वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / जिला साल्यान, नेपाल
बीएसपी-नेपाल ने आरएआईएन- रेन फाउंडेशन के साथ साझेदारी करके जिले के स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों और सामुदायिक सदस्यों को साथ लेकर नेपाल के जल क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने में सार्थक सहयोग किया है. इस प्रक्रिया के तहत वर्षा जल संबंधी सुविधाएं दिलाने में अहम काम किया गया. क्षेत्र के चुनिंदा वंचित और गरीब समुदायों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए छत पर वर्षा जल संरक्षण, छोटे पैमाने पर गुरुत्व बहाव वाली योजनाएं, झरने आदि से मिलने वाले पानी का संरक्षण, बुनियादी ढांचा सुधार, छोटे पहाड़ी इलाकों में भूजल रिचार्ज, सिंचाई के लिए गंदे पानी का संरक्षण आदि उपाय अपनाए गए. इसके अलावा बीएसपी नेपाल ने माइक्रो एंटरप्राइज क्रिएशन (एमईसी) के जरिए उद्यमिता प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की.
Contents
परियोजना अवधि: अक्टूबर 2012-जून 2013
प्राथमिक चुनौतियां
वर्तमान परिस्थिति
बीएसपी नेपाल साल्यान जिले के दो जल निर्धारण क्षेत्रों में काम करता है जहां पानी की दिक्कत बहुत ज्यादा है. यह संस्थान बहुउपयोगी सेवा (एमयूएस) के लिए वर्षा जल के प्रावधान के जरिए समुदाय की आजीविका में सहयोग करने की परियोजना पर काम कर रहा है.
ये क्षेत्र डीडीसी, डीडब्ल्यूएसएस उपखंड, डब्ल्यूएएसएच कारकों और समुदाय की मांग के साथ नजदीकी तालमेल के साथ काम कर रहा है. खासतौर पर वर्षा जल संरक्षण के क्षेत्र में. ऊपरी इलाके में पानी की कठिनाई यानी स्थानीय स्तर पर साफ पानी उपलब्ध न होना और उसे नीचे से लाने की जरूरत. अक्सर झरने सूख जाते हैं तथा अन्य स्रोत संक्रमित हो जाते हैं. स्वच्छ जल की अनुपलब्धता गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए खासतौर पर तकलीफदेह है क्योंकि उनके विभिन्न बीमारियों से संक्रमित होने का जोखिम अधिक होता है. इतना ही नहीं पानी की कमी से साफ-सफाई की दिक्कत में भी बढ़ोतरी होती है. इससे रहे सहे पेय जल स्रोत में संक्रमण की स्थिति और खराब हो जाती है. इन क्षेत्रों मेंं बागवानी, सिंचाई और पशुपालन के काम में पानी का इस्तेमाल तो सोचा भी नहीं जा सकता है. पानी की कमी का खाद्य असुरक्षा से सीधा संबंध है.
सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक परिस्थितियां
लक्षित आबादी में आमतौर पर हाशिए पर रहने वाले समूह प्रमुख हैं जो सामाजिक विकास की धारा से बाहर हैं. मिसाल के तौर पर कामी (दलित). यह आबादी ऊंचे पहाड़ों पर रहती है जो न केवल जल स्रोतों से बल्कि बाजार आदि अन्य सुविधाओं से भी कुछ घंटों की दूरी पर स्थित है. यहां की आबादी खेती और छोटे पैमाने पर पशुपालन से जुड़ी है. इनकी रिहाइश अत्यधिक ऊंची पहाडिय़ों पर होती है. इनकी राहें फिसलन भरी होती हैं और इनको पानी इकठ्ठा करने के लिए इनको लंबी प्रतीक्षा और प्रयास करने होते हैं. यहां रहने वाले लोगों को अपने और अपने बच्चों को लेकर समय, स्वास्थ्य या शिक्षा की समस्याएं सामने आती हैं. इसके अलावा साफ-सफाई की समस्याएं तो हैं ही.
प्राथमिक परिदृश्य
साल्यान जिला नेपाल के पश्चिम मध्य विकास क्षेत्र में आता है. परियोजना क्षेत्र ऊंची पहाडिय़ों के बीच स्थित है. इन क्षेत्रों की पानी संबंधी समस्याओं में पाइप लाइन वाले पानी की आपूर्ति की कमी, मौजूदा जल धाराओं और झरनों का सूख जाना, बोरवेल की कोई संभावना न होना आदि प्रमुख हैं. यही वजह है कि यहां के लोगों को पीने के पानी और खेती के लिए वर्षा जल पर निर्भर रहना पड़ता है. यही वजह है कि विभिन्न प्रकार की कृषि उपजों की संभावना भी सीमित हो जाती है. पानी की कमी वाले मौसम में यहां वही फसल उगाई जा सकती है जिसमें कम पानी लगता हो. इससे खाद्य असुरक्षा बढ़ती है. जाहिर है इससे सबसे अधिक प्रभावित गरीब आबादी होती है.
