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जहां क्षरण की दर ज्यादा है और जमाव का जोखिम भी ज्यादा है वहां इस बात को प्राथमिकता दी जाती है कि संधारण कुओं के ऊपर की मिट्टी को उलटा पलटा न जाए. ऐसे में कुएं के आसपास 3 मीटर इलाके में घास उगा दी जानी चाहिए. ताकि मिट्टी के कण छन जाएं और उथली हुई मिट्टी और रिसन-इन्फिल्ट्रेशन कुंए के बीच एक बफर वाला इलाका बन जाए. इन कुओं को पत्थर (100 मिमी के साफ पत्थर) से भी ढका जा सकता है.
'''Permeability of some types of rock कुछ तरह की चट्टानों की जल की पारगमन क्षमता (meters/dayमीटर प्रति दिन)'''<br>
{|border="1" cellpadding="5"
|-
! scope="col" |Type of rockपत्थरों के प्रकार ! scope="col" |Permeabilityपारगमन क्षमता
(m/d)
|-
|gravelकंकरीली गिट्टी - ग्रेवेल
|100 - 1000
|-
|mixed sand and gravelकंकर बालू मिश्रित
|50 - 100
|-
|coarse sandदानेदार पथरीली बालू
|20 - 100
|-
|fine sandबारीक बालू
|1 - 5
|-
|fractured or weathered rockटूटी-फूटी चट्टानें - फैक्चर्ड व वेदर्ड रॉक
|0 - 30
|-
|sandstoneबलुआ पत्थर
|0.1 - 1.0
|-
|clayमिट्टी
|0.01 - 0.05
|-
|shaleशेल |negligibleनगण्य
|-
|limestoneचूना पत्थर|negligibleनगण्य
|-
|solid rockमजबूत चट्टान|negligibleनगण्य
|}
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