Difference between revisions of "वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / छत वर्षाजल संचयन"
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− | {{Language-box|english_link=Water Portal / Rainwater Harvesting / Rooftop rainwater harvesting | french_link=Collecte des eaux de pluie des toits |spanish_link=coming soon | hindi_link= | + | {{Language-box|english_link=Water Portal / Rainwater Harvesting / Rooftop rainwater harvesting | french_link=Collecte des eaux de pluie des toits |spanish_link=coming soon | hindi_link=वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / छत वर्षाजल संचयन | malayalam_link=മേല്ക്കൂരയില് നിന്നും മഴവെള്ള സംഭരണം|tamil_link=coming soon | korean_link=coming soon | chinese_link=屋顶雨水收集 | indonesian_link=Pemanenan air hujan dengan teknik atap bangunan |japanese_link=屋上雨水貯留}} |
[[Image:Rainwater_harvesting_icon.png|right|100px|]] | [[Image:Rainwater_harvesting_icon.png|right|100px|]] | ||
− | [[Image:rooftop rainwater capture.jpg|thumb|right|200px| | + | [[Image:rooftop rainwater capture.jpg|thumb|right|200px|एक छोटे से घर में वर्षाजल भण्डारण व्यवस्था. फोटो: [http://www.jalvardhini.org/storage-01.php जलवर्द्धिनी प्रतिष्ठान.]]] |
वर्षाजल संचयन का सुझाव घरों और स्कूलों आदि भवनों के लिए दिया जाता हैं, जहां वर्षाजल का संग्रहण जमीन के भीतर या बाहर वाली टंकियों में किया जा सकता है, ताकि बाद में इसका इस्तेमाल किया जा सके. पानी के संग्रह का एक तरीका छत पर वर्षाजल संचयन है, यह किसी भी सुयोग्य छत पर की जा सकती है, फिर चाहे वह- टाइल्स वाले हों, मेटलशीट वाले या प्लास्टिक के, लेकिन यह घास या खजूर के पत्तों वाली छतों पर नहीं किया जा सकता- क्योंकि ये सब वर्षाजल की धारा के लिए अवरोध के रूप में काम करते हैं, गटर और नीचे गिरने वाले पाइप (लकड़ी, बांस, लोहा या पीवीसी बने) के सहारे इन्हें जमा किया जाता है, ताकि घरवालों को उच्च गुणवत्ता वाला पेयजल उपलब्ध हो सके. छत आधारित वर्षाजल संचयन तंत्र के तहत 500 क्यूबिक मीटर वाला भूतल संग्रह टैंक भी हो सकता है, जिसकी मदद से पूरे समुदाय को सहायता उपलब्ध कराई जा सके या एक बाल्टी के जरिये भी हो सकता है जिसे छत के नीचे बिना गटर के सहारे के खड़ा कर दिया गया हो. वर्षाजल संचयन के तंत्र का इस्तेमाल काफी प्राचीन काल से होता रहा है और सभी बड़ी सभ्यताओं में इसके उदाहरण मिलते हैं. | वर्षाजल संचयन का सुझाव घरों और स्कूलों आदि भवनों के लिए दिया जाता हैं, जहां वर्षाजल का संग्रहण जमीन के भीतर या बाहर वाली टंकियों में किया जा सकता है, ताकि बाद में इसका इस्तेमाल किया जा सके. पानी के संग्रह का एक तरीका छत पर वर्षाजल संचयन है, यह किसी भी सुयोग्य छत पर की जा सकती है, फिर चाहे वह- टाइल्स वाले हों, मेटलशीट वाले या प्लास्टिक के, लेकिन यह घास या खजूर के पत्तों वाली छतों पर नहीं किया जा सकता- क्योंकि ये सब वर्षाजल की धारा के लिए अवरोध के रूप में काम करते हैं, गटर और नीचे गिरने वाले पाइप (लकड़ी, बांस, लोहा या पीवीसी बने) के सहारे इन्हें जमा किया जाता है, ताकि घरवालों को उच्च गुणवत्ता वाला पेयजल उपलब्ध हो सके. छत आधारित वर्षाजल संचयन तंत्र के तहत 500 क्यूबिक मीटर वाला भूतल संग्रह टैंक भी हो सकता है, जिसकी मदद से पूरे समुदाय को सहायता उपलब्ध कराई जा सके या एक बाल्टी के जरिये भी हो सकता है जिसे छत के नीचे बिना गटर के सहारे के खड़ा कर दिया गया हो. वर्षाजल संचयन के तंत्र का इस्तेमाल काफी प्राचीन काल से होता रहा है और सभी बड़ी सभ्यताओं में इसके उदाहरण मिलते हैं. | ||
