Difference between revisions of "वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / सतही जल / धारे के जल का संग्रहण"

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[[Image:springwater icon.png|right|80px]]
 
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| valign="top" | - धारे-चश्मे के पानी की गुणवत्ता बेहतर होती है और इसके परिशोधन की जरूरत नहीं होती <br>
 
| valign="top" | - धारे-चश्मे के पानी की गुणवत्ता बेहतर होती है और इसके परिशोधन की जरूरत नहीं होती <br>
 
- अगर गुरुत्वाकर्षण बल के सहारे काम किया जाये तो संचालन और रखरखाव का व्यय काफी कम हो जाता है, क्योंकि पंपिंग की जरूरत नहीं पड़ती  <br>
 
- अगर गुरुत्वाकर्षण बल के सहारे काम किया जाये तो संचालन और रखरखाव का व्यय काफी कम हो जाता है, क्योंकि पंपिंग की जरूरत नहीं पड़ती  <br>
| valign="top" | - - रबी के मौसम में पानी कम पड़ जाता है <br>
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| valign="top" | - रबी के मौसम में पानी कम पड़ जाता है <br>
 
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===Resilience to changes in the environment===
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===पर्यावरण बदलने पर धारा-चश्मा सूखने लगता है===
====Drought====
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====सुखाड़====
'''Effects of drought''':  Can dry up.<br>
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'''सुखाड़ का प्रभाव :''' सूख सकता है.<br>
'''Underlying causes of effects''': Less recharge of aquifer due to less rainfall; Size of aquifers limited; Increasing population and water demand.<br>
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'''इसकी वजहें : '''कम बारिश की वजह से एक्वीफर का कम पुनर्भरण; एक्वीफर का आकार सीमित होना; आबादी और पानी की मांग का बढ़ जाना.<br>
'''To increase resiliency of WASH system''': Improve flow by excavating carefully at spring eyes; A holding reservoir can be constructed to bridge peak demand, or a lined pond provides a way to store larger quantities during all the hours of flow; Design for dry season flow rates.
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'''वाश सिस्टम के तहत इससे मुकाबला करना :''' धारे-चश्मे की मुहाने की सावधानी से खुदाई करना; एक भंडारण तालाब बनाना ताकि अधिक मांग वाले समय में जरूरतों को पूरा किया जा सके, या बड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए तालाबों की कतार बनायी जा सकती है; इसे सुखाड़ के बहाव दर के अनुसार बनाया जा सकता है.
  
More information on managing drought: [[Resilient WASH systems in drought-prone areas]].
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सुखाड़ के प्रबंधन के लिए अधिक सूचनाएं : [[Resilient WASH systems in drought-prone areas | सुखाड़ वाले इलाके में रिसिलियेंट वाश सिस्टम]].
  
====Floods====
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====बाढ़====
Heavy surface flows may damage a spring box (that was poorly constructed) or its surrounding protections, and create more turbidity in the springwater.
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तेज बहाव स्प्रिंग बॉक्स को (अगर कमजोर बना हो तो) या इसके घेरे को क्षतिग्रस्त कर सकता है, और धारे-चश्मे के पानी में अधिक गंदलापन यानी टर्बिडिटी की मात्रा बढ़ जाती है.
  
===Construction, operation and maintenance===  
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===निर्माण, संचालन और रखरखाव===  
'''General advice on cement''':  A common cause of cracks in structures and linings (e.g. in tanks, dams, waterways, wells) is errors in mixing and applying the cement. First of all, it is important that only pure ingredients are used: clean water, clean sand, clean rocks. The materials have to be mixed very thoroughly. Secondly, the amount of water during mixing needs to minimal: the concrete or cement needs to be just workable, on the dry side even, and not fluid. Thirdly, it is essential that during curing the cement or concrete is kept moist at all times, for at least a week. Structures should be covered with plastic, large leaves or other materials during the curing period, and kept wet regularly.  
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'''सीमेंट पर सामान्य सुझाव :''' ढांचे में रेखाएं उभरने और दरार( जैसे, टैंक, बांध, जलवाहिनी और कुएं में) पड़ने की सामान्य वजह है सीमेंट का मिश्रण और उसे लगाना. पहली बात कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि शुद्ध सामग्रियों का ही इस्तेमाल किया जाये : साफ पानी, साफ बालू, साफ गिट्टी. इन सामग्रियों को भी सही तरीके से मिलाया जाये. दूसरी बात, मिलाते वक्त पानी की मात्रा न्यूनतम होनी चाहिये : कंकरीट या सीमेंट काम के लायक होने चाहिये, सूखे वाली तरफ भी, और गीलापन नहीं होना चाहिये. तीसरी बात, यह जरूरी है कि सीमेंट या कंकरीट को हमेशा नमीयुक्त रखना चाहिये, कम से कम एक हफ्ते के लिए. संरचना को प्लास्टिक, बड़े पत्ते या दूसरी चीजों से ढक कर रखना चाहिये, और उस पर हमेशा पानी देते रहना चाहिये.
  
