Difference between revisions of "वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / कजियादो, केन्या - 3आर और एमयूएस"
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− | + | यह प्रयोग इस क्षेत्र की सबसे अहम समस्या को संबोधित करता है. वह यह कि कैसे पशुओं के लिए पानी की उपलब्धता को स्थाायित्व प्रदान किया जाए और चारागाहों की स्थिति में सुधार किया जाए. जब बारिश होती है तो पशुओं और चारागाहों के लिए पानी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है. लेकिन जब सूखे का मौसम आता है तो मसाइयों के लिए दिक्कतों की शुरुआत होती है. ऐसे में हम उन ऊंचे पहाड़ी इलाकों में सामान्य कम ऊंची दीवारें बनाने की कोशिश करते हैं. ताकि भूजल तक पहुंच को स्थायित्व प्रदान किया जा सके और चारागाह वाले इलाकों को दोबारा हराभरा बनाया जा सके. | |
− | ==== | + | ====सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक परिस्थितियां==== |
− | + | कजियादो सेंट्रल कृषि और चारागाह का उभरता हुआ क्षेत्रीय केंद्र है. इस क्षेत्र में प्रमुख तौर पर मसाई समुदाय के लोग रहते हैं. यह समुदाय सांस्कृतिक तौर पर अपने पालतु पशुओं के लिए बहुत उच्च भावना रखता है. बहरहाल, बड़े निकायों द्वारा भूजल का दोहन कर लिए जाने के कारण घरेलू जलापूर्ति के लिए पानी कम बचता है खासतौर पर मसाई बहुल इलाके में. | |
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− | + | कजियादो सेंट्रल की विशेषता हैं मैदान, ज्वालामुखी वाले पहाड़ और गहरी पहाड़ी मिट्टी वाली घाटियां. इनको बारिश के मौसम में तेज बहाव के लिए जाना जाता है. यह परियोजना एक छोटे पहाड़ के मुहाने पर स्थित है जहां | |
+ | बरसात के दो सालाना मौसमों के दौरान बहुत अधिक मात्रा में पानी बहता है. इस परियोजना का उद्देश्य है उस पानी को जलधाराओं में मिलकर विलुप्त हो जाने से पहले एकत्रित करने का. इस पानी का इस्तेमाल भूजल रिचार्ज और उसे सतह पर भंडारित करने में किया जाता है. | ||
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− | + | इस प्रयोग का लक्ष्य है रॉक बॉटम तकनीक के अवसरों को सामने लाना. यह एक साधारण तकनीक है जिसका क्रियान्वयन बहुत कम कौशल और स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री की मदद से किया जा सकता है लेकिन इसका समूचे परिदृश्य पर अत्यंत सकारात्मक प्रभाव होता है. अत्यंत कम बजट वाली यह तकनीक अपनी तरह की इकलौती तकनीक है जो अत्यंत कम लागत पर पानी और घास दे सकती है और जिसका आसपास अनुकरण भी किया जा सकता है. यह मसाई तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान के रूप में एक बेहतरीन प्रशिक्षण स्थल भी मुहैया कराता है. | |
===Location and partners=== | ===Location and partners=== |
Revision as of 18:24, 1 December 2015
केन्या के कजियादो कस्बे में सासोल फाउंडेशन, आईसीआरएएफ और मसाई तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र (एमटीटीआई) एक परियोजना का क्रियान्वयन करेंगे ताकि खाद्य सुरक्षा में वर्षा जल संरक्षण की भूमिका का प्रदर्शन और इस पर शोध किया जा सके. इस काम में मोटे तौर पर 3आर तकनीक (रिचार्ज, रिटेंशन और रियूज यानी रिचार्ज, पानी का बचाव और दोबारा इस्तेमाल) का प्रयोग किया जाएगा.