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'''वाश तंत्र के लचीलेपन को बढ़ाना''': समुचित मिश्रण, अनुपात, सामग्रियों की शुद्धता, मिश्रण के लिए न्यूनतम जल को सुनिश्चित करना, समुचित संसाधन उपलब्ध कराना. | '''वाश तंत्र के लचीलेपन को बढ़ाना''': समुचित मिश्रण, अनुपात, सामग्रियों की शुद्धता, मिश्रण के लिए न्यूनतम जल को सुनिश्चित करना, समुचित संसाधन उपलब्ध कराना. | ||
− | सुखाड़ प्रबंधन के लिए अधिक जानकारियां: [[Resilient WASH systems in drought-prone areas]].<br> | + | सुखाड़ प्रबंधन के लिए अधिक जानकारियां: [[Resilient WASH systems in drought-prone areas | रेजिलिएंट वाश सिस्टम इन ड्राउट प्रोन एरियाज़]].<br> |
− | सुखाड़ के मद्देनजर सीमेंट का निर्माण: [[Concrete production and drought]]. | + | सुखाड़ के मद्देनजर सीमेंट का निर्माण: [[Concrete production and drought | कॉन्क्रीट प्रोडक्शन और ड्राउट]]. |
===निर्माण, संचालन एवं रख-रखाव=== | ===निर्माण, संचालन एवं रख-रखाव=== | ||
− | [[Image:rooftop catchment.jpg|thumb|right|200px| | + | [[Image:rooftop catchment.jpg|thumb|right|200px|रूफटॉप कैचमेंट. रेखाचित्र: डब्ल्यूएचओ.]] |
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====जलग्रहण एवं भंडारण टंकियां==== | ====जलग्रहण एवं भंडारण टंकियां==== | ||
जल के प्रवाह में रुकावट विभिन्न तरीकों से आ सकती है. जलग्रहण के विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे छत पर जलग्रहण, फर्श पर जलग्रहण, सतह पर जलग्रहण और नदी के बेड पर जलग्रहण. इनमें से सबसे सस्ता भंडारण है धरातल पर भंडार, एक तकनीक जिससे भूजल को रिचार्ज किया जाता है. इसमें वर्षाजल को धरती में प्रवेश कराया जाता है. इससे स्थानीय तौर पर भूजल का स्तर बेहतर हो जाता है और पानी को जब चाहे पंप करके निकाला जा सकता है. इससे पानी का लेबल एक छोटे से इलाके में बढ़ता है या बड़े इलाके में यह मिट्टी की स्थितियों पर निर्भर करता है. | जल के प्रवाह में रुकावट विभिन्न तरीकों से आ सकती है. जलग्रहण के विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे छत पर जलग्रहण, फर्श पर जलग्रहण, सतह पर जलग्रहण और नदी के बेड पर जलग्रहण. इनमें से सबसे सस्ता भंडारण है धरातल पर भंडार, एक तकनीक जिससे भूजल को रिचार्ज किया जाता है. इसमें वर्षाजल को धरती में प्रवेश कराया जाता है. इससे स्थानीय तौर पर भूजल का स्तर बेहतर हो जाता है और पानी को जब चाहे पंप करके निकाला जा सकता है. इससे पानी का लेबल एक छोटे से इलाके में बढ़ता है या बड़े इलाके में यह मिट्टी की स्थितियों पर निर्भर करता है. | ||
