Difference between revisions of "वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / रवांबू, यूगांडा - निर्मलजल पुनर्जीवन"

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{{Language-box|english_link= Water Portal / Rainwater Harvesting / Rwambu, Uganda - Clearwater Revival | french_link= Coming soon | spanish_link= Coming soon | hindi_link= Coming soon | malayalam_link= Coming soon | tamil_link= Coming soon | korean_link= Coming soon | chinese_link=Rwambu地区, 乌干达 - 净水再现 | indonesian_link= Coming soon | japanese_link= Coming soon }}
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{{Language-box|english_link= Water Portal / Rainwater Harvesting / Rwambu, Uganda - Clearwater Revival | french_link= Rwambu, Ouganda - Faire revivre les eaux claires | spanish_link= Coming soon | hindi_link= वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / रवांबू, यूगांडा - निर्मलजल पुनर्जीवन | malayalam_link= Coming soon | tamil_link= Coming soon | korean_link= Coming soon | chinese_link=Rwambu地区, 乌干达 - 净水再现 | indonesian_link= Coming soon | japanese_link= ウガンダのルワンブ-浄水の再生 }}
  
[[Image:Rwambu spring.jpg|thumb|right|250px|A spring in the Rwenzori mountains. Photo: [http://rwecovoice.blogspot.com/2010/07/poor-workmanship-cause-for-water.html Rwenzori People's Voice]]]
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[[Image:Rwambu spring.jpg|thumb|right|250px|रवेनजोरी पहाडिय़ों में एक धारा-चश्मा. फोटो: [http://rwecovoice.blogspot.com/2010/07/poor-workmanship-cause-for-water.html रेवेनजोरी पीपुल्स वॉयस]]]
  
<font color=#555555>Project period: Implementation runs October 2012 up to December 2013. Documentation and learning will take a longer time, possibly until the end of 2014. A plan for research and documentation via satellite imagery is currently being developed together with [http://www.metameta.nl/ MetaMeta]. </font>
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<font color=#555555>परियोजना अवधि: क्रियान्वयन का काम अक्टूबर 2012 से दिसंबर 2013 तक चला. दस्तावेजीकरण और प्रशिक्षण का काम लंबा चलेगा. सैटेलाइट इमेजरी के जरिए शोध और दस्तावेजीकरण का काम  [http://www.metameta.nl/ मेटामेटा].  के साथ मिलकर किया जा रहा है.</font>
  
===Pilot challenge===
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===प्राथमिक चुनौतियाँ===
  
====Current situation====
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====वर्तमान परिस्थिति====
  
Several hillsides in the area of different soils and inclination have all seen an increase in agricultural activity, but a dropping water table. Even though this area receives ample rainfall, 700 to 1000 mm, the water table dropped considerably the past years and springs and shallow wells have dried up, possibly due to the rapid increase in agricultural activity and the decrease of forest and wetland. Local people have seen in recent years that rainfall has become more erratic, indicating the effects of climate change.  
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अलग अलग प्रकृति की मृदा वाले कई पहाड़ी इलाकों में कृषि संबंधी गतिविधियों में इजाफा देखने को मिला है लेकिन जल स्तर में भी गिरावट देखने को मिला है. ऐसा तब है जबकि इस इलाके में प्रचुर मात्रा में बारिश होती है. यहां 700 से 1000 मिमी तक बारिश दर्ज की जाती है लेकिन फिर भी बीते वर्षों के दौरान यहां जल स्तर मेंं जमकर गिरावट आई है. झरने और उथले कुंए आदि सूख गए हैं. शायद ऐसा तेज कृषि गतिविधियों और वनोंं और नम भूमि में कमी आने की वजह से हुआ हो. स्थानीय लोगों के मुताबिक हाल के वर्षों में बारिश अनियमित हुई है. उस पर जलवायु परिवर्तन का असर साफ नजर आ रहा है.
  
