Difference between revisions of "वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / सतही जल / तैरता जल-संग्रहण"

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'''डब्ल्यूएएसएच-वाश व्यवस्था का लचीलापन बढ़ाना::'''  मिश्रण सही हो यह सुनिश्चित करना, उसकी सामग्री की शुद्धता सुनिश्चित करना, पानी का कम से कम इस्तेमाल, पर्याप्त तराई..
 
'''डब्ल्यूएएसएच-वाश व्यवस्था का लचीलापन बढ़ाना::'''  मिश्रण सही हो यह सुनिश्चित करना, उसकी सामग्री की शुद्धता सुनिश्चित करना, पानी का कम से कम इस्तेमाल, पर्याप्त तराई..
  
सूखे के प्रबंधन पर अधिक जानकारी:  [[सूखा प्रभावित क्षेत्रों में लचीला वॉश सिस्टम]].
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सूखे के प्रबंधन पर अधिक जानकारी:  [[Resilient WASH systems in drought-prone areas | सूखा प्रभावित क्षेत्रों में लचीला वॉश सिस्टम]].
  
 
===विनिर्माण, परिचालन और रखरखाव===
 
===विनिर्माण, परिचालन और रखरखाव===
[[Image:Floating Intake Diagram.jpg|thumb|right|200px|A floating intake diagram. Click image to zoom. <br> Drawing: WHO.]]
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[[Image:Floating Intake Diagram.jpg|thumb|right|200px|एक तैरता जल-संग्रहण रेखाचित्र. बड़ा करके देखने के लिये इमेज पर क्लिक करें. <br> रेखाचित्र: डब्ल्यूएचओ.]]
[[Image:Floating Intake Big Diagram.jpg|thumb|right|200px|Floating intake cross section view of pond or lake. Click image to zoom. Drawing: [http://www.lifewater.org/resources/rws1/rws1p4.pdf Lifewater.org.]]]
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[[Image:Floating Intake Big Diagram.jpg|thumb|right|200px|फ्लोटिंग इनटेक क्रॉस सेक्शन व्यू ऑफ पोंड ऑर लेक. बड़ा करके देखने के लिये इमेज पर क्लिक करें. रेखाचित्र: [http://www.lifewater.org/resources/rws1/rws1p4.pdf लाइफवाटर.ऑर्ग]]
  
 
बहते हुए इनटे का परिचालन एक रखरखाव कर्ता द्वारा किया जाता है. पंप और अंदरूनी पाइप को चलाने के पहले और उसके दौरान जरूर चेक किया जाना चाहिए. किसी भी तरह के बाधा पहुंचाने वाले कचरे को हटा दिया जाना चाहिए और टूटफूट का सुधार कार्य होना चाहिए. बारिश के दिनों में इस बात का ध्यान रखना खासतौर पर जरूरी है. हर रोज केबल चेक की जानी चाहिए कि कहीं लीकेज तो नहीं है. जरूरत पडऩे पर उसे सुधारना चाहिए.केबल या पीपा पुल को पहुंची किसी भी क्षति को तत्काल दूर किया जाना चाहिए. इस काम में कई लोगों की मदद की आवश्यकता होती है. पीपे में लगी सामग्री को हर साल पेंट से रंगना चाहिए. कम से कम स्टील से बने हिस्से को जरूर.
 
बहते हुए इनटे का परिचालन एक रखरखाव कर्ता द्वारा किया जाता है. पंप और अंदरूनी पाइप को चलाने के पहले और उसके दौरान जरूर चेक किया जाना चाहिए. किसी भी तरह के बाधा पहुंचाने वाले कचरे को हटा दिया जाना चाहिए और टूटफूट का सुधार कार्य होना चाहिए. बारिश के दिनों में इस बात का ध्यान रखना खासतौर पर जरूरी है. हर रोज केबल चेक की जानी चाहिए कि कहीं लीकेज तो नहीं है. जरूरत पडऩे पर उसे सुधारना चाहिए.केबल या पीपा पुल को पहुंची किसी भी क्षति को तत्काल दूर किया जाना चाहिए. इस काम में कई लोगों की मदद की आवश्यकता होती है. पीपे में लगी सामग्री को हर साल पेंट से रंगना चाहिए. कम से कम स्टील से बने हिस्से को जरूर.
  
