वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / साल्यान और दाईलेख, नेपाल

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नेपाल के दाईलेख में वर्षा जल संरक्षण जार. फोटो: दाईलेख-नैचुरल ब्यूटी विद थ्रिलिंग इवेंट्स

जल आपूर्ति योजना

हेल्वेतास स्विस इंटरकॉपरेशन, नेपाल ने जल प्रबंधन की समस्याओं से निपटने की एक भागीदारी भरी और समेकित योजना न केवल विकसित की है बल्कि उसका क्रियान्वयन भी किया है. द वाटर यूज मास्टर प्लान (डब्ल्यूयूएमपी WUMP) एक ऐसी योजना है जो स्थानीय समुदाय को निर्णय प्रक्रिया के केंद्र में रखती है और वह जल संसाधनों, पानी की मांग और उसके व्यापक और एकीकृत इस्तेमाल की संभावना पर विचार करता है. इतना ही नहीं वह जल संबंधी बुनियादी ढांचा योजनाओं की प्राथमिकता सूची भी तैयार करता है. यह उपाय सफल साबित हुआ है और इसे नेपाल में कई संस्थानों द्वारा अपनाया जा रहा है. इसने सरकार का ध्यान भी अपनी ओर खींचा है. (डिपार्टमेंट ऑफ लोकल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट एंड एग्रीकल्चरल रोड्स DoLIDAR). यह प्रयोग अब तक बहुत सकारात्मक साबित हुआ है. इस दौरान कुछ चुनौतियां भी चिह्नित की गई हैं.

डब्ल्यूयूएमपी को कृषि क्षेत्र में जल उत्पादकता को बढ़ावा देने पर काम करना चाहिए. इसके अलावा उसे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर भी अधिक ध्यान देना चाहिए. रेन, के साथ सहयोग के जरिए हेल्वतास एसआई नेपाल वर्षा जल संरक्षण को और अधिक प्रमुखता प्रदान कर रहा है और तीन आर अप्रोच के साथ दायरे में इजाफे के नजरिये को मौजूदा डब्ल्यूयूएमपी प्रारूप में शामिल कर रहा है.

परियोजना अवधि: अक्टूबर 2012 से सितंबर 2014

Contents

प्राथमिक चुनौतियां

सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक परिस्थितियां

तीन आर वाले डब्ल्यूयूएमपी प्रारूप को नेपाल के पश्चिम मध्य विकास क्षेत्र के दो इलाकों जमीनी परीक्षण के लिए अपनाया जाएगा: दाईलेख और साल्यान.

साल्यान का परियोजना स्थल ऊंची पहाडिय़ों के बीच स्थित है. इस क्षेत्र में पानी से जुड़ी सबसे प्रमुख समस्याएं हैं, पाइप लाइन से जलापूर्ति की अनुपस्थिति, मौजूदा जलधाराओं का सूखना और बोरवेल की कोई संभावना न होना. यही वजह है कि पीने तथा खेती दोनों ही तरह के कामों के लिए यहां वर्षा जल पर निभर्रता बहुत ज्यादा है. खेती के काम के लिए वर्षा जल पर निर्भरता के कारण यहां के लोग पानी की कमी वाले मौसम में केवल उन चीजों की खेती करने पर मजबूर हैं जिनमें कम पानी की आवश्यकता होती है. इससे खाद्य असुरक्षा बढ़ती है. आबादी के गरीब तबके के लोगों में यह असुरक्षा बहुत ज्यादा है.

दाईलेख का प्रस्तावित इलाका पानी की अत्यधिक कमी वाला इलाका है: वहां पीने के पानी की कमी तो है ही साथ ही साफ सफाई की भी काफी दिक्कत है. वहां पानी का मौजूदा स्रोत एक झरना है जो गांव से काफी दूर स्थित है और उससे पानी भी काफी कम निकलता है. गांव के लोगों को बारिश के दिनों में रोजाना 5 घंटे जबकि सामान्य दिनों में रोजाना छह घंटे का समय पानी के जुगाड़ में खर्च करने होते हैं. वहां की सामाजिक आर्थिक स्थितियों के आधार पर स्थानीय लोगों को वंचित वर्ग का घोषित किया जा सकता है. आर्थिक रूप से भी यहां के लोग बहुत सक्षम नहीं हैं.

प्रायोगिक परिदृश्य

डब्ल्यूयूएमपी का तीन आर प्रारूप हर तरह के परिदृश्य में लागू किया जा सकता है.

