Difference between revisions of "वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / सतही जल / कैचमेंट-जलागम और भंडारण बांध"
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गटर का काम कैचमेंट-जलागम से पानी को सीधे जलाशय की ओर ले जाना होता है. वे चिकने पत्थर से बनाये जा सकते हैं, सफाई के दौरान जो पत्थर कैचमेंट-जलागम क्षेत्र में मिलते हैं. गटर को लगभग समोच्च का पालन करना चाहिए, लेकिन ढलान न्यूनतम 3% होना चाहिए. गटर को पर्याप्त उच्च किया जाना चाहिए ताकि वह पानी को दिशा दे सके, लेकिन जहां अपवाह वेग बहुत अधिक है, वहां किसी तरह की दीवार संरचना की जरूरत है जो अपवाह के वेग को धीमा कर सके, इससे पहले कि वह गटर तक पहुंचे. | गटर का काम कैचमेंट-जलागम से पानी को सीधे जलाशय की ओर ले जाना होता है. वे चिकने पत्थर से बनाये जा सकते हैं, सफाई के दौरान जो पत्थर कैचमेंट-जलागम क्षेत्र में मिलते हैं. गटर को लगभग समोच्च का पालन करना चाहिए, लेकिन ढलान न्यूनतम 3% होना चाहिए. गटर को पर्याप्त उच्च किया जाना चाहिए ताकि वह पानी को दिशा दे सके, लेकिन जहां अपवाह वेग बहुत अधिक है, वहां किसी तरह की दीवार संरचना की जरूरत है जो अपवाह के वेग को धीमा कर सके, इससे पहले कि वह गटर तक पहुंचे. | ||
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Revision as of 16:21, 4 December 2015
एक प्राकृतिक वर्षा कैचमेंट-जलागम क्षेत्र पानी में बांध बना कर पानी उपलब्ध कराया जा सकता है, जैसे एक घाटी, पानी को जलाशय बना कर उसका भंडारण कर सकते हैं, या उसे किसी अन्य जलाशय तक भेजा जा सकता है. बांध निर्माण योजना के महत्वपूर्ण मानक हैं : वार्षिक वर्षा और वाष्पीकरण पैटर्न; कैचमेंट-जलागम क्षेत्र के वर्तमान उपयोग और अपवाह गुणांक (जैसे नंगे चट्टान वाले कैचमेंट-जलागम का उच्च अपवाह गुणांक 0.9 है); पानी की मांग; भूविज्ञान और कैचमेंट-जलागम क्षेत्र और निर्माण स्थल का भूगोल.
बांधों को तटों के किनारे मिट्टी जमा कर बनाया जा सकता है (आमतौर पर मिट्टी की एक अभेद्य दीवार, पत्थर एप्रोन और अतिरिक्त अपवाह को बहाने के लिए एक स्पिलवे), खुला चट्टान वाला जलाशय कैचमेंट-जलागम, और चिनाई या कंकरीट (प्रबलित या नहीं).
एक संरचना के पीछे खुले जलाशय की भंडारण क्षमता 20 से लेकर 4,000 घन मीटर तक होती है. वैकल्पिक रूप से, पानी की मात्रा को कैचमेंट-जलागम से सीधे पानी इकट्ठा कर ढके हुए भंडारण टैंक में भी संग्रहित किया जा सकता है.
एक बांध के पीछे संग्रहित पानी का वितरण से पहले उपचार किया जाना चाहिए.
Contents
किन तरह की परिस्थतियों में यह तकनीक काम में आती है
जलाशय जिनका आधार अभेद्य हो (जैसे अनफिशर्ड रॉक या मिट्टी) इससे लागत बचती है और दरारों का इलाज ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ती. वैकल्पिक रूप से दरारों और गड्ढ़ों को मोर्टार या कंकरीट से सील किया जा सकता है. चट्टान कैचमेंट-जलागम बांधों ज्यादातर पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों में अच्छी तरह काम करते हैं, जहां अन्य जल स्रोत दुर्लभ हैं. इस प्रकार के बांधों को साफ-सुथरा और वनस्पति/मिट्टी से मुक्त होना चाहिए. जब चट्टान वाले कैचमेंट-जलागम बांधों की तलाश कर रहे हों तो प्राकृतिक स्थलाकृति को प्राथमिकता दें, ताकि अधिकतम मात्रा हासिल कर सकें, मौजूदा रॉक पूल के निचली सतह पर बांध बनायें.
बांध जो कुछ मीटर ऊंचे हों या कम से कम एक मीटर के हों वे छोटे समुदायों के लिए कारगर होते हैं. चौड़ाई, कुछ मीटर से लेकर सौ मीटर तक हो सकती है. अगर बड़े बांध बनवाना चाहते हैं, तो विशेष इंजीनियरिंग से मदद लेनी चाहिए.
