Difference between revisions of "वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / रवांबू यूगांडा पहाड़ियां"

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[[Image:Rwambu project.jpg|thumb|right|200px|यूगांडा में रवांबू कैचमेंट में दलदल प्रबंधन और जल संरक्षण परियोजना. फोटो: [http://www.akvo.org/rsr/project/439/ एक्वो.आर्ग]]]
 
<font color=#555555>'''परियोजना अवधि: '''क्रियान्वयन के लिए अक्टूबर 2012 से दिसंबर 2013 तक। दस्तावेजी और शिक्षण के लिए और समय दरकार.</font>
 
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===स्थान और साझेदार===
 
===स्थान और साझेदार===
[[Image:Rwenzori mountains.jpg|thumb|right|200px|The Rwenzori Mountain range is in Western Uganda. Map credit: [http://www.ccentre.wa.gov.au/ForSchools/CHOGM/WhobelongstotheCommonwealth/Pages/Uganda.aspx ccentre.wa.gov.au]]]
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[http://www.ccentre.wa.gov.au/ForSchools/CHOGM/WhobelongstotheCommonwealth/Pages/Uganda.aspx सीसेंटर.डब्ल्यूए.जीओवी.एयू]]]
 
* '''स्थान:'''  रवांबू इलाका यूगांडा के पश्चिम में इबांडा और कामवेंगे जिलों की सीमा पर स्थित है. यह इक्वेटा के उत्तर में स्थित है. लैटीट्यूड: 0° 1'33.03" उत्तर. लाँगीट्यूड: 30°24'55.54" पूर्व.
 
* '''स्थान:'''  रवांबू इलाका यूगांडा के पश्चिम में इबांडा और कामवेंगे जिलों की सीमा पर स्थित है. यह इक्वेटा के उत्तर में स्थित है. लैटीट्यूड: 0° 1'33.03" उत्तर. लाँगीट्यूड: 30°24'55.54" पूर्व.
  

Revision as of 19:19, 1 December 2015

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यूगांडा में रवांबू कैचमेंट में दलदल प्रबंधन और जल संरक्षण परियोजना. फोटो: एक्वो.आर्ग

परियोजना अवधि: क्रियान्वयन के लिए अक्टूबर 2012 से दिसंबर 2013 तक। दस्तावेजी और शिक्षण के लिए और समय दरकार.

प्राथमिक चुनौतियाँ

मौजूदा स्थिति

प्रायोगिक इलाके में कई पहाड़ी इलाके और अलग-अलग तरह की मृदा वाले इलाके हैं. इन सभी में कृषि संबंधी गतिविधियों में इजाफा देखने को मिला लेकिन जल स्तर में गिरावट आई. मौजूदा कृषि व्यवहार स्थायी नहीं नजर आ रहा है क्योंकि उपज पैदा करने के लिए तलाशी गई नई जगहें बहुत ऊंची और कटाव के जोखिम वाली हैं. हालांकि यह प्रचुर वर्षा वाला क्षेत्र है और यहां 700 से 1000 मिमी तक बारिश दर्ज की जाती है लेकिन फिर भी बीते वर्षों के दौरान यहां जल स्तर मेंं जमकर गिरावट आई है. झरने और उथले कुंए आदि सूख गए हैं. शायद ऐसा तेज कृषि गतिविधियों की वजह से हुआ हो. स्थानीय लोगों के मुताबिक हाल के वर्षों में बारिश अनियमित हुई है. उस पर जलवायु परिवर्तन का असर साफ नजर आ रहा है.

सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक परिस्थितियां

वर्ष 2011 में हुए व्यवहार्यता अध्ययन से मिले संकेत के मुताबिक इस क्षेत्र के 75 फीसदी लोग प्रति दिन एक यूरो से कम में गुजारा करते हैं. केला इस इलाके का प्रमुख भोजन है जो यहां प्रचुर मात्रा में होता है लेकिन इसे बैक्टीरिया का जोखिम रहता है. नकदी फसलों मसलन कॉफी, मूंगफली और पत्ता गोभी का चलन बढ़ रहा है. दक्षिण में रवांडा की सीमा के निकट से लोगों का प्रवासन बहुत बढ़ रहा है. इससे तमाम सांस्कृतिक समूह एक साथ आ रहे हैं. इस क्षेत्र में इस्लामिक और ईसाई आस्थाओं को मानने वाले आए हैं.

