Difference between revisions of "वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / रवांबू, यूगांडा - निर्मलजल पुनर्जीवन"
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# अंतत: एक उथले कुंए का निर्माण किया जाएगा और चारागाह वाले क्षेत्र में कुंए से उसे रिचार्ज करने के उपाय अपनाए जाएंगे. चूंकि यह जमीन चारागाह की है इसलिए सामान्य टैरेस की जगह दो सपाट सतह और हल्की ढलान वाले छोटे टीले बनाए जाएंगे. इससे पशुओं को चरने का अवसर लगातार मिलेगा लेकिन इसके बावजूद सतह के पानी को जल धारा के करीब ले जाने में मदद मिलेगी. जल धारा को एक उथले कुंए में बदला जा सकेगा जिसके नाना इस्तेमाल हो सकते हैं. मिसाल के तौर पर यह पालतु पशुओं के लिए भी उपयोगी होगा. | # अंतत: एक उथले कुंए का निर्माण किया जाएगा और चारागाह वाले क्षेत्र में कुंए से उसे रिचार्ज करने के उपाय अपनाए जाएंगे. चूंकि यह जमीन चारागाह की है इसलिए सामान्य टैरेस की जगह दो सपाट सतह और हल्की ढलान वाले छोटे टीले बनाए जाएंगे. इससे पशुओं को चरने का अवसर लगातार मिलेगा लेकिन इसके बावजूद सतह के पानी को जल धारा के करीब ले जाने में मदद मिलेगी. जल धारा को एक उथले कुंए में बदला जा सकेगा जिसके नाना इस्तेमाल हो सकते हैं. मिसाल के तौर पर यह पालतु पशुओं के लिए भी उपयोगी होगा. | ||
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− | * | + | * लोगों को स्वच्छ जल मुहैया कराने तथा पशुओं और कृषि कार्यों के लिए जल धाराओं का उद्धार। यहां अपनाई गई तकनीक के प्रभावों का दस्तावेजीकरण करने से सफलता की कहानी बाहर आएगी और यहां सीखे गए सबक बाद में काम आएंगे. |
− | + | * इस खास माहौल के लिए अलग-अलग तरह की रिचार्ज तकनीक का परीक्षण. | |
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====Activities (2013)==== | ====Activities (2013)==== |
Revision as of 19:40, 1 December 2015
परियोजना अवधि: क्रियान्वयन का काम अक्टूबर 2012 से दिसंबर 2013 तक चला. दस्तावेजीकरण और प्रशिक्षण का काम लंबा चलेगा. सैटेलाइट इमेजरी के जरिए शोध और दस्तावेजीकरण का काम मेटामेटा. के साथ मिलकर किया जा रहा है.
Contents
प्राथमिक चुनौतियाँ
वर्तमान परिस्थिति
अलग अलग प्रकृति की मृदा वाले कई पहाड़ी इलाकों में कृषि संबंधी गतिविधियों में इजाफा देखने को मिला है लेकिन जल स्तर में भी गिरावट देखने को मिला है. ऐसा तब है जबकि इस इलाके में प्रचुर मात्रा में बारिश होती है. यहां 700 से 1000 मिमी तक बारिश दर्ज की जाती है लेकिन फिर भी बीते वर्षों के दौरान यहां जल स्तर मेंं जमकर गिरावट आई है. झरने और उथले कुंए आदि सूख गए हैं. शायद ऐसा तेज कृषि गतिविधियों और वनोंं और नम भूमि में कमी आने की वजह से हुआ हो. स्थानीय लोगों के मुताबिक हाल के वर्षों में बारिश अनियमित हुई है. उस पर जलवायु परिवर्तन का असर साफ नजर आ रहा है.
सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक परिस्थितियां
वर्ष 2011 में हुए व्यवहार्यता अध्ययन से मिले संकेत के मुताबिक इस क्षेत्र के 75 फीसदी लोग प्रति दिन एक यूरो से कम में गुजारा करते हैं. केला इस इलाके का प्रमुख भोजन है जो यहां प्रचुर मात्रा में होता है लेकिन इसे बैक्टीरिया का जोखिम रहता है. नकदी फसलों मसलन कॉफी, मूंगफली और पत्ता गोभी का चलन बढ़ रहा है. दक्षिण में रवांडा की सीमा के निकट से लोगों का प्रवासन बहुत बढ़ रहा है. इससे तमाम सांस्कृतिक समूह एक साथ आ रहे हैं. इस क्षेत्र में इस्लामिक और ईसाई आस्थाओं को मानने वाले आए हैं.
प्रायोगिक परिदृश्य
यह पूरा क्षेत्र समुद्र तल से 1550 मीटर तक ऊंची पहाडिय़ां और 1250 मीटर तक गहरी घाटियों से मिलकर बना है. अन्य पहाडिय़ों में पथरीली सतह है. इन पहाडिय़ों की ढलानें रेतीली और मिट्टी भरी हैं. इनकी मोटाई तकरीबन 4 मीटर तक है. घाटियों में रवांबू नदी के निकट नम जमीन स्थित है.
प्रायोगिक उद्देश्य
ऊपरी पहाड़ी इलाकों में जल स्तर में गिरावट देखने को मिल रही है. इसकी वजह से जल स्रोत खाली हो रहे हैं. उथले कुओंं और सूखते झरनों के बजाय लोगों को अब पानी की तलाश में निचले इलाकों में जाना पड़ रहा है. यह उचित परिस्थिति नहीं है क्योंकि इसकी वजह से पानी लाने में अधिक वक्त लग रहा है और पानी वाले स्थान का पर्यावास भी खराब हो रहा है. कुछ इलाकों मेंं सडक़ निर्माण के दौरान पानी के बहाव को मोडऩे से यदाकदा झरने में पानी दोबारा लाने में कामयाबी मिली है. इस उदाहरण को आधार बनाकर ही इस परियोजना में भूजल रिचार्ज करने और जलधाराओं में दोबारा नई जान डालने के प्रयोग किए जाएंगे.
स्थान और साझेदार
- स्थान : रवांबू इलाका यूगांडा के पश्चिम में इबांडा और कामवेंगे जिलों की सीमा पर स्थित है. यह इक्वाडोर से उत्तर में स्थित है. जिसका लाटीट्यूड: 0° 1'33.03" और लाँगीट्यूड: 30°24'55.54" है.
- प्रमुख साझेदार: ज्वाइंट इफर्ट टु सेव द एन्वॉयरनमेंट (जेईएसई)
- प्रमुख साझेदार की भूमिका और उत्तरदायित्व: जेईएसई ने इस क्षेत्र का प्रस्ताव रखा और उसने आरएआईएन और वेटलैंड्स इंटरनैशनल तथा यूआरडब्ल्यूए के साथ कार्यक्रम विकास पर काम किया और वह इस परियोजना का इकलौता क्रियान्वयक है.
- अन्य साझेदार: वेटलैंड्स इंटरनैशनल और यूगांडा रेन वाटर एसोसिएशन (यूआरडब्ल्यूए)
- अन्य साझेदारों की भूमिका और उत्तरदायित्त्व: तकनीकी सलाह, कार्यक्रम को लेकर सलाह और क्षमता निर्माण.
विवरण
रिचार्ज भूजल स्तर को स्थिर करने का काम करेगा और आशा है कि जलधाराओं की मदद से भूजल धीरे धीरे बरकरार हो जाएगा. इस कार्यक्रम का एक हिस्सा उन लोगों की क्षतिपूर्ति करने से भी संबंधित है जिनको नम इलाके में खेती का काम छोडऩा पड़ा. पानी का इस्तेमाल पीने के लिए भी किया जाना है और शकरकंद उत्पादन तथा सिंचाई के काम में.