'''Construct a spring''':
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'''स्प्रिंग बॉक्स का निर्माण :'''
[[Image:SpringBox2.jpg|thumb|right|200px| Click to zoom. A spring box with 1 side cut away, showing the inner mechanics. <br> Click image for details. Drawing: PACE, [https://www.dropbox.com/s/gbqab5grp8fsq96/Spring%20protection.pdf?dl=0%3Fdl%3D1 Spring protection].]]
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[[Image:SpringBox2.jpg|thumb|right|200px| जूम करने के लिये क्लिक करें. एक स्प्रिंग बॉक्स जो एक ओर से कटा हुआ है, जहाँ से अंदर का तंत्र साप दिखाई देता है. <br> विवरण के लिये चित्र पर क्लिक करें. रेखांकन: पेस, [https://www.dropbox.com/s/gbqab5grp8fsq96/Spring%20protection.pdf?dl=0%3Fdl%3D1 स्प्रिंग प्रोटेक्शन].]]
[[Image:SpringProtection_finished.jpg|thumb|right|200px|Click to zoom. A finished spring with a fence for protection. <br> Click image for details. Drawing: PACE, [https://www.dropbox.com/s/gbqab5grp8fsq96/Spring%20protection.pdf?dl=0%3Fdl%3D1 Spring protection].]]
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[[Image:SpringProtection_finished.jpg|thumb|right|200px|जूम करने के लिये क्लिक करें. पूरा बना हुआ एक स्प्रिंग, जिस पर बचाव के लिये दिवारें भी बनी हैं. <br> विवरण के लिये चित्र पर क्लिक करें. रेखांकन: पेस, [https://www.dropbox.com/s/gbqab5grp8fsq96/Spring%20protection.pdf?dl=0%3Fdl%3D1 स्प्रिंग प्रोटेक्शन].]]
  
A spring box (or spring protection only) is very easy and cheap to build. It can be adapted to different water sources by altering the design slightly.  
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एक स्प्रिंग बॉक्स(या धारे-चश्मे का केवल संरक्षण) बनाना बहुत आसान है और काफी सस्ता है. डिजाइन में थोड़ा सा बदलाव करके इसे कई जल स्रोतों के लिए उपयोग में लाया जा सकता है.
  
First you must clean the filter from any loose material (sticks, stones, garbage, etc) and dig out the mud so there is enough space. Then place one or more ferrocement tanks in the hole. The tanks have bore holes through which water flows in. Around the tank, build a filter of arranged large stones. This space is then filled with water and it serves as an additional reservoir. Then attach the guide pipe to the tank, into which the pump will later be placed.  
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पहले आपको किसी चीज(छड़ी, पत्थर, कचड़ा, इत्यादि) से फिल्टर को अवश्य साफ करना चाहिये और कीचड़ को खोद देना चाहिये ताकि काफी जगह बन जाये. फिर गड्ढे में एक या अधिक फेरोसीमेंट की टंकी लगा देनी चाहिये. टंकियों में छेद होना चाहिये, जिससे पानी अंदर जा सके. टंकियों के आसपास, बड़े पत्थर को जमा करके एक फिल्टर तैयार कर लेना चाहिये. फिर यह जगह पानी से भर जायेगी और यह अतिरिक्त तालाब की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. फिर एक पाइप को टंकी से जोड़ देना चाहिये, बाद में उसमें पंप लगाया जायेगा.
  
On top of the large stones, place a layer of small stones, and then gravel. Then the surface must be flattened and a polyethylene film (nylon, oilcloth) arranged on it. On top of this, refill the hole with earth. The earth should be made wet so it becomes compact and stable. This earth must then be covered with another waterproof layer, such as cement.  
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बड़े पत्थरों के ऊपर छोटे-छोटे पत्थर बिछा दें, और उसके ऊपर छर्रियां. फिर सतह समतल हो जायेगी और उसके ऊपर एक पॉलिथीन का टुकड़ा रख देना चाहिये. उसके ऊपर छेद को मिट्टी से भर देना चाहिये. मिट्टी गीली होनी चाहिये ताकि वह जम जाये और पक्की हो जाये. फिर उस मिट्टी को वाटरप्रूफ कवर से ढक सकते हैं, जैसे सीमेंट. सतह थोड़ा ढलुआ होना चाहिये, ताकि पानी वहां जमा न हो जाये. पत्थर कहीं ढीले न हो जायें, इसके लिए सीमेंट की एक परत और चढ़ा देनी चाहिये. मुख्यतः पंप के इर्द-गिर्द. पंप को रखने के लिए पुराने टायर का इस्तेमाल कर सकते हैं. अंत में गाइड पाइप में पंप लगा दें.
The surface should be slightly sloped, to avoid stagnant waters. To prevent stones turning loose, spread an additional cement layer, mainly around the pump, so no infiltration fissures may appear. For an additional platform for the pump, an old tire may be used. Finally introduce the pump into the guide pipe.  
 
