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[[Image:Wells,_shafts,_and_boreholes_icon.png|right|80px]]
[[Image:RechargePit.jpg|thumb|right|200px|Recharge pit constructed for recharge of surface runoffराजस्थान में सतह से बहकर आने वाले पानी से रिचार्ज करने के लिए बना रिचार्ज पिट. Rajasthan, India. Photoफोटो: [http://unesdoc.unesco.org/images/0014/001438/143819e.pdf ''Strategies for Managed Aquifer Recharge स्ट्रैटेजीज फॉर मैनेज्ड एक्वफर रिचार्ज (MARएमएआर) in semi-arid areas.इन सेमी एरिड एरियाज''] UNESCOयूनेस्को.]]
'''कुएं, कूपक और बोर''' आदि जमीन में अलग-अलग ऊंचाई पर मौजूद ऐसे छेद हैं (प्राय: मानवनिर्मित) जिनका इस्तेमाल बाद में इस्तेमाल के लिए जल भंडारण में किया जाता है। व्यापक आकार वाले कुंऐ और छोटी परिधि के बोर होल का इस्तेमाल सीधे भूजल संरक्षण के लिए किया जाता है। या फिर इनकी मदद से हल्की जलवाही चट्टानों के बीच मौजूद पानी को भी संग्रहित किया जाता है। ऐसा वहां होता है जहां इस काम के लिए कोई अन्य कोई प्रभावी तरीका मौजूद नहीं रहता। अहम बात यह है कि इस काम में उच्च गुणवत्ता वाले पानी का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि भूजल संग्रह का यह तरीका गहरे और उच्च उत्पादकता वाले बोर होल में इस्तेमाल किया जाता है लेकिन यह तकनीक मुख्य रूप से उन इलाकों में परिवार के स्तर पर अपनाई जाती है जहां हाथ से खोदे जाने वाले कुंए गर्मियों में सूख जाते हैं या फिर जहां भूजल खारा है।
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