प्राथमिक उद्देश्य
चूंकि यहां लोग वर्षा पर बहुत अधिक निर्भर है इसलिए यह बहुत अधिक आवश्यक है कि इस पानी को यथासंभव बचाकर रखा जाए और दोबारा प्रयोग में लाया जा सके ताकि पीने का पानी लाने में लगने वाला समय कम हो और उसे भंडारित किया जा सके. अतिरिक्त पानी को अन्य उत्पादक कार्यों मसलन सूक्ष्म सिंचाई या पशुओं को पिलाने आदि के काम मेंं लाया जा सकता है.
बीएसपी-नेपाल का लक्ष्य है गुणवत्तापूर्ण पानी की मात्रा और उस तक (प्रमुखत: वर्षा जल) पहुंच बढ़ाना और साफ सफाई के लिए बुनियादी ढांचा निर्मित करना, भूजल रिचार्ज, निजी सफाई में सुधार और घरेलू व पर्यावरण सफाई, खासतौर पर दूरदराज रहने वाले बच्चों, महिलाओं, गरीबों और हाशिए वाले लोगों तथा समुदायोंं के बीच. इन सुधारों से आजीविका सुधार में पानी के कई इस्तेमाल सामने आते हैं.
स्थान और साझेदार
- ग्राम, जिला और देश: कोरबांग झिंपे, त्रिवेणी, सिनबैंग और रिम, साल्यान जिला, नेपाल.
- प्रमुख साझेदार: बीएसपी-नेपाल
- प्रमुख साझेदार का उत्तरदायित्व और उसकी भूमिका: बीएसपी नेपाल स्थानीय साझेदारों मिडवेस्ट यूथ यूनिफिकेशन सेंटर (एमवाययूसी, नेपाल) और पीपुल्स अवेयरनेस फॉर रूरल डेवलपमेंट सेंटर (पीएआरडी नेपाल) द्वारा किए जाने वाले तालमेल के समन्वय के लिए उत्तरदायी है. बीएसपी नेपाल सरकारी स्तर पर और सूक्ष्म वित्त संस्थानों के साथ तालमेल और निगरानी के लिए भी जवाबदेह है. इसके अलावा वह परियोजना को राष्ट्रीय बायोगैस कार्यक्रम से जोडऩे के लिए भी उत्तरदायी है.
- अन्य साझेदार: एसआईएमएवीआई
- अन्य साझेदारों की भूमिकाएं और जवाबदेहियां: एसआईएमएवीआई इस परियोजना को वित्तीय मदद प्रदान करती है.
विवरण
लक्ष्य
- समुदायोंं और क्षेत्र की सहायता करने वाली एजेंसियों मसलन नागरिक समाज संगठन और स्थानीय सरकारी निकाय आदि को बढ़ावा देना कि वे जलापूर्ति और सफाई योजनाओं का प्रबंधन,परिचालन और देखरेख करें. या फिर वे इसके लिए स्थायी बुनियादी ढांचा विकसित करें.
- जल उपलब्ध कराने के लिये 3आर उपायों का क्रियान्वयन
- बेहतर साफ सफाई के साथ स्वास्थ्य एवं आजीविका स्तर में सुधार, साथ ही बढिय़ा खाद्यान्न उत्पादन.
- आरडब्ल्यूएच के एमयूएस के जरिए आय अर्जन और उद्यमिता कौशल के जरिए मान में इजाफा.
गतिविधि
- पहचान, चयन, प्राथमिकता, आधार/ व्यवहार्यता / विस्तृत अध्ययन
- घरेलू स्तर पर 58 आरडब्ल्यूएच व्यवस्था का निर्माण
- स्कूलों में दो संस्थागत / सामुदायिक आरडब्ल्यूएच
- आरडब्ल्यूएच बनाने वालों का प्रशिक्षण
- सफाई और स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम / जलधारण स्तर पर प्रशिक्षण
- शौचालयों की स्थापना
- अंशधारकों के साथ बैठक, तालमेल और संबंध कायम करना
- ड्रिप सिंचाई, प्लास्टिक के तालाब और अन्य कम लागत वाली उचित तकनीक के लिए सहयोग
- एकीकृत बायोगैस
- बायोगैस घटक के लिए जागरूकता कार्यक्रम
- परिचालन और रखरखाव संबंधी प्रशिक्षण
- अवशिष्ट से उर्वरक बनाकर आय कमाने का प्रशिक्षण
- निगरह्वानी
फाइनेन्शियल, इंन्स्टीट्यूशनल, इन्वायरोमेंटल, टेक्नॉलॉजिकल एंड सोशल सस्टेलबिलिटी (एफआईईटीएस)
इस प्रयोग में डब्ल्यूएएसएच सेवाओं के फाइनेन्शियल, इंन्स्टीट्यूशनल, इन्वायरोमेंटल, टेक्नॉलॉजिकल एंड सोशल सस्टेलबिलिटी (एफआईईटीएस) मॉडल का प्रयोग किया गया.