  
If the spring is larger, it can be protected by an arch over the spring eye (where the water first comes out). Instead of the ferro cement tank, build a cavern with stones or with bricks. Usually, an arched board is used, on which stones are arranged. With this mold, you move forward line by line along the board. When the stones of each segment have been arranged, a cement mortar is spread in the space between stones or bricks, to fix the arch or vault. Also, for areas of water scarcity, any unused overflow water can be captured and stored in a pond or tank with impermeable lining to be used for irrigation purposes as and when needed.
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अगर झरना बड़ा है तो धारे-चश्मे की आंख(जहां से पानी सबसे पहले निकलता है) पर छज्जा लगाकर उसे संरक्षित किया जा सकता है. फेरोसीमेंट की टंकी के बदले सीमेंट, पत्थर और ईंट की टंकी बनायी जा सकती है. अमूमन एक ढलुआ सतह पर चट्टानों को जमा किया जाता है. इस तरह आप बोर्ड के किनारे-किनारे आगे बढ़ते जाते हैं. जब यह ढांचा खड़ा कर दिया जाता है तो इसमें सीमेंट का घोल डाला जाता है ताकि यह जुड़ सके. ऐसे इलाके जहां पानी का संकट हो, किसी गैरउपयोगी पानी के बहाव को रोक कर और एक तालाब या गड्ढे में जमा करके उसका इस्तेमाल सिंचाई के मकसद से किया जा सकता है.
  
====Maintenance====
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====रखरखाव====
Spring boxes need to be monitored to ensure that the spring continues to provide safe water. Silt, leaves, dead animals and other things can collect in the pipes and spring box and block the pipes or contaminate the water. Putting a wire screen on the pipe leading into the spring box will prevent unsafe things from entering pipes. Cleaning the screen every now and again will ensure a steady flow of water.
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स्प्रिंग बॉक्स की नियमित निगरानी की जानी चाहिये ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसमें जमा पानी हमेशा स्वच्छ हो. गाद, पत्ते, मृत पशु और दूसरी चीजें पाइप में जमा होगी तो बहाव रास्ता बंद हो जायेगा, अगर ये बॉक्स में गिर गयीं तो पानी दूषित हो जायेगा. पाइप के मुंह पर तार की जाली लगाने से काफी हद तक इसका बचाव हो सकता है. इस जाली की भी नियमित सफाई की जानी चाहिये ताकि बहाव सामान्य रहे.
  
====Other considerations====
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====दूसरे उपाय====
A fence should be constructed 10m above spring eye and around the water collection area to keep out animals. A cut-off drain 10m above the spring eye will reduce possible contaminated runoff from reaching the spring eye. Planting trees near the spring will protect it even more, prevent erosion, and make it a more pleasant place to collect water.
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धारे-चश्मे की आंख से 10 मीटर ऊपर और पानी संग्रह करने वाली जगह एक बाड़ा बनाया जाना चाहिये ताकि पशुओं को वहां पहुंचने से रोका जा सके. धारे-चश्मे की आंख से 10 मीटर ऊपर एक कट-ऑफ नाली बनायी जानी चाहिये ताकि इन्हें प्रदूषित होने से बचाया जा सके. धारे-चश्मे के आसपास पेड़ लगाने से इसकी बेहतर सुरक्षा हो सकती है, कटाव को रोका जा सकता है और पानी जमा करने के लिए एक खूबसूरत जगह तैयार किया जा सकता है.
  
A holding reservoir is not always necessary. It can be constructed if dry season flow rate is insufficient to meet peak demand from users, or it might be a wise investment with decreasing reliability of spring flows. Size of reservoir to be determined according to balance between constant inflow and peak outflow rates.
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एक संग्रहणीय तालाब का निर्माण हमेशा जरूरी नहीं होता. अगर सूखे के मौसम की अधिकतम मांग लोगों की जरूरतों को पूरा करने में अक्षम हो तभी इसे बनाया जाना चाहिये, और बुद्धिमत्तापूर्ण निर्णय यही होगा कि जब धारे-चश्मे का बहाव कम होने लगे तभी इसका निर्माण कराया जाये. तालाब का आकार लगातार बहाव और अधिकतम मांग वाले मौसम में बहाव की दर के बीच के संतुलन के आधार पर तय किया जाना चाहिये.
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धारे-चश्मे की आंख के पास से पानी को दूर ले जाने की कोशिश करनी चाहिये ताकि वह पीछे की दबाव की वजह से या फाउंडेशन कार्यों की वजह से उसे क्षतिग्रस्त न करने लगे. पानी को आदर्श रूप में धारे-चश्मे की आंख के नीचे से किसी जगह ले जाया जाना चाहिये.
  
Try to take water away from spring eye to avoid damaging it by back pressure or foundation works. Water ideally should be taken downhill from spring eye to an outlet.
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इएमएएस पंप एक प्रभावशाली पंप है, जिसकी मदद से धारे-चश्मे के पास से पानी को निकाला जा सकता है. इएमएएस यानी इस्कुएला मोविल डे अगुआ वाइ सानेमिनेटो (जल एवं स्वच्छता के लिए मोबाइल स्कूल).  
  
