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बुसिया के संरक्षित झरने से पानी इकट्ठा करता एक केन्याई लड़का.
फोटो : द अब्दुल लतीफ जमील पोवर्टी एक्शन लैब.
लमहाई, नेपाल में झरने का पानी इकट्ठा करते बच्चे. फोटो : डब्लूडब्लूएफ.

ऐसे कई तंत्र विकसित किये गये हैं जिससे धारे-चश्मे से पानी प्राप्त किया जा सकता है. इनमें से सबसे आम तरीका है एक स्प्रिंग बॉक्स तैयार करना, मगर बिना बक्से वाला भी एक डिजाइन है जिसकी लागत कम आती है और उसे बनाना कहीं सहज है.धारे-चश्मे की सुरक्षा बिना बॉक्स से करना कहीं सस्ता है बनिस्पत एक कुआं खोदने या गड्ढा करने से, मगर स्प्रिंग बॉक्स कई अधिक उपयोगी होते हैं, जब मांग बहाव से अधिक होती है, प्रदूषण से बचाना होता है, और धारे-चश्मे के पानी को पाइप में आसानी से बहाना होता है.

अक्सर, ग्रामीण इलाके में, स्रोत-धारे के पास केंद्रीय वाटर फिल्टर लगाया जाता है, जहां से पानी कई घरों तक पहुंचाया जाता है. अमूमन ऐसी जगह असुरक्षित होती है, घंटों उसे कोई देखने वाला नहीं होता है और पेयजल के इस स्रोत में कई दफा सूअर भी लेटते दिख जाते हैं. अक्सर, धारे-चश्मे का बहाव कम होता है और उसे पाइप के जरिये वितरित करना मुश्किल साबित होने लगता है. ऐसी जगहों में, बुद्धिमानी की बात यही होती है कि धारे-चश्मे के कुएं की सुरक्षा की जाये और मैनुअल पंप स्थापित किया जाये. यह पानी को साफ रखता है, और जलापूर्ति को बढ़ा सकता है. एक बार धारे-चश्मे का संरक्षण कर लिया जाये तो पानी को पाइप में बहाना (अगर बहाव बड़ी हो) और नल लगाना आसान हो जाता है. अगर मुमकिन हो तो गुरुत्वाकर्षण का इस्तेमाल करके बहाव को गति दी जा सकती है, और समुदाय के करीब पहुंचाया जा सकता है.

Contents

अनुकूल स्थितियां

यह सिस्टम छोटे धारे-चश्मे के पास स्थित जल स्रोत के लिए अनुकूल होता है. यह बहाव की दर, फिल्टर के आकार, जल की मांग और अन्य परिस्थितियों के आधार पर लागू किया जा सकता है.

अतः इस हिसाब से : अगर किसी धारे-चश्मे से पानी बिना स्प्रिंग बॉक्स की मदद के जमा और संरक्षित किया जा सके, अगर गाद जमा न होता हो और पानी सिर्फ कम मात्रा में ठोस अपशिष्ट ही लाता हो, अगर सर्वाधिक मांग वाली अवधि में भी पानी का बहाव समुचित हो, तो स्प्रिंग बॉक्स की कोई जरूरत नहीं है.

प्रदूषण जांच और नियंत्रण

यह जानने के लिए कि क्या झरना सुरक्षित है, धारे-चश्मे के असली स्रोत का पता लगाना चाहिये- कहां से यह धरती पर आता है- और इसके लिए तीन सवालों का जवाब तलाशना चाहिये :

  • क्या धारे-चश्मे की सतह से ऊपर कोई धारा या भूजल जमीन के नीचे चला जा रहा है? अगर ऐसा है, तो झरना वही सतही जल है जो पास में कहीं जमीन के अंदर चला गया है. इस परिस्थिति में यह प्रदूषित हो सकता है या सिर्फ बारिश के दिनों में ही बह सकता है.
  • क्या धारे-चश्मे के ऊपर वाले चट्टान में काफी खुली जगह है? अगर हां तो भारी बारिश के बाद धारे-चश्मे के पानी की जांच करना चाहिये. अगर यह बहुत गंदा या मटमैला लग रहा है तो इसका मतलब यह है कि यह धरातल से प्रदूषित हो रहा है.
  • क्या धारे-चश्मे के स्रोत से ऊपर इसके मानवीय या पशु के मल से प्रदूषित होने की आशंका है? इसमें पालतू पशुओं का चारा, गड्ढे वाला शौचालय, सैप्टिक टंकी और दूसरी मानवीय गतिविधियां भी हो सकती हैं.
  • क्या धारे-चश्मे के 15 मीटर के दायरे में मिट्टी काफी भुरभुरी है? यह भूजल को भी प्रदूषित कर सकता है.