====Potential problems====
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====संभावित दिक्कतें====
— floating objects collide with the floating pontoon;<br>
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- बहकर आने वाली वस्तुएं बहते पीपों से टकरा सकती हैं.<br>
— the pipe connectors between the pontoon and the bank wear out; <br>
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- किनारे और पीपों को जोडऩे वाले पाइप फट सकते हैं.<br>
— the lake or river water may be of poor quality.
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- झील या नदी का पानी खराब गुणवत्ता वाला हो सकता है.
  
  
[[File:floatingIntakeOM.jpg|thumb|none|500px|Operations and maintenance roles. Click chart to zoom in. Chart: WHO.]]
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[[File:floatingIntakeOM.jpg|thumb|none|500px|परिचालन और रखरखाव भूमिकाएं. बड़ा करके देखने के लिये चार्ट पर क्लिक करें. चार्ट: डब्ल्यूएचओ.]]
  
====Screens====
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====छनन प्रक्रिया====
In water supply engineering, screens are used for various purposes:
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जलापूर्ति इंजीनियरिंग में जालियों का इस्तेमाल कई उद्देश्यों से किया जाता है:
  
* Removal of floating and suspended matter of large size which otherwise might clog pipelines, damage pumps and other mechanical equipment, or interfere with the satisfactory operation of the treatment processes. Fixed screens are used for this purpose and they are cleaned on site by hand or mechanically.
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* बड़े आकार की बहती चीजों को अलग करना जो अन्यथा पाइप लाइन को जाम कर सकती हैं, पंप तथा अन्य मैकेनिकल उपकरणों को क्षतिग्रस्त कर सकती हैं या जल उपचार की संतोषजनक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं. इस काम के लिए एक जगह जाम जालियों का इस्तेमाल किया जाता है और उनको हाथ से या मैकेनिकल तरीके से साफ किया जाता है.
* Clarification of the water by removal of suspended matter even of small size, to lighten the load on the subsequent treatment processes. In particular screens are used to prevent filters from becoming clogged too rapidly. Screening is done by passing the water through closely spaced bars, gratings or perforated plates. It does not change the chemical or bacteriological quality of the water. It serves to retain coarse material and suspended matter larger than the screen openings. Even when screened-out material forms a filtering mat of deposits, the screening still is purely of a mechanical nature. Bar screens usually consist of steel strips or bars spaced at 0.5-5 cm. If the amount of material ex-pected to be screened out is small, the bars are set quite steeply, at an angle of 60-75° to the horizontal, and cleaning is done by hand using rakes. If larger amounts will be retained, cleaning by hand should still be feasible; to facilitate the cleaning work, the bars should be placed at an angle of 30-45° to the horizontal.
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* छोटे-बड़े आकार का ठिठका हुआ कचरा हटाकर उपचार प्रक्रिया का बोझ कम किया जाता है. खासतौर पर जालियों का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है कि कहीं फिल्टर बहुत जल्दी कचरे के बोझ तले दब न जाएं. पानी को थोड़ी-थोड़ी दूरी पर लगी छड़ी दार जालियों में से गुजार कर इस प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है. इससे पानी की जैविक गुणवत्ता पर कोई असर नहीं होता. यह केवल बड़े कचरे को थामने का काम करता है. यह पूरी तरह मैकेनिकल प्रक्रिया है.
  