====Socioeconomic and cultural conditions====
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====सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक परिस्थितियां====
  
A feasibility study carried out in 2011, indicated that 75% of the people in the area live on less than one euro per day. The staple food is plantain which grows in abundance in the area but is under threat of bacterial wilt. Cash crops are on the increase, like coffee, groundnuts and cabbage. There was a high migration of people from the south, near the Rwandan border, bringing in different ethnic groups. Islamic and Christian faiths are followed in the region.
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वर्ष 2011 में हुए व्यवहार्यता अध्ययन से मिले संकेत के मुताबिक इस क्षेत्र के 75 फीसदी लोग प्रति दिन एक यूरो से कम में गुजारा करते हैं. केला इस इलाके का प्रमुख भोजन है जो यहां प्रचुर मात्रा में होता है लेकिन इसे बैक्टीरिया का जोखिम रहता है. नकदी फसलों मसलन कॉफी, मूंगफली और पत्ता गोभी का चलन बढ़ रहा है. दक्षिण में रवांडा की सीमा के निकट से लोगों का प्रवासन बहुत बढ़ रहा है. इससे तमाम सांस्कृतिक समूह एक साथ आ रहे हैं. इस क्षेत्र में इस्लामिक और ईसाई आस्थाओं को मानने वाले आए हैं.
  
====Pilot landscape====
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====प्रायोगिक परिदृश्य====
  
Grassy hills up to 1550 meters and valleys at about 1250 meters above sea-level make up the region. Other hills may have rocky surfaces. The slopes of the hills consist of loamy and clay soils, reaching to a layer thickness of 4 meters. In the valleys, a wetland or marshland follows the Rwambu river.
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यह पूरा क्षेत्र समुद्र तल से 1550 मीटर तक ऊंची पहाडिय़ां और 1250 मीटर तक गहरी घाटियों से मिलकर बना है. अन्य पहाडिय़ों में पथरीली सतह है. इन पहाडिय़ों की ढलानें रेतीली और मिट्टी भरी हैं. इनकी मोटाई तकरीबन 4 मीटर तक है. घाटियों में रवांबू नदी के निकट नम जमीन स्थित है.
  
====Pilot purpose====
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====प्रायोगिक उद्देश्य====
  
The uphill areas have been facing a dropping water table, which lead to the depletion of water sources. Shallow wells and springs had to be abandoned and people had to walk further down the hill to fetch water from water sources in or near the wetland. This is not a desirable situation, since time spent on fetching water has increased and the ecosystem of the wetland has been decreasing. In the area there has been some accidental success in reviving springs by diverting and capturing runoff when a small elevated dirt road was built. Building upon this example, a variety of techniques to recharge the groundwater table and revive the springs will be tested in this project.
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ऊपरी पहाड़ी इलाकों में जल स्तर में गिरावट देखने को मिल रही है. इसकी वजह से जल स्रोत खाली हो रहे हैं. उथले कुओंं और सूखते झरनों के बजाय लोगों को अब पानी की तलाश में निचले इलाकों में जाना पड़ रहा है. यह उचित परिस्थिति नहीं है क्योंकि इसकी वजह से पानी लाने में अधिक वक्त लग रहा है और पानी वाले स्थान का पर्यावास भी खराब हो रहा है. कुछ इलाकों मेंं सडक़ निर्माण के दौरान पानी के बहाव को मोडऩे से यदाकदा झरने में पानी दोबारा लाने में कामयाबी मिली है. इस उदाहरण को आधार बनाकर ही इस परियोजना में भूजल रिचार्ज करने और जलधाराओं में दोबारा नई जान डालने के प्रयोग किए जाएंगे.
  
===Location and partners===
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===स्थान और साझेदार===
[[Image:Rwenzori mountains.jpg|thumb|right|200px|The Rwenzori Mountain range is in Western Uganda. Map credit: [http://www.ccentre.wa.gov.au/ForSchools/CHOGM/WhobelongstotheCommonwealth/Pages/Uganda.aspx ccentre.wa.gov.au]]]
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[[Image:Rwenzori mountains.jpg|thumb|right|200px|रवेनजोरी पर्वत श्रंखला पश्चिमी यूगांडा में है. मानचित्र साभार: [http://www.ccentre.wa.gov.au/ForSchools/CHOGM/WhobelongstotheCommonwealth/Pages/Uganda.aspx ccentre.wa.gov.au]]]
  
* '''Location:''' The Rwambu area is in the West of Uganda on the boundary of the Ibanda and Kamwenge districts. Latitude: 0° 1'33.03" North of the Equator. Longitude: 30°24'55.54" East of Greenwich Meridian.  
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* '''स्थान :''' रवांबू इलाका यूगांडा के पश्चिम में इबांडा और कामवेंगे जिलों की सीमा पर स्थित है. यह इक्वाडोर से उत्तर में स्थित है. जिसका लाटीट्यूड: 0° 1'33.03" और लाँगीट्यूड: 30°24'55.54" है.  
  