यह परियोजना प्रशिक्षण संस्थान के परिसर के निकट एक खास स्थान पर स्थित है जहां आमतौर पर पथरीली मिट्टी और बालू है. परियोजना में खाद्य सुरक्षा के लिए वर्षा जल संरक्षण की संभावनाओं पर गौर किया जाएगा. इस सिलसिले में कई चकबांध बनाए जाएंगे ताकि चारागाहों और पशुओं की जरूरत के लिए पानी उपलब्ध कराया जा सके. मसाई तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान के छात्रों को इस बात का प्रशिक्षण दिया जाएगा कि वे बहने वाला पानी एकत्रित करने के लिए साधारण ढांचे बनाएं. एक सामान्य तकनीक से कुएं का पानी पशुओंं तथा मनुष्यों दोनों को उपलब्ध कराया जा सकता है. सैटेलाइट इमेजरी तकनीक की मदद से संभावित पौधरोपण सुधार का दस्तावेजीकरण किया जाना है. इस परियोजना का लक्ष्य है शोध और परिणाम के जरिए लोागों के अहम समूह को 3आर प्रारूप से जोडऩा.
Contents
परियोजना अवधि: अप्रैल 2013 से जुलाई 2015
प्राथमिक चुनौतियां
वर्तमान परिस्थिति
यह प्रयोग इस क्षेत्र की सबसे अहम समस्या को संबोधित करता है. वह यह कि कैसे पशुओं के लिए पानी की उपलब्धता को स्थाायित्व प्रदान किया जाए और चारागाहों की स्थिति में सुधार किया जाए. जब बारिश होती है तो पशुओं और चारागाहों के लिए पानी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है. लेकिन जब सूखे का मौसम आता है तो मसाइयों के लिए दिक्कतों की शुरुआत होती है. ऐसे में हम उन ऊंचे पहाड़ी इलाकों में सामान्य कम ऊंची दीवारें बनाने की कोशिश करते हैं. ताकि भूजल तक पहुंच को स्थायित्व प्रदान किया जा सके और चारागाह वाले इलाकों को दोबारा हराभरा बनाया जा सके.
सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक परिस्थितियां
कजियादो सेंट्रल कृषि और चारागाह का उभरता हुआ क्षेत्रीय केंद्र है. इस क्षेत्र में प्रमुख तौर पर मसाई समुदाय के लोग रहते हैं. यह समुदाय सांस्कृतिक तौर पर अपने पालतु पशुओं के लिए बहुत उच्च भावना रखता है. बहरहाल, बड़े निकायों द्वारा भूजल का दोहन कर लिए जाने के कारण घरेलू जलापूर्ति के लिए पानी कम बचता है खासतौर पर मसाई बहुल इलाके में.
प्रायोगिक परिदृश्य
कजियादो सेंट्रल की विशेषता हैं मैदान, ज्वालामुखी वाले पहाड़ और गहरी पहाड़ी मिट्टी वाली घाटियां. इनको बारिश के मौसम में तेज बहाव के लिए जाना जाता है. यह परियोजना एक छोटे पहाड़ के मुहाने पर स्थित है जहां बरसात के दो सालाना मौसमों के दौरान बहुत अधिक मात्रा में पानी बहता है. इस परियोजना का उद्देश्य है उस पानी को जलधाराओं में मिलकर विलुप्त हो जाने से पहले एकत्रित करने का. इस पानी का इस्तेमाल भूजल रिचार्ज और उसे सतह पर भंडारित करने में किया जाता है.
प्रथमिक लक्ष्य
इस प्रयोग का लक्ष्य है रॉक बॉटम तकनीक के अवसरों को सामने लाना. यह एक साधारण तकनीक है जिसका क्रियान्वयन बहुत कम कौशल और स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री की मदद से किया जा सकता है लेकिन इसका समूचे परिदृश्य पर अत्यंत सकारात्मक प्रभाव होता है. अत्यंत कम बजट वाली यह तकनीक अपनी तरह की इकलौती तकनीक है जो अत्यंत कम लागत पर पानी और घास दे सकती है और जिसका आसपास अनुकरण भी किया जा सकता है. यह मसाई तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान के रूप में एक बेहतरीन प्रशिक्षण स्थल भी मुहैया कराता है.
