वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / भूजल पुनर्भरण / कुंए, कूपक और बोर

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राजस्थान में सतह से बहकर आने वाले पानी से रिचार्ज करने के लिए बना रिचार्ज पिट. फोटो: स्ट्रैटेजीज फॉर मैनेज्ड एक्वफर रिचार्ज (एमएआर) इन सेमी एरिड एरियाज यूनेस्को.

कुएं, कूपक और बोर आदि जमीन में अलग-अलग ऊंचाई पर मौजूद ऐसे छेद हैं (प्राय: मानवनिर्मित) जिनका इस्तेमाल बाद में इस्तेमाल के लिए जल भंडारण में किया जाता है। व्यापक आकार वाले कुंऐ और छोटी परिधि के बोर होल का इस्तेमाल सीधे भूजल संरक्षण के लिए किया जाता है। या फिर इनकी मदद से हल्की जलवाही चट्टानों के बीच मौजूद पानी को भी संग्रहित किया जाता है। ऐसा वहां होता है जहां इस काम के लिए कोई अन्य कोई प्रभावी तरीका मौजूद नहीं रहता। अहम बात यह है कि इस काम में उच्च गुणवत्ता वाले पानी का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि भूजल संग्रह का यह तरीका गहरे और उच्च उत्पादकता वाले बोर होल में इस्तेमाल किया जाता है लेकिन यह तकनीक मुख्य रूप से उन इलाकों में परिवार के स्तर पर अपनाई जाती है जहां हाथ से खोदे जाने वाले कुंए गर्मियों में सूख जाते हैं या फिर जहां भूजल खारा है।

अतिरिक्त दोहन के कारण भूजल स्तर गिरने के कारण जो कुंए सूख जाते हैं उनका इस्तेमाल भी इस काम में होता है। यदि जमीन की कमी हो तो कुओं को रिचार्ज करने की यह तकनीक काम आती है। किसी कुंए या बोर होल में पानी एकत्रित किया जा सकता है और उसे कुछ दूरी पर स्थित दूसरे कुएं या बोर होल से निकाला जा सकता है। इस प्रक्रिया में जलवाही चट्टानों की मदद से जलोपचार भी हो जाता है। इस प्रक्रिया को एक्वफर स्टोरेज ट्रांसफर ऐंड रिकवरी (एएसटीआर) कहा जाता है।

कुछ मामलों में जहां कम पारगम्यता वाले पदार्थ जलवाही के ऊपर होते हैं वहां रिचार्ज खान अथवा खड्डों का इस्तेमाल भी किया जाता है। यह काम 5 से 15 मीटर की अनुमानित गहराई तक होता है। इस दौरान पर्याप्त खुदाई की जाती है ताकि कम पारगम्यता वाली चट्टानों को पर्याप्त ढंग से भेदा जा सके। इससे जलीय चट्टानी परत तक सीधी पहुंच सुनिश्चित होती है। गड्ढों या खान को बगल की दीवारों की मदद से ऊंचा किया जा सकता है जबकि तली वाले क्षेत्र को न्यूनतम ऊंचाई पर रखकर यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि रिचार्ज होने वाला पानी जलवाही को ऊध्र्वाधर गति प्रदान करे। आदर्श स्थिति में इन सुविधाओं को सूर्य की रोशी, जानवरों और लोगों से बचाने के लिए ढक कर रखा जाना चाहिए।

अनुकूल स्थिति

  • केवल ऐसे इलाकों में इनका निर्माण करें जहां बारिश का पानी बहुत तेज गति से न रिसता हो.
  • उन इलाकों से बचें जहां रासायनिक प्रदूषण कुओं में मिलता हो। मसलन खेतों से उर्वरक और कीटनाशक आदि। खासकर तब जबकि पानी का इस्तेमाल पीने के काम में किया जा रहा हो और उससे निपटने के लिए पर्याप्त शोधक की व्यवस्था न हो।


लाभ हानि
- इससे उथले कुओं को दोबारा जलयुक्त बनाने में मदद मिल सकती है। जमीन में मौजूद जलवाहियों का इस्तेमाल व्यापक भंडारण टैंक के रूप में किया जा सकता है जबकि अधिशेष की स्थिति में इनको पानी से भरा जा सकता है और सूखे में इनका इस्तेमाल किया जा सकता है। नामीबिया में विंडहोक का जलापूर्ति का जल बैंक का विचार इसका उदाहरण है.

