Difference between revisions of "वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / भूजल पुनर्भरण / रिसाव बांध"
Line 63: | Line 63: | ||
बलूचिस्तान में निर्मित एक रिसाव बांध जिसका जलग्रहण क्षेत्र 1.79 वर्ग किमी है और भंडारण क्षमता 11,000 घन मीटर. | बलूचिस्तान में निर्मित एक रिसाव बांध जिसका जलग्रहण क्षेत्र 1.79 वर्ग किमी है और भंडारण क्षमता 11,000 घन मीटर. | ||
− | === | + | ===नियमावली, वीडियो और लिंक=== |
− | * [http://unesdoc.unesco.org/images/0014/001438/143819e.pdf | + | * [http://unesdoc.unesco.org/images/0014/001438/143819e.pdf स्ट्रेटेजीज फॉर मैनेज्ड एक्वीफर रिचार्ज (मार) इन सेमी-एरिड एरियाज.] एक्सीलेंट स्टडी ऑफ एन एरिड एरिया इन पाकिस्तान दैट यूज्ड लीकी डैम्स. |
===Acknowledgements=== | ===Acknowledgements=== |
Revision as of 17:02, 30 November 2015
एक बाढ़ आधारित जल संचयन तकनीक के रूप में रिसाव बांध एक पारगम्य संरचना है जो जो मौसमी नदी के किनारों पर निर्मित की जाती हैं, जिसके बाढ़ के पानी में गाद की अधिक मात्रा होती है. यह उच्च ऊर्जा वाले बाढ़ को बनाए रखने और बांध के पीछे निलंबित तलछट के निपटारे को प्रोत्साहित करने का विचार है. कम तलछट वाले जल को बांध के माध्यम से रिसाने दिया जाता है और यह निचली नदी को घुसपैठ करने देता है जो तलछट द्वारा जाम नहीं हो पाया है. वे स्थानीय जलवाही स्तर के पुनर्भरण के लिए सक्षम होते हैं. रिसाव बांध अर्द्ध शुष्क क्षेत्रों के लिए बेहतरीन होते हैं, वे वाष्पीकरण को कम से कम करते हैं, खास तौर पर पानी के भंडारण के संबंध में.
इस प्रौद्योगिकी को अन्य उपायों के साथ किया कार्यान्वित किया जाना चाहिए. ये जलाशयों में सख्त संरक्षण और व्यापक जल प्रबंधन के साथ-साथ पूरा नियंत्रण चाहते हैं. ताकि अवसादन का भार कम किया जा सके और रिसाव के जरिये प्राकृतिक रिचार्ज बढ़ा सकें. झाड़ियों और स्थानीय पौधों (अपनी जड़ प्रणाली के साथ) को लगाया जा सकता है, ताकि वे मिट्टी को टूटने से रोक सके.
Contents
अनुकूल परिस्थितियां
एक रेत बांध के लिए अच्छा अभ्यास समान है. sand dam.
- सुनिश्चित करें कि इनका निर्माण किसी ऐसे इलाके में न हो जहां पानी संरचना को बाईपास कर सके. रिवरबैंक्स ऊंचाई में बराबर और काफी लंबे होने चाहिए (बांध+बाढ़+10% की ऊंचाई की ऊंचाई), और नदी में मोड़ के पास बांध का निर्माण नहीं किया जाना चाहिए.
- जहां नदी संकरी हो वहां, क्योंकि वहां निर्माण सस्ता होता है.
अनुकूलताएं | प्रतिकूलताएं |
---|---|
- उथले कुओं के पुनर्भरण में सहायता करते हैं. - भूजल में खारापन को कम कर सकते हैं. |
- वे गाद भर सकते हैं और रखरखाव की आवश्यकता होती है. - ऐसी समस्याओं का समाधान गली प्लग के साथ भी संभव है, भूमि स्वामित्व के स्पष्ट नहीं होने पर स्वामित्व की परेशानी हो सकती है. |
पर्यावरण परिवर्तन के हिसाब से लचीलापन
सूखा
सूखे के प्रभाव: बांध के पीछे कम पानी संग्रहीत होना.
प्रभाव के मूल कारण: कम पुनर्भरण.
वाश प्रणाली में लचीलापन बढ़ाने के लिए : बांध के अपस्ट्रीम की तरफ छोटे आकार की बजरी से भरे समायोज्य शीट का उपयोग करके पीछे वाले भाग में पानी की कमी को घटाया जा सकता है.
सूखे के प्रबंधन पर अधिक जानकारी : Resilient WASH systems in drought-prone areas.
बाढ़
रिसाव बांध अचानक आई बाढ़ की घटनाओं को संभालने के लिए जाने जाते हैं. बहुत तीव्र बारिश की घटनाओं की वजह से कटाव तेज हो जाता है या बांध से परे (छान गाद के बांध के उद्देश्य के विपरीत) तलछट ले जा सकता है. बारिश धीमी और लंबी हो तो कम समय में ही बांध के पीछे गाद की अधिक मात्रा जमा हो जाती है, जो जाम करके बांध की भूजल पुनर्भरण क्षमता घटा देती है. इन मामलों में, अधिक चौकस रखरखाव आवश्यक है, ताकि कटाव और गाद जमा होने (या पलायन) को रोका जा सके.
