यहां के संसाधनों और लोगों की जरूरतों का नक्शा बना लेते हैं, फिर आपको वर्तमान वाश सेवा के क्रियाकलापों और स्थलों का नक्शा बनाना चाहिये. शौचालय, कूड़ा नियंत्रण तंत्र और जलापूर्ति व्यवस्था के बारे में सोचें. वर्तमान में किस तरह की वाश पद्धति का उपयोग हो रहा है? लोग इन सेवाओं का उपयोग कैसे करते हैं? एक बार आप वर्तमान वाश सेवाओं का विश्लेषण कर लेते हैं, खुद से पूछें कि वाश सेवाएं कैसे, कहां और क्यों पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित कर रहे हैं. क्या पर्यावरण का अतिरिक्त दोहन हो रहा है और क्या जल स्रोत छीज रहे हैं? क्या आप संसाधनों का अधिक प्रभावी तरीके से उपयोग कर पा रहे हैं? इनका विश्लेषण आपको वाश सेवाओं के जरिये पर्यावरण निरंतरता का विकास करने में मदद करेगा.

चरण III : समझें और आशावादी होएं

सिर्फ मौजूदा वाश सेवाओं के क्रियाकलापों का विश्लेषण और क्षेत्र का आकलन ही आपको इस नतीजे पर नहीं पहुंचायेगा कि ये वाश सेवाएं कितनी सकारात्मक हैं, यह आपको यह भी सिखाता है कि कैसे लोगों और पारिस्थितिकीतंत्र के बीच तालमेल स्थापित करें. यह आपके इलाके में उपलब्ध संसाधनों का सबसे बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने में आपकी मदद करेगा, साथ ही इन संसाधनों के उपयोग में निरंतरता कैसे विकसित की जाये यह भी. समेकित वर्षाजल संचयन तकनीक, आर्द्र भूमि पुनर्स्थापन और पुनर्वनीकरण आदि जैसी रुचिकर गतिविधियां भी. निश्चित तौर पर अलग-अलग समाधान एक दूसरे को सहयोग करते हैं और अधिक पर्यावरण निरंतर वाश परियोजना हासिल करने में मददगार होते हैं.

जल संसाधन प्रबंधन के मसले पर जलग्रहण आधारित नजरिये से संबंधित कुछ व्यावहारिक निर्देशों को पढ़ें : रिकमेंडेशन फॉर प्रैक्टिसनर बाय प्रैक्टिशनर ऑन कैचमेंट बेस्ड अप्रोच टू वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट (सीबी डब्लूआरएम)


वाश परियोजना में पर्यावरण निरंतरता को शामिल करने के टिप्स और ट्रिक्स:

  1. शुरुआत से ही वाश सेवाओं के संभावित पर्यावरण जटिलताओं और अपने परियोजना संरचना में आजीविका पर निगाह रखें.
  2. हमेशा सभी प्रासंगिक कर्ताओं और फैसला लेने वक्त उनकी जरूरतों को शामिल करें, साथ ही योजना और क्रियान्वयन प्रक्रिया में भी. और निश्चित तौर पर पर्यावरण से जुड़े लोग तो हर हाल में शामिल होने चाहिये.
  3. प्राकृतिक पर्यावरण को एक इंटरलिंक सिस्टम के तौर पर महसूस करें. इसमें वाश प्रोजेक्ट की स्थिति और इसके आसपास के गांव शामिल होंगे दोनों तरफ के.
  4. पारिस्थितिकीतंत्र और उनके मूल्य(मौद्रिक या अमौद्रिक) को शामिल करें. यह सब करने के लिए आपको प्राकृतिक भूमि और जल संसाधन और इलाके के दूषित जल के बहाव के बारे में जानना होगा.
  5. आपकी वाश परियोजना की योजना को परिवर्तनशील रखना होगा ताकि कभी भी दिशा बदल सकें. इस तरह आप निश्चिंत रहेंगे कि अगर आपके आसपास की पूरी दुनिया बदल जाये फिर भी आपके समाधान कारगर साबित होंगे.


वाश को पर्यावरण निरंतर बनाने का नजरिया

पारिस्थितिकीतंत्र पुनर्स्थापन पारिस्थितिकीतंत्र की पुनर्स्थापना के विविध तरीकों को अपनाना चाहिये ताकि वाश सेवा और आजीविका के लिए मदद की जा सके :

जल एवं भूमि प्रबंधन को जोड़ना

  • पहाड़ों के संकटग्रस्त ढलानों, आर्द्रभूमि और वनों को सुरक्षित रखते हुए झरनों का रखरखाव और कटाव की रोकथाम. उदाहरण के लिए पेड़ लगाना और चट्टान सजाना.
  • आर्द्रभूमि का सीमांकन करना ताकि कब्जे को रोका जा सके. प्रभावित परिवारों को मुआवजा देना और उन्हें वैकल्पिक आजीविका उपलब्ध कराना
  • खास उपयोगकर्ताओं को खास जगह उपलब्ध कराना, जैसे पानी लाना, धोना, रीड और औषधीय पौधों का खेती करना आदि
  • गाद हटाना