The water should flow towards the bar screen at a quite low velocity, 0.1-0.2 m/s. Once the water has passed the screen, the flow velocity should be at least 0.3-0.5 m/s in order to prevent the settling out of suspended matter. In the openings between the bars the velocity of flow should be limited to a maximum of 0.7 m/s; otherwise soft, deformable matter will be forced through the screen openings. A clean screen will allow the water to pass with a head loss of only a few centimetres. However, the head loss rises sharply when the clogging of the screen builds up. Regular cleaning should keep the head loss limited to 0.1-0.2 m head of water. Allowing for delayed cleaning and mechanical failures, it is good practice to design a bar screen for a head loss of 0.5-1.0 m.
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इन जालियों की छड़ें प्राय: 0.5 से 5 सेमी की दूरी पर लगी होती हैं. अगर संभावित कचरे का आकार छोटा होने की आशंका हो तो इन छड़ों को और करीब लगाया जाता है और वह भी खड़ी स्थिति में यानी 60 से 75 डिग्री के झुकाव पर. इस दौरान हाथ से सफाई की जा सकती है. अगर ज्यादा मात्रा में कचरा छांटना है तो हाथ से की जाने वाली सफाई व्यवहार्य है. उस स्थिति में छड़ों को 30 से 45 डिग्री के झुकवा पर लगाया जाना चाहिए. पानी को इस स्क्रीन की ओर बहुत धीमी गति से बहना चाहिए. एक बार पानी इसके पार हो गया तो उसकी गति कुछ हद तक बढ़ सकती है. छड़ों के बीच के खुले स्थान में पानी के बहाव की अधिकतम गति ०.७ मीटर प्रति सेकंड होनी चाहिए अन्यथा नरम और आकार बदल सकने वाला कचरा उससे पार हो जाएगा.  
  
===Manuals, videos and links===
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एक अच्छी स्क्रीन यानी छननी पानी को महज कुछ सेंटीमीटर ऊंची धारा से गिराती है जबकि अगर कचरा एकत्रित हो गया तो यह ऊंचाई बढ़ भी सकती है. नियमित सफाई से इसे ०.१ से ०.२ मीटर  तक सीमित रखा जा सकता है.अगर सफाई देरी से होनी हो तो इसे कुछ इस तरह डिजाइन किया जाना चाहिए कि बार स्क्रीन ०.५ से १.० मीटर तक की गिरावट के लिए तैयार रहे.
* [http://www.lifewater.org/resources/rws1/rws1p4.pdf Choosing where to place intakes.] Water for the World.
 
* [http://www.lifewater.org/resources/rws1/rws1c2.pdf Constructing Intakes for Ponds, Lakes and Reservoirs.] Water for the World.
 
* [http://www.watersanitationhygiene.org/References/EH_KEY_REFERENCES/WATER/Surface%20Water/Maintaining%20Intakes%20%28USAID%29.pdf Maintaining intakes.] US AID.
 
* [http://www.samsamwater.com/library/TP40_11_Surface_water.pdf Surface water intake and small dams.] Nhamo Masanganise.
 
* [http://docs.watsan.net/Downloaded_Files/PDF/Lauterjung-1989-Planning.pdf Planning of Water intake structures for irrigation or hydropower].  Helmut Lauterjung / Gangolf Schmidt. A Publication of GTZ-Postharvest Project, 1989.
 