इस प्रारूप के सैद्धांतिक विकास के बाद इसे दो जिलों की कम से कम दो वीडीसी (ग्राम विकास समिति) यानी दाईलेख और साल्यान में लागू किया जायेगा. ये इलाके नेपाल के मध्य पश्चिम में पहाडिय़ों में स्थित हैं. शुरुआती स्तर पर उन जगहों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जहां पानी की सर्वाधिक कमी है. तीन आर वाला डब्ल्यूयूएमपी प्रारूप उन जगहों पर लागू किया जाएगा जहां घरेलू और सिंचाई कार्यों में पानी की जरूरत मौजूदा जल स्रोतों से पूरी नहीं हो पा रही है. यानी जहां समाज के लोग अधिकाधिक पानी एकत्रित करने की मंशा रखते हों.

प्राथमिक उद्देश्य

इस प्रारूप का उद्देश्य है पानी के रिचार्ज, उसके रिटेंशन और रियूज (बरकरार रखना और दोबारा प्रयोग करना) के तीन आर को लोकप्रिय बनाना. यह काम जलवायु परिवर्तन की वजह से उत्पन्न दिक्कतों से निपटने के साथ-साथ पानी के इस्तेमाल के नियोजन में भी नेपाल की मदद करेगा. इसके अलावा इससे जल संसाधन प्रबंधन भी बेहतर होगा. अपेक्षाकृत बढिय़ा बारिश के बावजूद इसकी जरूरत है क्योंकि बारिश के रुख केे बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. इसके अलावा जलस्रोत भी तेजी से सूख रहे हैं। इसके अलावा स्थानीय परिस्थितियां भी काफी चुनौतीपूर्ण हैं.

जल प्रबंधन में तीन आर को शामिल करते हुए प्रशासनिक सीमाओं का प्रयोग करते हुए हेल्वेतास एसआई हालांकि वाटर बफर अथवा कैचमेंट प्रबंधन से दूर रहेगा लेकिन यह जलवायु परिवर्तन से निपटने के क्रम में तीन आर प्रारूप को ध्यान में रखेगा और कैचमेंट के स्तर पर किसी भी हस्तक्षेप के असर को भी ध्यान में रखेगा. एक बात यह भी है कि यह गतिविधि प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष तौर जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन की प्रक्रिया को प्रभावित करे या नहीं लेकिन निश्चित तौर पर यह स्थानीय समुदायों का समर्थन करेगी और स्थायी जल सेवाओं तक पहुंच और उसका उपयोग बढ़ाकर महिलाओं और वंचित वर्ग की आजीविका में सुधार करेगी.

इसका उद्देश्य है जल की गुणवत्ता में सुधार करना और भूजल और वर्षा जल के रिचार्ज, उसे बरकरार रखने और दोबारा इस्तेमाल को सुनियोजित और प्रबंधनीय ढंग से अंजाम देना वह भी ग्राम विकास समिति (वीडीसी) की सीमाओं के भीतर अंजाम देना.

स्थान और साझेदार

नेपाल का साल्यान जिला. स्रोत मानचित्र: wikipedia.org
  • गांव, जिला, देश: राष्ट्रव्यापीस्तर + साल्यान और दाईलेख, नेपाल
  • प्रमुख साझेदार: हेल्वेतास एसआई नेपाल
  • प्रमुख साझेदार की भूमिका और उत्तरदायित्व: तीन आर डब्ल्यूयूएमपी प्रारूप विकास, साझेदारों का प्रशिक्षण, प्रायोगिक परियोजना का क्रियान्वयन.
  • अन्य साझेदार: बीएसपी-नेपाल, मेतामेता
  • अन्य साझेदारों की भूमिका और उत्तरदायित्व: तीन आर समूह में मेतामेता विषयवस्तु और पश्चवर्ती परिदृश्य का काम संभालेगी. बीएसपी नेपाल हेल्वेतास एसआई नेपाल के बाद है और वह जमीन स्तर पर तीन आर डब्ल्यूयूएमपी प्रारूप को लागू करने में साझेदार है.

विवरण

लक्ष्य

  1. मूलभूत डब्ल्यूयूएमपी के साथ तीन आर डब्ल्यूयूएमपी की प्रायोगिक तैयारी ताकि एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन को तीन आर के मुद्दे के साथ तालमेल भरा बनाया जा सके.
  2. आरएआईएन (रेन) के साझेदारों के जरिए गहन प्रशिक्षण के साथ क्षमता निर्माण ताकि तीन आर डब्ल्यूयूएमी प्रारूप को लागू किया जा सके.
  3. एमयूएस के लिए सतत जल स्रोतों तक पहुंच सुनिश्चित करना.