* '''Main partner:''' [http://www.jese.org/ Joint Effort to Save the Environment (JESE)]
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* '''प्रमुख साझेदार:''' [http://www.jese.org/ ज्वाइंट इफर्ट टु सेव द एन्वॉयरनमेंट (जेईएसई)]
  
* '''Role and responsibility of main partner:''' JESE proposed the intervention area, worked with [http://www.rainfoundation.org/ RAIN] and Wetlands International and URWA on the program development and is the sole implementer of the project.
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* '''प्रमुख साझेदार की भूमिका और उत्तरदायित्व:''' जेईएसई ने इस क्षेत्र का प्रस्ताव रखा और उसने आरएआईएन और वेटलैंड्स इंटरनैशनल तथा यूआरडब्ल्यूए के साथ कार्यक्रम विकास पर काम किया और वह इस परियोजना का इकलौता क्रियान्वयक है.
  
* '''Other partners:''' [http://www.wetlands.org/ Wetlands International] and [http://www.ugandarainwater.org/ Uganda Rain Water Association (URWA)]
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* '''अन्य  साझेदार: ''' [http://www.wetlands.org/ वेटलैंड्स इंटरनैशनल] और [http://www.ugandarainwater.org/ यूगांडा रेन वाटर एसोसिएशन (यूआरडब्ल्यूए) ]
  
* '''Role and responsibilities of other partners:''' Technical advice, program advice, and capacity building.
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* '''अन्य साझेदारों की भूमिका और उत्तरदायित्त्व:''' तकनीकी सलाह, कार्यक्रम को लेकर सलाह और क्षमता निर्माण.
  
===Description===
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===विवरण===
  
The recharge will act to stabilize the groundwater table and hopefully the groundwater will be released slowly through the revival of springs. Part of this program is to compensate people who had to abandon cultivation in the wetland area. Water is to be used for drinking but also for yam production and irrigation.
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रिचार्ज भूजल स्तर को स्थिर करने का काम करेगा और आशा है कि जलधाराओं की मदद से भूजल धीरे धीरे बरकरार हो जाएगा. इस कार्यक्रम का एक हिस्सा उन लोगों की क्षतिपूर्ति करने से भी संबंधित है जिनको नम इलाके में खेती का काम छोडऩा पड़ा. पानी का इस्तेमाल पीने के लिए भी किया जाना है और शकरकंद उत्पादन तथा सिंचाई के काम में.
  
====Spring revival====
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====धारे-चश्मे का पुनर्जीवन====
  
This pilot consists of several technologies to restore the water level to guarantee revival of dried springs and wells. Four different methods are tested, all adapted to the different context of the spring or well.  
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इस प्रयोग में कई तकनीकों का प्रयोग किया जाता है ताकि सूखे धारे-चश्मे और कुओं आदि में पानी की स्थिति सुधारी जा सके. इसमेंं कुओं और धारे-चश्मों के अलग-अलग संदर्भ में चार अलग-अलग तरीकों का परीक्षण किया गया. किसी घाटी में जब बारिश का मौसम आता है तो पानी एक छोटी जलधारा में बहता है. इस जलधारा के ऊपरी हिस्से में पानी के बहाव को अवरुद्ध करने के लिए अवरोध स्थापित किए जाते हैं और उसमें सुराख की व्यवस्था की जाती है.
  
A dried spring is in a valley where, during the rains, water flows in a small stream. Uphill of this spring a cascade of permeable blockages will be constructed with gabions to block the flow of the runoff and allow it to infiltrate.  
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# किसी अन्य सूखी जलधारा मेंं जहां कि घाटी इतनी स्पष्ट नहीं हो वहां माटी की मोटी परत में से दो गढ़े किए जाते हैं ताकि मिट्टी के नीचे वाली परत तक पहुंचा जा सके. ढलान पर बहते पानी को इन गढ़ों की ओर मोड़ा जाता है ताकि भूजल को रिचार्ज किया जा सके.
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# ऊपरी इलाके में एक सूखे उथले बोरहोल में हमने टैरसिंग को गडढों और तालाब से जोड़ा ताकि पानी को एकत्रित करकेे बोरहोल के आसपास भूजल स्तर को सुधारा जा सके.
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# अंतत: एक उथले कुंए का निर्माण किया जाएगा और चारागाह वाले क्षेत्र में कुंए से उसे रिचार्ज करने के उपाय अपनाए जाएंगे. चूंकि यह जमीन चारागाह की है इसलिए सामान्य टैरेस की जगह दो सपाट सतह और हल्की ढलान वाले छोटे टीले बनाए जाएंगे. इससे पशुओं को चरने का अवसर लगातार मिलेगा लेकिन इसके बावजूद सतह के पानी को जल धारा के करीब ले जाने में मदद मिलेगी.  जल धारा को एक उथले कुंए में बदला जा सकेगा जिसके नाना इस्तेमाल हो सकते हैं. मिसाल के तौर पर यह पालतु पशुओं के लिए भी उपयोगी होगा.
  
