Difference between revisions of "वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / यथास्थान वर्षाजल संचयन"
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− | {{Language-box|english_link=Water Portal / Rainwater Harvesting / In situ rainwater harvesting | french_link=La collecte des eaux de pluie in situ | spanish_link= | + | {{Language-box|english_link=Water Portal / Rainwater Harvesting / In situ rainwater harvesting | french_link=La collecte des eaux de pluie in situ | spanish_link=Captación de agua de lluvia in situ | hindi_link=वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / यथास्थान वर्षाजल संचयन | malayalam_link=Coming soon|tamil_link=Coming soon | korean_link=Coming soon | chinese_link=原地集雨 | indonesian_link=Coming soon | japanese_link=In situ雨水貯留}} |
− | [[Image:In situ - rainwater harvesting.jpg|thumb|right|200px|जोधपुर, राजस्थान में वर्षाजल संचयन कार्यस्थल. फोटो: [http://www. | + | [[Image:In situ - rainwater harvesting.jpg|thumb|right|200px|जोधपुर, राजस्थान में वर्षाजल संचयन कार्यस्थल. फोटो: [http://www.greenfieldeco.com/ ग्रीनफील्ड इको सॉल्यूशन प्रा. लि.]]] |
− | शुष्क और अर्ध-शुष्क इलाकों में जहां बारिश बहुत कम होती है, बारिश के मौसम में अधिक से अधिक वर्षाजल संचित करके रखना पड़ता है ताकि बाद में इसका इस्तेमाल किया जा सके, खास तौर पर खेती और घरेलू इस्तेमाल के लिए. वर्षाजल संचयन का एक उपाय जो सबसे अधिक इस्तेमाल में लाया जाता है वह है कार्यस्थल पर यानी जहाँ जरूरत हो वहीं वर्षाजल | + | शुष्क और अर्ध-शुष्क इलाकों में जहां बारिश बहुत कम होती है, बारिश के मौसम में अधिक से अधिक वर्षाजल संचित करके रखना पड़ता है ताकि बाद में इसका इस्तेमाल किया जा सके, खास तौर पर खेती और घरेलू इस्तेमाल के लिए. वर्षाजल संचयन का एक उपाय जो सबसे अधिक इस्तेमाल में लाया जाता है वह है कार्यस्थल पर यानी जहाँ जरूरत हो वहीं वर्षाजल का भंडारण ('''यथास्थान वर्षाजल संचयन'''). अपेक्षाकृत गहराई वाले इलाके वर्षाजल के संचयन के लिए आदर्श होते हैं. यह तरीका ब्राजील, आर्जेंटीना और पराग्वे के शुष्क और अर्ध-शुष्क इलाकों में मुख्यतः सिंचाई के मकसद से इस्तेमाल में लाये जाते हैं. कार्यस्थल वाली तकनीक में पानी वहीं जमा किया जाता है, जहां उसका इस्तेमाल होना है. |
− | + | सामान्यतः यह तकनीक सरल और इस्तेमाल में आसान होती है. अमूमन सरकारी संस्थान और खेतिहर समुदाय मिल कर कार्यस्थल पर वर्षाजल संचयन की तकनीक को बढ़ावा देते हैं. उपयोगकर्ताओं को इस तकनीक के लाभ और वर्षाजल संचयन को लागू करते हुए मृदा की क्षति से बचाव के उपाय के बारे में सूचित करने के लिए शैक्षणित और सूचनापरक कार्यक्रम उपलब्ध कराये जाने चाहिये. | |
− | === | + | ===उपयुक्त परिस्थितियां=== |
− | + | इस तकनीक से शुष्क और अर्धशुष्क इलाकों में सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता बढ़ जाती है. यह मक्के, कपास, ज्वार और कई अन्य फसलों को उगाने के लिए विकसित प्रबंधकीय उपायों को बढ़ावा देता है. इसके जरिये हमें पालतू जानवरों और घरेलू इस्तेमाल के लिए भी अतिरिक्त जल उपलब्ध हो जाता है. | |
− | + | यह शुष्क और अर्धशुष्क इलाकों की निचली सतह में लागू किया जा सकता है. | |
− | + | पूर्वोत्तर ब्राजील, पराग्वे के चाको और आर्जेंटीना के इलाकों में इस तकनीक का अत्यधिक इस्तेमाल होता है. यह फसल, पालतू पशुओं और घरेलु इस्तेमाल के लिए जलापूर्ति को बढ़ावा देता है. खेती में मशीनों का इस्तेमाल बढ़ने की वजह से इसका उपयोग बहुत कम होने लगा है, लेकिन उन इलाकों में जहां बारिश बहुत कम होती है यह अभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका प्राथमिक तौर पर उपकरणों की उपलब्धता, खेती और पशुपालन की पद्धतियां और मिट्टी के प्रकार पर निर्भर करता है. | |
− | ''' | + | '''सांस्कृतिक स्वीकार्यता'''<br> |
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+ | वर्षाजल संचयन की यह पद्धति पूर्वोत्तर ब्राजील, पराग्वे और आर्जेंटीना के इलाकों में बरसों से इस्तेमाल की जाती रही है. दूसरे इलाकों के शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्र इस पद्धति को अपना कर आसानी से इस तकनीक को अपना कर अपनी खेती का विकास कर सकते हैं और उत्पादकता बढ़ा सकते हैं. | ||