− | अगर भंडारण टंकी का निर्माण करा रहे हैं कि फेरोसीमेंट या ब्रिक सीमेंट सबसे सस्ता और बेहतर विकल्प होते हैं और वे स्थानीय स्तर पर भी बनाये जा सकते हैं. जब पानी की टंकी धरातल से नीचे है तो इसे एक हौज कहा जाता है. विभिन्न भंडारों के प्रकार में [[ | + | अगर भंडारण टंकी का निर्माण करा रहे हैं कि फेरोसीमेंट या ब्रिक सीमेंट सबसे सस्ता और बेहतर विकल्प होते हैं और वे स्थानीय स्तर पर भी बनाये जा सकते हैं. जब पानी की टंकी धरातल से नीचे है तो इसे एक हौज कहा जाता है. विभिन्न भंडारों के प्रकार में [[Underground tank | भूमिगत टैंक]], [[Classical ferrocement tank | क्लासिकल फेरोसीमेंट टैंक| फेरोसीमेंट टैंक]], [[Plastic-lined tank | प्लास्टिक-लाइन्ड टैंक]], आदि हैं. टंकी का आकार लागत, पानी के इस्तेमाल की आवश्यकता, सुखाड़ के मौसम का अंतराल आदि पर निर्भर करता है. ऐसा सुझाव है कि बड़ी टंकी बनवाने से पहले एक बार छोटी टंकी बनवाकर देख लेना चाहिये. भंडारण टंकियों को जरूरत के हिसाब से पंप से भी भरा जा सकता है. कई दफा भंडारण टंकियों से पंप के जरिये पानी ऊपर भी लाया जाता है, उदाहरण के लिए [[Rope pump | रोप पंप]] या [[Deep well pump | डीप वेल पंप]], के जरिये, जिनसे पानी को 30 मीटर तक ऊपर लाया जा सकता है. |
====पानी को स्वच्छ रखना==== | ====पानी को स्वच्छ रखना==== | ||
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एक फाउल-फ्लश यंत्र या अलग होने वाला पाइप भी लगाया जा सकता है ताकि अंधड़ की वजह से आने वाले पहला 20 लीटर पानी स्टोरेज टंकी में जाने से रोका जा सके. क्योंकि यह पानी अमूमन धूलकण, पत्तों, कीड़ों और चिड़ियों के मल से युक्त होता है. इस तरह के गंदे पानी को टंकी में जाने से रोकने के लिए बालू, कंकड़ के फिल्टर का इस्तेमाल किया जा सकता है, फिल्टर को टंकी में जाने से पहले भी लगाया जा सकता है या छत पर जलग्रहण नालियों के पास भी लगाया जा सकता है. जहां इस तरह का संयंत्र न हो वहां उपयोगकर्ता को खुद हर बारिश के पहले 20 लीटर पानी को टंकी में जाने से रोककर कहीं और बहा देना चाहिये या इस्तेमाल कर लेना चाहिये. | एक फाउल-फ्लश यंत्र या अलग होने वाला पाइप भी लगाया जा सकता है ताकि अंधड़ की वजह से आने वाले पहला 20 लीटर पानी स्टोरेज टंकी में जाने से रोका जा सके. क्योंकि यह पानी अमूमन धूलकण, पत्तों, कीड़ों और चिड़ियों के मल से युक्त होता है. इस तरह के गंदे पानी को टंकी में जाने से रोकने के लिए बालू, कंकड़ के फिल्टर का इस्तेमाल किया जा सकता है, फिल्टर को टंकी में जाने से पहले भी लगाया जा सकता है या छत पर जलग्रहण नालियों के पास भी लगाया जा सकता है. जहां इस तरह का संयंत्र न हो वहां उपयोगकर्ता को खुद हर बारिश के पहले 20 लीटर पानी को टंकी में जाने से रोककर कहीं और बहा देना चाहिये या इस्तेमाल कर लेना चाहिये. | ||
− | ==== | + | ====ईएमएएस शुद्धिकरण संयंत्र ==== |
− | [[Image:rainwater capture2.jpg|thumb|right|200px|वर्षाजल संग्रहण इकाई से जुड़े दो मकान, फिर एक टोटी जो टंकी से निकली हुई है. फोटो: [http://ispafrica.org | + | [[Image:rainwater capture2.jpg|thumb|right|200px|वर्षाजल संग्रहण इकाई से जुड़े दो मकान, फिर एक टोटी जो टंकी से निकली हुई है. फोटो: [http://ispafrica.org इनसिमे सी पुओ' अफ्रीका में]]] |