धारे-चश्मे का पुनर्जीवन
इस प्रयोग में कई तकनीकों का प्रयोग किया जाता है ताकि सूखे धारे-चश्मे और कुओं आदि में पानी की स्थिति सुधारी जा सके. इसमेंं कुओं और धारे-चश्मों के अलग-अलग संदर्भ में चार अलग-अलग तरीकों का परीक्षण किया गया. किसी घाटी में जब बारिश का मौसम आता है तो पानी एक छोटी जलधारा में बहता है. इस जलधारा के ऊपरी हिस्से में पानी के बहाव को अवरुद्ध करने के लिए अवरोध स्थापित किए जाते हैं और उसमें सुराख की व्यवस्था की जाती है.
- किसी अन्य सूखी जलधारा मेंं जहां कि घाटी इतनी स्पष्ट नहीं हो वहां माटी की मोटी परत में से दो गढ़े किए जाते हैं ताकि मिट्टी के नीचे वाली परत तक पहुंचा जा सके. ढलान पर बहते पानी को इन गढ़ों की ओर मोड़ा जाता है ताकि भूजल को रिचार्ज किया जा सके.
- ऊपरी इलाके में एक सूखे उथले बोरहोल में हमने टैरसिंग को गडढों और तालाब से जोड़ा ताकि पानी को एकत्रित करकेे बोरहोल के आसपास भूजल स्तर को सुधारा जा सके.
- अंतत: एक उथले कुंए का निर्माण किया जाएगा और चारागाह वाले क्षेत्र में कुंए से उसे रिचार्ज करने के उपाय अपनाए जाएंगे. चूंकि यह जमीन चारागाह की है इसलिए सामान्य टैरेस की जगह दो सपाट सतह और हल्की ढलान वाले छोटे टीले बनाए जाएंगे. इससे पशुओं को चरने का अवसर लगातार मिलेगा लेकिन इसके बावजूद सतह के पानी को जल धारा के करीब ले जाने में मदद मिलेगी. जल धारा को एक उथले कुंए में बदला जा सकेगा जिसके नाना इस्तेमाल हो सकते हैं. मिसाल के तौर पर यह पालतु पशुओं के लिए भी उपयोगी होगा.
उद्देश्य
- लोगों को स्वच्छ जल मुहैया कराने तथा पशुओं और कृषि कार्यों के लिए जल धाराओं का उद्धार। यहां अपनाई गई तकनीक के प्रभावों का दस्तावेजीकरण करने से सफलता की कहानी बाहर आएगी और यहां सीखे गए सबक बाद में काम आएंगे.
- इस खास माहौल के लिए अलग-अलग तरह की रिचार्ज तकनीक का परीक्षण.
Activities (2013)
- Valley 1K2 Rwesegere spring improvement, create 3 semi-permeable check dams upstream.
- 2 places with percolation pits to improve recharge: percolation pits and ponds. Promote pits and trenches for the farmers.
- Establish 2 small rock catchments with 2 ferrocement tanks of 30 cubics.
- 1K4 Kinagamukono spring protection: 2 small earth bunds, replant the grass, animal friendly walls, flatter surface and gentle slopes.
- Rwensigire trading center borehole: increase recharge on the uphill of the borehole, look at the potential for infiltration pits/ponds. Improve agricultural land (with fanya juus). Desilt pump after recharge.
- Kichwaba spring improvement: construct storage tanks to tap water from the spring and supply to neighbouring communities.
- Capacity building in 3Rs for the community and district local government officials.
SWOT analysis
Here is a SWOT analysis (Strengths, Weaknesses, Opportunities, and Threats) of the project:
Strengths:
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Weaknesses:
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Opportunities:
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Threats:
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Current situation | Expected results | Actual results | |
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Water supply | Dried up springs and shallow wells, people are now depending on open source of water such as the wetland. | Several springs revived, improvement of soil and water retention for 150000 M2 agricultural land. | |
MUS | Drinking water plus sufficient water for increased agricultural production on small irrigated plots. | Better soil moisture for agricultural land | |
3R | Recharge | Recharge of water table uphill and slower drainage into wetland | |
Business development | Yam production near the sources, which will increase income | Environmental sustainability of these plantations |
Outputs
- Type(s) of water harvesting: in situ
- Type(s) of storage system(s): terraces, woodlots, stone and grass bunds
- Number of systems: 6 different systems