{| border="1" cellpadding="5" cellspacing="0" align="none" | {| border="1" cellpadding="5" cellspacing="0" align="none" | ||
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− | ! width="50%" style="background:#efefef;" | | + | ! width="50%" style="background:#efefef;" | लाभ |
− | ! style="background:#f0f8ff;" | | + | ! style="background:#f0f8ff;" | हानि |
|- | |- | ||
− | | valign="top" | - | + | | valign="top" | - इस तकनीक में अतिरिक्त श्रम की बहुत कम आवश्यकता होती है.<br> |
− | - | + | - इसे कभी भी लागू किया जा सकता है, रोपणी के पहले भी और बाद में भी.<br> |
− | - | + | - वर्षाजल संचयन के जरिये सिंचाई के लिए वर्षाजल का बेहतरीन इस्तेमाल होता है, खास तौर पर ढलान वाले खेतों में.<br> |
− | - | + | - वर्षाजल संचयन की खेती की बेहतरीन प्रबंधन पद्धतियों से तुलना की जा सकती है, जैसे फसल चक्र परिवर्तन.<br> |
− | - | + | - यह मृदा उपयोग के मामले में अतिरिक्त लचीलापन उपलब्ध कराता है.<br> |
− | - | + | - इस पद्धति के जरिये कृत्रिम तौर पर भूजल एक्विफायर का भी पुनर्भरण किया जा सकता है.<br> |
− | | valign="top" | - | + | | valign="top" | - इस वर्षाजल पद्धति की वहां लागू नहीं किया जा सकता जहां ढलान 5 फीसदी से अधिक हो. <br> |
− | - | + | - पथरीली मिट्टी में इसे लागू करना मुश्किल होता है. <br> |
− | - | + | - पत्थर और पेड़ों से ढके इलाकों में इसे लागू करने से पहले उसे साफ करना पड़ता है. <br> |
− | - | + | - इस तकनीक को लागू करने में जो अतिरिक्त व्यय होता है वह कुछ किसानों के लिए महत्वपूर्ण मसला होता है. <br> |
− | - | + | - इसे प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए शुष्क जमीन और गहराई वाले इलाकों की जरूरत होती है. <br> |
− | - | + | - बारिश के नहीं होने पर जमा पानी वाष्पीकृत हो जाता है, जिससे इसकी प्रभावोत्पादकता कम हो जाती है. <br> |
|} | |} | ||
<br> | <br> | ||
− | === | + | ===संरचना और निर्माण=== |
− | + | हर वर्षाजल संचयन तंत्र के तीन पहलू होते हैं : एक संग्रहण क्षेत्र, एक परिवहतन तंत्र और एक भंडारण क्षेत्र. इस व्यवस्था में संग्रहण और भंडारण उसी भूसंरचना में उपलब्ध कराया जाता है. गहराई वाली भूसंरचना संग्रहण और भंडारण के लिए आदर्श क्षेत्र मानी जाती है. कई परिस्थितियों में ऐसे इलाकों में रिसाव नहीं होता है, ये चिकनी मिट्टी से ढकी होती हैं, ताकि कम से कम पानी बाहर रिसे. ब्राजील में कार्यस्थल पर वर्षाजल संचयन की प्रक्रिया, जिनमें कृषि क्षेत्र में कार्यस्थल तैयारी शामिल है, का जिक्र नीचे है. | |
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− | + | ====गहराई वाली भूसंरचना का वर्षाजल संचयन क्षेत्र के रूप में उपयोग==== | |
+ | पराग्वे में गहराई वाली भूसंरचना जिसका उपयोग वर्षाजल संचयन के तौर पर होता है को ताजामेयर्स कहते हैं. ताजामेयर्स उन इलाकों में बनाये जाते हैं जहां चिकनी मिट्टी कम से कम तीन मीटर गहरी हो. ताजामेयर्स से भंडारण क्षेत्र में और फिर वहां से खेतों में नहर वितरणी के जरिये पानी पहुंचाया जाता है. संग्रहण और भंडारण क्षेत्र की घेराबंदी की जाती है ताकि पशु पानी को दूषित न कर दें. यह तकनीक अमूमन चिकनी मिट्टी से बने भंडारण टैंक से जुड़ी होती है. इसमें कार्यस्थल पर वर्षाजल संचयन क्षेत्र से पानी पंप के जरिये भंडारण टैंक तक पहुंचाया जाता है, यह अमूमन विंडमिल के जरिये संचालित होता है, जैसा चित्र 1 में बताया गया है. | ||
− | + | [[Image:in situ diagram.jpg|thumb|none|500px|'''चित्र 1.''' गहरे इलाके में वर्षाजल संचयन (ताजामेयर). स्रोत : यूजीनियो गोदोय वी., नेशनल कमीशन ऑन इंटीग्रेटेड रीजनल डेवलपमेंट ऑफ द पराग्वेयन चाओ, फिलाडेल्फिया, पराग्वे. ]] | |
− | + | ताजामेयर्स में जमा पानी का इस्तेमाल सामान्यतः पशुओं को पानी पिलाने के लिए किया जाता है और सफाई और क्लोरीन डालने के बाद इन्हें घरेलू उपभोग के लिए भी प्रयोग में लाया जा सकता है. व्यक्तिगत ताजामेयर्स भी अक्सर भूजल स्रोतों के कृत्रिम पुनर्भरण के लिए इस्तेमाल में लाये जाते हैं. पराग्वे चाको में बने ताजामेयर्स हर साल 6800 घन मीटर भूजल पुनर्भरण करते हैं. | |
− | |||
− | + | ====वर्षाजल भंडारण क्षेत्र के रूप में नालियों का इस्तेमाल==== | |