लाभ हानि
- धारे-चश्मे के पानी की गुणवत्ता बेहतर होती है और इसके परिशोधन की जरूरत नहीं होती

- अगर गुरुत्वाकर्षण बल के सहारे काम किया जाये तो संचालन और रखरखाव का व्यय काफी कम हो जाता है, क्योंकि पंपिंग की जरूरत नहीं पड़ती

- रबी के मौसम में पानी कम पड़ जाता है

पर्यावरण बदलने पर धारा-चश्मा सूखने लगता है

सुखाड़

Effects of drought: Can dry up.
Underlying causes of effects: Less recharge of aquifer due to less rainfall; Size of aquifers limited; Increasing population and water demand.
To increase resiliency of WASH system: Improve flow by excavating carefully at spring eyes; A holding reservoir can be constructed to bridge peak demand, or a lined pond provides a way to store larger quantities during all the hours of flow; Design for dry season flow rates.

सुखाड़ का प्रभाव : सूख सकता है.
इसकी वजहें : कम बारिश की वजह से एक्वीफर का कम पुनर्भरण; एक्वीफर का आकार सीमित होना; आबादी और पानी की मांग का बढ़ जाना.
वाश सिस्टम के तहत इससे मुकाबला करना : धारे-चश्मे की मुहाने की सावधानी से खुदाई करना; एक भंडारण तालाब बनाना ताकि अधिक मांग वाले समय में जरूरतों को पूरा किया जा सके, या बड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए तालाबों की कतार बनायी जा सकती है; इसे सुखाड़ के बहाव दर के अनुसार बनाया जा सकता है.

सुखाड़ के प्रबंधन के लिए अधिक सूचनाएं : सुखाड़ वाले इलाके में रिसिलियेंट वाश सिस्टम..

बाढ़

तेज बहाव स्प्रिंग बॉक्स को (अगर कमजोर बना हो तो) या इसके घेरे को क्षतिग्रस्त कर सकता है, और धारे-चश्मे के पानी में अधिक and create more turbidity in the springwater.

निर्माण, संचालन और रखरखाव

सीमेंट पर सामान्य सुझाव : ढांचे में रेखाएं उभरने और दरार( जैसे, टैंक, बांध, जलवाहिनी और कुएं में) पड़ने की सामान्य वजह है सीमेंट का मिश्रण और उसे लगाना. पहली बात कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि शुद्ध सामग्रियों का ही इस्तेमाल किया जाये : साफ पानी, साफ बालू, साफ गिट्टी. इन सामग्रियों को भी सही तरीके से मिलाया जाये. दूसरी बात, मिलाते वक्त पानी की मात्रा न्यूनतम होनी चाहिये : कंकरीट या सीमेंट काम के लायक होने चाहिये, सूखे वाली तरफ भी, और गीलापन नहीं होना चाहिये. तीसरी बात, यह जरूरी है कि सीमेंट या कंकरीट को हमेशा नमीयुक्त रखना चाहिये, कम से कम एक हफ्ते के लिए. संरचना को प्लास्टिक, बड़े पत्ते या दूसरी चीजों से ढक कर रखना चाहिये, और उस पर हमेशा पानी देते रहना चाहिये.

स्प्रिंग बॉक्स का निर्माण :

Click to zoom. A spring box with 1 side cut away, showing the inner mechanics.
Click image for details. Drawing: PACE, Spring protection.
Click to zoom. A finished spring with a fence for protection.
Click image for details. Drawing: PACE, Spring protection.

एक स्प्रिंग बॉक्स(या धारे-चश्मे का केवल संरक्षण) बनाना बहुत आसान है और काफी सस्ता है. डिजाइन में थोड़ा सा बदलाव करके इसे कई जल स्रोतों के लिए उपयोग में लाया जा सकता है.

पहले आपको किसी चीज(छड़ी, पत्थर, कचड़ा, इत्यादि) से फिल्टर को अवश्य साफ करना चाहिये और कीचड़ को खोद देना चाहिये ताकि काफी जगह बन जाये. फिर गड्ढे में एक या अधिक फेरोसीमेंट की टंकी लगा देनी चाहिये. टंकियों में छेद होना चाहिये, जिससे पानी अंदर जा सके. टंकियों के आसपास, बड़े पत्थर को जमा करके एक फिल्टर तैयार कर लेना चाहिये. फिर यह जगह पानी से भर जायेगी और यह अतिरिक्त तालाब की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. फिर एक पाइप को टंकी से जोड़ देना चाहिये, बाद में उसमें पंप लगाया जायेगा.