− | वर्षाजल संचयन के लिए इस्तेमाल होने वाले | + | वर्षाजल संचयन के लिए इस्तेमाल होने वाले ईएमएएस तंत्र में विभिन्न ईएमएएस तकनीकों के अतिरिक्त कुछ सामान्य उपकरणों का इस्तेमाल वर्षाजल को पीने लायक जल बनाने में किया जाता है. अगर छतवाला वर्षाजल इस्तेमाल किया जाता है, तो यह एक स्थायी नाली के जरिये संग्रहित किया जाता है. पानी को साफ करने के लिए नाली के निचले हिस्से पर एक घड़ा या फैरोसीमेंट टंकी रखा जाता है, जिसमें पानी बाहर निकालने के लिए एक पाइप जुड़ा होता है. घड़े के कोर पर सिंथेटिक कपड़े की एक थैली बंधी होती है, इसे लोहे या तार से बांधा जाता है, यह किनारे के चारो ओर बंधी होती है. इस थैली को हर तीन महीने में साफ करना होता है. |
− | जैसे ही पानी जमा होने लगता है, अत्यधिक मात्रा में कचड़ा जमा होने से रोकने के लिए पहले कुछ मात्रा में पानी को हटा दिया जाता है, जिसमें अधिकतर कचड़ा ही होता है. इसके बाद पानी को सीधे [[EMAS | + | जैसे ही पानी जमा होने लगता है, अत्यधिक मात्रा में कचड़ा जमा होने से रोकने के लिए पहले कुछ मात्रा में पानी को हटा दिया जाता है, जिसमें अधिकतर कचड़ा ही होता है. इसके बाद पानी को सीधे [[EMAS cistern | ईएमएएस सिस्टर्न]] में भेजा जा सकता है. छत के आकार के आधार पर भंडारण के लिए कई टंकियां बनायी जा सकती हैं. एक बार में पानी बाहर लाने वाले पाइप एक टंकी को जोड़ा जाना चाहिये. यहां से पानी को पंप करके नियमित ईएमएएस पंप के जरिये वितरित किया जाना चाहिये. पंप को घर के आसपास के टैंक और नलों से भी जोड़ा जा सकता है. |
==== रख-रखाव ==== | ==== रख-रखाव ==== | ||
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पहले साल पानी की आधारभूत गुणवत्ता की जांच की सलाह दी जाती है, इसके अलावा जब भी कोई शक हो पानी की जांच करा लेनी चाहिये. ‘HACH’ जांच एक कम लागत वाला जांच है, इसमें सिर्फ US$1 प्रति जांच का खर्च आता है. अगर प्रदूषण की आशंका हो या पानी की गुणवत्ता की गारंटी की जरूरत हो तो पानी का उपचार कई तरीकों से किया जा सकता है. | पहले साल पानी की आधारभूत गुणवत्ता की जांच की सलाह दी जाती है, इसके अलावा जब भी कोई शक हो पानी की जांच करा लेनी चाहिये. ‘HACH’ जांच एक कम लागत वाला जांच है, इसमें सिर्फ US$1 प्रति जांच का खर्च आता है. अगर प्रदूषण की आशंका हो या पानी की गुणवत्ता की गारंटी की जरूरत हो तो पानी का उपचार कई तरीकों से किया जा सकता है. | ||
− | ==== | + | ====साझी छतें==== |
− | + | साझी छतों में संचालन और रख-रखाव काफी चुनौतीपूर्ण होता है. स्कूलों के छत वाले जल संचयन तंत्र में उदाहरण के लिए पानी की टोटी खुली रह सकती है. ऐसे में पानी आपूर्ति पर नियंत्रण के लिए ताले का इस्तेमाल जरूरी हो जाता है. आदर्श रूप में एक व्यक्ति को नियमित साफ-सफाई, रख-रखाव, मरम्मती और पानी के इस्तेमाल पर नियंत्रण आदि की जिम्मेदारी दी जा सकती है. एक तरीका यह भी है कि पानी को बेचा जाये, जिससे रख-रखाव और संचालन का खर्चा निकल सके. जहां कई परिवारों ने एक सामुदायिक तंत्र स्थापित किया हो (उदाहरण के तौर पर जहां कई छतों का पानी एक टंकी में जमा होता हो) वहां उपयोगकर्ता एक जल समिति का गठन कर सकते हैं जो प्रबंधन, संचालन और रख-रखाव की गतिविधियों को अंजाम दे. इन गतिविधियों में शुल्क जमा करना और केयरटेकर के काम को नियंत्रित करने और हर परिवार को कितना पानी दिया जाये यह सुनिश्चित करना शामिल हो सकता है. निम्न संचालन एवं रख-रखाव प्रक्रिया में बाहरी एजेंट भी निम्न क्षेत्रों में भूमिका निभा सकते हैं :<br> | |
− | — | + | — तंत्र की स्थिति और पानी की गुणवत्ता की निगरानी; <br> |