+ | [[Image:Rainwater Furrow.jpg|thumb|right|250px|बबूल के नये पौधों के चारो ओर बनी अर्धचंद्राकार नालियां वर्षाजल को ग्रहण और भंडारण करती हुईं. फोटो- [http://www.fao.org/docrep/009/a0100e/a0100e07.htm एफएओ] - एफएओ- टीएफ शाक्सोन ]] | ||
− | + | नालियां कार्यक्षेत्र में कृषि कार्य के लिए वर्षाजल का संचय करने हेतु प्रयोग में लायी जा सकती हैं. ये पौधों को लगाये जाने से पहले भी और उसके बाद भी बनायी जा सकती हैं, ताकि इनके पानी का इस्तेमाल भविष्य में किया जा सके. | |
− | + | भूसंरचना की गहराइयों में विविधता के मद्देनजर खेतों में ही फसलों की कतारों के बीच पानी संरक्षित करने के लिए यह तरकीब इस्तेमाल की जाती है. इन नालियों में हर दो-तीन मीटर पर कीचड़ के डैम बनाये जा सकते हैं ताकि पानी को लंबे समय तक रोका जा सके और मृदा अपरदन और पानी के धरती में अत्यधिक अवशोषण को रोका जा सके. खेतों की पगडंडियां भी नालियों में पानी को रोकने के लिए मददगार हो सकती हैं, या कतारों के बीच गैर कृषियोग्य जमीन छोड़ी जा सकती है, यह एक मीटर तक हो सकती है ताकि इस जमीन पर गिरने वाले जल को नालियों में लाया जा सके. | |
− | === | + | ====गुइमेयर्स ड्यूक==== |
− | + | गुइमेयर्स ड्यूक पद्धति का विकास 1950 में ब्राजील में हुआ है. इसके तहत नालियों का इस्तेमाल किया जाता है और क्यारियों को ऊंचा किया जाता है, इनमें पानी रोकने के लिए एक दूसरे को काटने वाली रेखाएं होती हैं जो उल्टे डिस्क वाले गड्ढे होते हैं और ऐसे कम से कम तीन डिस्क होते हैं. ये नालियां अमूमन खेतिहर जमीन के किनारे में बनायी जाती हैं. | |
− | + | ===लागत, क्रियान्वयन और रख-रखाव=== | |
+ | इस तकनीक में बहुत कम '''रख-रखाव''' की जरूरत होती है, केवल जगह चुनना और तैयार करना होता है. इसका रख-रखाव खेती की रोजना की गतिविधियों के साथ हो जाता है, बस संग्रहण क्षेत्र को कचरे और अवांछित पौधों से मुक्त रखना पड़ता है. जहां सिर्फ कतार के हिस्से पर खेती की जाती है, जुताई वाले इलाके में गोलाकार घुमाने से भंडारण क्षेत्र का प्रभावी रख-रखाव होता है. | ||
+ | कार्यस्थल पर वर्षाजल संचयन की लागत '''न्यूनतम''' होती है. इस तकनीक का मुख्य व्यय उपकरण में और उन श्रमिकों के मेहनताना के रूप में होता है जो नालियां और घेराबंदी का निर्माण करते हैं. टेबल 1 में ब्राजील में कृषि क्षेत्र में विभिन्न तरीकों द्वार इनके निर्माण की प्रतिनिधि लागत का उल्लेख किया गया है. पराग्वे में ताजामेयर का निर्माण व्यय 4500 डालर बताया गया है. इसमें न सिर्फ मिट्टी की तैयारी की लागत शामिल है बल्कि भंडारण टैंक और विंडमिल जैसे उपकरणों का मूल्य भी जुड़ा हुआ है, जो चित्र 1 में दिखाया गया है. | ||
− | ''' | + | '''टेबल 1. ब्राजील में वर्षाजल संचयन के विभिन्न कार्यस्थल तैयारी पद्धतियों की अनुमानित लागत डालर में.''' |
{|border="1" cellspacing="0" cellpadding="5" | {|border="1" cellspacing="0" cellpadding="5" | ||
|- | |- | ||
− | ! | + | ! पद्धति |
− | ! | + | ! आधारभूत उपकरण |
− | ! | + | ! पशु का किराया |
− | ! | + | ! कुल |
− | ! | + | ! क्रियान्वयन लागत प्रति घंटा |
|- | |- | ||
− | | | + | |समतल घाटी नालियां |
|150.00 | |150.00 | ||
|300.00 | |300.00 | ||
Line 77: | Line 76: | ||
|0.96 | |0.96 | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |रोपणी के बाद बनी नालियां |
|80.00 | |80.00 | ||
|300.00 | |300.00 | ||
Line 83: | Line 82: | ||
|0.90 | |0.90 | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |रोपणी से पहले बनी नालियां |
|180.00 | |180.00 | ||
|70.00 | |70.00 | ||
Line 89: | Line 88: | ||
|0.90 | |0.90 | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |नालियां अवरोध के साथ |
|180.00 | |180.00 | ||
|70.00 | |70.00 | ||
Line 95: | Line 94: | ||
|0.90 | |0.90 | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |उन्नत बेड |
|1,500.00 | |1,500.00 | ||
|1,000.00 | |1,000.00 | ||
Line 101: | Line 100: | ||
|12-15 | |12-15 | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |आंशिक भूमि की नालियां |
|100.00 | |100.00 | ||
|80.00 | |80.00 | ||
Line 107: | Line 106: | ||
|0.70 | |0.70 | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |गुइमेयर्स ड्यूक पद्धति |
| ... | | ... | ||
| ... | | ... | ||
Line 115: | Line 114: | ||
− | ''' | + | '''तकनीक का आगामी विकास'''<br> |
