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'''रिसन तालाब''' (इन्हें रिसाव बेसिन (इनफिल्ट्रेशन बेसिन) या पारगमन तालाब (परकुलेशन पॉण्ड) भी कहते हैं) खुले और बड़े तालाब होते हैं जिनको या तो खोदा जाता है या खुद जमीन का ऐसा हिस्सा होता है जो खुद तटीय इलाकों से घिरा रहता है. इसका कुल क्षेत्र प्राय: 15,000 घन मीटर तक होता है. इनमें वर्षा जल संरक्षण किया जाता है लेकिन इसका प्रमुख लक्ष्य होता है इस पानी को जलाशयों तक पहुंचाना ताकि वहां से यह बोर होल, कुओं और आसपास की जलधाराओं तक पहुंचाया जा सके. इनका निर्माण ऐसे इलाकों में किया जाता है जहां तालाब का आधार पारगमन क्षमता वाला हो और जहां इसकी मदद से आसपास के इलाकों का भूजल रिचार्ज किया जा सके.
===Suitable conditionsकिन तरह की परिस्थतियों में यह तकनीक काम में आती है===The aquifer to be recharged needs to be at or near the surfaceजिन जल स्रोतों को रिचार्ज करना है उनका सतह के करीब होना आवश्यक है. The base of the pond needs to be permeableतालाब का आधार पारगमन क्षमता युक्त होना चाहिए. The typical amount of water going into the ground is सामान्य तौर पर बारीक मिट्टी में पानी 30 m/year for fine texture soils (e.g. sandy loams), मीटर सालाना तक रिसता है जबकि बलुआ मिट्टी में यह 100 m/year for loamy soils and मीटर वार्षिक और मोटी साफ बालू में 300 m/year for coarse clean sandsमीटर वार्षिक की दर से पानी का रिसन-इन्फिल्ट्रेशन होता है. A field method to determine seepage rates in the bottom of reservoirs has been developed which can be used to assist in designजलाशयों के तल में रिसन-इन्फिल्ट्रेशन की दर निर्धारित करने का एक तरीका विकसित किया गया है जिसकी मदद से इस डिजाइन को मदद पहुंचायी जा सकती है. Ideally infiltration rates should exceed evaporation ratesआदर्श स्थिति में रिसन-इन्फिल्ट्रेशन दर को वाष्पीकरण की दर से अधिक होना चाहिए.
- High cost of construction – in India, costs estimated at $5,000-10,000 for ponds that are 10,000-15,000m3 in volume. This is similar to other non-percolation ponds (see [[Natural ground catchment and Open water reservoir]] for details).<br>
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===Resilience to changes in the environment===