गतिविधियां

  1. तीन आर डब्ल्यूयूएमपी प्रारूप का विकास
  2. तीन आर डब्ल्यूयूएमपी की अवधारणा पर आरएआईएन साझेदारों के साथ प्रशिक्षण
  3. डब्ल्यूयूएमपी सुविधा प्रदाता प्रशिक्षण
  4. दाईलेख जिले की एक वीडीसी (हेल्वेतास का कार्यक्षेत्र) में तीन आर डब्ल्यूयूएमपी का प्रयोग
  5. साल्यान जिले की दो वीडीसी में तीन आर डब्ल्यूयूएमसी का प्रयोग
  6. तीन आर योजनाओं का क्रियान्वयन
  7. तीन आर डब्ल्यूयूएमपी प्रयोग में आरएआईएन साझेदारों को तकनीकी सहयोग
  8. सूक्ष्म वित्त का प्रशिक्षण
  9. राष्ट्रीय स्तर पर बैठक और कार्यशाला आदि की साझेदारी (डीओएलआईडीएआर तथा अन्य अंशधारक)
  10. परियोजना की निगरानी और दस्तावेजीकरण

तीन आर डब्ल्यूयूएमी की प्रक्रिया

हेल्वेतास एसआई नेपाल आरएआईएन, तीन आर समुच्चय और वर्षा जल संरक्षण क्षमता केंद्र नेपाल के साथ मिलकर इस प्रारूप का परीक्षण करेगा और इसे विकसित करने की दिशा में काम करेगा. इसके अलावा प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की जाएगी. एक बार प्राथमिक प्रशिक्षण देने के बाद प्रशिक्षण प्रारूप को परिष्कृत किया जाएगा. दोबारा प्रशिक्षण देने के बाद जमीनी परीक्षण किया जाएगा. इस प्रक्रिया की निगरानी और इसका दस्तावेजीकरण परियोजना अवधि के दौरान समांतर ढंग से किया जाएगा.

फाइनेन्शियल, इंन्स्टीट्यूशनल, इन्वायरोमेंटल, टेक्नॉलॉजिकल एंड सोशल सस्टेलबिलिटी (एफआईईटीएस)

इस प्रयोग में वाश सेवाओं के [एफआईईटीएस सस्टेनेबिलिटी प्रिंसिपल्स | एफआईईटीएस]] मॉडल का उपयोग किया जाता है.

  • संस्थागत: डब्ल्यूयूएमपी की प्रक्रिया योजना निर्माण, वार्ता और निर्णय प्रक्रिया में सभी अंशधारकों के समावेशन और उत्तरदायित्व पर जोर देता है. इस तरह यह स्थानीय प्रशासन में सुधार करता है.
  • पर्यावरण संबंधी: यह तीन आर प्रारूप डब्ल्यूयूएमपी के मूलभूत गुणों का ध्यान रखेाग. इसके अलावा यह नियोजित हस्तक्षेप के पर्यावरण संबंधी स्थायित्व की जरूरत पर बल देगा और जलवायु परिवर्तन के संभावित नकारात्मक प्रभावों को लेकर लोगों के मन में लचीलापन बढ़ाएगा. इतना ही नहीं यह जल उत्पादकता और कृषि में पानी के किफायती इस्तेमाल को लेकर भी अधिकाधिक ध्यान आकर्षित करेगा.
  • सामाजिक: साझेदारी वाली और पारदर्शी योजना प्रक्रिया के जरिए डब्ल्यूयूएमपी वंचित वर्ग को इतना सशक्त बनाता है कि वे पानी तक पहुंच बना सकेें और तमाम समुदायों में पानी का परस्पर समान बंटवारा हो.

परियोजना का स्वॉट विश्लेषण (मजबूती, कमजोरी, अवसरों और जोखिमों का विश्लेषण)

स्वाट (एसड्ब्लूएटी) विश्लेषण

परियोजना का स्वॉट विश्लेषण (मजबूती, कमजोरी, अवसरों और जोखिमों का विश्लेषण):

मजबूती:
  • तीन आर प्रारूप को एक पूर्व पुष्ट मॉडल में एकीकृत किया जाना (डब्ल्यूयूएमपी).
  • आरएआईएन तथा हेल्वेतास एसआई नेपाल के नेटवर्क के जरिए उच्च स्तरीय पहुंच.
कमजोरियाँ:
  • निर्णय लेने वालों को इस प्रारूप की लागत किफायत के बारे में समझाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है क्योंकि शुरुआत में इसमें काफी निवेश करना पड़ता है और बाद में इसका परिणाम कम बुनियादी निवेश के रूप में सामने आता है.
  • डब्ल्यूयूएमपी/तीन आर एक नियोजन उपाय है. इसका यह अर्थ नहीं है कि जरूरी संसाधनों के साथ नियोजित हस्तक्षेप स्वत:आकार लेंगे.
अवसर:
  • इसे उन अन्य देशों में भी लागू किया जा सकता है जहां हेल्वेतास और अथवा आरएआईएन (रेन) सक्रिय हैं.
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खतरे:
  • अभी इसकी घोषणा होनी है. ...
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