वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / छत वर्षाजल संचयन

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A rainwater capture system from a small household. Photo: Jalvardhini Pratishthan.

वर्षाजल संचयन का सुझाव घरों और स्कूलों आदि भवनों के लिए दिया जाता हैं, जहां वर्षाजल का संग्रहण जमीन के भीतर या बाहर वाली टंकियों में किया जा सकता है, ताकि बाद में इसका इस्तेमाल किया जा सके. पानी के संग्रह का एक तरीका छत पर वर्षाजल संचयन है, यह किसी भी सुयोग्य छत पर की जा सकती है, फिर चाहे वह- टाइल्स वाले हों, मेटलशीट वाले या प्लास्टिक के, लेकिन यह घास या खजूर के पत्तों वाली छतों पर नहीं किया जा सकता- क्योंकि ये सब वर्षाजल की धारा के लिए अवरोध के रूप में काम करते हैं, गटर और नीचे गिरने वाले पाइप (लकड़ी, बांस, लोहा या पीवीसी बने) के सहारे इन्हें जमा किया जाता है, ताकि घरवालों को उच्च गुणवत्ता वाला पेयजल उपलब्ध हो सके. छत आधारित वर्षाजल संचयन तंत्र के तहत 500 क्यूबिक मीटर वाला भूतल संग्रह टैंक भी हो सकता है, जिसकी मदद से पूरे समुदाय को सहायता उपलब्ध कराई जा सके या एक बाल्टी के जरिये भी हो सकता है जिसे छत के नीचे बिना गटर के सहारे के खड़ा कर दिया गया हो. वर्षाजल संचयन के तंत्र का इस्तेमाल काफी प्राचीन काल से होता रहा है और सभी बड़ी सभ्यताओं में इसके उदाहरण मिलते हैं.

परिचय

कई मामलों में, भूजल की उपलब्धता पेयजल के रूप में नहीं होती. भूजल काफी गहराई पर उपलब्ध होता है, यह आर्सेनिक या लवण जैसे खनिज और रसायन से प्रदूषित होता है, सतही जल भी विष्ठा या रसायन से दूषित हो सकता है. ऐसे मामलों में वर्षाजल संग्रहण एक प्रभावी और कम लागत वाला समाधान साबित हो सकता है.

वर्षाजल के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह आपकी अपनी छत पर गिरता है और लगभग बेहतर गुणवत्ता में उपलब्ध होता है. कई अध्ययनों से जाहिर हुआ है कि ढंग से ढके और देखभाल किये हुए रूफटॉप टैंक का पानी पेयजल की गुणवत्ता के मानकों पर खरा उतरता है. यह घरों, स्कूलों, सामुदायिक भवनों और अस्पतालों को पेयजल और घरेलू इस्तेमाल के लिए तथा दूसरी आय से जुड़ी गतिविधियों के लिए पानी के मामले में सक्षम बनाता है.

यह आपको "बिना चले पानी पाने" की विलासिता उपलब्ध कराता है, पानी ढोकर लाने के परिश्रम से मुक्ति दिलाता है, खास तौर पर महिलाओं और बच्चों को. साफ पानी के 20 लीटर का हर बरतन स्वच्छ जल के निकटवर्ती स्रोत से एक किमी लंबी यात्रा की बचत कर देता है, और खास तौर पर ठंड, भींगे और फिसलन भरे मौसम में इस तरह का काम काफी अरुचिकर होता है, ऐसे में यह छोटी सी मात्रा भी काफी महत्वपूर्ण साबित होती है. युगांडा और श्रीलंका में, वर्षाजल पारंपरिक रूप से पेड़ों, केले के पत्तों और तनों के अस्थायी नलियों से इकट्ठा किया जाता है. यह सुविधा वहां बारिश वाले इलाके के हर घर में उपलब्ध है, फिर चाहे वह पहाड़ की चोटी पर बना हो या समुद्री टापू पर.

दूसरा विकल्प विभिन्न स्रोतों से पानी का इस्तेमाल करना है. पानी चाहे वह खारा हो या आर्सेनिक युक्त उसका इस्तेमाल नहाने-धोने और शौच के लिए आराम से किया जा सकता है. उच्च गुणवत्तायुक्त वर्षाजल को टैंक में सुरक्षित रखकर उसे पीने और खाना पकाने में इस्तेमाल किया जाता है.