  
===Acknowledgements===
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===मैनुअल, वीडियो एवं लिंक===
* Brikke, François, and Bredero, Maarten. [http://www.washdoc.info/docsearch/title/117705 Linking technology choice with operation and maintenance in the context of community water supply and sanitation: A reference document for planners and project staff] or ([http://www.who.int/water_sanitation_health/hygiene/om/wsh9241562153/en/ alternative link]). World Health Organization and IRC Water and Sanitation Centre. Geneva, Switzerland 2003.
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* [http://www.lifewater.org/resources/rws1/rws1p4.pdf चूजिंग व्हेयर टु प्लेस इनटेक.] वाटर फॉर द वर्ल्ड.
* [http://www.lifewater.org/resources/rws1/rws1p4.pdf Choosing where to place intakes.] Water for the World.
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* [http://www.lifewater.org/resources/rws1/rws1c2.pdf कंस्ट्रक्शन इनटेक्स फॉर पॉन्ड्स, लेक्स ऐंड रिजवॉयर्स.] वाटर फॉर द वर्ल्ड.
* [http://www.samsamwater.com/library/TP40_11_Surface_water.pdf Surface water intake and small dams.] Nhamo Masanganise.
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* [http://www.watersanitationhygiene.org/References/EH_KEY_REFERENCES/WATER/Surface%20Water/Maintaining%20Intakes%20%28USAID%29.pdf मैंटेनेंस इनटेक्स.] यूएस एड.
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* [http://www.samsamwater.com/library/TP40_11_Surface_water.pdf सरफेस वाटर इनटेक ऐंड स्माल डैमस.] न्हामो मासांगनाइस.
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* [http://docs.watsan.net/Downloaded_Files/PDF/Lauterjung-1989-Planning.pdf प्लानिंग ऑफ वाटर इनटेक स्ट्रक्चर फॉर इरिगेशन ऑफ हाइड्रोपॉवर].  हेलमुत लाटरजुंग /गंगोल्फ श्मिड्टज, अ पब्लिकेशन ऑफ जीटीजेड, पोस्टहार्वेस्ट प्रोजेक्ट,1989
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===संदर्भ आभार===
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* ब्रिक्के, फ्रांक्वा और ब्रीडरो, मार्टन. [http://www.washdoc.info/docsearch/title/117705 लिंकिंग टेक्रॉलजी च्वाइस विद ऑपरेशन ऐंड मेंटनेंस इन द कंटेक्स्ट ऑफ कमयुनिटी वाटर सप्लाई ऐंड सैनिटेशन: अ रिफरेंस डॉक्युमेंट फॉर प्लानर्स ऐंड प्रोजेक्ट स्टाफ] या ([http://www.who.int/water_sanitation_health/hygiene/om/wsh9241562153/en/ वैकल्पिक लिंक]). विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईआरसी जल एवं सफाई केंद्र, जेनेवा, स्विट्जरलैंड २००३
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* [http://www.lifewater.org/resources/rws1/rws1p4.pdf चूजिंग व्हेयर टु प्लेस इनटेक.] वाटर फॉर द वर्ल्ड
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* [http://www.samsamwater.com/library/TP40_11_Surface_water.pdf सरफेस वाटर इनटेक ऐंड स्माल डैमस.] न्हामो मासांगनाइस

Latest revision as of 00:22, 27 May 2017

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Intake icon.png
नदी मेंं इनटेक की जगह चुनते समय ऐसी जगह चुननी चाहिए जहां कम पत्थर और चटानें हों ताकि इनटेक सिस्टम खराब न हो. इस तरह की जगहें अक्सर निचली धारा में मिलती हैं..

तैरता जल-संग्रहण पेयजल व्यवस्था में बहते पानी से निकासी नदी या झील की तलहटी के निकट होती है. ऐसा करने से एक सक्शन पंप का अंदरूनी हिस्सा जल स्तर के ठीक नीचे पीपा पुल से जोड़ दिया जाता है. यह पीपा पुल नदी या झील के किनारे पर या उसके करीब लगा होता है. इस पंप को नदी के किनारे पर या फिर उसी पीपा पुल पर स्थापित किया जा सकता है. पंप को उस पुल पर स्थापित करने का फायदा यह है कि सक्शन पंप काफी छोटा रहेगा और उसे स्थिर रखा जा सकेगा. अगर नदी की धारा से बड़ा कचरा बहकर आता है तो अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह क्षतिग्रस्त हो जाएगा. पीपा पुल बनाने के लिए स्टील या लकड़ी के फ्रेम की आवश्यकता होती है जिसे तेल के खाली ड्रमोंं, प्लास्टिक के खाली कंटेनरों या सील बंद स्टील की ट्यूब से जोड़कर बनाया जाता है.

किन तरह की परिस्थति में यह उपयुक्त रहता है

गांव के निकट एक तालाब इनटेक की जगह. बड़ा करने के लिए क्लिक करें .
चित्र: वाटर फॉर द वर्ल्ड.