− | + | नालियों और भंडारण क्षेत्रों में इस्तेमाल किये जा रहे उपकरणों का विकास किया जाना चाहिये. अपेक्षाकृत सस्ती जुताई और ट्रैक्टर क्रियान्वयन की लागत को घटा सकते हैं और छोटे किसानों द्वारा इसके इस्तेमाल को बढ़ाया जा सकता है. मृदा संरक्षण की नयी पद्धतियों की तलाश जरूरी है. | |
− | === | + | ===निर्देशिका, वीडियो और लिंक=== |
− | ====Contacts==== | + | ====Contacts - संपर्क==== |
* '''José Barbosa dos Anjos''', Empresa Brasileira de Pesquisa Agropecuaria (EMBRAPA), Centro de Pesquisa Agropecuaria do Trópico Semi-Árido (CPATSA), BR-428 km 152, Zona Rural, Caixa Postal 23, 56300-000 Petrolina, Pernambuco, Brasil. Tel. (55-81)862-1711. Fax (55-81)862-1744. E-mail: [email protected]. | * '''José Barbosa dos Anjos''', Empresa Brasileira de Pesquisa Agropecuaria (EMBRAPA), Centro de Pesquisa Agropecuaria do Trópico Semi-Árido (CPATSA), BR-428 km 152, Zona Rural, Caixa Postal 23, 56300-000 Petrolina, Pernambuco, Brasil. Tel. (55-81)862-1711. Fax (55-81)862-1744. E-mail: [email protected]. | ||
+ | * जोस बारबोसा डोस एंजोस, इम्प्रेसिया ब्राजीलियेरा डे पेस्क्यूसा एग्रोपिक्यूआरिया (एम्ब्रापा), सेंट्रो डे पेस्क्यूएसा एग्रोपिक्यूआरिया डो ट्रोपिको सेमि-एरिडो (क्पाट्सा), बीआर-428 केएम 152, जोनल रूरल, काएक्सा पोस्टल 23, 56300-000 पेट्रोलिना, परनाम्बुको, ब्रासिल. टेल. (55-81)862-1711. फैक्स (55-81)862-1744. ई-मेल: [email protected]. | ||
* '''Everaldo Rocha Porto''', Empresa Brasileira de Pesquisa Agropecuaria (EMBRAPA), Centro de Pesquisa Agropecuaria do Trópico Semi-Árido (CPATSA), BR-428 km 152, Zona Rural, Caixa Postal 23, 56300-000 Petrolina, Pernambuco, Brasil. Tel. (55-81)862-1711. Fax (55-81)862-1744. E-mail: [email protected]. | * '''Everaldo Rocha Porto''', Empresa Brasileira de Pesquisa Agropecuaria (EMBRAPA), Centro de Pesquisa Agropecuaria do Trópico Semi-Árido (CPATSA), BR-428 km 152, Zona Rural, Caixa Postal 23, 56300-000 Petrolina, Pernambuco, Brasil. Tel. (55-81)862-1711. Fax (55-81)862-1744. E-mail: [email protected]. | ||
+ | * एवराल्डो रोचा पोर्टो, इम्प्रेसिया ब्राजीलियेरा डे पेस्क्यूसा एग्रोपिक्यूआरिया (एम्ब्रापा), सेंट्रो डे पेस्क्यूएसा एग्रोपिक्यूआरिया डो ट्रोपिको सेमि-एरिडो (क्पाट्सा), बीआर-428 केएम 152, जोनल रूरल, काएक्सा पोस्टल 23, 56300-000 पेट्रोलिना, परनाम्बुको, ब्रासिल. टेल. (55-81)862-1711. फैक्स (55-81)862-1744. ई-मेल : [email protected]. | ||
* '''Luiza Teixeira de Lima Brito''', Empresa Brasileira de Pesquisa Agropecuaria (EMBRAPA), Centro de Pesquisa Agropecuaria do Trópico Semi-Árido (CPATSA), BR-428 km 152, Zona Rural, Caixa Postal 23, 56300-000 Petrolina, Pernambuco, Brasil. Tel. (55-81)862-1711. Fax (55-81)862-1744. E-mail: [email protected]. | * '''Luiza Teixeira de Lima Brito''', Empresa Brasileira de Pesquisa Agropecuaria (EMBRAPA), Centro de Pesquisa Agropecuaria do Trópico Semi-Árido (CPATSA), BR-428 km 152, Zona Rural, Caixa Postal 23, 56300-000 Petrolina, Pernambuco, Brasil. Tel. (55-81)862-1711. Fax (55-81)862-1744. E-mail: [email protected]. | ||
+ | * लुइजा तेइक्सेरा डे लीमा ब्रिटो, इम्प्रेसिया ब्राजीलियेरा डे पेस्क्यूसा एग्रोपिक्यूआरिया (एम्ब्रापा), सेंट्रो डे पेस्क्यूएसा एग्रोपिक्यूआरिया डो ट्रोपिको सेमि-एरिडो (क्पाट्सा), बीआर-428 केएम 152, जोनल रूरल, काएक्सा पोस्टल 23, 56300-000 पेट्रोलिना, परनाम्बुको, ब्रासिल. टेल. (55-81)862-1711. फैक्स (55-81)862-1744. ई-मेल : [email protected]. | ||
* '''Eduardo Torres''', Instituto Argentino de Investigaciones de las Zonas Aridas (IADIZA), Dependiente del Consejo Nacional de Ciencia y Tecnologia (CONICET), Universidad Nacional de Cuyo y Gobierno de la Provincia de Mendoza, Casilla de Correo 507, 5500 Mendoza, República Argentina. Fax (54-61)287955. | * '''Eduardo Torres''', Instituto Argentino de Investigaciones de las Zonas Aridas (IADIZA), Dependiente del Consejo Nacional de Ciencia y Tecnologia (CONICET), Universidad Nacional de Cuyo y Gobierno de la Provincia de Mendoza, Casilla de Correo 507, 5500 Mendoza, República Argentina. Fax (54-61)287955. | ||