सुविधाजनक परिस्थितियां

वर्षाजल संचयन के लिए कम से कम सालाना 100 से 200 मिमी. बारिश की जरूरत होती है. लैटिन अमेरिका के कई इलाकों में हर साल लगभग 500 मिमी. बारिश होती है.

यह तब भी सुविधाजनक होता है जब छतें छोटी हों. उदाहरण के लिए 5X6 मीटर (इसे 30 स्क्वायर मीटर कहा जा सकता है) वाले घर, 500 मिमी. सालाना बारिश के साथ, 15 हजार लीटर पानी प्राप्त करता है, यह मात्रा पांच लोगों के परिवार के लिए पर्याप्त है.


अनुकूल परिस्थिति प्रतिकूल परिस्थिति
- लगभग हर मौसम में मुमकिन

- अगर तंत्र की संरचना ठीक हो और उसका प्रबंधन ठीक से किया जाये तो वर्षाजल सामान्यतः पेयजल की गुणवत्ता वाला होता है.

- सूखे मौसम में भंडार को ब्रिज करने की जरूरत होती है

वातावरण के बदलाव का लचीलापन

सुखाड़

सुखाड़ का प्रभाव: जल भंडार का खाली हो जाना.
प्रभाव के अंतर्निहित कारण: बारिश की कमी; निर्माण की गड़बड़ियों की वजह से रिसाव; मांग के अनुरूप भंडार का पर्याप्त न होना – टैंक के काफी महंगे होने के कारण सूखे मौसम में पानी की मात्रा घट जाना.
वाश सिस्टम का लचीलापन बढ़ाना: छोटी टंकियों को बढ़ावा देना क्योंकि वे आसानी से बनाये, ढके और देखभाल किये जा सकते हैं, ये परिवारों के बजट के अनुकूल होते हैं; निर्माण की गड़बड़ी व अन्य कारणों की वजह से होने वाला रिसाव भी इसमें कम होता है; कंक्रटिंग के सही दिशानिर्देश का पालन करना(सीमेंट पर सुखाड़ के प्रभाव को देखें, नीचे); टंकियों का निर्माण कम गुणवत्ता वाली सामग्रियों से करना और बार-बार उसकी मरम्मत कराना; टंकियों की संरचना ऐसी बनवाना कि वह डेड स्टोरेज के लिए कोई जगह न हो; यह सुनिश्चित करना कि जलग्रहण क्षेत्र खुद प्रभावी हो (जैसे नालियां); सूक्ष्म-वित्त तक पहुंच को बेहतर बनाना; सरकार या निजी क्षेत्र की मदद करना ताकि वे टंकी निर्माण योजना के लिए धन उपलब्ध करा सकें.

सीमेंट की टंकियों पर सुखाड़ का प्रभाव

सुखाड़ का प्रभाव: बुरी तरह तैयार कंकरीट और दरारें (उदाहरण के लिए टंकियां, बांध, जलप्रवाह, कुएं और अन्य संरचनाएं).
प्रभाव की मूलभूत वजहें: संसाधन के लिए कम पानी का इस्तेमाल; मिलाने के लिए अशुद्ध पानी का इस्तेमाल.
वाश तंत्र के लचीलेपन को बढ़ाना: समुचित मिश्रण, अनुपात, सामग्रियों की शुद्धता, मिश्रण के लिए न्यूनतम जल को सुनिश्चित करना, समुचित संसाधन उपलब्ध कराना.

सुखाड़ प्रबंधन के लिए अधिक जानकारियां: Resilient WASH systems in drought-prone areas.
सुखाड़ के मद्देनजर सीमेंट का निर्माण: Concrete production and drought.

निर्माण, संचालन एवं रख-रखाव

Rooftop catchment. Drawing: WHO.