निर्माण, संचालन और रखरखाव
सीमेंट पर सामान्य सलाह : संरचनाओं और अस्तरों में (जैसे टैंक, बांधों, जलमार्ग, कुओं में) दरार पड़ने की एक आम वजह सीमेंट का मिश्रण तैयार करने और इसे लगाने की त्रुटियां हैं. सबसे पहले, यह जरूरी है कि केवल शुद्ध सामग्रियों का उपयोग किया जाये: स्वच्छ पानी, स्वच्छ रेत, स्वच्छ चट्टान. सामग्री को बहुत अच्छी तरह से मिश्रित किया जाना चाहिये. दूसरी बात, मिश्रण बनाते वक्त कम से कम पानी की मात्रा का इस्तेमाल किया जाना चाहिये : कंक्रीट या सीमेंट भी सिर्फ काम के लायक होने चाहिये, सिर्फ सूखे किनारे पर तरल पर नहीं. तीसरा, सूखते वक्त सीमेंट या कंकरीट पर हमेशा नमी रहनी चाहिये, कम से कम एक सप्ताह के लिए. संरचनाओं को प्लास्टिक, बड़े पत्ते या अन्य सामग्री के साथ ढकना चाहिये और नियमित रूप से गीला रखा जाना चाहिए.
विशिष्ट सलाह:
sand dam रेत बांधों के रूप में इसी तरह के निर्माण :
- किनारों के आसपास कटाव से बचने के लिए विंग की दीवारों का निर्माण.
- नदी के प्रवाह के लिए स्पिलवे तैयार करना, और ये जगह के हिसाब से बदल सकता है.
- निचली धारा के कटाव से बचें, इसके लिए स्लैब बनाएं जो अधिक चट्टों से भरी नालियां हों.
- समय महत्वपूर्ण है : बांधों का निर्माण शुष्क मौसम में किया जाना चाहिए, लेकिन इसे बारिश से अधिक नजदीक नहीं बनाया जाना चाहिये, ताकि यह बह न जाये.
बांध को विभिन्न आकार की चट्टानों (पत्थर, कोयला, बोल्डर, बड़े बजरी) से बनाया जा सकता है, ये नदी के आसपास पाये जाते हैं. पाकिस्तान में 200 मिमी व्यास की चट्टानों का इस्तेमाल किया गया है. बलूचिस्तान में, चट्टानों को 5 चरणों तक तार के जाल में डाल कर रखा गया है 4.9 मीटर के कुल ऊंचाई तक लंबा. बांध की सही ऊंचाई नदी की स्थलाकृति पर निर्भर करती है. बांध के दोनों किनारों पर 1.5 मीटर गहरी 2 मीटर वाली प्रबलित कंक्रीट कट ऑफ से इसकी स्थिरता को सुनिश्चित किया जा सकता है. बांध के पीछे पानी के तीव्र रिसाव को रोकने के लिए , यह बांध के अपस्ट्रीम की तरफ छोटे आकार बजरी से भरे समायोज्य शीट को डालने में मदद करता है (सूखे के मामलों में मददगार).
जल निकासी
- जो पानी पैठता है उसका इस्तेमाल वर्षा के बाद फसलों की खेती के लिए मिट्टी को नमी करने में होता है.
- बलूचिस्तान, पाकिस्तान में दूसरे और चौथे चरण के ऊपर पाइप लगाया जाता है जो अधिशेष जल को नीचे गिराता है.
- पानी का उथले क्षेत्र में मौजूद कुओं और बोर के माध्यम से इस्तेमाल किया जा सकता है.
लागत
लागत में अंतर आ सकता है, लेकिन 4.9 मीटर ऊंची एक 5 कदम बांध का निर्माण करने में अमेरिका डॉलर 26,000 का व्यय हो सकता है.
जमीनी अनुभव
बलूचिस्तान में निर्मित एक रिसाव बांध जिसका जलग्रहण क्षेत्र 1.79 वर्ग किमी है और भंडारण क्षमता 11,000 घन मीटर.
नियमावली, वीडियो और लिंक
- स्ट्रेटेजीज फॉर मैनेज्ड एक्वीफर रिचार्ज (मार) इन सेमी-एरिड एरियाज. एक्सीलेंट स्टडी ऑफ एन एरिड एरिया इन पाकिस्तान दैट यूज्ड लीकी डैम्स.
Acknowledgements
- CARE Nederland, Desk Study: Resilient WASH systems in drought-prone areas. October 2010.
- Gale, Ian, Strategies for Managed Aquifer Recharge (MAR) in semi-arid areas. UNESCO's International Hydrological Programme (IHP), 2005.