An effective hand pump that can be used to extract water from a spring is an EMAS pump.
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यह बोलाविया में है, इसके  निदेशक वूल्फगैंग इलॉय बकनेर ने इसका निर्माण 1990 के दशक में किया था. इएमएएस न सिर्फ जल और स्वच्छता के एक स्कूल का नाम है, बल्कि इसने 
EMAS is the acronym for Escuela Móvil de Agua y Saneamiento (Mobile School for Water and Sanitation), in Bolivia, whose director, Wolfgang Eloy Buchner, developed the EMAS pump in the 1990's. EMAS is not only the name of the mobile school for water and sanitation, but also a whole technical and social concept of water and sanitation which includes rain water harvesting, solar water heaters, windpower, hydraulic rams, water treatment, small tanks and sinks, a variety of hand and foot pumps, and ferrocement tanks. The aim of the technologies and systems is to achieve the necessary supply of drinkable water, and water for micro irrigation in rural and sub urban areas. VIDEO: [ EMAS system of pumping.]
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इएमएएस केवल जल और स्वच्छता के मोबाइल स्कूल का नाम नहीं है, यह जल और स्वच्छता का संपूर्ण तकनीकी और सामाजिक सिद्धांत है जिसमें वर्षाजल संचयन, सौर ऊर्जा हीटर, पवन ऊर्जा, हाइड्रोलिक रैम्स, वाटर ट्रीटमेंट, छोटी टंकियां और सिंक, हैंड और फुट पंप और फेरोसीमेंट टैंक आदि शामिल हैं. इनकी तकनीक और तंत्र का मुख्य लक्ष्य पेयजल का आवश्यक आपूर्ति, और ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में सूक्ष्म सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना है. वीडियो:
  
===Costs===
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===लागत===
In remote areas, use of plastic tanks can save money and labour days. 10 years of experience in Lao PDR showed that the best compromise between quality and amount of work was to make the intake with concrete, all tanks (sedimentation, break pressure or reservoir) from plastic tanks buried underground, and concrete tapstands. Using a combination of plastic and concrete (rather than only concrete for everything) saved about half the number of labour days. In terms of cost, the combination option was 8% more expensive but cheaper if free village labour was factored in.
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दूरदराज के इलाके में प्लास्टिक टंकियों के इस्तेमाल से पैसे भी बचते हैं और मेहनत भी. लाओ पीडीआर के दस साल के अनुभव बताते हैं कि गुणवत्ता और लागत के बीच बेहतरीन समझौता करते हुए बेहतर यही है कि इसमें कंकरीट को शामिल किया जाये. प्लास्टिक से बनी सभी टंकियों ( सेडिमेंटेशन, ब्रेक प्रेसर या रिजर्वायर) को गड्ढे में डाल देना चाहिये और उसे अगल-बगल सींमेंट-कंकरीट से भर देना चाहिये. प्लास्टिक और कंकरीट के मिश्रण ( केवल कंकरीट की जगह पर) का उपयोग करने से आधी मजदूरी बच सकती है. लागत के मामले में यह 8 फीसदी महंगा है, मगर यह सस्ता हो सकता है अगर लोग मुफ्त में मजदूरी करने के लिए तैयार हो जाये.
  
===Field experiences===
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===जमीनी अनुभव===
In the sub-urban areas of Kampala city, springs are a major source of water for domestic use. Though spring water is considered to be aesthetically acceptable for domestic use, presence of poorly designed pit latrines, poor solid waste management as well as poor and inadequate spring protection, may lead to contamination of spring water with pathogenic bacteria.
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कंपाला शहर के उपनगरीय इलाके में, धारे-चश्मे घरेलू इस्तेमाल के बड़े स्रोत हैं. हालांकि धारे-चश्मे का पानी घरेलू उपयोग के लिए साफ माना जाता है मगर गलत डिजाइन वाले शौचालय, ठोस अवशिष्ट प्रबंधन की गड़बड़ियों और धारे-चश्मे की अपर्याप्त सुरक्षा की वजह से धारे-चश्मे के पानी में पैथोजेनिक बैक्टेरिया के संक्रमण का खतरा बढ़ा देता है.
  
Read more on this study in Uganda: [http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC1831893/ The quality of water from protected springs in Katwe and Kisenyi parishes, Kampala city, Uganda].
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युगांडा में हुए इस अध्ययन पर विस्तार से पढ़ें : [http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC1831893/ द क्वालिटी ऑफ वाटर फ्रॉम प्रोटेक्टेड स्प्रिंग इन काटवे एंड किसेनी पैरिशेस, कंपाला सिटी, युगांडा.].
  
  
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<!--project blocks here-->
 
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|[[Image:project 388.jpg |thumb|center|140px|<font size="2"><center>[http://rsr.akvo.org/project/388/ RSR Project 388]<br>WASH Alliance project, AMREF in Ethiopia</center></font>|link=http://rsr.akvo.org/project/388/ ]]  
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|[[Image:project 388.jpg |thumb|center|140px|<font size="2"><center>[http://rsr.akvo.org/project/388/ आरएसआर प्रोजेक्ट 388]<br>वाश एलायंस प्रोजेक्ट, एएमआऱईएफ इथियोपिया</center></font>|link=http://rsr.akvo.org/project/388/ ]]  
|[[Image:project 703.jpg |thumb|center|140px|<font size="2"><center>[http://rsr.akvo.org/project/703/ RSR Project 703]<br>MWA-LAP: <br>Mexico</center></font>|link=http://rsr.akvo.org/project/703/ ]]  
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|[[Image:project 703.jpg |thumb|center|140px|<font size="2"><center>[http://rsr.akvo.org/project/703/ आरएसआर प्रोजेक्ट 703]<br>एमडब्ल्यूए-लैप: <br>मैक्सिको</center></font>|link=http://rsr.akvo.org/project/703/ ]]  
 