प्राथमिक परिदृश्य

यह पूरा इलाका घास से आच्छादित और पहाड़ी है (अधिकतम ऊंचाई अनुमानत: समुद्र तल से 1550 मीटर है) जबकि घाटियां समुद्र तल से 1250 मीटर ऊपर मौजूद हैं. यहां की पहाडिय़ां पथरीली सतह वाली हैं. . इन पहाडिय़ों की ढलानें रेतीली और मिट्टी भरी हैं. इनकी मोटाई तकरीबन 4 मीटर तक है. घाटियों में रवांबू नदी के निकट नम जमीन स्थित है.

प्राथमिक उद्देश्य

ऊपरी पहाड़ी इलाकों को संरक्षण की आवश्यकता होती है क्योंकि यहां कटाव की आशंका होती है. इन संरक्षण उपायों की बदौलत यहां भूजल रिचार्ज की स्थिति में सुधार होता है. ढलानों की विविधता और स्थानीय मिट्टी के अलग-अलग प्रकार को देखते हुए 5 अलग-अलग तकनीक प्रयोग मेंं लाई जा रहे हैं.

स्थान और साझेदार

पश्चिमी यूगांडा की रवेंजोरी पहाड़ शृंखला. मैप क्रेडिट: सीसेंटर.डब्ल्यूए.जीओवी.एयू
  • स्थान: रवांबू इलाका यूगांडा के पश्चिम में इबांडा और कामवेंगे जिलों की सीमा पर स्थित है. यह इक्वेटा के उत्तर में स्थित है. लैटीट्यूड: 0° 1'33.03" उत्तर. लाँगीट्यूड: 30°24'55.54" पूर्व.
  • प्रमुख साझेदार की भूमिका और उत्तरदायित्व: जेईएसई ने इस क्षेत्र का प्रस्ताव रखा और उसने आरएआईएन और वेटलैंड्स इंटरनैशनल तथा यूआरडब्ल्यूए के साथ कार्यक्रम विकास पर काम किया और वह इस परियोजना का इकलौता क्रियान्वयक है.
  • अन्य साझेदारों की भूमिका और उत्तरदायित्त्व: तकनीकी सलाह, कार्यक्रम को लेकर सलाह और क्षमता निर्माण

ब्योरा-विवरण

  • दलदली इलाके में खेती का काम बंद करने वाले लोगों को क्षतिपूर्ति
  • थीम: 3आर, खाद्य सुरक्षा, पुनवर्नीकरण और मिट्टी की स्थिरता

रणनीति

नीति होगी पहाड़ी को अलग-अलग हिस्सों मेंं बांटना. पहाड़ी के शीर्ष पर जिसका इस्तेमाल अब पशुओं के चारागाह के रूप मेंं होता है, वहां वृक्ष लगाए जाएंगे. आशा है कि ग्रेविल्ला रोबस्टा प्रजाति के वृक्ष इन पहाडिय़ों पर तेजी से विकसित होंगे, वह भी बिना कृषि को प्रभावित किए. ग्रेविल्ला का रोपण इसलिए किया जाता है ताकि मिट्टी में स्थिरता आए और अधिकाधिक वर्षा जल संरक्षित हो. इसके अलावा यह बिना चरने वाले पशुओं की संभावनाओंं को क्षति पहुंचाए पहाड़ी ढलानों मेंं अपनी जगह बनाता है.

वर्ष 2012 और 2013 में उठाए गए खास कदम: सूक्ष्म बेसिन शैली में ग्रेविल्ला के 5000 वृक्षों को क्रमश: 5 मीटर की दूरी पर लगाया गया. पर इसके बाद इन ढलानों पर नीचे की ओर लोगों ने मिट्टी को कुछ इस तरह खोदना शुरू कर दिया जो लंबे समय तक स्थायी नहीं रहने वाला. तीखी ढलानों वाले इलाकों मेंं कृषि वानिकी को बढ़ावा दिया जा रहा है साथ ही घास की पट्टी, पहाड़ी टैरेस, घास की घेरबंदी आदि के रूप में मिट्टी के संरक्षण के उपाय भी अपनाए जा रहे हैं. अल्पावधि में इसका लाभ जमीन की जलधारण क्षमता और मिट्टी का कटाव बंद होने के रूप में सामने आएंगे.