# Uphill from another dried spring where there is not such a clear valley, two infiltration pits are dug through a thick layer of clay soil to reach the subsoil. Runoff from the slope is guided into these pits to recharge the groundwater.
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====उद्देश्य====
# Uphill from a dried shallow borehole we combine terracing (FanyaJuu), road runoff infiltration pits, and ponds to restore the water level around the borehole.
 
# Finally, a shallow well will be constructed and combined with recharge measures close to the well in a grazing area. Since this is pasture land, two small earth bunds with a flatter surface and gentle slopes will replace the the usual terraces. This will allow grazing of animals to continue, but still provide infiltration of surface runoff close to the spring. The spring will be turned into a shallow well for multiple use, such as for cattle.
 
  
====Objectives====
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* लोगों को स्वच्छ जल मुहैया कराने तथा पशुओं और कृषि कार्यों के लिए जल धाराओं का उद्धार। यहां अपनाई गई तकनीक के प्रभावों का दस्तावेजीकरण करने से सफलता की कहानी बाहर आएगी और यहां सीखे गए सबक बाद में काम आएंगे.
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* इस खास माहौल के लिए अलग-अलग तरह की रिचार्ज तकनीक का परीक्षण.
  
* Revival of springs to provide clean water for people, cattle and agriculture. Documentation of the impacts of the technologies applied will provide success stories and lessons learned for further upscaling.
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====गतिविधियां (2013)====
  
* Pilot a variety of recharge technologies for this specific environment.
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* घाटी 1के2 आरवेसेग्रे में जलधारा सुधार. ऊपरी धारा में तीन अद्र्ध रिसााव वाले चक बांधों का निर्माण.
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* दो स्थानों पर रिसाव वाले गड्ढों का निर्माण ताकि रिचार्ज में सुधार लाया जा सके. किसानों के बीच ऐसे गड्ढों के निर्माण को बढ़ावा देना.
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* 30 क्यूबिक के 2 फेरोसीमेंट टैंक के साथ पत्थर के दो कैचमेंट का निर्माण.
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* 1 के 4  किनागामुकोनो जलधारा संरक्षण: दो छोटे सतही गड्ढे, घास का पुनर्रोपण, जानवरों के अनुकूल दीवारें, सपाट सतह और हल्की ढाल.
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* आरवेंसिंगरी ट्रेडिंग सेंटर बोर होल: बोर होल के ऊपरी इलाके में रिचार्ज में इजाफा, जल रिसाव के लिए संभावित गड्ढों और तालाबों की संभावना पर विचार. कृषि भूमि में सुधार करना और रिचार्ज के बाद पंप को हटा देना.
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* किचावाबा जलधारा सुधार: जलधारा से पानी एकत्रित करने के लिए भंडारण टैंक का निर्माण और उसे आसपास के समुदायों मेंं भेजना.
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* समुदाय और जिला स्तर के सरकारी अधिकारियों की मदद से 3 आर में क्षमता निर्माण.
  
====Activities (2013)====
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====स्वॉट विश्लेषण (परियोजना की मजबूती, कमजोरी, अवसर और जोखिम का विश्लेषण):====
  
* Valley 1K2 Rwesegere spring improvement, create 3 semi-permeable check dams upstream. 
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[http://en.wikipedia.org/wiki/SWOT_analysis स्वॉट विश्लेषण] (परियोजना की मजबूती, कमजोरी, अवसर और जोखिम का विश्लेषण):
 
 
* 2 places with percolation pits to improve recharge: percolation pits and ponds. Promote pits and trenches for the farmers.
 
 
 
* Establish 2 small rock catchments with 2 ferrocement tanks of 30 cubics.
 
 
 
* 1K4 Kinagamukono spring protection: 2 small earth bunds, replant the grass, animal friendly walls, flatter surface and gentle slopes.
 
 
 
* Rwensigire trading center borehole: increase recharge on the uphill of the borehole, look at the potential for infiltration pits/ponds. Improve agricultural land (with fanya juus). Desilt pump after recharge.
 
