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समोच्च-कंटूर खत्तियाँ (ट्रेंचेज) कुछ और नहीं बल्कि खेतों की ढलान पर खुदाई का अलग तरीका हैं. ये खत्तियाँ-ट्रेंचेज दरअसल पहाड़ी इलाकों में कुछ इस तरह से खोदी और बनाई जाती हैं कि के पानी के बहाव से आड़ी दिशा में होती हैं. इन क्यारियों की खुदाई में जो मिट्टी निकलती है उसे निकालकर तब बची हुई मिट्टी को एकत्रित कर मेड़ का निर्माण किया जाता है. इन मेड़ों पर स्थायी रूप से पौधरोपण की जा सकती है. इस काम में स्थानीय घास का प्रयोग किया जाता है. इससे मिट्टी को स्थिरता मिलती है और किसी भी तरह के कटाव की आशंका पूरी तरह समाप्त हो जाती है. यह बात भारी बारिश के दिनों में भी उसे स्थिरता प्रदान करती है.
इनको सिंचाई नहर का नाम नहीं दिया जा सकता है. बल्कि इनका इस्तेमाल बहते पानी को एकत्रित करने और उसकी गति को कम करने के लिए किया जाता है. एकत्रित होने के बाद यह पानी मिट्टी में समाहित हो जाता है. छोटे पैमाने पर ऐसी नहरों का इस्तेमाल मैदानी खेतों में भी किया जा सकता है. जो पानी मिट्टी में समाहित होता है उसकी वजह से मिट्टी में नमी आती है जो अंतत: बारिश के बाद फसल उत्पादन में मददगार साबित होती है. इसके अलावा इसका सीधा इस्तेमाल पंप के जरिए सिंचाई या उथले कुओं से पानी निकालने के काम में भी किया जा सकता है.
Contents
किन तरह की परिस्थतियों में यह तकनीक काम में आती है
- पानी के नैसर्गिक बहाव वाले स्थानों की पहचान करना लेकिन 10 फीसदी से अधिक ढाल पर नहीं.
- आसपास की मिट्टी में भरपूर धारण क्षमता होनी चाहिए और साथ ही उप सतह पर पानी भंडारित करने की क्षमता भी होनी चाहिए.
- जिन इलाकों में तेज तूफान आदि आते हैं वहां पानी का पूरी तरह बहने से रोकना मुश्किल हो सकता है. इससे बचने के लिए आधे से एक डिग्री के कोण वाली नालियां या जलमार्ग बनाए जाने चाहिए ताकि अतिरिक्त पानी को सफलतापूर्वक दूसरी नहरों में ले जाया जा सके.
लाभ | नुकसान |
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- इससे आसपास की भूमि में पानी का रिचार्ज होता है जो मिट्टी में नमी की स्थिति सुधारता है. - कृषि उत्पादकता में सुधार और चारागाहोंं का विकास होता है. इसके अलावाा पालतु पशुओं के लिए पानी उपलब्ध होता है और सूखे की आशंका कम होती है. |
- भूजल का रिचार्ज होना सुनिश्चित नहीं है क्योंकि स्थानीय उप सतहीय परिस्थतियां इसमें भूमिका निभाती हैं. - इनमें कटाव होता है और इनको निरंतर देखरेख की आवश्यकता होती है. |
पर्यावरण संबंधी बदलाव को लेकर लचीलापन
सूखा
सूखे का प्रभाव: कम फसल पैदावार.
इसका प्रभाव: जल स्तर में कमी, जल स्रोतों में कम रिचार्ज और फसलों के लिए कम पानी.
डब्ल्यूएएसएच सिस्टम में लचीलापन बढ़ाने के लिए:: किसानों की आजीविका में विविधता पैदा करना जरूरी.
सूखे के प्रबंधन पर अधिक जानकारी: सूखा प्रभावित क्षेत्रों में लचीला वॉश सिस्टम का प्रयोग.
बाढ़
ये समोच्च-कंटूर खत्तियाँ (ट्रेंचेज) बाढ़ को नियंत्रित करने में मदद करती हैं. अगर वर्षा बहुत तेज हो तो मेड़ के बाहरी किनारों पर पौधरोपण करने से न केवल मेड़ मजबूत होती हैं और कटाव बंद होता है बल्कि मिट्टी का क्षरण भी बंद होता है.
विनिर्माण, परिचालन और रखरखाव
व्यर्थ बह जाने वाले पानी को थामने के लिए सही आकार की खत्तियाँ-ट्रेंचेज बनाने के क्रम में निम्नलिखित जानकारियां और विश्लेषण आवश्यक हैं.
- जल भराव क्षेत्र जिसे स्थान विशेष के नक्शे के आधार पर तय किया गया हो.