− | — | + | — तंत्र की पुनर्स्थापना और खरीद के लिए ऋण सुविधा उपलब्ध कराना; <br> |
− | — | + | — प्रबंधन एवं संचालन व रख-रखाव के लिए उपयोगकर्ता व केयरटेकर को प्रशिक्षण देना; <br> |
− | — | + | — स्थानीय कारीगरों को बड़ी मरम्मत के लिए प्रशिक्षित करना .<br> |
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− | + | [[File:OandM.jpg|thumb|none|500px| चार्ट: डब्ल्यूएचओ. <ref name="WHO 1"/>]] | |
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− | === | + | ==== संभावित समस्याएं ==== |
− | + | * धात्विक छत, नालियों का क्षय होना, आदि.; | |
− | * | + | * रख-रखाव की कमियों की वजह से फाउल-फ्लश का नाकाम हो जाना.; |
− | * | + | * जलाशय का टेप लीक करना और हैंड पंप में खराबी आना; |
− | * | + | * बिना ढकी हुई टंकियों में प्रदूषण, खास तौर पर जहां पानी रस्सी या बाल्टी से निकाला जाता हो.; |
− | * | + | * असुरक्षित टंकियों में मच्छरों का अंडा देना, जिससे वेक्टर आधारित रोगों का खतरा बढ़ जाता है. ; |
+ | * तंत्र का पेयजल की मांग को पूरा न कर पाना, साल के कुछ खास समयावधि में, जिससे कि दूसरे स्रोत का निर्माण या फिर से पारंपरिक स्रोत की तरफ जाना पड़ता हो; | ||
+ | * आवश्यक वित्तीय निवेश उपलब्ध न हो पाना- परिवार या समुदाय का एक उपयुक्त टंकी और समुचित छत तैयार न कर पाना. | ||
− | + | ===लागत=== | |
+ | लागत की तुलना | ||
+ | * [[Brick cement tank | ब्रिक सीमेंट टैंक]] 6 क्यूबिक मी. वाला : 3 सीमेंट की बोरी, 300 ईटें, 3 किलो तार अमरीकी डॉलर 40 | ||
+ | * [[Brick cement tank | ब्रिक सीमेंट टैंक]] 1 क्यूबिक मी. वाला: 1 सीमेंट की बोरी, 100 ईटें, 1 किलो तार अमरीकी डॉलर 20 | ||
+ | * [[Plastic-lined tank | प्लास्टिक-लाइन्ड टैंक]] 5 क्यूबिक मी. वाला: अमरीकी डॉलर 50 | ||
+ | * उप-धरातल [[Classical ferrocement tank | क्लासिकल फेरो-सीमेंट टैंक|फेरो-सीमेंट टैंक]] 60 क्यूबिक मी. वाला: अमरीकी डॉलर 1,900 प्रति घन मीटर के हिसाब से जितनी बड़ी टंकी बनवायेंगे, सामग्रियों की जरूरत उतनी कम होगी (और इस हिसाब से लागत भी). | ||
− | + | दक्षिण अफ्रीका में, 11 मी. लोहे की नाली वाले अमरीकी डॉलर 320 वाले तंत्र में ; 1.3 क्यूबिक मी. लोहे की टंकी ; नीचे के पाइप वाली ; टेप और फिल्टर ; परिवहन की लागत शामिल नहीं. जहां छतें जल संचयन के लिए उपयुक्त न हो, छत को उस लायक बनाने की लागत अतिरिक्त है और इसमें शामिल नहीं की गयी है. यह लागत अमरीकी डॉलर 4 प्रति वर्ग मी. (केन्या में सब्सिडी मिलती है) से अमरीकी डॉलर 12 प्रति वर्ग मी. तक है. <ref name="WHO 1">ब्रिक, फ्रैंकोइस और ब्रेडेरो, मार्टेन. ''[http://www.washdoc.info/docsearch/title/117705 सामुदायिक जलापूर्ति और स्वच्छता के मद्देनजर तकनीकी को क्रयान्वयन और रखरखाव के साथ जोड़ना: योजनाकारों और परियोजना पर काम करने वाले कार्यकर्त्ताओं के लिये एक सन्दर्भ दस्तावेज]''. विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईआरसी वाटर एण्ड सेनिटेशन सेंटर. जेनेवा, स्विटजरलैण्ड 2003.</ref> | |
− | === | + | ===जमीनी अनुभव=== |
− | * | + | * वर्षाजल संचयन एक ऐसी तकनीक है जो काफी लचीली है और विभिन्न प्रकार की सेटिंग के लायक है, यह धरती के सबसे अमीर और सबसे गरीब समुदायों में इस्तेमाल की जाती है, और सबसे नमी वाले इलाकों से सबसे सूखे इलाकों तक. |