जलग्रहण एवं भंडारण टंकियां

जल के प्रवाह में रुकावट विभिन्न तरीकों से आ सकती है. जलग्रहण के विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे छत पर जलग्रहण, फर्श पर जलग्रहण, सतह पर जलग्रहण और नदी के बेड पर जलग्रहण. इनमें से सबसे सस्ता भंडारण है धरातल पर भंडार, एक तकनीक जिससे भूजल को रिचार्ज किया जाता है. इसमें वर्षाजल को धरती में प्रवेश कराया जाता है. इससे स्थानीय तौर पर भूजल का स्तर बेहतर हो जाता है और पानी को जब चाहे पंप करके निकाला जा सकता है. इससे पानी का लेबल एक छोटे से इलाके में बढ़ता है या बड़े इलाके में यह मिट्टी की स्थितियों पर निर्भर करता है.

अगर भंडारण टंकी का निर्माण करा रहे हैं कि फेरोसीमेंट या ब्रिक सीमेंट सबसे सस्ता और बेहतर विकल्प होते हैं और वे स्थानीय स्तर पर भी बनाये जा सकते हैं. जब पानी की टंकी धरातल से नीचे है तो इसे एक हौज कहा जाता है. विभिन्न भंडारों के प्रकार में underground tank, ferrocement tank, plastic-lined tank, आदि हैं. टंकी का आकार लागत, पानी के इस्तेमाल की आवश्यकता, सुखाड़ के मौसम का अंतराल आदि पर निर्भर करता है. ऐसा सुझाव है कि बड़ी टंकी बनवाने से पहले एक बार छोटी टंकी बनवाकर देख लेना चाहिये. भंडारण टंकियों को जरूरत के हिसाब से पंप से भी भरा जा सकता है. कई दफा भंडारण टंकियों से पंप के जरिये पानी ऊपर भी लाया जाता है, उदाहरण के लिए rope pump या deep well pump, के जरिये, जिनसे पानी को 30 मीटर तक ऊपर लाया जा सकता है.

पानी को स्वच्छ रखना

छत वाला वर्षाजल अमूमन बेहतर गुणवत्ता युक्त होता है और इसके किसी भी तरह के परिशोधन की जरूरत नहीं होती. अगर घर पर चिमनी हो मुमकिन है कि पानी में धुएं का अंश आ जाये. इसलिए ऊंची चिमनी बनाने की सलाह दी जाती है. पानी छत की नालियों के सहारे इकट्ठा की जाती है, ये पीवीसी, बांस आदि की बनी होती है, फिर इनका भंडारण किया जाता है. पानी की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए सबसे जरूरी चीज है बेहतर आच्छादन, रोशनी और कीड़ों से दूर रखना और एक फिल्टर लगाना, हर तरह के धूलकण से बचाना. कंकरीट का बना ढक्कन टंकी को हर तरह के प्रदूषण से बचाता है, टंकियों में अगर छोटी मछलियां डाल दी जायें तो यह कीड़े-मकोड़ों से सुरक्षा करती है.

एक फाउल-फ्लश यंत्र या अलग होने वाला पाइप भी लगाया जा सकता है ताकि अंधड़ की वजह से आने वाले पहला 20 लीटर पानी स्टोरेज टंकी में जाने से रोका जा सके. क्योंकि यह पानी अमूमन धूलकण, पत्तों, कीड़ों और चिड़ियों के मल से युक्त होता है. इस तरह के गंदे पानी को टंकी में जाने से रोकने के लिए बालू, कंकड़ के फिल्टर का इस्तेमाल किया जा सकता है, फिल्टर को टंकी में जाने से पहले भी लगाया जा सकता है या छत पर जलग्रहण नालियों के पास भी लगाया जा सकता है. जहां इस तरह का संयंत्र न हो वहां उपयोगकर्ता को खुद हर बारिश के पहले 20 लीटर पानी को टंकी में जाने से रोककर कहीं और बहा देना चाहिये या इस्तेमाल कर लेना चाहिये.

EMAS शुद्धिकरण संयंत्र

वर्षाजल संग्रहण इकाई से जुड़े दो मकान, फिर एक टोटी जो टंकी से निकली हुई है. फोटो: Insieme Si Puo' अफ्रीका में

वर्षाजल संचयन के लिए इस्तेमाल होने वाले EMAS तंत्र में विभिन्न EMAS तकनीकों के अतिरिक्त कुछ सामान्य उपकरणों का इस्तेमाल वर्षाजल को पीने लायक जल बनाने में किया जाता है. अगर छतवाला वर्षाजल इस्तेमाल किया जाता है, तो यह एक स्थायी नाली के जरिये संग्रहित किया जाता है. पानी को साफ करने के लिए नाली के निचले हिस्से पर एक घड़ा या फैरोसीमेंट टंकी रखा जाता है, जिसमें पानी बाहर निकालने के लिए एक पाइप जुड़ा होता है. घड़े के कोर पर सिंथेटिक कपड़े की एक थैली बंधी होती है, इसे लोहे या तार से बांधा जाता है, यह किनारे के चारो ओर बंधी होती है. इस थैली को हर तीन महीने में साफ करना होता है.