+ | * इडुरेंडो टोरेस, इंस्टीटुटो अर्जेंटीनो डे इनवेस्टिगेसियोनस डे लास जोनस अरिडास (इआडिजा), डिपेंडिएंटे डेल कोनसेजो नासिओनल डे सिएनसिया वाई टेक्नोलोजिआ (कोनिकेट), यूनिवर्सिडाड नोसिओनल डे क्यूओ वाई गोबिएर्नो डे ला प्रोविंसिआ डे मेंडोजा, कासिल्ला डे कोर्रिओ 507, 5500 मेंडोजा, रिपब्लिका अर्जेंटीना. फैक्स (54-61)287955. | ||
* '''Maria Sonia Lopes da Silva''', Empresa Brasileira de Pesquisa Agropecuaria (EMBRAPA), Centro de Pesquisa Agropecuaria do Trópico Semi-Árido (CPATSA), BR-428 km 152, Zona Rural, Caixa Postal 23, 56300-000 Petrolina, Pernambuco, Brasil. Tel. (55-81)862-1711. Fax (55-81)862-1744. E-mail: [email protected]. | * '''Maria Sonia Lopes da Silva''', Empresa Brasileira de Pesquisa Agropecuaria (EMBRAPA), Centro de Pesquisa Agropecuaria do Trópico Semi-Árido (CPATSA), BR-428 km 152, Zona Rural, Caixa Postal 23, 56300-000 Petrolina, Pernambuco, Brasil. Tel. (55-81)862-1711. Fax (55-81)862-1744. E-mail: [email protected]. | ||
+ | * मारिआ सोनिया लोपेस डा सिल्वा, इम्प्रेसिया ब्राजीलियेरा डे पेस्क्यूसा एग्रोपिक्यूआरिया (एम्ब्रापा), सेंट्रो डे पेस्क्यूएसा एग्रोपिक्यूआरिया डो ट्रोपिको सेमि-एरिडो (क्पाट्सा), बीआर-428 केएम 152, जोनल रूरल, काएक्सा पोस्टल 23, 56300-000 पेट्रोलिना, परनाम्बुको, ब्रासिल. टेल. (55-81)862-1711. फैक्स (55-81)862-1744. ई-मेल : [email protected]. | ||
* '''Aderaldo de Souza Silva''', Empresa Brasileira de Pesquisa Agropecuaria (EMBRAPA), Centro Nacional de Pesquisa de Monitoramento e Avaliacao de Impacto Ambientalt (NPMA), Rodovia SP-340 km 127.5, Bairro Tanquinho Velho, Caixa Postal 69, 13820-000 Jaguariuna, São Paulo, Brasil. Tel.(55-4198)67-5633. Fax (55-4198)67-5225. | * '''Aderaldo de Souza Silva''', Empresa Brasileira de Pesquisa Agropecuaria (EMBRAPA), Centro Nacional de Pesquisa de Monitoramento e Avaliacao de Impacto Ambientalt (NPMA), Rodovia SP-340 km 127.5, Bairro Tanquinho Velho, Caixa Postal 69, 13820-000 Jaguariuna, São Paulo, Brasil. Tel.(55-4198)67-5633. Fax (55-4198)67-5225. | ||
+ | * एड्राल्डो डे सूजा सिल्वा, इम्प्रेसिया ब्राजीलियेरा डे पेस्क्यूसा एग्रोपिक्यूआरिया (एम्ब्रापा), सेंट्रो डे पेस्क्यूएसा एग्रोपिक्यूआरिया डो ट्रोपिको सेमि-एरिडो (क्पाट्सा), बीआर-428 केएम 152, जोनल रूरल, काएक्सा पोस्टल 23, 56300-000 पेट्रोलिना, परनाम्बुको, ब्रासिल. टेल. (55-81)862-1711. फैक्स (55-81)862-1744. | ||
− | * | + | * खेती में जल के उपयोग पर बृहद विकी: [http://agropedia.iitk.ac.in/ एग्रोपीडिया] |
− | === | + | ===संदर्भ आभार=== |
− | [http://www.oas.org/dsd/publications/Unit/oea59e/begin.htm#Contents | + | [http://www.oas.org/dsd/publications/Unit/oea59e/begin.htm#Contents सोर्स बुक ऑफ अल्टरनेटिव टेक्नोलॉजीज फॉर फ्रेशवाटर आउगमेंटेशन इन लैटिन अमेरिका एंड द कैरिबियन]. 1.2 रेनवाटर हारवेस्टिंग इन सिटु. यूएनइपी – इंटरनेशनल इंवायरमेंट टेक्नोलॉजी सेंटर युनाइटेड नेशन्स इनवायरमेंट प्रोग्राम. यूनिट ऑफ सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड इन्वायरमेंट जेनरल सेक्रेटारियेट, ऑरगेनाइजेशन ऑफ अमेरिकन स्टेट, वाशिंगटन, डीसी, 1997. |
Latest revision as of 00:16, 7 April 2016
शुष्क और अर्ध-शुष्क इलाकों में जहां बारिश बहुत कम होती है, बारिश के मौसम में अधिक से अधिक वर्षाजल संचित करके रखना पड़ता है ताकि बाद में इसका इस्तेमाल किया जा सके, खास तौर पर खेती और घरेलू इस्तेमाल के लिए. वर्षाजल संचयन का एक उपाय जो सबसे अधिक इस्तेमाल में लाया जाता है वह है कार्यस्थल पर यानी जहाँ जरूरत हो वहीं वर्षाजल का भंडारण (यथास्थान वर्षाजल संचयन). अपेक्षाकृत गहराई वाले इलाके वर्षाजल के संचयन के लिए आदर्श होते हैं. यह तरीका ब्राजील, आर्जेंटीना और पराग्वे के शुष्क और अर्ध-शुष्क इलाकों में मुख्यतः सिंचाई के मकसद से इस्तेमाल में लाये जाते हैं. कार्यस्थल वाली तकनीक में पानी वहीं जमा किया जाता है, जहां उसका इस्तेमाल होना है.