बड़े पत्थरों के ऊपर छोटे-छोटे पत्थर बिछा दें, और उसके ऊपर छर्रियां. फिर सतह समतल हो जायेगी और उसके ऊपर एक पॉलिथीन का टुकड़ा रख देना चाहिये. उसके ऊपर छेद को मिट्टी से भर देना चाहिये. मिट्टी गीली होनी चाहिये ताकि वह जम जाये और पक्की हो जाये. फिर उस मिट्टी को वाटरप्रूफ कवर से ढक सकते हैं, जैसे सीमेंट. सतह थोड़ा ढलुआ होना चाहिये, ताकि पानी वहां जमा न हो जाये. पत्थर कहीं ढीले न हो जायें, इसके लिए सीमेंट की एक परत और चढ़ा देनी चाहिये. मुख्यतः पंप के इर्द-गिर्द. पंप को रखने के लिए पुराने टायर का इस्तेमाल कर सकते हैं. अंत में गाइड पाइप में पंप लगा दें.

अगर झरना बड़ा है तो धारे-चश्मे की आंख(जहां से पानी सबसे पहले निकलता है) पर छज्जा लगाकर उसे संरक्षित किया जा सकता है. फेरोसीमेंट की टंकी के बदले सीमेंट, पत्थर और ईंट की टंकी बनायी जा सकती है. अमूमन एक ढलुआ सतह पर चट्टानों को जमा किया जाता है. इस तरह आप बोर्ड के किनारे-किनारे आगे बढ़ते जाते हैं. जब यह ढांचा खड़ा कर दिया जाता है तो इसमें सीमेंट का घोल डाला जाता है ताकि यह जुड़ सके. ऐसे इलाके जहां पानी का संकट हो, किसी गैरउपयोगी पानी के बहाव को रोक कर और एक तालाब या गड्ढे में जमा करके उसका इस्तेमाल सिंचाई के मकसद से किया जा सकता है.

रखरखाव

स्प्रिंग बॉक्स की नियमित निगरानी की जानी चाहिये ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसमें जमा पानी हमेशा स्वच्छ हो. गाद, पत्ते, मृत पशु और दूसरी चीजें पाइप में जमा होगी तो बहाव रास्ता बंद हो जायेगा, अगर ये बॉक्स में गिर गयीं तो पानी दूषित हो जायेगा. पाइप के मुंह पर तार की जाली लगाने से काफी हद तक इसका बचाव हो सकता है. इस जाली की भी नियमित सफाई की जानी चाहिये ताकि बहाव सामान्य रहे.

Other considerations

A fence should be constructed 10m above spring eye and around the water collection area to keep out animals. A cut-off drain 10m above the spring eye will reduce possible contaminated runoff from reaching the spring eye. Planting trees near the spring will protect it even more, prevent erosion, and make it a more pleasant place to collect water.

A holding reservoir is not always necessary. It can be constructed if dry season flow rate is insufficient to meet peak demand from users, or it might be a wise investment with decreasing reliability of spring flows. Size of reservoir to be determined according to balance between constant inflow and peak outflow rates.

Try to take water away from spring eye to avoid damaging it by back pressure or foundation works. Water ideally should be taken downhill from spring eye to an outlet.

An effective hand pump that can be used to extract water from a spring is an EMAS pump. EMAS is the acronym for Escuela Móvil de Agua y Saneamiento (Mobile School for Water and Sanitation), in Bolivia, whose director, Wolfgang Eloy Buchner, developed the EMAS pump in the 1990's. EMAS is not only the name of the mobile school for water and sanitation, but also a whole technical and social concept of water and sanitation which includes rain water harvesting, solar water heaters, windpower, hydraulic rams, water treatment, small tanks and sinks, a variety of hand and foot pumps, and ferrocement tanks. The aim of the technologies and systems is to achieve the necessary supply of drinkable water, and water for micro irrigation in rural and sub urban areas. VIDEO: [ EMAS system of pumping.]

Costs

In remote areas, use of plastic tanks can save money and labour days. 10 years of experience in Lao PDR showed that the best compromise between quality and amount of work was to make the intake with concrete, all tanks (sedimentation, break pressure or reservoir) from plastic tanks buried underground, and concrete tapstands. Using a combination of plastic and concrete (rather than only concrete for everything) saved about half the number of labour days. In terms of cost, the combination option was 8% more expensive but cheaper if free village labour was factored in.

Field experiences

In the sub-urban areas of Kampala city, springs are a major source of water for domestic use. Though spring water is considered to be aesthetically acceptable for domestic use, presence of poorly designed pit latrines, poor solid waste management as well as poor and inadequate spring protection, may lead to contamination of spring water with pathogenic bacteria.

Read more on this study in Uganda: The quality of water from protected springs in Katwe and Kisenyi parishes, Kampala city, Uganda.


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RSR Project 388
WASH Alliance project, AMREF in Ethiopia
RSR Project 703
MWA-LAP:
Mexico



Manuals, videos and links

Spring catchment
EMAS system of pumping

Acknowledgements