ठीक इसी वजह से देसी वृक्ष प्रजातियोंं को भी बढ़ावा दिया जा सकता है. ये जलाऊ लकड़ी भी मुहैया करा सकती हैं. केला, मूंगफली और कॉफी की खेती से सरहद बनाने में मदद मिल सकती है. इसके अलावा टैरेस बनाने का काम पहले ही क्रियान्वित हो रहा है.

लक्ष्य

  1. ढलानोंं पर स्थित कृषि भूमि को स्थिर बनाना.
  2. इन ढलानों पर भूजल स्तर को रिचार्ज करने का प्रयास.

गतिविधियां (2013)

  1. पूरी पहाड़ी को वृक्षों से पाट देना. इबांदा किनारे की ओर करीब 2000 वृक्ष.
  2. तीखी ढलानों वाले इलाके मेंं कृषि वानिकी को बढ़ावा देना.
  3. स्वदेशी वृक्ष प्रजातियों को बढ़ावा देना और उनका परीक्षण करना
  4. स्टोन बंड: 4000 मीटर की रैखिक लंबाई बढ़ाना और वेटिवर घास की मदद से प्रभावी ऊंचाई कायम करना.
  5. बहते जल को थामने की व्यवस्था करना.
  6. चौहद्दी कायम करने के लिए विकल्प के रूप में वेटिवर घास अथवा एलीफैंट घास को अपनाना.
  7. फान्या जस टैरेस की रैखिक लंबाई को 3,000 मीटर तक बढ़ाना.

योजना और प्रक्रिया

वर्ष 2012 में प्रगति देखी गई जब फान्या जस की टैरेसिंग का काम केले के खेतों में की गई. करीब 500 ग्रवेल्ला के वृक्ष भी लगाए गए और स्टोन बंड निर्मित किए गए. अब हम मेतामेता की मदद से सैटेलाइट इमेजरी के जरिए शोध और दस्तावेजीकरण का काम कर रहे हैं. जेईएसई क्रियान्वयन का काम करेगी.

स्वॉट विश्लेषण (परियोजना की मजबूती, कमजोरी, अवसर और जोखिम का विश्लेषण):

स्वॉट-एसडब्लूएटी विश्लेषण (परियोजना की मजबूती, कमजोरी, अवसर और जोखिम का विश्लेषण):

मजबूती
  • कार्य प्रगति पर है जमीन पर तमाम काबिल लोग हैं.
  • स्थानीय समुदाय बहुत सहयोगी है.
  • पर्याप्त बारिश के कारण परियोजन के सफल होने की संभावना.
कमजोरीयाँ
  • भू स्वामित्व क समस्याओं के चलते विभिन्न तकनीक के एकीकरण में दिक्कत संभव.
  • सफलता का पूर्ण आकलन करना मुश्किल
  • ...
अवसर
  • आसान परियोजना और कई तरह की तकनीक शामिल होने के कारण स्थानीय लोगों के इसमें रुचि लेने की संभावना बहुत ज्यादा.
  • पर्यावरण संबंधी कार्यक्रमों की अत्यधिक मांग.
  • कार्यक्रम के विस्तार की अत्यधिक संभावना.
खतरे
  • पर्यावरण में सुधार का जलापूर्ति से सीधा संबंध समझ में न आने के कारण हो सकता है लोग काम करने में रुचि न लें.
  • वृक्षों का परिपक्वता के पूर्व काटा जाना.
  • ...


वर्तमान स्थिति अपेक्षित परिणाम वास्तविक परिणाम
Water supply Dried up springs and shallow wells, people are now depending on open source of water such as the wetland. Several springs revived, improvement of soil and water retention for 150000 M2 agricultural land.
MUS Drinking water is a problem but this is addressed in another project, the in situ measures will however restore the groundwater potential. Better soil moisture for agricultural land
3R Recharge Recharge of water table uphill and slower drainage into wetland
Business development Coffee plantations, groundnut plantations, increase of arable land Environmental sustainability of these plantations

नतीजे

तकनीकी विवरण

  • जल संरक्षण के प्रकार: यथास्थान
  • भंडारण व्यवस्था के प्रकार: टैरेस (फान्या जु, फान्या चिनि), वुडलॉट, * स्टोन और ग्रास बंड, ट्रेंचिंग
  • Number of systems: 6 different systems
  • Total volume (m3): difficult to establish