सामान्यतः यह तकनीक सरल और इस्तेमाल में आसान होती है. अमूमन सरकारी संस्थान और खेतिहर समुदाय मिल कर कार्यस्थल पर वर्षाजल संचयन की तकनीक को बढ़ावा देते हैं. उपयोगकर्ताओं को इस तकनीक के लाभ और वर्षाजल संचयन को लागू करते हुए मृदा की क्षति से बचाव के उपाय के बारे में सूचित करने के लिए शैक्षणित और सूचनापरक कार्यक्रम उपलब्ध कराये जाने चाहिये.
Contents
उपयुक्त परिस्थितियां
इस तकनीक से शुष्क और अर्धशुष्क इलाकों में सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता बढ़ जाती है. यह मक्के, कपास, ज्वार और कई अन्य फसलों को उगाने के लिए विकसित प्रबंधकीय उपायों को बढ़ावा देता है. इसके जरिये हमें पालतू जानवरों और घरेलू इस्तेमाल के लिए भी अतिरिक्त जल उपलब्ध हो जाता है.
यह शुष्क और अर्धशुष्क इलाकों की निचली सतह में लागू किया जा सकता है.
पूर्वोत्तर ब्राजील, पराग्वे के चाको और आर्जेंटीना के इलाकों में इस तकनीक का अत्यधिक इस्तेमाल होता है. यह फसल, पालतू पशुओं और घरेलु इस्तेमाल के लिए जलापूर्ति को बढ़ावा देता है. खेती में मशीनों का इस्तेमाल बढ़ने की वजह से इसका उपयोग बहुत कम होने लगा है, लेकिन उन इलाकों में जहां बारिश बहुत कम होती है यह अभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका प्राथमिक तौर पर उपकरणों की उपलब्धता, खेती और पशुपालन की पद्धतियां और मिट्टी के प्रकार पर निर्भर करता है.
सांस्कृतिक स्वीकार्यता
वर्षाजल संचयन की यह पद्धति पूर्वोत्तर ब्राजील, पराग्वे और आर्जेंटीना के इलाकों में बरसों से इस्तेमाल की जाती रही है. दूसरे इलाकों के शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्र इस पद्धति को अपना कर आसानी से इस तकनीक को अपना कर अपनी खेती का विकास कर सकते हैं और उत्पादकता बढ़ा सकते हैं.
लाभ | हानि |
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- इस तकनीक में अतिरिक्त श्रम की बहुत कम आवश्यकता होती है. - इसे कभी भी लागू किया जा सकता है, रोपणी के पहले भी और बाद में भी. |
- इस वर्षाजल पद्धति की वहां लागू नहीं किया जा सकता जहां ढलान 5 फीसदी से अधिक हो. - पथरीली मिट्टी में इसे लागू करना मुश्किल होता है. |
संरचना और निर्माण
हर वर्षाजल संचयन तंत्र के तीन पहलू होते हैं : एक संग्रहण क्षेत्र, एक परिवहतन तंत्र और एक भंडारण क्षेत्र. इस व्यवस्था में संग्रहण और भंडारण उसी भूसंरचना में उपलब्ध कराया जाता है. गहराई वाली भूसंरचना संग्रहण और भंडारण के लिए आदर्श क्षेत्र मानी जाती है. कई परिस्थितियों में ऐसे इलाकों में रिसाव नहीं होता है, ये चिकनी मिट्टी से ढकी होती हैं, ताकि कम से कम पानी बाहर रिसे. ब्राजील में कार्यस्थल पर वर्षाजल संचयन की प्रक्रिया, जिनमें कृषि क्षेत्र में कार्यस्थल तैयारी शामिल है, का जिक्र नीचे है.
गहराई वाली भूसंरचना का वर्षाजल संचयन क्षेत्र के रूप में उपयोग
पराग्वे में गहराई वाली भूसंरचना जिसका उपयोग वर्षाजल संचयन के तौर पर होता है को ताजामेयर्स कहते हैं. ताजामेयर्स उन इलाकों में बनाये जाते हैं जहां चिकनी मिट्टी कम से कम तीन मीटर गहरी हो. ताजामेयर्स से भंडारण क्षेत्र में और फिर वहां से खेतों में नहर वितरणी के जरिये पानी पहुंचाया जाता है. संग्रहण और भंडारण क्षेत्र की घेराबंदी की जाती है ताकि पशु पानी को दूषित न कर दें. यह तकनीक अमूमन चिकनी मिट्टी से बने भंडारण टैंक से जुड़ी होती है. इसमें कार्यस्थल पर वर्षाजल संचयन क्षेत्र से पानी पंप के जरिये भंडारण टैंक तक पहुंचाया जाता है, यह अमूमन विंडमिल के जरिये संचालित होता है, जैसा चित्र 1 में बताया गया है.
ताजामेयर्स में जमा पानी का इस्तेमाल सामान्यतः पशुओं को पानी पिलाने के लिए किया जाता है और सफाई और क्लोरीन डालने के बाद इन्हें घरेलू उपभोग के लिए भी प्रयोग में लाया जा सकता है. व्यक्तिगत ताजामेयर्स भी अक्सर भूजल स्रोतों के कृत्रिम पुनर्भरण के लिए इस्तेमाल में लाये जाते हैं. पराग्वे चाको में बने ताजामेयर्स हर साल 6800 घन मीटर भूजल पुनर्भरण करते हैं.