− | * | + | * ओकार, ब्राजील में वर्षाजल टंकियां कंकरीट के ब्लॉक से तैयार की जाती हैं. |
− | * | + | * एक कम लागत वाला विकल्प [[Brick cement tank | ब्रिक सीमेंट टैंक]], उदाहरण के तौर पर निकारागुआ और घाना में इस्तेमाल होता है. |
− | ==== | + | ====एक्वो आरएसआर परियोजनाएं==== |
− | + | निम्न परियोजनाएं छत वाले वर्षाजल संचयन में प्रयोग की जाती हैं. | |
<br> | <br> | ||
{|style="border: 2px solid #e0e0e0; width: 100%; text-align: justify; background-color: #e9f5fd;" cellpadding="2" | {|style="border: 2px solid #e0e0e0; width: 100%; text-align: justify; background-color: #e9f5fd;" cellpadding="2" | ||
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|[[Image:akvorsr logo_lite.png|center|60px|link=http://akvo.org/products/rsr/]] | |[[Image:akvorsr logo_lite.png|center|60px|link=http://akvo.org/products/rsr/]] | ||
|- style="vertical-align: bottom" | |- style="vertical-align: bottom" | ||
− | |[[Image:project 790.jpg |thumb|center|140px|<font size="2"><center>[http://rsr.akvo.org/en/project/790/ | + | |[[Image:project 790.jpg |thumb|center|140px|<font size="2"><center>[http://rsr.akvo.org/en/project/790/ आरएसआर प्रोजेक्ट 790]<br>ग्रामीण बांग्लादेश में <br>वाश कार्यक्रम</center></font>|link=http://rsr.akvo.org/en/project/790/]] |
− | |[[Image:project 440.jpg |thumb|center|140px|<font size="2"><center>[http://rsr.akvo.org/en/project/440/ | + | |[[Image:project 440.jpg |thumb|center|140px|<font size="2"><center>[http://rsr.akvo.org/en/project/440/ आरएसआर प्रोजेक्ट 440]<br>वर्षाजल संचयन के बारे में जागरूकता पैदा करना</center></font>|link=http://rsr.akvo.org/en/project/440/ ]] |
− | |[[Image: rainwater harvesting for green schools.jpg|thumb|center|140px|<font size="2"><center>[http://rsr.akvo.org/en/project/2618/ | + | |[[Image: rainwater harvesting for green schools.jpg|thumb|center|140px|<font size="2"><center>[http://rsr.akvo.org/en/project/2618/ आरएसआर प्रोजेक्ट 2618]<br>ग्रीन स्कूल पहल के लिये वर्षाजल</center></font>|link=http://rsr.akvo.org/en/project/2618/ ]] |
− | |[[Image:project 107.jpg |thumb|center|140px|<font size="2"><center>[http://rsr.akvo.org/en/project/107/ | + | |[[Image:project 107.jpg |thumb|center|140px|<font size="2"><center>[http://rsr.akvo.org/en/project/107/ आरएसआर प्रोजेक्ट 107]<br>गुइना विस्साउ में वर्षाजल संचयन</center></font>|link=http://rsr.akvo.org/en/project/107/ ]] |
|} | |} | ||
<br> | <br> | ||
− | === | + | === मैनुअल, वीडियो और लिंक्स=== |
− | ==== | + | ====मैनुअल==== |
− | * | + | * पुस्तकें डाउनलोड करें [http://www.ircwash.org/resources/रूपटॉप- हार्वेस्टिंग-हैंडबुक-प्रैक्टिशनर्स "रूफवाटर हार्वेस्टिंग: अ हैंडबुक फॉर प्रैक्टिशनर्स"] आईआऱसी द्वारा. |
− | * | + | * पुस्तिका [http://www.washdoc.info/docsearch/title/169828 स्मार्ट वाटर हार्वेस्टिंग सॉल्यूशन्स] |