वित्तीय: बीएसपी-नेपाल ने पहले भी वर्षा जल संरक्षण कार्यक्रमों में सूक्ष्म वित्त संस्थानों के साथ काम किया है. उनके ज्ञान और नतीजों का अनुकरण इस परियोजना स्थल पर भी किया जाएगा. इसमें वित्तीय स्थायित्व भी शामिल है. आय अर्जन के अवसरों को भी तलाशा जाएगा.
'संस्थागत: जिन क्षेत्रों में काम हो रहा है वे वी-डब्ल्यूएएसएच सीसी और डी-डब्ल्यूएएसएच सीसी से करीबी तालमेल में हैं. जल प्रबंधन समितियों का गठन किया गया है और योजना, परिचालन और रखरखाव में प्रशिक्षित किया गया है. परियोजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए बीएसपी नेपाल ने बिक्री उपरांत सेवा का इंतजाम भी किया है. वर्षा जल संरक्षण व्यवस्था का स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय सेवा प्रदाताओं और इस्तेमाल करने वालों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था है.
पर्यावरण संबंधी: पर्यावरण संबंधी: पर्यावरण संबंधी स्वच्छता और जलवायु परिवर्तन की दिक्कतों से निपटने की दिशा में काम किया जाएगा. आरडब्ल्यूएच और 3आर प्रारूप उपलब्ध पानी के समुचित इस्तेमाल और उसके दोबारा इस्तेमाल के किफायती तरीके सुझाते हैं जिससे भविष्य के लिए पानी सुनिश्चित होता है और जलवायु परिर्वन के प्रभाव से निपटने में लचीलापन सामने आता है. रेन-आरएआईएन कार्यक्रम विविध इस्तेमाल व्यवस्था (एमयूएस) गतिविधियों को अंजाम देने पर ध्यान केंद्रित करता है. इसमें खराब पानी का इस्तेमाल और बायोगैस से उत्पन्न गंदगी का उत्पादक कार्यों में इस्तेमाल किया जा सकता है.
तकनीकी: आरडब्ल्यूएच व्यवस्था, बायोगैस, ड्रिप सिंचाई आदि इस परियोजना की कुछ प्रमुख खासियत हैं.इन तकनीकों में बदलाव और सुधार लाने के लिए देशी ज्ञान का प्रयोग किया जाएगा.
सामाजिक: यह परियोजना लैंगिक और सामाजिक समानता पर ध्यान केंद्रित करेगी. उपयोगकर्ता समूह में महिलाओं के 33 प्रतिशत हिस्से को और वंचित वर्ग के प्रतिनिधित्व को बढ़ावा दिया जाएगा.
स्वॉट विश्लेषण
SWOT analysis (परियोजना की मजबूती, कमजोरी, अवसरों और जोखिमों का विश्लेषण):
मजबूती
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Weaknesses:
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Opportunities:
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Threats:
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Current situation | Expected results | Actual results | |
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Water supply | Absence of pipe-line water supply and springs, no potentials of borewell | Rooftop rainwater harvesting and small-scale gravity flow schemes | |
MUS | High dependence on in situ rainwater for agriculture and cattle watering | Rainwater and waste water harvesting for irrigation | |
3R | Drying up of existing streams | Spring source conservation and infrastructure improvements; ground water recharge for mid-hill source | |
Business development | Subsistence agriculture | Crop diversification and possibly surplus production |
Outputs
- Total number of people: 1165 (direct beneficiaries water infrastructure)
- Type of target group (social / cultural): marginal and Dalit
- Economic status: poor
- Current economic activities: subsistence agriculture, small sale cattle keeping
- Type(s) of water harvesting: roof water harvesting
- Type(s) of storage system(s): rainwater jars (<10 m3) and underground tanks (>60m3)
- Number of systems: 58 rainwater jars (<10 m3), 2 underground tanks (>60m3)
- Number of systems at household level: 58
- Number of systems at schools: 2