वर्षाजल भंडारण क्षेत्र के रूप में नालियों का इस्तेमाल
नालियां कार्यक्षेत्र में कृषि कार्य के लिए वर्षाजल का संचय करने हेतु प्रयोग में लायी जा सकती हैं. ये पौधों को लगाये जाने से पहले भी और उसके बाद भी बनायी जा सकती हैं, ताकि इनके पानी का इस्तेमाल भविष्य में किया जा सके. भूसंरचना की गहराइयों में विविधता के मद्देनजर खेतों में ही फसलों की कतारों के बीच पानी संरक्षित करने के लिए यह तरकीब इस्तेमाल की जाती है. इन नालियों में हर दो-तीन मीटर पर कीचड़ के डैम बनाये जा सकते हैं ताकि पानी को लंबे समय तक रोका जा सके और मृदा अपरदन और पानी के धरती में अत्यधिक अवशोषण को रोका जा सके. खेतों की पगडंडियां भी नालियों में पानी को रोकने के लिए मददगार हो सकती हैं, या कतारों के बीच गैर कृषियोग्य जमीन छोड़ी जा सकती है, यह एक मीटर तक हो सकती है ताकि इस जमीन पर गिरने वाले जल को नालियों में लाया जा सके.
गुइमेयर्स ड्यूक
गुइमेयर्स ड्यूक पद्धति का विकास 1950 में ब्राजील में हुआ है. इसके तहत नालियों का इस्तेमाल किया जाता है और क्यारियों को ऊंचा किया जाता है, इनमें पानी रोकने के लिए एक दूसरे को काटने वाली रेखाएं होती हैं जो उल्टे डिस्क वाले गड्ढे होते हैं और ऐसे कम से कम तीन डिस्क होते हैं. ये नालियां अमूमन खेतिहर जमीन के किनारे में बनायी जाती हैं.
लागत, क्रियान्वयन और रख-रखाव
इस तकनीक में बहुत कम रख-रखाव की जरूरत होती है, केवल जगह चुनना और तैयार करना होता है. इसका रख-रखाव खेती की रोजना की गतिविधियों के साथ हो जाता है, बस संग्रहण क्षेत्र को कचरे और अवांछित पौधों से मुक्त रखना पड़ता है. जहां सिर्फ कतार के हिस्से पर खेती की जाती है, जुताई वाले इलाके में गोलाकार घुमाने से भंडारण क्षेत्र का प्रभावी रख-रखाव होता है.
कार्यस्थल पर वर्षाजल संचयन की लागत न्यूनतम होती है. इस तकनीक का मुख्य व्यय उपकरण में और उन श्रमिकों के मेहनताना के रूप में होता है जो नालियां और घेराबंदी का निर्माण करते हैं. टेबल 1 में ब्राजील में कृषि क्षेत्र में विभिन्न तरीकों द्वार इनके निर्माण की प्रतिनिधि लागत का उल्लेख किया गया है. पराग्वे में ताजामेयर का निर्माण व्यय 4500 डालर बताया गया है. इसमें न सिर्फ मिट्टी की तैयारी की लागत शामिल है बल्कि भंडारण टैंक और विंडमिल जैसे उपकरणों का मूल्य भी जुड़ा हुआ है, जो चित्र 1 में दिखाया गया है.
टेबल 1. ब्राजील में वर्षाजल संचयन के विभिन्न कार्यस्थल तैयारी पद्धतियों की अनुमानित लागत डालर में.
पद्धति | आधारभूत उपकरण | पशु का किराया | कुल | क्रियान्वयन लागत प्रति घंटा |
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समतल घाटी नालियां | 150.00 | 300.00 | 450.00 | 0.96 |
रोपणी के बाद बनी नालियां | 80.00 | 300.00 | 380.00 | 0.90 |
रोपणी से पहले बनी नालियां | 180.00 | 70.00 | 250.00 | 0.90 |
नालियां अवरोध के साथ | 180.00 | 70.00 | 250.00 | 0.90 |
उन्नत बेड | 1,500.00 | 1,000.00 | 2,500.00 | 12-15 |
आंशिक भूमि की नालियां | 100.00 | 80.00 | 180.00 | 0.70 |
गुइमेयर्स ड्यूक पद्धति | ... | ... | ... | 12-15 |
तकनीक का आगामी विकास
नालियों और भंडारण क्षेत्रों में इस्तेमाल किये जा रहे उपकरणों का विकास किया जाना चाहिये. अपेक्षाकृत सस्ती जुताई और ट्रैक्टर क्रियान्वयन की लागत को घटा सकते हैं और छोटे किसानों द्वारा इसके इस्तेमाल को बढ़ाया जा सकता है. मृदा संरक्षण की नयी पद्धतियों की तलाश जरूरी है.
निर्देशिका, वीडियो और लिंक
Contacts - संपर्क
- José Barbosa dos Anjos, Empresa Brasileira de Pesquisa Agropecuaria (EMBRAPA), Centro de Pesquisa Agropecuaria do Trópico Semi-Árido (CPATSA), BR-428 km 152, Zona Rural, Caixa Postal 23, 56300-000 Petrolina, Pernambuco, Brasil. Tel. (55-81)862-1711. Fax (55-81)862-1744. E-mail: [email protected].
- जोस बारबोसा डोस एंजोस, इम्प्रेसिया ब्राजीलियेरा डे पेस्क्यूसा एग्रोपिक्यूआरिया (एम्ब्रापा), सेंट्रो डे पेस्क्यूएसा एग्रोपिक्यूआरिया डो ट्रोपिको सेमि-एरिडो (क्पाट्सा), बीआर-428 केएम 152, जोनल रूरल, काएक्सा पोस्टल 23, 56300-000 पेट्रोलिना, परनाम्बुको, ब्रासिल. टेल. (55-81)862-1711. फैक्स (55-81)862-1744. ई-मेल: [email protected].
- Everaldo Rocha Porto, Empresa Brasileira de Pesquisa Agropecuaria (EMBRAPA), Centro de Pesquisa Agropecuaria do Trópico Semi-Árido (CPATSA), BR-428 km 152, Zona Rural, Caixa Postal 23, 56300-000 Petrolina, Pernambuco, Brasil. Tel. (55-81)862-1711. Fax (55-81)862-1744. E-mail: [email protected].