जैसे ही पानी जमा होने लगता है, अत्यधिक मात्रा में कचड़ा जमा होने से रोकने के लिए पहले कुछ मात्रा में पानी को हटा दिया जाता है, जिसमें अधिकतर कचड़ा ही होता है. इसके बाद पानी को सीधे EMAS Cistern में भेजा जा सकता है. छत के आकार के आधार पर भंडारण के लिए कई टंकियां बनायी जा सकती हैं. एक बार में पानी बाहर लाने वाले पाइप एक टंकी को जोड़ा जाना चाहिये. यहां से पानी को पंप करके नियमित EMAS पंप के जरिये वितरित किया जाना चाहिये. पंप को घर के आसपास के टैंक और नलों से भी जोड़ा जा सकता है.

रख-रखाव

एक महीने से लंबे चलने वाले हर सुखाड़ की अवधि में इस तंत्र की जांच और साफ सफाई की जानी चाहिये. धातु की टंकियों की बाहरी सतह की साल में कम से कम एक बार रंगाई की जानी चाहिये. रिसाव की मरम्मत पूरे साल की जानी चाहिये, खासकर रिसती टंकियां ओर नलों को, क्योंकि इससे सेहत पर खतरा उत्पन्न हो सकता है. पानी का क्लोरीनेशन भी आवश्यक है.

नालियों और छत से घास-फूस और काइयों को हटाना भी आवश्यक है ताकि नालियां जाम न हो जायें. टैंक के रख-रखाव में भौतिक जांच और दरारों को सीमेंट से भरना भी शामिल है. कई अध्ययनों से साबित हुआ है कि बेहतर रख-रखाव वाली और ढकी हुई टंकियों का पानी पेयजल की गुणवत्ता के मानकों पर खरा उतरता है.

पहले साल पानी की आधारभूत गुणवत्ता की जांच की सलाह दी जाती है, इसके अलावा जब भी कोई शक हो पानी की जांच करा लेनी चाहिये. ‘HACH’ जांच एक कम लागत वाला जांच है, इसमें सिर्फ US$1 प्रति जांच का खर्च आता है. अगर प्रदूषण की आशंका हो या पानी की गुणवत्ता की गारंटी की जरूरत हो तो पानी का उपचार कई तरीकों से किया जा सकता है.

साझी छतें

साझी छतों में संचालन और रख-रखाव काफी चुनौतीपूर्ण होता है. स्कूलों के छत वाले जल संचयन तंत्र में उदाहरण के लिए पानी की टोटी खुली रह सकती है. ऐसे में पानी आपूर्ति पर नियंत्रण के लिए ताले का इस्तेमाल जरूरी हो जाता है. आदर्श रूप में एक व्यक्ति को नियमित साफ-सफाई, रख-रखाव, मरम्मती और पानी के इस्तेमाल पर नियंत्रण आदि की जिम्मेदारी दी जा सकती है. एक तरीका यह भी है कि पानी को बेचा जाये, जिससे रख-रखाव और संचालन का खर्चा निकल सके. जहां कई परिवारों ने एक सामुदायिक तंत्र स्थापित किया हो (उदाहरण के तौर पर जहां कई छतों का पानी एक टंकी में जमा होता हो) वहां उपयोगकर्ता एक जल समिति का गठन कर सकते हैं जो प्रबंधन, संचालन और रख-रखाव की गतिविधियों को अंजाम दे. इन गतिविधियों में शुल्क जमा करना और केयरटेकर के काम को नियंत्रित करने और हर परिवार को कितना पानी दिया जाये यह सुनिश्चित करना शामिल हो सकता है. निम्न संचालन एवं रख-रखाव प्रक्रिया में बाहरी एजेंट भी निम्न क्षेत्रों में भूमिका निभा सकते हैं :
— तंत्र की स्थिति और पानी की गुणवत्ता की निगरानी;
— तंत्र की पुनर्स्थापना और खरीद के लिए ऋण सुविधा उपलब्ध कराना;
— प्रबंधन एवं संचालन व रख-रखाव के लिए उपयोगकर्ता व केयरटेकर को प्रशिक्षण देना;
— स्थानीय कारीगरों को बड़ी मरम्मत के लिए प्रशिक्षित करना .