Location and partners
- Location: Kajiado central, Kajiado town
- Main partners: SASOL, Masai Technical Training Institute, ICRAF
- Role and responsibility of main partner: SASOL will organise the pilot with MTTI. They will negotiate the terms of reference with them and start construction. MTTI will use the site as demonstration. They will also maintain it and use it for fieldtrips.
- Other partners: ICRAF, MTTI
- Role and responsibilities of other partners: ICRAF will document the current situation, the changes that took place and train people on the kind of approach.
Description
Objectives
- Demonstrate the potential of low tech interventions in rainwater harvesting for Kajiado landscape.
- Make students of MTTI acquainted with the ideas of 3R and train them on dam construction (?)
- Provide a permanent reference for interested organisations to visit.
- Provide detailed proof of the changes in landscape that can be seen through this intervention.
गतिविधियां
- आरएआईएन ने सासोल से संपर्क किया ताकि गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा सके और उनको स्थानीय स्तर पर सुसंगत बनाया जा सके. (अप्रैल 2013).
- सासोल को एक विस्तृत विनिर्माण योजना तैयार करनी है और एमटीटीआई के साथ शर्त और बातचीत तय करनी है. उसके बाद वे आगे की प्रक्रिया पर एमटीटीआई के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर करेंगे. (मई 2013)
- आईसीआरएएफ परियोजना स्थल के परिदृश्य को लेकर आधार तय करेगा और ऐसी परिस्थितियों का दस्तावेजीकरण करेगा जो हस्तक्षेप करने के काबिल न हों. वे एक शुष्क सत्र में ऐसा करेंगे और दूसरी बार ठंड और बारिश के मौसम में (मई 2013 और अक्टूबर 2013) इस काम को अक्टूबर 2014 और मई 2015 में दोहराया जाएगा. उसके बाद निष्कर्षों को प्रकाशित किया जाएगा.
- सासोल स्थान चयन के साथ समन्वय करेगा निर्माण कार्य जून 2013 में निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा.
- एमटीटीआई भवन सुविधा के अलावा इस काम को अपने पाठ्यक्रम में स्थान देगा (सितंबर, अक्टूबर और नवंबर 2013).
- एमटीटीआई पहुंच वाले प्लॉट के मालिक के साथ-साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगा. (अप्रैल-मई 2013)
FIETS
This pilot uses the F.I.E.T.S. model of WASH services.
- Institutional: capacity strengthening of the local Masai Technical Training Institute and its students
- Environmental: by blocking the runoff valuable water will recharge the groundwater table. It will also be locally available to users for domestic and agricultural use. But more over, to potentially sustain natural vegetation in the area.
- Technical sustainability: Simple and low cost technology, easy to maintain
- Themes: 3R MUS, food security
- 3R and MUS: Water will recharge the groundwater table and be used for cattle and tree planting.
- Other themes: Strong focus on demonstration, documentation and research
SWOT analysis
Here is a SWOT analysis (Strengths, Weaknesses, Opportunities, and Threats) of the project:
Strengths:
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Weaknesses:
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Opportunities:
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Threats:
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Outputs
Target group
- Total number of people: yet to be established
- Type of group (social / cultural): Masai pastoralists and Kenyan students
- Economic status: very low income
- Current economic activities: pastoralism, education
Technical
- Type(s) of water harvesting: simple masonry dams
- Type(s) of storage system(s): in situ/ dams
- Number of systems: possibly 3 or 4 dams
- Number of systems at household level: possibly none
- Number of systems at community / multiple households level: one or several offtakes
- Number of systems at health centres: none
- Number of systems at schools: yes, one
Other examples
Provide a list of comparable projects including links to documents or websites:
- Kenyatta University, Kitui campus plans to going to establish a similar site, but with different technologies
- SASOL’s MPC South in Wiitu river Mutomo district (cascade of sand dams with greenhouse next to it)
- National Museums of Kenya Roofwater catchment demonstration site at Museum
Documents, videos and links
- SASOL Foundation and their Resource Library.