|}
 
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===Manuals, videos and links===  
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===मैनुअल, वीडियो और लिंक===  
* [http://www.lboro.ac.uk/well/resources/technical-briefs/34-protecting-springs.pdf Protecting Springs] or ([http://www.washdoc.info/docsearch/title/116185 alternative link]), produced by [http://wedc.lboro.ac.uk/index.html WEDC, Loughborough University].
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* [http://www.lboro.ac.uk/well/resources/technical-briefs/34-protecting-springs.pdf प्रोटेक्टिंग स्प्रिंग] या ([http://www.washdoc.info/docsearch/title/116185 वैकल्पिक लिंक]), प्रस्तुति  [http://wedc.lboro.ac.uk/index.html डब्लूइडीसी, लॉगबोरोग यूनिवर्सिटी.].
* [https://www.dropbox.com/s/gbqab5grp8fsq96/Spring%20protection.pdf?dl=0%3Fdl%3D1 Spring Protection, Action sheet 19.] by [http://www.paceproject.net/ PACE].
+
* [https://www.dropbox.com/s/gbqab5grp8fsq96/Spring%20protection.pdf?dl=0%3Fdl%3D1 स्प्रिंग प्रोटेक्शन, एक्शन शीट 19.] द्वारा [http://www.paceproject.net/ पीएसीइ.].
* [http://www.wateraid.org/~/media/Publications/Protection-of-spring-sources.pdf Spring Protection] by WaterAid.
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* [http://www.wateraid.org/~/media/Publications/Protection-of-spring-sources.pdf वाटर एड द्वारा स्प्रिंग प्रोटेक्शन.]
  
 
{|style="border:1px solid #fofofo; font-size: 125%"
 
{|style="border:1px solid #fofofo; font-size: 125%"
 
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|-
|{{#ev:vimeo|8453983|200|auto|<center>Spring catchment</center>}}
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|{{#ev:vimeo|8453983|200|auto|<center>स्प्रिंग  कैचमेंट</center>}}
|{{#ev:youtube|6_jX0xuUrSU|200|auto|<center>EMAS system of pumping</center>}}
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|{{#ev:youtube|6_jX0xuUrSU|200|auto|<center>पंपिग की ईएमएएस व्यवस्था</center>}}
 
|}
 
|}
  
===Acknowledgements===
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===संदर्भ आभार===
* CARE Nederland, Desk Study: [[Resilient WASH systems in drought-prone areas]]. October 2010.
+
* केयर नीदरलैंड, डेस्क स्टडी : [[Resilient WASH systems in drought-prone areas | रिसिलियेंट वाश सिस्टम इन ड्राउट प्रोन एरियाज]]. अक्तूबर 2010.
* [http://www.lboro.ac.uk/well/resources/technical-briefs/34-protecting-springs.pdf Protecting Springs] or ([http://www.washdoc.info/docsearch/title/116185 alternative link]), produced by [http://wedc.lboro.ac.uk/index.html WEDC, Loughborough University].
+
* [http://www.lboro.ac.uk/well/resources/technical-briefs/34-protecting-springs.pdf प्रोटेक्टिंग स्प्रिंग] या ([http://www.washdoc.info/docsearch/title/116185 वैकल्पिक लिंक]), प्रस्तुति  [http://wedc.lboro.ac.uk/index.html डब्लूइडीसी, लॉगबोरोग यूनिवर्सिटी].
* [http://www.paceproject.net/water Spring Protection, Action sheet 19.] by [http://www.paceproject.net/ PACE].
+
* [http://www.paceproject.net/water स्प्रिंग प्रोटेक्शन, एक्शन शीट 19.] द्वारा [http://www.paceproject.net/ पीएसीइ].

Latest revision as of 21:09, 7 September 2016

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Springwater icon.png
बुसिया के संरक्षित झरने से पानी इकट्ठा करता एक केन्याई लड़का.
फोटो : द अब्दुल लतीफ जमील पोवर्टी एक्शन लैब.
लमहाई, नेपाल में झरने का पानी इकट्ठा करते बच्चे. फोटो : डब्लूडब्लूएफ.

ऐसे कई तंत्र विकसित किये गये हैं जिससे धारे-चश्मे से पानी प्राप्त किया जा सकता है. इनमें से सबसे आम तरीका है एक स्प्रिंग बॉक्स तैयार करना, मगर बिना बक्से वाला भी एक डिजाइन है जिसकी लागत कम आती है और उसे बनाना कहीं सहज है.धारे-चश्मे की सुरक्षा बिना बॉक्स से करना कहीं सस्ता है बनिस्पत एक कुआं खोदने या गड्ढा करने से, मगर स्प्रिंग बॉक्स कई अधिक उपयोगी होते हैं, जब मांग बहाव से अधिक होती है, प्रदूषण से बचाना होता है, और धारे-चश्मे के पानी को पाइप में आसानी से बहाना होता है.