- बारिश का विस्तृत ब्योरा जिसका इस्तेमाल बारिश की आवृत्ति का विश्लेषण करने में किया जाता हो. इस आंकड़े का इस्तेमाल करके वर्षा की तीव्रता और उसके बहाव का अनुमान लगाया जा सकता है. इस काम में मृदा संरक्षण शैली का इस्तेमाल किया जा सकता है. यह एक साधारण तरीका है जिसकी मदद से अनाकलित क्षेत्र में यूंही बह जाने वाले पानी का आकलन किया जाता है. इस आकलन के लिए निम्र चीजों की आवश्यकता होती है: एक खास बारिश की आवृत्ति का अंतर, कैचमेंट क्षेत्र, मिट्टी की विशेषता और जमीन का इस्तेमाल. इन तमाम चीजों को ध्यान में रखकर बहने वाले पानी का आकलन किया जा सकता है.
- मिट्टी में रिसाव की दर और उसके गुणों की जांच तो स्थल विशेष पर किए गए परीक्षणों के बाद ही पता चल सकती है. यानी उक्त मिट्टी कितनी चिकनी या बालूदार है और कितना पानी सोखती है.
- एक बार जब इलाके में बारिश और मिट्टी से संबंधित आंकड़े जुटा लिए जाते हैं तब उक्त ट्रेंच-खन्तियों की क्षमता का निर्धारण किया जा सकता है. बारिश के मौसम में बहने वाले पानी की मात्रा को रिसने वाले पानी में से घटाकर उसकी क्षमता का आकलन किया जा सकता है.
- अब ट्रेंच-खन्तियों के आकार और कैचमेंट के जगह का आकलन किया जा सकता है. स्थानीय प्राथमिकताओं के साथ इसकी तुलना करने के बाद समायोजन कर लिया जाना चाहिए. वियतनाम में ऐसी ट्रेंच-खन्तियों का निर्माण मूलरूप से 4 मीटर चौड़ाई और एक मीटर गहराई में किया गया था लेकिन बाद में स्थानीय लोगों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए इनको ऊपर 2.5 मीटर और सतह पर एक मीटर चौड़ा तथा कुल 0.75 मीटर गहरा कर दिया गया. लंबी अवधि के दौरान पानी के बहाव को भंडारित करने के लिए ट्रेंच-खन्तियों को आकार समुचित होना चाहिए. ऐसा करने से रखरखाव की कमी होने पर भी पानी भंडारित किया जा सकताह है. किनारों का कटाव और खारीकरण होने के कारण पानी का रिसाव कम हो जाता है और पानी का भंडारण भी कम हो जाता है.
- किसी इलाके में बड़ पैमाने पर इन ट्रेंच-खन्तियों का निर्माण करने के पहले प्रायोगिक तौर पर इनका निर्माण कर लेना बेहतर होता है.
Digging the trenches
- Trenches are dug in line with topographical contours. Ploughing is not recommended as it induces evaporation.
- Constructing trenches primarily to favour plant growth and increase agricultural productivity (as was the case in Vietnam) rather than just as a means to increase groundwater levels, seems to be a good approach because there can be increased interest to ensure operation & maintenance of the trenches (in Vietnam, people wanted to establish a group of landowners to take care of the structures in order to ensure continued crop yields. The knock-on effects on shallow groundwater levels are thereby made sustainable since the primary concern for people was an economic one.)
- Excavated soil can be used to fill up existing gullies.
- Trenches can be connected to the wall of a sand dam, increasing filtration.
- Involvement of local people in the design of the project ensures that their participation continues.
Costs
- In Vietnam, after trenches were completed farmers were discussing ways to access low-cost loans with long-time repayment conditions so that they could replicate the technology. Access to finance therefore seems to be important in scaling up this technology.
- Cost of excavation in Vietnam was around 1,000 Euro per hectare.
- Materials: US$2.6/m3 or US$4,100/ha.
- Labour: 1.5m3 per person per day manual earth movement.
Field experiences
Experience from Vietnam showed that in 5 out of 7 shallow wells that were near the trenches with water tables of between 3 and 18 metres below ground level, showed an increase in water levels after rainfall events of over 60mm because of infiltration from the contour trenches. It seems that recharge of groundwater is not certain according to local sub-surface conditions – in Vietnam, water levels in 2 out of the 7 wells near the trenches were unaffected. This is probably due to certain geological layers blocking infiltration. So it is always a possibility that trenches will not affect water levels.
Successful Water Conservation in Awalkhed Village, Nasik.
Manuals, videos, and links
- Manual: The Design of Contour Trenches in Vietnam Copyright by Kharis Erasta Reza Pramana Delft, The Netherlands, October 2007.
- Manual: Design Manual: Contour Trenches - Using the "A" frame and how to make a contour trench.
- Large wiki on water use for agriculture: Agropedia
Acknowledgements
- CARE Nederland, Desk Study: Resilient WASH systems in drought-prone areas. October 2010.
- Sussman, Daniel. Design Manual: Contour Trenches. Bren School of Environmental Science and Management, University of California Santa Barbara. 2007.
- Smart Water Harvesting Solutions: Examples of innovative, low cost technologies for rain, fog, and runoff water and groundwater. (or alternative link) Netherlands Water Partnership, Aqua for All, Agromisa, et al. 2007.