- इससे भूजल का खारापन कम किया जा सकता है.
- कम लागत और इसका साधारण होना इसे बिना दान के पैसों के ही अनुकरणीय बनाता है.

- इसके लिए पानी की गुणवत्ता का बेहतर होना जरूरी है.

- संबंधित जलवाही की हाइड्रोज्यूलॉजी की अच्छी समझ होनी चाहिए.
- इन ढांचों को बनाने के लिए जरूरी तकनकी काफी जटिल हो सकती है। इसके लिए इंजीनियरिंग कौशल की आवश्यकता है।

पर्यावरण परिवर्तन के लिए लचीलापन

सूखा

सूखे के प्रभाव: रिचार्ज किए जा रहे कुओं और बोर होल के जल स्तर में गिरावट। इसकी वजह: कम रिचार्ज होना।

सूखे के प्रबंधन पर अधिक जानकारी : सूखा प्रभावित क्षेत्रों में लचीला वॉश सिस्टम.

बाढ़

उच्च जलस्तर वाले इलाकों में उथले कुएं हों तो उनके बाढ़ के पानी से प्रदूषित होने का खतरा ज्यादा है बजाय कि गहरे बोर होल के। जो कुंए नदियों के करीब स्थित होते हैं वे अचानक बाढ़ आने पर बालू से भर सकते हैं और प्रदूषित हो सकते हैं।

निर्माण, संचालन और रख-रखाव

सीमेंट को लेकर सलाह: आमतौर पर ढांचों (टैंक, बांध, जल प्रवाह मार्ग) में दरार सीमेंट के मिश्रण में गड़बड़ी की वजह से आती है। सबसे पहले तो यह जान लेना अहम है कि केवल शुद्घ निर्माण सामग्री प्रयोग में लाई जाए: साफ पानी, साफ बालू, साफ चट्टानें आदि। पूरी सामग्री को बहुत अच्छी तरह मिलाना चाहिए। दूसरी बात, इस सामग्री को मिलाने के दौरान पानी का न्यूनतम इस्तेमाल किया जाए। सीमेंट ऐसा होना चाहिए कि वह बस चिपक जाए। उसे बहुत गीला करने की आवश्यकता नहीं है। तीसरी बात, यह बात अहम है कि निर्माण कार्य के दौरान सीमेंट या कांक्रीट को कम से कम एक सप्ताह तक पूरी तरह नम रखा जाए। निर्माण के दौरान ढांचे को प्लास्टिक, बड़ी पत्तियों या अन्य पदार्थों से ढककर रखा जाना चाहिए। उसे नियमित रूप से गीला किया जाना चाहिए।

एक्वफर रिचार्ज के लिए छत. बड़ा देखने के लिए क्लिक करें.
ड्राइंग: यूनिसेफ/आरा सेंटर (2009)