निजी स्वामित्व वाली छोटे बांधों के निर्माण और रखरखाव प्रक्रियाओं में जन भागीदारी को अपनाने से बेहतर सफलता हासिल हो सकती है.
लाभ | नुकसान |
---|---|
- उच्च अपवाह गुणांक अच्छा है, छोटी बारिश से भी अच्छी तरह से पानी इकट्ठा हो सकता है. - जहां तक चट्टान कैचमेंट-जलागम में खुले भंडारण का संबंध है, कम से कम रिसाव होता है. |
- आसपास में भूमि के उपयोग और जानवरों की उपस्थिति से पानी प्रदूषित हो सकता है. - जल जनित रोग की आशंका रहती है. |
पर्यावरण में परिवर्तन के लिए लचीलापन
सूखाड़
सूखे के प्रभाव:: जल्दी से सूख जाते हैं, अगर अरेखीय हों तो; जानवरों से पानी के लिए संघर्ष.
प्रभाव के मूल कारण : वर्षा का अभाव ; उच्च वाष्पीकरण दर ; तालाब के आधार और बांध के माध्यम से उच्च रिसाव दर ; भंडारण की मांग के मुताबिक पर्याप्त नहीं - उच्च गाद भार की वजह से तालाबों के ऊपर गाद का जमना, तालाब निर्माण के दौरान उच्च स्तरीय कार्य.
वाश प्रणाली का लचीलापन बढ़ाने के लिए : वाष्पीकरण और रिसाव कम करना ; निर्माण के उचित तरीकों का पालन करना ; अधिक मात्रा प्राप्त करने के लिए गाद कम करना ; तालाबों के निजी स्वामित्व को बढ़ावा देना, इसलिए गाद मुक्तिकरण प्रक्रिया को अपनाना, लंबे समय के भुगतान पर आधारित कम लागत ऋण को बढ़ावा देना; ताकि किसान प्रौद्योगिकी की नकल कर सकें, चरणबद्ध निर्माण को अपनाना जब तक क्षमता पानी की मांग के मुताबिक पर्याप्त न हो जाये.
सूखे के प्रबंधन पर अधिक जानकारी: सूखा प्रभावित क्षेत्रों में लचीला वॉश सिस्टम का प्रयोग.
बाढ़
जलवायु परिवर्तन के साथ, कुछ क्षेत्रों में अधिक तीव्र बारिश होती है. एक बड़े बांध के मुकाबले (कई) छोटे बांधों में कम नुकसान होता है और उनका मरम्मत कम खर्चीला होता है. पानी के स्रोतों में विविधता लायें ताकि बाढ़ एक प्रणाली को नुकसान पहुंचाये तो जब तक मरम्मत हो समुदाय दूसरे विकल्प को चुन सके. नदियां अपने प्रवाह पथ को बदल सकती हैं, इसलिए बांध स्थल का चयन नदी के सबसे अधिक स्थिर जगह पर करें और बांध की ऊंचाई पिछले बाढ़ की स्थिति के आधार पर रखें.
विनिर्माण, संचालन और रखरखाव
बांध के निर्माण
सीमेंट पर सामान्य सलाह : संरचनाओं और अस्तर में दरारों की एक आम वजह(टैंक, बांधों, जलमार्ग, कुओं में जैसे) मिश्रण और सीमेंट को लागू करने में त्रुटियों है. सबसे पहले, यह आवश्यक है कि केवल शुद्ध सामग्री का उपयोग करें : स्वच्छ पानी, स्वच्छ रेत, स्वच्छ चट्टान. सामग्री बहुत अच्छी तरह से मिश्रित किया जाना चाहिये. दूसरी बात, मिश्रण के दौरान पानी की मात्रा कम से कम करने की जरूरत है : कंक्रीट या सीमेंट भी सिर्फ काम के लायक होना चाहिये, सतह के दोनों तरफ. तीसरी बात, यह सीमेंट या कंकरीट के उपयोग के बाद कम से कम एक सप्ताह के लिए इससे हर समय नम रखा जाना आवश्यक है. संरचनाएं इस अवधि के दौरान प्लास्टिक, बड़े पत्ते या अन्य सामग्री के साथ ढके जायें, और इन्हें नियमित रूप से गीला रखा जाना चाहिए.
विशिष्ट सलाह:
जलाशय का आकार और बांध की ऊंचाई पानी की मांग, वाष्पीकरण नुकसान, महत्वपूर्ण अवधि और औसत वर्षा की लंबाई के के आधार पर निर्धारित होना चाहिये. अपने बांध के आकार का निर्धारण करने के तरीकों की पूरी सूची देखने के लिए, देखें, केयर: नीदरलैंड डेस्क स्टडी रिसिलियेंट वॉश सिस्टम इन ड्राउट प्रोन एरिया (पेज 62).