 
 
* Kichwaba spring improvement: construct storage tanks to tap water from the spring and supply to neighbouring communities.
 
 
 
* Capacity building in 3Rs for the community and district local government officials.
 
 
 
 
 
====SWOT analysis====
 
 
 
Here is a [http://en.wikipedia.org/wiki/SWOT_analysis SWOT analysis] (Strengths, Weaknesses, Opportunities, and Threats) of the project:
 
  
 
{| style = "border: 1px solid #06A5D1" cellspacing="3" cellpadding="5" align="top"
 
{| style = "border: 1px solid #06A5D1" cellspacing="3" cellpadding="5" align="top"
 
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|style="color:black; background-color:#EDEDED;"|'''Strengths:''' <br>
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|style="color:black; background-color:#EDEDED;"|'''मजबूती''' <br>
* Work is ongoing, there are very capable people on the ground
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* कार्य प्रगति पर, काम करने वाले अत्यंत सक्षम.
* Local community is very cooperative
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* स्थानीय समुदाय बहुत अधिक सहयोगी.
* High project potential due to sufficient rainfall and good soils for retention and recharge
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* पर्याप्त बारिश और मिट्टी की धारण और रिचार्ज क्षमता बेहतर होने के कारण परियोजना में काफी संभावनाएं
|style="color:black; background-color:#EDEDED;"|'''Weaknesses:''' <br>
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|style="color:black; background-color:#EDEDED;"|'''कमजोरियाँ''' <br>
* Difficult to provide exact measures of success: unknown number of springs will appear due to the fact that underground conditions cannot be part of calculations.  
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* सफलता के उपायों का मापन करना मुश्किल: चूंकि भूगर्भीय परिस्थितियां आकलन का हिस्सा नहीं हो सकती हैं इसलिए अज्ञात संख्या में जलधाराएं सामने आ सकती हैं.  
 
* ...
 
* ...
 
* ...
 
* ...
 
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|style="color:black; background-color:#EDEDED;"|'''Opportunities:'''
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|style="color:black; background-color:#EDEDED;"|'''अवसर'''
* Easy project with a lot of different technologies to work on that might inspire people in the region
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* आसान परियोजना जिसमें कई अलग-अलग  तकनीक अपनाई जा सकती हैं जो क्षेत्र के लोगों को प्रभावित और प्रेरित कर सकती हैं.
* Environmental programs are in high demand
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* पर्यावरण संबंधी कार्यक्रमों की भारी मांग.
* Program has a high potential to be expanded
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* इस कार्यक्रम में विस्तार की असीमित संभावनाएं.
|style="color:black; background-color:#EDEDED;" | '''Threats:''' <br>
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|style="color:black; background-color:#EDEDED;" | '''खतरे''' <br>
 
* ...
 
* ...
 
* ...
 
* ...
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! scope="col" |
 
! scope="col" |
! scope="col" |Current situation
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! scope="col" |वर्तमान परिस्थिति
! scope="col" |Expected results
+
! scope="col" |अपेक्षित परिणाम
! scope="col" |Actual results
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! scope="col" |वास्तविक परिणाम
 
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|-
|'''Water supply'''
+
|'''जल आपूर्ति'''
|Dried up springs and shallow wells, people are now depending on open source of water such as the wetland.  
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|सूखी जल धाराएं और उथले कुओं के कारण,अब लोग खुले जल स्रोत का रुख कर रहे हैं जैसे कि नमभूमियां.
|Several springs revived, improvement of soil and water retention for 150000 M2 agricultural land.
+
|कुछ धारे और चश्मे पुनर्जीवित किये गए, 1.5 लाख वर्ग मीटर कृषि क्षेत्र में मिट्टी और जल के ठहराव में सुधार किया गया . .
 
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|'''MUS'''
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|'''एमयूएस'''
|Drinking water plus sufficient water for increased agricultural production on small irrigated plots.  
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|पेयजल और छोटी सिंचित जोतों पर बढ़े हुए कृषि उत्पादन के लिये पर्याप्त पानी .  
|Better soil moisture for agricultural land
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|कृषि भूमि के लिए मिट्टी की नमी में सुधार.
 