जल स्रोत पर विचार

जिस जल को रिचार्ज किया जाना है उसकी गुणवत्ता बेहतर होनी चाहिए क्योंकि निलंबित तलछट, सूक्ष्मजीवी वृद्घि अथवा रासायनिक प्रभाव छोटे कुओं और बोर होल में अधिक नजर आने की संभावना रहती है. नामीबिया में जलोपचारित जल को भी कार्बन और क्लोरिनेशन की मदद से दोबारा साफ किया जाता है. उसके बाद ही उसे रिचार्ज किया जाता है ताकि ऐसी किसी समस्या से बचा जा सके. हमारे देश में कुछ मामलों में खुले कुएं जो पानी की स्तर गिरने के कारण सूख जाते हैं, उनका इस्तेमाल उथली जलवाहियों को रिचार्ज करने के लिए किया जा रहा है. ऐसे ढांचों के साथ समस्या यह है कि यहां पानी मिट्टी की मदद से जलवाही में नहीं मिलता. जबकि अगर वैसा होता तो इससे न केवल कचरा तलछट में बैठ जाता बल्कि सूक्ष्म जीव भी इसमें कम से कम नजर आते. इसमें नाइट्रेट और कीटनाशक जैसे संभावित रासायनिक प्रदूषण का खतरा भी रहता है. अनुपाचरित जल का खुले कुंएके जरिये सीधा रिचार्ज इसीलिए हतोत्साहित किया जाता है. जबकि मिट्टी या बालू की परत के जरिये होने वाले रिचार्ज को वरीयता दी जाती है. बहरहाल, चूंकि प्रदूषक और संक्रामक पदार्थ कुएं के जरिए आसानी से प्रवेश कर सकते हैं इसलिए कई बार कंकड़ों की मदद से फिल्टर तैयार किया जाता है. उसे समय-समय पर बदला जा सकता है.

छतों पर बने संग्राहकों से आने वाला वर्षा जल उच्च गुणवत्ता वाले जल का बहुत बड़ा स्रोत है जिसे मोजांबिक में उथली जलवाहियों को रीचार्ज करने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि वहां का भूजल खारा है. सतह से बहने वाले पानी का इस्तेमाल भी जलवाहियों को रिचार्ज करने में किया जाता है लेकिन उसमें बाद में एक निश्चित मात्रा में मृदा का प्रयोग किया जाता है. इसके बावजूद उसके प्रदूषित होने की आशंका तो बढ़ ही जाती है. हाथ से खोदे गए गड्ढों जो बीच में सूख गए थे अब उनमें साल भर पानी रहता है. तीन साल बाद किए गए आकलन से पता चला है कि 120 हाथ से खोदे गए गड्ढों, जिनके आसपास बोर होल किए गए थे ताकि उनको रिचार्ज किया जा सके, उनमें से बहुत कम सूखे थे. इसके अलावा उस इलाके के विभिन्न परिवार भी अपने स्तर पर इसका अनुकरण कर रहे थे.

निर्माण

  • ट्यूबवेल का निर्माण एक ऐसे कुंए या बोर होल से 5 से 10 मीटर ऊपर किया जाता है जो गर्मियों में सूख जाता है या फिर ऐसी जगह पर जहां भूजल खारा हो।
  • अगर पानी सीधे छत से लिया जा रहा हो तो यह तय किया जाना चाहिए कि नीचे जाने वाले पाइप में नीचे एक चलनी लगी हो और फ्लश की व्यवस्था भी हो।
  • उसके बाद बरमा की मदद से दो इंच का एक छेद किया जाता है। इसकी गहराई इतनी हो कि समेकित शीर्ष परत से होता हुआ यह पारगम्य सतह तक जा पहुंचे। आमतौर पर जगह के हिसाब से 4 से 6 मीटर की गहराई पर्याप्त होती है।
  • रिचार्ज के लिए किया जाने वाला गड्ढा नीचे भूजल की सतह पर स्थित जलवाही तक नहीं पहुंचना चाहिए। आदर्श स्थिति में तो न्यूनतम दूरी जल स्तर से 1.5 मीटर होनी चाहिए जबकि हाथ से खोदे कुंए जैसी जगह से 5 मीटर की दूरी। हाथ से खोदे गए कुओं के पर्यवेक्षण से जल स्तर का अनुमान लगाया जा सकता है।
  • गड्ढा खोदने के बाद उसकी रिचार्ज क्षमता जांचने के लिए उसे पानी से भरा जाना चाहिए। अगर वह प्रति मिनट दो लीटर तक पानी नहीं सोख रहा है तो और गहरा खोदने की जरूरत है।
  • कचरे को अंदर जाने से रोकने के लिए गड्ढे के मुंह पर कपड़ा लगाया जाना चाहिए और उसके आसपास छोटामोटा तालाब (0.5 - 1 मीटर गहरा और 1-5 मीटर चौड़ा) बना दिया जाना चाहिए। तालाब का आकार भंडारण क्षमता की जरूरत, मृदा की शोधन क्षमता और बारिश के रुझान पर निर्भर होगा। जो एक से 10 मीटर व्यास का होगा।
  • अब गड्ढे में 5 से 30 मिमी तक कंकड़ डालना चाहिए। यह जमीनी स्तर से दो मीटर तक होना चाहिए।