अक्सर, ग्रामीण इलाके में, स्रोत-धारे के पास केंद्रीय वाटर फिल्टर लगाया जाता है, जहां से पानी कई घरों तक पहुंचाया जाता है. अमूमन ऐसी जगह असुरक्षित होती है, घंटों उसे कोई देखने वाला नहीं होता है और पेयजल के इस स्रोत में कई दफा सूअर भी लेटते दिख जाते हैं. अक्सर, धारे-चश्मे का बहाव कम होता है और उसे पाइप के जरिये वितरित करना मुश्किल साबित होने लगता है. ऐसी जगहों में, बुद्धिमानी की बात यही होती है कि धारे-चश्मे के कुएं की सुरक्षा की जाये और मैनुअल पंप स्थापित किया जाये. यह पानी को साफ रखता है, और जलापूर्ति को बढ़ा सकता है. एक बार धारे-चश्मे का संरक्षण कर लिया जाये तो पानी को पाइप में बहाना (अगर बहाव बड़ी हो) और नल लगाना आसान हो जाता है. अगर मुमकिन हो तो गुरुत्वाकर्षण का इस्तेमाल करके बहाव को गति दी जा सकती है, और समुदाय के करीब पहुंचाया जा सकता है.

अनुकूल स्थितियां

यह सिस्टम छोटे धारे-चश्मे के पास स्थित जल स्रोत के लिए अनुकूल होता है. यह बहाव की दर, फिल्टर के आकार, जल की मांग और अन्य परिस्थितियों के आधार पर लागू किया जा सकता है.

अतः इस हिसाब से : अगर किसी धारे-चश्मे से पानी बिना स्प्रिंग बॉक्स की मदद के जमा और संरक्षित किया जा सके, अगर गाद जमा न होता हो और पानी सिर्फ कम मात्रा में ठोस अपशिष्ट ही लाता हो, अगर सर्वाधिक मांग वाली अवधि में भी पानी का बहाव समुचित हो, तो स्प्रिंग बॉक्स की कोई जरूरत नहीं है.

प्रदूषण जांच और नियंत्रण

यह जानने के लिए कि क्या झरना सुरक्षित है, धारे-चश्मे के असली स्रोत का पता लगाना चाहिये- कहां से यह धरती पर आता है- और इसके लिए तीन सवालों का जवाब तलाशना चाहिये :

  • क्या धारे-चश्मे की सतह से ऊपर कोई धारा या भूजल जमीन के नीचे चला जा रहा है? अगर ऐसा है, तो झरना वही सतही जल है जो पास में कहीं जमीन के अंदर चला गया है. इस परिस्थिति में यह प्रदूषित हो सकता है या सिर्फ बारिश के दिनों में ही बह सकता है.
  • क्या धारे-चश्मे के ऊपर वाले चट्टान में काफी खुली जगह है? अगर हां तो भारी बारिश के बाद धारे-चश्मे के पानी की जांच करना चाहिये. अगर यह बहुत गंदा या मटमैला लग रहा है तो इसका मतलब यह है कि यह धरातल से प्रदूषित हो रहा है.
  • क्या धारे-चश्मे के स्रोत से ऊपर इसके मानवीय या पशु के मल से प्रदूषित होने की आशंका है? इसमें पालतू पशुओं का चारा, गड्ढे वाला शौचालय, सैप्टिक टंकी और दूसरी मानवीय गतिविधियां भी हो सकती हैं.
  • क्या धारे-चश्मे के 15 मीटर के दायरे में मिट्टी काफी भुरभुरी है? यह भूजल को भी प्रदूषित कर सकता है.


लाभ हानि
- धारे-चश्मे के पानी की गुणवत्ता बेहतर होती है और इसके परिशोधन की जरूरत नहीं होती

- अगर गुरुत्वाकर्षण बल के सहारे काम किया जाये तो संचालन और रखरखाव का व्यय काफी कम हो जाता है, क्योंकि पंपिंग की जरूरत नहीं पड़ती

- रबी के मौसम में पानी कम पड़ जाता है

पर्यावरण बदलने पर धारा-चश्मा सूखने लगता है

सुखाड़

सुखाड़ का प्रभाव : सूख सकता है.
इसकी वजहें : कम बारिश की वजह से एक्वीफर का कम पुनर्भरण; एक्वीफर का आकार सीमित होना; आबादी और पानी की मांग का बढ़ जाना.
वाश सिस्टम के तहत इससे मुकाबला करना : धारे-चश्मे की मुहाने की सावधानी से खुदाई करना; एक भंडारण तालाब बनाना ताकि अधिक मांग वाले समय में जरूरतों को पूरा किया जा सके, या बड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए तालाबों की कतार बनायी जा सकती है; इसे सुखाड़ के बहाव दर के अनुसार बनाया जा सकता है.

सुखाड़ के प्रबंधन के लिए अधिक सूचनाएं : सुखाड़ वाले इलाके में रिसिलियेंट वाश सिस्टम.

बाढ़

तेज बहाव स्प्रिंग बॉक्स को (अगर कमजोर बना हो तो) या इसके घेरे को क्षतिग्रस्त कर सकता है, और धारे-चश्मे के पानी में अधिक गंदलापन यानी टर्बिडिटी की मात्रा बढ़ जाती है.