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|'''3R'''
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|'''तीन आर'''
|Recharge
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|पुनर्भरण 
|Recharge of water table uphill and slower drainage into wetland
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|ऊपरी इलाके में जल स्तर का पुनर्भरण और नमभूमि इलाके में धीमी जल निकासी
 
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|'''Business development'''
+
|'''व्यवसायिक विकास'''
|Yam production near the sources, which will increase income
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|जलस्रोतों के नजदीक रतालू की बुआई, जिससे आय में बढ़ोत्तरी होगी
|Environmental sustainability of these plantations
+
|इन बागानों की पर्यावरणीय स्थिरता
 
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|
 
|}
 
|}
  
====Outputs====
+
====नतीजे====
 
 
* '''Type(s) of water harvesting:''' in situ
 
 
 
* '''Type(s) of storage system(s):''' terraces, woodlots, stone and grass bunds
 
  
* '''Number of systems:''' 6 different systems
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* '''जल संरक्षण के तरीके:''' यथास्थान
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* '''भंडारण व्यवस्था के प्रकार:''' टैरेस, वृक्षाच्छादित, पत्थर और घास की घेरेबंदी
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* '''व्यवस्था के प्रकार:''' छह अलग-अलग

Latest revision as of 00:27, 27 May 2017

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रवेनजोरी पहाडिय़ों में एक धारा-चश्मा. फोटो: रेवेनजोरी पीपुल्स वॉयस

परियोजना अवधि: क्रियान्वयन का काम अक्टूबर 2012 से दिसंबर 2013 तक चला. दस्तावेजीकरण और प्रशिक्षण का काम लंबा चलेगा. सैटेलाइट इमेजरी के जरिए शोध और दस्तावेजीकरण का काम मेटामेटा. के साथ मिलकर किया जा रहा है.

प्राथमिक चुनौतियाँ

वर्तमान परिस्थिति

अलग अलग प्रकृति की मृदा वाले कई पहाड़ी इलाकों में कृषि संबंधी गतिविधियों में इजाफा देखने को मिला है लेकिन जल स्तर में भी गिरावट देखने को मिला है. ऐसा तब है जबकि इस इलाके में प्रचुर मात्रा में बारिश होती है. यहां 700 से 1000 मिमी तक बारिश दर्ज की जाती है लेकिन फिर भी बीते वर्षों के दौरान यहां जल स्तर मेंं जमकर गिरावट आई है. झरने और उथले कुंए आदि सूख गए हैं. शायद ऐसा तेज कृषि गतिविधियों और वनोंं और नम भूमि में कमी आने की वजह से हुआ हो. स्थानीय लोगों के मुताबिक हाल के वर्षों में बारिश अनियमित हुई है. उस पर जलवायु परिवर्तन का असर साफ नजर आ रहा है.

सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक परिस्थितियां

वर्ष 2011 में हुए व्यवहार्यता अध्ययन से मिले संकेत के मुताबिक इस क्षेत्र के 75 फीसदी लोग प्रति दिन एक यूरो से कम में गुजारा करते हैं. केला इस इलाके का प्रमुख भोजन है जो यहां प्रचुर मात्रा में होता है लेकिन इसे बैक्टीरिया का जोखिम रहता है. नकदी फसलों मसलन कॉफी, मूंगफली और पत्ता गोभी का चलन बढ़ रहा है. दक्षिण में रवांडा की सीमा के निकट से लोगों का प्रवासन बहुत बढ़ रहा है. इससे तमाम सांस्कृतिक समूह एक साथ आ रहे हैं. इस क्षेत्र में इस्लामिक और ईसाई आस्थाओं को मानने वाले आए हैं.

प्रायोगिक परिदृश्य

यह पूरा क्षेत्र समुद्र तल से 1550 मीटर तक ऊंची पहाडिय़ां और 1250 मीटर तक गहरी घाटियों से मिलकर बना है. अन्य पहाडिय़ों में पथरीली सतह है. इन पहाडिय़ों की ढलानें रेतीली और मिट्टी भरी हैं. इनकी मोटाई तकरीबन 4 मीटर तक है. घाटियों में रवांबू नदी के निकट नम जमीन स्थित है.

प्रायोगिक उद्देश्य

ऊपरी पहाड़ी इलाकों में जल स्तर में गिरावट देखने को मिल रही है. इसकी वजह से जल स्रोत खाली हो रहे हैं. उथले कुओंं और सूखते झरनों के बजाय लोगों को अब पानी की तलाश में निचले इलाकों में जाना पड़ रहा है. यह उचित परिस्थिति नहीं है क्योंकि इसकी वजह से पानी लाने में अधिक वक्त लग रहा है और पानी वाले स्थान का पर्यावास भी खराब हो रहा है. कुछ इलाकों मेंं सडक़ निर्माण के दौरान पानी के बहाव को मोडऩे से यदाकदा झरने में पानी दोबारा लाने में कामयाबी मिली है. इस उदाहरण को आधार बनाकर ही इस परियोजना में भूजल रिचार्ज करने और जलधाराओं में दोबारा नई जान डालने के प्रयोग किए जाएंगे.