नदियां या झील

तालाब या झील में ऐसी प्रणाली लगाने से बेहतरीन गुणवत्ता वाला पानी हासिल होता है. उनकी स्थिति ऐसी होनी चाहिए कि वहां मानव अथवा पशुओं या फिर किसी भी तरह की गंदगी वाला पानी नहीं पहुंचे. इनटेक की समुचित स्थिति यह सुनिश्चित करती है कि समुदाय को साफ पानी मिल सके.

अक्सर तालाबों और झीलों में ऐसी व्यवस्था निर्मित करना महंगा पड़ता है. इस्तेमाल करने वाले जल स्रोत से जितनी दूर रहते हैं व्यवस्था उतनी ही महंगी पड़ती है. जहां संभव हो वहां स्रोत और इनटेक को एक दूसरे के और खुद समुदाय के करीब रहना चाहिए. खासतौर पर सूखे के समय समुदाय से दूर स्थित इनटेक से पाइप से पानी मिलने में दिक्कत आती है. इस मामले में यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सूखे और बारिश के मौसम में पानी की मात्रा पहले से पता होनी चाहिए. ऐसा करने पर कम पानी या पानी की अनुपलब्धता के समय जल स्रोत में विविधता पैदा हो सकेगी.

जब भी संभव हो नदी में यह व्यवस्था वहीं पर करनी चाहिए जहां पानी का बहाव पर्याप्त हो. स्तर ऐसा हो जहां गुरुत्व के कारण पानी को पंप की आवश्यकता कम से कम हो. घनी आबादी वाले और कृषि क्षेत्र, पशुओं को पानी पिलाने के स्थान, कपड़े धोने के स्थान और नाली आदि के स्थान को दूर रखना चाहिए ताकि प्रदूषण कम से कम हो सके.

इनटेक का डिजाइन ऐसा हो कि गंदगी से जाम न हो बाढ़ जैसी स्थिति में भी ढांचा सुस्थिर रहे. जिन जगहों पर नदी के बहाव में पत्थर आदि नहीं आते हों वहां असुरक्षित इनटेक भी पर्याप्त है.

पर्यावरण में बदलाव के प्रति लचीलापन

सीमेंट पर सूखे का प्रभाव

सूखे का प्रभाव: बुरी तरह बनाया गया कंक्रीट अथवा टैंक, बांध, जलमार्गों, कुओं तथाा अन्य ढांचों में दरार..

इसकी वजह: तराई में कम पानी का प्रयोग, सीमेंट का मिश्रण सही ढंग से न तैयार करना..

डब्ल्यूएएसएच-वाश व्यवस्था का लचीलापन बढ़ाना:: मिश्रण सही हो यह सुनिश्चित करना, उसकी सामग्री की शुद्धता सुनिश्चित करना, पानी का कम से कम इस्तेमाल, पर्याप्त तराई..

सूखे के प्रबंधन पर अधिक जानकारी: सूखा प्रभावित क्षेत्रों में लचीला वॉश सिस्टम.

विनिर्माण, परिचालन और रखरखाव

एक तैरता जल-संग्रहण रेखाचित्र. बड़ा करके देखने के लिये इमेज पर क्लिक करें.
रेखाचित्र: डब्ल्यूएचओ.
फ्लोटिंग इनटेक क्रॉस सेक्शन व्यू ऑफ पोंड ऑर लेक. बड़ा करके देखने के लिये इमेज पर क्लिक करें. रेखाचित्र: [http://www.lifewater.org/resources/rws1/rws1p4.pdf लाइफवाटर.ऑर्ग

बहते हुए इनटे का परिचालन एक रखरखाव कर्ता द्वारा किया जाता है. पंप और अंदरूनी पाइप को चलाने के पहले और उसके दौरान जरूर चेक किया जाना चाहिए. किसी भी तरह के बाधा पहुंचाने वाले कचरे को हटा दिया जाना चाहिए और टूटफूट का सुधार कार्य होना चाहिए. बारिश के दिनों में इस बात का ध्यान रखना खासतौर पर जरूरी है. हर रोज केबल चेक की जानी चाहिए कि कहीं लीकेज तो नहीं है. जरूरत पडऩे पर उसे सुधारना चाहिए.केबल या पीपा पुल को पहुंची किसी भी क्षति को तत्काल दूर किया जाना चाहिए. इस काम में कई लोगों की मदद की आवश्यकता होती है. पीपे में लगी सामग्री को हर साल पेंट से रंगना चाहिए. कम से कम स्टील से बने हिस्से को जरूर.