निर्माण, संचालन और रखरखाव

सीमेंट पर सामान्य सुझाव : ढांचे में रेखाएं उभरने और दरार( जैसे, टैंक, बांध, जलवाहिनी और कुएं में) पड़ने की सामान्य वजह है सीमेंट का मिश्रण और उसे लगाना. पहली बात कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि शुद्ध सामग्रियों का ही इस्तेमाल किया जाये : साफ पानी, साफ बालू, साफ गिट्टी. इन सामग्रियों को भी सही तरीके से मिलाया जाये. दूसरी बात, मिलाते वक्त पानी की मात्रा न्यूनतम होनी चाहिये : कंकरीट या सीमेंट काम के लायक होने चाहिये, सूखे वाली तरफ भी, और गीलापन नहीं होना चाहिये. तीसरी बात, यह जरूरी है कि सीमेंट या कंकरीट को हमेशा नमीयुक्त रखना चाहिये, कम से कम एक हफ्ते के लिए. संरचना को प्लास्टिक, बड़े पत्ते या दूसरी चीजों से ढक कर रखना चाहिये, और उस पर हमेशा पानी देते रहना चाहिये.

स्प्रिंग बॉक्स का निर्माण :

जूम करने के लिये क्लिक करें. एक स्प्रिंग बॉक्स जो एक ओर से कटा हुआ है, जहाँ से अंदर का तंत्र साप दिखाई देता है.
विवरण के लिये चित्र पर क्लिक करें. रेखांकन: पेस, स्प्रिंग प्रोटेक्शन.
जूम करने के लिये क्लिक करें. पूरा बना हुआ एक स्प्रिंग, जिस पर बचाव के लिये दिवारें भी बनी हैं.
विवरण के लिये चित्र पर क्लिक करें. रेखांकन: पेस, स्प्रिंग प्रोटेक्शन.

एक स्प्रिंग बॉक्स(या धारे-चश्मे का केवल संरक्षण) बनाना बहुत आसान है और काफी सस्ता है. डिजाइन में थोड़ा सा बदलाव करके इसे कई जल स्रोतों के लिए उपयोग में लाया जा सकता है.

पहले आपको किसी चीज(छड़ी, पत्थर, कचड़ा, इत्यादि) से फिल्टर को अवश्य साफ करना चाहिये और कीचड़ को खोद देना चाहिये ताकि काफी जगह बन जाये. फिर गड्ढे में एक या अधिक फेरोसीमेंट की टंकी लगा देनी चाहिये. टंकियों में छेद होना चाहिये, जिससे पानी अंदर जा सके. टंकियों के आसपास, बड़े पत्थर को जमा करके एक फिल्टर तैयार कर लेना चाहिये. फिर यह जगह पानी से भर जायेगी और यह अतिरिक्त तालाब की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. फिर एक पाइप को टंकी से जोड़ देना चाहिये, बाद में उसमें पंप लगाया जायेगा.

बड़े पत्थरों के ऊपर छोटे-छोटे पत्थर बिछा दें, और उसके ऊपर छर्रियां. फिर सतह समतल हो जायेगी और उसके ऊपर एक पॉलिथीन का टुकड़ा रख देना चाहिये. उसके ऊपर छेद को मिट्टी से भर देना चाहिये. मिट्टी गीली होनी चाहिये ताकि वह जम जाये और पक्की हो जाये. फिर उस मिट्टी को वाटरप्रूफ कवर से ढक सकते हैं, जैसे सीमेंट. सतह थोड़ा ढलुआ होना चाहिये, ताकि पानी वहां जमा न हो जाये. पत्थर कहीं ढीले न हो जायें, इसके लिए सीमेंट की एक परत और चढ़ा देनी चाहिये. मुख्यतः पंप के इर्द-गिर्द. पंप को रखने के लिए पुराने टायर का इस्तेमाल कर सकते हैं. अंत में गाइड पाइप में पंप लगा दें.

अगर झरना बड़ा है तो धारे-चश्मे की आंख(जहां से पानी सबसे पहले निकलता है) पर छज्जा लगाकर उसे संरक्षित किया जा सकता है. फेरोसीमेंट की टंकी के बदले सीमेंट, पत्थर और ईंट की टंकी बनायी जा सकती है. अमूमन एक ढलुआ सतह पर चट्टानों को जमा किया जाता है. इस तरह आप बोर्ड के किनारे-किनारे आगे बढ़ते जाते हैं. जब यह ढांचा खड़ा कर दिया जाता है तो इसमें सीमेंट का घोल डाला जाता है ताकि यह जुड़ सके. ऐसे इलाके जहां पानी का संकट हो, किसी गैरउपयोगी पानी के बहाव को रोक कर और एक तालाब या गड्ढे में जमा करके उसका इस्तेमाल सिंचाई के मकसद से किया जा सकता है.

रखरखाव

स्प्रिंग बॉक्स की नियमित निगरानी की जानी चाहिये ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसमें जमा पानी हमेशा स्वच्छ हो. गाद, पत्ते, मृत पशु और दूसरी चीजें पाइप में जमा होगी तो बहाव रास्ता बंद हो जायेगा, अगर ये बॉक्स में गिर गयीं तो पानी दूषित हो जायेगा. पाइप के मुंह पर तार की जाली लगाने से काफी हद तक इसका बचाव हो सकता है. इस जाली की भी नियमित सफाई की जानी चाहिये ताकि बहाव सामान्य रहे.