स्थान और साझेदार

रवेनजोरी पर्वत श्रंखला पश्चिमी यूगांडा में है. मानचित्र साभार: ccentre.wa.gov.au
  • स्थान : रवांबू इलाका यूगांडा के पश्चिम में इबांडा और कामवेंगे जिलों की सीमा पर स्थित है. यह इक्वाडोर से उत्तर में स्थित है. जिसका लाटीट्यूड: 0° 1'33.03" और लाँगीट्यूड: 30°24'55.54" है.
  • प्रमुख साझेदार की भूमिका और उत्तरदायित्व: जेईएसई ने इस क्षेत्र का प्रस्ताव रखा और उसने आरएआईएन और वेटलैंड्स इंटरनैशनल तथा यूआरडब्ल्यूए के साथ कार्यक्रम विकास पर काम किया और वह इस परियोजना का इकलौता क्रियान्वयक है.
  • अन्य साझेदारों की भूमिका और उत्तरदायित्त्व: तकनीकी सलाह, कार्यक्रम को लेकर सलाह और क्षमता निर्माण.

विवरण

रिचार्ज भूजल स्तर को स्थिर करने का काम करेगा और आशा है कि जलधाराओं की मदद से भूजल धीरे धीरे बरकरार हो जाएगा. इस कार्यक्रम का एक हिस्सा उन लोगों की क्षतिपूर्ति करने से भी संबंधित है जिनको नम इलाके में खेती का काम छोडऩा पड़ा. पानी का इस्तेमाल पीने के लिए भी किया जाना है और शकरकंद उत्पादन तथा सिंचाई के काम में.

धारे-चश्मे का पुनर्जीवन

इस प्रयोग में कई तकनीकों का प्रयोग किया जाता है ताकि सूखे धारे-चश्मे और कुओं आदि में पानी की स्थिति सुधारी जा सके. इसमेंं कुओं और धारे-चश्मों के अलग-अलग संदर्भ में चार अलग-अलग तरीकों का परीक्षण किया गया. किसी घाटी में जब बारिश का मौसम आता है तो पानी एक छोटी जलधारा में बहता है. इस जलधारा के ऊपरी हिस्से में पानी के बहाव को अवरुद्ध करने के लिए अवरोध स्थापित किए जाते हैं और उसमें सुराख की व्यवस्था की जाती है.

  1. किसी अन्य सूखी जलधारा मेंं जहां कि घाटी इतनी स्पष्ट नहीं हो वहां माटी की मोटी परत में से दो गढ़े किए जाते हैं ताकि मिट्टी के नीचे वाली परत तक पहुंचा जा सके. ढलान पर बहते पानी को इन गढ़ों की ओर मोड़ा जाता है ताकि भूजल को रिचार्ज किया जा सके.
  2. ऊपरी इलाके में एक सूखे उथले बोरहोल में हमने टैरसिंग को गडढों और तालाब से जोड़ा ताकि पानी को एकत्रित करकेे बोरहोल के आसपास भूजल स्तर को सुधारा जा सके.
  3. अंतत: एक उथले कुंए का निर्माण किया जाएगा और चारागाह वाले क्षेत्र में कुंए से उसे रिचार्ज करने के उपाय अपनाए जाएंगे. चूंकि यह जमीन चारागाह की है इसलिए सामान्य टैरेस की जगह दो सपाट सतह और हल्की ढलान वाले छोटे टीले बनाए जाएंगे. इससे पशुओं को चरने का अवसर लगातार मिलेगा लेकिन इसके बावजूद सतह के पानी को जल धारा के करीब ले जाने में मदद मिलेगी. जल धारा को एक उथले कुंए में बदला जा सकेगा जिसके नाना इस्तेमाल हो सकते हैं. मिसाल के तौर पर यह पालतु पशुओं के लिए भी उपयोगी होगा.