एक बांध की दीवार चट्टान के ऊपर से 15% की एक ढाल के साथ बनायी जा सकती है, बांध का आधार उसकी ऊंचाई का 3/5 होना चाहिए, शिखर की चौड़ाई 30 सेमी होना चाहिए, चट्टान-दीवार पर खास ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि इसमें रिसाव की क्षमता होती है, और बांध की ऊपरी दीवार को मोर्टार से 30मिमि करने की जरूरत है. बांध की दीवार के लिए इस्तेमाल सामग्री उच्च मिट्टी सामग्री (55% कम से कम) के साथ अभेद्य होना चाहिए. मिट्टी में अवांछित घटकों से बचें. बांध की दीवार निर्माण के लिए प्रक्रिया कुछ गाइडों में दिए गए हैं.
जब विशेष रूप से घाटी बांधों का निर्माण (एक मौसमी धार वाले) करते हैं, तो नियम यह है कि 400 हेक्टेयर (1000 एकड़) से बड़ा कैचमेंट-जलागम में छोटे जलाशयों (10,000 घन मीटर से कम) का निर्माण नहीं करना चाहिये.
गटर का काम कैचमेंट-जलागम से पानी को सीधे जलाशय की ओर ले जाना होता है. वे चिकने पत्थर से बनाये जा सकते हैं, सफाई के दौरान जो पत्थर कैचमेंट-जलागम क्षेत्र में मिलते हैं. गटर को लगभग समोच्च का पालन करना चाहिए, लेकिन ढलान न्यूनतम 3% होना चाहिए. गटर को पर्याप्त उच्च किया जाना चाहिए ताकि वह पानी को दिशा दे सके, लेकिन जहां अपवाह वेग बहुत अधिक है, वहां किसी तरह की दीवार संरचना की जरूरत है जो अपवाह के वेग को धीमा कर सके, इससे पहले कि वह गटर तक पहुंचे.
जल निकासी और उपचार
अगर पानी मानव उपभोग के लिए है, तो मवेशियों और लोगों के कैचमेंट-जलागम क्षेत्र और जलाशय से पूरे वर्ष के दौरान दूर रखा जाना चाहिए. इसके लिए एक चौकीदार से नियमित गश्ती करायी जा सकती है और इलाके को बाड़ से घेरा जा सकता है. मच्छरों का लार्वा खाने के लिए मछलियां पाली जा सकती हैं, साथ ही वे पोषण भी प्रदान करेंगे. जल को उपयोगकर्ताओं तक एक वितरण प्रणाली के माध्यम से प्रदान किया जाना चाहिए, सार्वजनिक टोटियां या घरेलू कनेक्शन के जरिये. खुले कैचमेंट-जलागम के मामले में, जैसे चट्टानी सतहों या मिट्टी के बांधों में, प्रत्यक्ष निकासी (पंप या पाइप पानी से दूर ले जा) अच्छी तरह से काम करता है. अमूर्त विधि से बाधाएं कम होंगी और उपचार आवश्यकताएं भी.
- प्रत्यक्ष निष्कासन एक विकल्प है, एक बैंक-माउंटेड पंप द्वारा (छोटे और कुशल मोटर पंप या हैंडपंप) (Small and efficient motor pumps या Handpumps)जो एक अस्थायी सेवन का उपयोग करता है, ताकि गाद जमना कम हो सके. एक आउटलेट पाइप और झरनी बांध की दीवार के माध्यम से बांध की दीवार से होते हुए एक और विकल्प है, लेकिन इससे बांध की दीवार कमजोर होने का खतरा है. साथ में, पाइपिंग को सुरक्षित तरीके से लगाने की जरूरत है, क्योंकि यह कहीं चट्टानों से गुजरतो हुए दीवारों को नुकसान न पहुंचा दे.
- निवारक विधियों के साथ मैलापन को दूर करने के लिए (गाद जाल, निकासी विधि) पानी अभी भी मैला और दूषित है, मैलापन को कम करने के लिए और उपचार की आवश्यकता होगी.
- प्रत्यक्ष निष्कासन के लिए, घरेलू पानी के उपचार को बढ़ावा देने की जरूरत होगी. घरेलू जल उपचार प्रौद्योगिकी का चुनाव पानी में मौजूद दूषित पदार्थों को दूर करने की क्षमता पर आधारित होना चाहिए. खुले पानी के लिए जिसमें साइनोबैक्टीरियल ब्लूम्स का खतरा हो सकता है, एक कंक्रीट बायोस्टैंड फिल्टर Concrete Biosand Filter एक अच्छा विकल्प है क्योंकि इसमें कारण साइनोबैक्टीरियल विषाक्त पदार्थों को दूर करने की क्षमता है. अन्य प्रौद्योगिकियों में हालांकि ये गतिशील समुदायों के लिए उपयुक्त हैं (जैसे, सोडीज या सिरामिक पॉट फिल्टर, Sodis या Ceramic pot filter मैलापन के स्तर पर निर्भर करता है). शहरी वातावरण के निकट जलाशयों के लिए या अपवाह क्षेत्र के आसपास के क्षेत्र में गहन कृषि अभ्यास किया जा रहा हो, जल संसाधनों के विविधीकरण एक बेहतर विचार है, पेयजल उपलब्धता के संबंध में. अवैध पदार्थों के उपयोग पर नियंत्रण और प्रतिबंध को मजबूत बनाने में भी मदद मिलती है.