संभावित दिक्कतें

- बहकर आने वाली वस्तुएं बहते पीपों से टकरा सकती हैं.
- किनारे और पीपों को जोडऩे वाले पाइप फट सकते हैं.
- झील या नदी का पानी खराब गुणवत्ता वाला हो सकता है.


परिचालन और रखरखाव भूमिकाएं. बड़ा करके देखने के लिये चार्ट पर क्लिक करें. चार्ट: डब्ल्यूएचओ.

छनन प्रक्रिया

जलापूर्ति इंजीनियरिंग में जालियों का इस्तेमाल कई उद्देश्यों से किया जाता है:

  • बड़े आकार की बहती चीजों को अलग करना जो अन्यथा पाइप लाइन को जाम कर सकती हैं, पंप तथा अन्य मैकेनिकल उपकरणों को क्षतिग्रस्त कर सकती हैं या जल उपचार की संतोषजनक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं. इस काम के लिए एक जगह जाम जालियों का इस्तेमाल किया जाता है और उनको हाथ से या मैकेनिकल तरीके से साफ किया जाता है.
  • छोटे-बड़े आकार का ठिठका हुआ कचरा हटाकर उपचार प्रक्रिया का बोझ कम किया जाता है. खासतौर पर जालियों का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है कि कहीं फिल्टर बहुत जल्दी कचरे के बोझ तले दब न जाएं. पानी को थोड़ी-थोड़ी दूरी पर लगी छड़ी दार जालियों में से गुजार कर इस प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है. इससे पानी की जैविक गुणवत्ता पर कोई असर नहीं होता. यह केवल बड़े कचरे को थामने का काम करता है. यह पूरी तरह मैकेनिकल प्रक्रिया है.

इन जालियों की छड़ें प्राय: 0.5 से 5 सेमी की दूरी पर लगी होती हैं. अगर संभावित कचरे का आकार छोटा होने की आशंका हो तो इन छड़ों को और करीब लगाया जाता है और वह भी खड़ी स्थिति में यानी 60 से 75 डिग्री के झुकाव पर. इस दौरान हाथ से सफाई की जा सकती है. अगर ज्यादा मात्रा में कचरा छांटना है तो हाथ से की जाने वाली सफाई व्यवहार्य है. उस स्थिति में छड़ों को 30 से 45 डिग्री के झुकवा पर लगाया जाना चाहिए. पानी को इस स्क्रीन की ओर बहुत धीमी गति से बहना चाहिए. एक बार पानी इसके पार हो गया तो उसकी गति कुछ हद तक बढ़ सकती है. छड़ों के बीच के खुले स्थान में पानी के बहाव की अधिकतम गति ०.७ मीटर प्रति सेकंड होनी चाहिए अन्यथा नरम और आकार बदल सकने वाला कचरा उससे पार हो जाएगा.

एक अच्छी स्क्रीन यानी छननी पानी को महज कुछ सेंटीमीटर ऊंची धारा से गिराती है जबकि अगर कचरा एकत्रित हो गया तो यह ऊंचाई बढ़ भी सकती है. नियमित सफाई से इसे ०.१ से ०.२ मीटर तक सीमित रखा जा सकता है.अगर सफाई देरी से होनी हो तो इसे कुछ इस तरह डिजाइन किया जाना चाहिए कि बार स्क्रीन ०.५ से १.० मीटर तक की गिरावट के लिए तैयार रहे.

मैनुअल, वीडियो एवं लिंक

संदर्भ आभार