उद्देश्य

  • लोगों को स्वच्छ जल मुहैया कराने तथा पशुओं और कृषि कार्यों के लिए जल धाराओं का उद्धार। यहां अपनाई गई तकनीक के प्रभावों का दस्तावेजीकरण करने से सफलता की कहानी बाहर आएगी और यहां सीखे गए सबक बाद में काम आएंगे.
  • इस खास माहौल के लिए अलग-अलग तरह की रिचार्ज तकनीक का परीक्षण.

गतिविधियां (2013)

  • घाटी 1के2 आरवेसेग्रे में जलधारा सुधार. ऊपरी धारा में तीन अद्र्ध रिसााव वाले चक बांधों का निर्माण.
  • दो स्थानों पर रिसाव वाले गड्ढों का निर्माण ताकि रिचार्ज में सुधार लाया जा सके. किसानों के बीच ऐसे गड्ढों के निर्माण को बढ़ावा देना.
  • 30 क्यूबिक के 2 फेरोसीमेंट टैंक के साथ पत्थर के दो कैचमेंट का निर्माण.
  • 1 के 4 किनागामुकोनो जलधारा संरक्षण: दो छोटे सतही गड्ढे, घास का पुनर्रोपण, जानवरों के अनुकूल दीवारें, सपाट सतह और हल्की ढाल.
  • आरवेंसिंगरी ट्रेडिंग सेंटर बोर होल: बोर होल के ऊपरी इलाके में रिचार्ज में इजाफा, जल रिसाव के लिए संभावित गड्ढों और तालाबों की संभावना पर विचार. कृषि भूमि में सुधार करना और रिचार्ज के बाद पंप को हटा देना.
  • किचावाबा जलधारा सुधार: जलधारा से पानी एकत्रित करने के लिए भंडारण टैंक का निर्माण और उसे आसपास के समुदायों मेंं भेजना.
  • समुदाय और जिला स्तर के सरकारी अधिकारियों की मदद से 3 आर में क्षमता निर्माण.

स्वॉट विश्लेषण (परियोजना की मजबूती, कमजोरी, अवसर और जोखिम का विश्लेषण):

स्वॉट विश्लेषण (परियोजना की मजबूती, कमजोरी, अवसर और जोखिम का विश्लेषण):

मजबूती
  • कार्य प्रगति पर, काम करने वाले अत्यंत सक्षम.
  • स्थानीय समुदाय बहुत अधिक सहयोगी.
  • पर्याप्त बारिश और मिट्टी की धारण और रिचार्ज क्षमता बेहतर होने के कारण परियोजना में काफी संभावनाएं
कमजोरियाँ
  • सफलता के उपायों का मापन करना मुश्किल: चूंकि भूगर्भीय परिस्थितियां आकलन का हिस्सा नहीं हो सकती हैं इसलिए अज्ञात संख्या में जलधाराएं सामने आ सकती हैं.
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अवसर
  • आसान परियोजना जिसमें कई अलग-अलग तकनीक अपनाई जा सकती हैं जो क्षेत्र के लोगों को प्रभावित और प्रेरित कर सकती हैं.
  • पर्यावरण संबंधी कार्यक्रमों की भारी मांग.
  • इस कार्यक्रम में विस्तार की असीमित संभावनाएं.
खतरे
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वर्तमान परिस्थिति अपेक्षित परिणाम वास्तविक परिणाम
जल आपूर्ति सूखी जल धाराएं और उथले कुओं के कारण,अब लोग खुले जल स्रोत का रुख कर रहे हैं जैसे कि नमभूमियां. कुछ धारे और चश्मे पुनर्जीवित किये गए, 1.5 लाख वर्ग मीटर कृषि क्षेत्र में मिट्टी और जल के ठहराव में सुधार किया गया . .
एमयूएस पेयजल और छोटी सिंचित जोतों पर बढ़े हुए कृषि उत्पादन के लिये पर्याप्त पानी . कृषि भूमि के लिए मिट्टी की नमी में सुधार.
तीन आर पुनर्भरण ऊपरी इलाके में जल स्तर का पुनर्भरण और नमभूमि इलाके में धीमी जल निकासी
व्यवसायिक विकास जलस्रोतों के नजदीक रतालू की बुआई, जिससे आय में बढ़ोत्तरी होगी इन बागानों की पर्यावरणीय स्थिरता

नतीजे

  • जल संरक्षण के तरीके: यथास्थान
  • भंडारण व्यवस्था के प्रकार: टैरेस, वृक्षाच्छादित, पत्थर और घास की घेरेबंदी
  • व्यवस्था के प्रकार: छह अलग-अलग