प्रदूषण का समाधान प्वाइंट-सोर्स प्रदूषण उपचार को लागू करना और रोकथाम की योजना. उदाहरण के लिए लीक करने वाले शौचालयों को बदलना और उन्हें ऐसे जगह पर स्थापित करना जहां से वह शुद्ध जल को दूषित न कर पाये. नॉन प्वाइंट-सोर्स के लिए वित्तीय, कानूनी और संस्थागत मदद की व्यवस्था करना, उदाहरण के लिए पारिस्थितिकीतंत्र के लिए भुगतान

पारिस्थितिकी का संरक्षण पारिस्थितिकी तंत्र में बचाव स्थल का निर्धारण करके स्वच्छ जल के जीव जंतुओं का रखरखाव और पुनर्स्थापन करना – मतलब ऐसे स्थल की व्यवस्था करना जहां ये जीव संयोग, बच्चों को जन्म और उन्हें पालपोस सकें, बिना मानवीय संपर्क के. जल गुणवत्ता और मात्रा के हिसाब से पादपों और जीवों को वहां जगह देना.

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वर्षाजल संचयन : पुनर्भरण, पुनर्स्थापन, पुनरुपयोग वर्षाजल का पुनर्भरण, संग्रहण, पुनरुपयोग (तीन आर) लोगों को जल उपलब्ध कराने का स्थायी और पर्यावरण मित्र साधन है. तीन आर आपको जलग्रहण को अतिरिक्त जल संग्रहण के लिए इस्तेमाल करने की सुविधा देता है बिना महंगे और पर्यावरण विरोधी तकनीकी समाधान को अपनाये. तीन आर का मतलब ऐसे तीन तत्व हैं जिसकी जरूरत भंडारण, प्रबंधन और जल उपयोग के लिए होती है :
  • पानी का पुनर्भरण उन तकनीकों का संग्रह है जिससे भूमिगत जलस्तर ऊंचा किया जा सकता है बारिश के पानी को धरती में प्रवेश दिला कर.
  • पानी का संग्रहण से आशय है वर्षाजल का भंडारण ताकि पानी बह कर कहीं और न चला जाये, इन्हें रोक लिया जाये और इसका उपयोग तब किया जा सके जब आवश्यकता हो.
  • वर्षाजल के पुनरुपयोग में विभिन्न उद्देश्यों से पानी का उपयोग और दुबारा उपयोग किया जाता है.

Learn more about 3R in the online booklet Be Buffered.
Check out Rain is Gain, the rainwater harvesting guide for sustainable water supply, and find an overview of different 3R techniques.
Also have a look at the Rainwater Harvesting Wiki.

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Reduce, Reuse, Recycle of Waste (Flows) Incorporating Reduce, Reuse and Recycle practices in your WASH project can help you to:
  • Reduce contamination and spillage
  • Recycle waste and sewage
  • Reuse waste and sewage water flows

A model called Integrated Sustainable Waste Management (ISWM) can help you to turn your Reduce, Re-use and Recycle ideas into practice. What does ISWM do?

  • It promotes technically appropriate, economically viable and socially acceptable waste management solutions that do not degrade the environment.
  • It promotes the development of a waste management system that best suits the society, economy and environment in a specific location.
  • It provides a practical tool to look more in-depth at the actual needs of the people. This way, it helps local governments and their technical staff to go beyond the simple importation of Northern waste management models, systems and technologies.

Learn more about the Integrated Solid Waste Management model of Dutch WASH Alliance partner WASTE.

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Low Cost, Low Maintenance and Environmentally Friendly Technologies When dealing with water and sanitation, a wide range of technologies are at hand. To choose the right technology, you need to take into account the outcome of your landscape assessment. Depending on this outcome, a combination of natural and man-made solutions can be selected. At the same time, it is important to consider the costs, maintenance requirements and environmental friendliness of the technologies. Choosing sustainable drinking water and sanitation technologies requires awareness on the following five aspects:
  • The costs of the technologies. It is wise to make use of options that can be locally financed and that are already available on the local market.
  • The availability of specific low maintenance technologies and the maintenance capacities of local mechanics or plumbers.
  • The risks of groundwater depletion. With today’s sophisticated extraction technologies, the risk of pumping too much water increases significantly.
  • The location of your project, to reduce the chances of water contamination. For instance, by placing sanitation systems downstream from human settlements and upstream from agricultural activities, you can avoid possible drinking water contamination and reuse the waste flows for agriculture fertiliser.
  • Protection of springs and wells from pollution from their immediate surroundings. You can think of protecting their surroundings from normal runoff and during floods; keeping animal husbandry and latrines at a distance of drinking water; or launching waste management initiatives.

The WaterCompass can help you further with making informed decisions on low cost, low maintenance and environmental friendly water methods for your project. It comprises more than 70 sustainable technologies.

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Acknowledgements