- एवराल्डो रोचा पोर्टो, इम्प्रेसिया ब्राजीलियेरा डे पेस्क्यूसा एग्रोपिक्यूआरिया (एम्ब्रापा), सेंट्रो डे पेस्क्यूएसा एग्रोपिक्यूआरिया डो ट्रोपिको सेमि-एरिडो (क्पाट्सा), बीआर-428 केएम 152, जोनल रूरल, काएक्सा पोस्टल 23, 56300-000 पेट्रोलिना, परनाम्बुको, ब्रासिल. टेल. (55-81)862-1711. फैक्स (55-81)862-1744. ई-मेल : [email protected].
- Luiza Teixeira de Lima Brito, Empresa Brasileira de Pesquisa Agropecuaria (EMBRAPA), Centro de Pesquisa Agropecuaria do Trópico Semi-Árido (CPATSA), BR-428 km 152, Zona Rural, Caixa Postal 23, 56300-000 Petrolina, Pernambuco, Brasil. Tel. (55-81)862-1711. Fax (55-81)862-1744. E-mail: [email protected].
- लुइजा तेइक्सेरा डे लीमा ब्रिटो, इम्प्रेसिया ब्राजीलियेरा डे पेस्क्यूसा एग्रोपिक्यूआरिया (एम्ब्रापा), सेंट्रो डे पेस्क्यूएसा एग्रोपिक्यूआरिया डो ट्रोपिको सेमि-एरिडो (क्पाट्सा), बीआर-428 केएम 152, जोनल रूरल, काएक्सा पोस्टल 23, 56300-000 पेट्रोलिना, परनाम्बुको, ब्रासिल. टेल. (55-81)862-1711. फैक्स (55-81)862-1744. ई-मेल : [email protected].
- Eduardo Torres, Instituto Argentino de Investigaciones de las Zonas Aridas (IADIZA), Dependiente del Consejo Nacional de Ciencia y Tecnologia (CONICET), Universidad Nacional de Cuyo y Gobierno de la Provincia de Mendoza, Casilla de Correo 507, 5500 Mendoza, República Argentina. Fax (54-61)287955.
- इडुरेंडो टोरेस, इंस्टीटुटो अर्जेंटीनो डे इनवेस्टिगेसियोनस डे लास जोनस अरिडास (इआडिजा), डिपेंडिएंटे डेल कोनसेजो नासिओनल डे सिएनसिया वाई टेक्नोलोजिआ (कोनिकेट), यूनिवर्सिडाड नोसिओनल डे क्यूओ वाई गोबिएर्नो डे ला प्रोविंसिआ डे मेंडोजा, कासिल्ला डे कोर्रिओ 507, 5500 मेंडोजा, रिपब्लिका अर्जेंटीना. फैक्स (54-61)287955.
- Maria Sonia Lopes da Silva, Empresa Brasileira de Pesquisa Agropecuaria (EMBRAPA), Centro de Pesquisa Agropecuaria do Trópico Semi-Árido (CPATSA), BR-428 km 152, Zona Rural, Caixa Postal 23, 56300-000 Petrolina, Pernambuco, Brasil. Tel. (55-81)862-1711. Fax (55-81)862-1744. E-mail: [email protected].
- मारिआ सोनिया लोपेस डा सिल्वा, इम्प्रेसिया ब्राजीलियेरा डे पेस्क्यूसा एग्रोपिक्यूआरिया (एम्ब्रापा), सेंट्रो डे पेस्क्यूएसा एग्रोपिक्यूआरिया डो ट्रोपिको सेमि-एरिडो (क्पाट्सा), बीआर-428 केएम 152, जोनल रूरल, काएक्सा पोस्टल 23, 56300-000 पेट्रोलिना, परनाम्बुको, ब्रासिल. टेल. (55-81)862-1711. फैक्स (55-81)862-1744. ई-मेल : [email protected].
- Aderaldo de Souza Silva, Empresa Brasileira de Pesquisa Agropecuaria (EMBRAPA), Centro Nacional de Pesquisa de Monitoramento e Avaliacao de Impacto Ambientalt (NPMA), Rodovia SP-340 km 127.5, Bairro Tanquinho Velho, Caixa Postal 69, 13820-000 Jaguariuna, São Paulo, Brasil. Tel.(55-4198)67-5633. Fax (55-4198)67-5225.
- एड्राल्डो डे सूजा सिल्वा, इम्प्रेसिया ब्राजीलियेरा डे पेस्क्यूसा एग्रोपिक्यूआरिया (एम्ब्रापा), सेंट्रो डे पेस्क्यूएसा एग्रोपिक्यूआरिया डो ट्रोपिको सेमि-एरिडो (क्पाट्सा), बीआर-428 केएम 152, जोनल रूरल, काएक्सा पोस्टल 23, 56300-000 पेट्रोलिना, परनाम्बुको, ब्रासिल. टेल. (55-81)862-1711. फैक्स (55-81)862-1744.
- खेती में जल के उपयोग पर बृहद विकी: एग्रोपीडिया
संदर्भ आभार
सोर्स बुक ऑफ अल्टरनेटिव टेक्नोलॉजीज फॉर फ्रेशवाटर आउगमेंटेशन इन लैटिन अमेरिका एंड द कैरिबियन. 1.2 रेनवाटर हारवेस्टिंग इन सिटु. यूएनइपी – इंटरनेशनल इंवायरमेंट टेक्नोलॉजी सेंटर युनाइटेड नेशन्स इनवायरमेंट प्रोग्राम. यूनिट ऑफ सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड इन्वायरमेंट जेनरल सेक्रेटारियेट, ऑरगेनाइजेशन ऑफ अमेरिकन स्टेट, वाशिंगटन, डीसी, 1997.