Chart: WHO. 1

संभावित समस्याएं

  • धात्विक छत, नालियों का क्षय होना, आदि.;
  • रख-रखाव की कमियों की वजह से फाउल-फ्लश का नाकाम हो जाना.;
  • जलाशय का टेप लीक करना और हैंड पंप में खराबी आना;
  • बिना ढकी हुई टंकियों में प्रदूषण, खास तौर पर जहां पानी रस्सी या बाल्टी से निकाला जाता हो.;
  • असुरक्षित टंकियों में मच्छरों का अंडा देना, जिससे वेक्टर आधारित रोगों का खतरा बढ़ जाता है. ;
  • तंत्र का पेयजल की मांग को पूरा न कर पाना, साल के कुछ खास समयावधि में, जिससे कि दूसरे स्रोत का निर्माण या फिर से पारंपरिक स्रोत की तरफ जाना पड़ता हो;
  • आवश्यक वित्तीय निवेश उपलब्ध न हो पाना- परिवार या समुदाय का एक उपयुक्त टंकी और समुचित छत तैयार न कर पाना.

लागत

लागत की तुलना

  • Brick cement tank 6 m3 वाला : 3 सीमेंट की बोरी, 300 ईटें, 3 किलो तार US$ 40
  • Brick cement tank 1 m3 वाला: 1 सीमेंट की बोरी, 100 ईटें, 1 किलो तार US$ 20
  • Plastic-lined tank 5 m3 वाला: US$ 50
  • उप-धरातल ferro-cement tank 60 m3 वाला: US$ 1,900 प्रति घन मीटर के हिसाब से जितनी बड़ी टंकी बनवायेंगे, सामग्रियों की जरूरत उतनी कम होगी (और इस हिसाब से लागत भी).

दक्षिण अफ्रीका में, 11 m लोहे की नाली वाले US$ 320 वाले तंत्र में ; 1.3 m3 लोहे की टंकी ; नीचे के पाइप वाली ; टेप और फिल्टर ; परिवहन की लागत शामिल नहीं. जहां छतें जल संचयन के लिए उपयुक्त न हो, छत को उस लायक बनाने की लागत अतिरिक्त है और इसमें शामिल नहीं की गयी है. यह लागत US$ 4 प्रति m2 (केन्या में सब्सिडी मिलती है) से US$ 12 प्रति m2 तक है. 1

Field experiences

  • Rainwater harvesting is a technology which is extremely flexible and adaptable to a wide variety of settings, it is used in the richest and poorest societies on the planet, and in the wettest and driest regions of the world.
  • In Ocara, Brazil, rainwater tanks have been constructed of concrete blocks.
  • A low-cost option is the brick cement tank, used in for example Nicaragua and Ghana.

Akvo RSR projects

The following projects utilize rooftop rainwater harvesting.

Akvorsr logo lite.png
RSR Project 790
WaSH program in
Rural Bangladesh
RSR Project 440
Raising awareness on rainwater harvesting
RSR Project 2618
Rainwater for Green Schools Initiative
RSR Project 107
Rainwater harvesting in Guinee Bissau


Manuals, videos, and links

Manuals

Videos

Rainsong video
Rainwater Harvesting Nepal,
by BSP-Nepal
Combating fluorosis -
Harvesting rooftop rainwater
Rainwater harvesting,
Pushpam Singh
Rooftop rainwater -
Bangalore rural district

External links

References

  1. 1.0 1.1 Brikke, François, and Bredero, Maarten. Linking technology choice with operation and maintenance in the context of community water supply and sanitation: A reference document for planners and project staff. World Health Organization and IRC Water and Sanitation Centre. Geneva, Switzerland 2003.

Acknowledgements