दूसरे उपाय

धारे-चश्मे की आंख से 10 मीटर ऊपर और पानी संग्रह करने वाली जगह एक बाड़ा बनाया जाना चाहिये ताकि पशुओं को वहां पहुंचने से रोका जा सके. धारे-चश्मे की आंख से 10 मीटर ऊपर एक कट-ऑफ नाली बनायी जानी चाहिये ताकि इन्हें प्रदूषित होने से बचाया जा सके. धारे-चश्मे के आसपास पेड़ लगाने से इसकी बेहतर सुरक्षा हो सकती है, कटाव को रोका जा सकता है और पानी जमा करने के लिए एक खूबसूरत जगह तैयार किया जा सकता है.

एक संग्रहणीय तालाब का निर्माण हमेशा जरूरी नहीं होता. अगर सूखे के मौसम की अधिकतम मांग लोगों की जरूरतों को पूरा करने में अक्षम हो तभी इसे बनाया जाना चाहिये, और बुद्धिमत्तापूर्ण निर्णय यही होगा कि जब धारे-चश्मे का बहाव कम होने लगे तभी इसका निर्माण कराया जाये. तालाब का आकार लगातार बहाव और अधिकतम मांग वाले मौसम में बहाव की दर के बीच के संतुलन के आधार पर तय किया जाना चाहिये. धारे-चश्मे की आंख के पास से पानी को दूर ले जाने की कोशिश करनी चाहिये ताकि वह पीछे की दबाव की वजह से या फाउंडेशन कार्यों की वजह से उसे क्षतिग्रस्त न करने लगे. पानी को आदर्श रूप में धारे-चश्मे की आंख के नीचे से किसी जगह ले जाया जाना चाहिये.

इएमएएस पंप एक प्रभावशाली पंप है, जिसकी मदद से धारे-चश्मे के पास से पानी को निकाला जा सकता है. इएमएएस यानी इस्कुएला मोविल डे अगुआ वाइ सानेमिनेटो (जल एवं स्वच्छता के लिए मोबाइल स्कूल).

यह बोलाविया में है, इसके निदेशक वूल्फगैंग इलॉय बकनेर ने इसका निर्माण 1990 के दशक में किया था. इएमएएस न सिर्फ जल और स्वच्छता के एक स्कूल का नाम है, बल्कि इसने इएमएएस केवल जल और स्वच्छता के मोबाइल स्कूल का नाम नहीं है, यह जल और स्वच्छता का संपूर्ण तकनीकी और सामाजिक सिद्धांत है जिसमें वर्षाजल संचयन, सौर ऊर्जा हीटर, पवन ऊर्जा, हाइड्रोलिक रैम्स, वाटर ट्रीटमेंट, छोटी टंकियां और सिंक, हैंड और फुट पंप और फेरोसीमेंट टैंक आदि शामिल हैं. इनकी तकनीक और तंत्र का मुख्य लक्ष्य पेयजल का आवश्यक आपूर्ति, और ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में सूक्ष्म सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना है. वीडियो:

लागत

दूरदराज के इलाके में प्लास्टिक टंकियों के इस्तेमाल से पैसे भी बचते हैं और मेहनत भी. लाओ पीडीआर के दस साल के अनुभव बताते हैं कि गुणवत्ता और लागत के बीच बेहतरीन समझौता करते हुए बेहतर यही है कि इसमें कंकरीट को शामिल किया जाये. प्लास्टिक से बनी सभी टंकियों ( सेडिमेंटेशन, ब्रेक प्रेसर या रिजर्वायर) को गड्ढे में डाल देना चाहिये और उसे अगल-बगल सींमेंट-कंकरीट से भर देना चाहिये. प्लास्टिक और कंकरीट के मिश्रण ( केवल कंकरीट की जगह पर) का उपयोग करने से आधी मजदूरी बच सकती है. लागत के मामले में यह 8 फीसदी महंगा है, मगर यह सस्ता हो सकता है अगर लोग मुफ्त में मजदूरी करने के लिए तैयार हो जाये.

जमीनी अनुभव

कंपाला शहर के उपनगरीय इलाके में, धारे-चश्मे घरेलू इस्तेमाल के बड़े स्रोत हैं. हालांकि धारे-चश्मे का पानी घरेलू उपयोग के लिए साफ माना जाता है मगर गलत डिजाइन वाले शौचालय, ठोस अवशिष्ट प्रबंधन की गड़बड़ियों और धारे-चश्मे की अपर्याप्त सुरक्षा की वजह से धारे-चश्मे के पानी में पैथोजेनिक बैक्टेरिया के संक्रमण का खतरा बढ़ा देता है.

युगांडा में हुए इस अध्ययन पर विस्तार से पढ़ें : द क्वालिटी ऑफ वाटर फ्रॉम प्रोटेक्टेड स्प्रिंग इन काटवे एंड किसेनी पैरिशेस, कंपाला सिटी, युगांडा..


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आरएसआर प्रोजेक्ट 388
वाश एलायंस प्रोजेक्ट, एएमआऱईएफ इथियोपिया
आरएसआर प्रोजेक्ट 703
एमडब्ल्यूए-लैप:
मैक्सिको



मैनुअल, वीडियो और लिंक

स्प्रिंग कैचमेंट
पंपिग की ईएमएएस व्यवस्था

संदर्भ आभार