Operations and maintenance
In the operation of a dam, it is good to have a caretaker. Their activities can include opening or closing valves or sluices in the dam, or in conduits to the reservoir. Water collection is often provided from water points. The users themselves, often women and children, usually carry out collections.
For a properly functioning and sustainable surface harvesting system, the users will need to establish an organization that can deal with issues, such as:
- the water consumption allowed for each user;
- preventing unauthorized use by passers-by;
- preventing water contamination;
- inequitable abstraction;
- solving upstream-downstream conflicts (e.g. where the system has altered the natural hydrology);
- O&M activities and their financing;
- agreements on contributions by each household towards the O&M of the system (e.g. should they be in cash, kind or labour).
A person who lives or farms near the site could be appointed for O&M tasks at the reservoir and the catchment area. If users get their water at or near the reservoir, this person could also be made responsible for water allocation, and be involved in monitoring activities. The authority of this person should clearly be accepted by the users of the system.
In maintaining a dam the valves, sluices and pipelines have to be checked for leaks and structural failures. If repairs cannot be carried out immediately, the points of failure should be marked. The catchment area must also be checked for contamination and erosion. To control erosion, grass or trees could be planted just before the rainy season, and a nursery may have to be started.
Once a year, the reservoir may be left to dry out for a short period to reduce the danger of bilharzia (a human disease caused by parasitic worms called Schistosomes). The reservoir, silt traps, gutters, etc., must be de-silted at least once a year. To control mosquito breeding and the spread of malaria, Tilapia fish can be introduced in the reservoir (every year if it runs dry).
Potential Problems
- contamination of the water by chemical spraying, overgrazing, industry and the agroindustry, land clearing, settlements, animal excrement, etc.
- waterborne and water-related diseases, such as bilharzia and malaria
- the reservoir silts up
- earth dams can be damaged by cars, animals or people walking over them
- dams and reservoirs become undermined by seepage, rodents or other causes
- the dam fails or collapses, causing injury, because it was poorly designed or because the amount of runoff was larger than had been foreseen and planned for
- where demand is high and rainfall is low or irregular, large catchment areas and dams are needed
- if the local soil and geographical conditions are not favourable, it may be expensive to transport the materials needed to construct the dam (e.g. clay, sand, gravel)
- not many sites suitable or catchment areas are unsuitable, so if there is no proper site for the dam or reservoir, such as when the ground does not provide a strong enough foundation for the dam and does not prevent seepage
- the dam or reservoir will be too large (and expensive) if the depth-to-surface ratio is too small, or if percolation or evaporation losses are too great; Some ways to reduce this might include: Siting the dam to best use the natural topography to get the deepest reservoir possible, so there is a larger volume to surface area ratio. Also, covering the catchment or building tanks to collect the water directly
- the investment in labour, cash and/or kind needed to implement and/or maintain the surface harvesting systems may be beyond the capacity of communities
- if densely-populated centres or important infrastructures are located downstream of a potential construction site for a dam, security reasons may rule out using the site
- the taste of drinking-water varies between catchment areas and this can affect whether users accept the system, since they value the taste
Costs
This depends on local circumstances. Cost can be high – experience from Kenya shows that a 56 m3 dam cost $4,000 including labour (= $71 per m3 of storage). But then another cost of a 13 000 m3 rock catchment in Kenya was US$ 1.60 per m3 of storage volume. The corresponding cost of a 30 000 m3 earth dam in Tanzania was US$ 1.90, and only US$ 0.20 for an 80 000 m3 earth dam in Mali.
Field experiences
Manuals, videos and links
- How to build small dams - Small Dam Construction.
- Appropriate small dam management for minimizing catchment-wide safety threats: International benchmarked guidelines and demonstrative cases studies. Water Resources Research.
- Surface water intake and small dams. Chapter 11. Revised by Nhamo Masanganise.
Acknowledgements
- Brikke, François, and Bredero, Maarten. Linking technology choice with operation and maintenance in the context of community water supply and sanitation: A reference document for planners and project staff or (alternative link). World Health Organization and IRC Water and Sanitation Centre. Geneva, Switzerland 2003.
- CARE Nederland, Desk Study Resilient WASH systems in drought-prone areas. October 2010.