फिल्टर की स्थापना

एक फिल्टर लगाइए जो ठोस कचरे को छांटे. इसके लिए पीवीसी स्क्रीन या बालू से बनने वाले फिल्टर का प्रयोग किया जा सकता है। यह कैसा होगा ये पानी की गुणवत्ता पर निर्भर करता है.

पीवीसी फिल्टरों का प्रयोग जमीन बहाव के साथ किया जाता है:

  • आमतौर पर सबसे बेहतर यही होता है कि पानी की गति को कम किया जाए। ऐसा करने से तालाब में बालू और मिट्टी का भरना रोका जा सकता है। इसके लिए आसपास घास लगाना भी उपयोगी हो सकता है (ऐसे अन्य उपायों के लिए प्राकृतिक जमीन का कटाव रोकने वाले तरीकों और खुले जलाशय को देखें)।
  • पीवीसी फिल्टर पाइप 25 से 100 मिमी का हो सकता है और वह ऐसे परदे की तरह काम करता है जो पानी को कंकर वाली परत में जाने देता है जबकि मोटा कचरा रोकता है। यह पाइप तालाब के तल से कुछ ऊपर रहता है।
  • पीवीसी का एक टुकड़ा ऐसे लगाया जाता है ताकि वह तालाब के तल से कुछ ऊपर लगे पाइप पर फिट हो जाए। ऐसा करने का उद्देश्य है पाइप में बहुत ज्यादा कचरा जाने से रोकना। इसे बारिश के चार घंटे बाद हटा दिया जाता है। एक बार जब पानी छन जाए तो कवर को बदल दिया जाता है।
  • सफाई की प्रक्रिया में कपड़े की मदद से पीवीसी पाइप के अंदरूनी हिस्से को साफ करना भी शामिल है।

बालू से बने फिल्टर भी प्रयोग किए जा सकते हैं। इसमें कवर पीस का स्थान बालू ले लेती है। इसका इस्तेमाल छत पर होने वाले एकत्रण में किया जा सकता है जहां सतह से बहकर पानी गड्ढे में नहीं जाता है। इस काम को बिना पीवीसी पाइप के अंजाम दिया जा सकता है।

जल निष्कासन

  • उसी कुएं या बोर होल से पानी को निकाला भी जा सकता है जिसे रिचार्ज किया गया है। इसे एक्वाफर स्टोरेज रिकवरी (एएसआर) कहा जाता है।
  • पानी को एक अलग बोर होल या कुएं से भी निकाला जा सकता है। इसे एक्वफर स्टोरेज ट्रांसफर ऐंड रिकवरी (एएसटीआर) कहा जाता है। मोजांबिक में छत से वर्षा जल के जरिए किए जाने वाले रिचार्ज में इस डिजाइन का इस्तेमाल किया गया था। वहां पंप से एक अलग जगह से पानी निकाला जाता। यह जगह छत के संग्रहण से जुड़ी स्क्रीन के करीब थी।

रखरखाव-मेटिनेंस

पानी में लौह, कैल्शियम कार्बोनेट CaCO3 आदि का जमाव रोकने के लिए पहले ही कुछ रासायनिक उपचार जरूरी हो सकता है। इसके अलावा क्लोरीनीकरण तथा अन्य तरह के संक्रमणनाशक का इस्तेमाल करके सूक्ष्मजीवों का विकास रोका जा सकता है। कुओं को समय-समय पर साफ करने की जरूरत पड़ सकती है। कुओं की सफाई हाथ से भी हो सकती है और उसके बाद पानी में घुलनशील रसायनों की मदद से भी उसका पानी साफ किया जा सकता है ताकि जीवाणु इत्यादि मर जाएं।

Field experiences


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नियमावली, वीडियो और लिंक

सन्दर्भ साभार