− | * [http://www.nwp.nl/_docs/Smart-solutions-3R.spread.pdf | + | * [http://www.nwp.nl/_docs/Smart-solutions-3R.spread.pdf स्मार्ट 3आर सॉल्यूशन्स] |
− | ==== | + | ====वीडियोज==== |
− | {{#ev:youtube|sHppepLP-pk|200|left|<center><font size="3"> | + | {{#ev:youtube|sHppepLP-pk|200|left|<center><font size="3"><br>वर्षागीत वीडियो</font></center>}} |
{|style="border: 1px solid #fofofo; font-size: 125%" | {|style="border: 1px solid #fofofo; font-size: 125%" | ||
|- | |- | ||
− | |{{#ev:youtube|6KaPjPospAk|200|auto|<center> | + | |{{#ev:youtube|6KaPjPospAk|200|auto|<center>वर्षाजल संचयन, नेपाल, <br> बीएसपी नेपाल द्वारा</center>}} |
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− | |{{#ev:youtube|wWnhYIIKY0U|200|auto|<center> | + | |{{#ev:youtube|wWnhYIIKY0U|200|auto|<center>वर्षाजल संचयन, <br>पुष्पम सिंह</center>}} |
− | |{{#ev:youtube|SCNr2Ung0cc|200|auto|<center> | + | |{{#ev:youtube|SCNr2Ung0cc|200|auto|<center>छत वाला वर्षाजल<br>बेंगलुरू ग्रामीण जिला</center>}} |
|} | |} | ||
− | ==== | + | ====बाहरी लिंक==== |
− | * [http://www.rainfoundation.org | + | * [http://www.rainfoundation.org वर्षाजल संचयन कार्यान्वयन नेटवर्क (रेन)] |
− | * [http://practicalaction.org/energy/water-and-sanitation/rainwater_harvesting | + | * [http://practicalaction.org/energy/water-and-sanitation/rainwater_harvesting वर्षाजल संचयन सूचनाएं प्रायोगिक सक्रियता से संबंधित] |
− | * [http://www.rainwaterharvesting.org | + | * [http://www.rainwaterharvesting.org वर्षाजल संचयन से संबंधित भारतीय वेबसाइट ] |
− | * [http://en.wikipedia.org/wiki/Rainwater_harvesting | + | * [http://en.wikipedia.org/wiki/Rainwater_harvesting वर्षाजल संचयन से संबंधित विकिपीडिया आलेख] |
− | * [http://www.eng.warwick.ac.uk/dtu/rwh | + | * [http://www.eng.warwick.ac.uk/dtu/rwh वर्षाजल संचयन परिचय वारविक विवि की डीटीयू इकाई द्वारा] |
− | * [http://web.archive.org/web/20100112111544/http://www.unep.org:80/depi/rainwater/ | + | * [http://web.archive.org/web/20100112111544/http://www.unep.org:80/depi/rainwater/ वर्षाजल गठबंधन ] |
− | * [http://cseindia.org/content/catch-water-where-it-falls- | + | * [http://cseindia.org/content/catch-water-where-it-falls-Toolkit-urban-Rainwater-Harvesting कैच वाटर व्हेअर इट फाल्स - टूलकिट ऑन अर्बन रेनवाटर हा्र्वेस्टिंग] |
− | * [[Solution_of_the_week_5| | + | * [[Solution_of_the_week_5|एक्वो वीक 5 का समाधान]] |
− | === | + | ===संदर्भ=== |
<references/> | <references/> | ||
− | === | + | ===आभार=== |
− | * | + | * ब्रिक, फ्रैंकोइस और ब्रेडेरो, मार्टेन. [http://www.washdoc.info/docsearch/title/117705 तकनीकी विकल्प को संचालन और रख-रखाव से जोड़ना खास तौर पर सामुदायिक जल आपूर्ति और स्वच्छता के संदर्भ में : योजनाकारों और परियोजना कर्मियों के लिए एक संदर्भ दस्तावेज] या ([http://www.who.int/water_sanitation_health/hygiene/om/wsh9241562153/en/ वैकल्पिक लिंक]). विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईआरसी वाटर एण्ड सेनिटेशन सेंटर. जिनेवा, स्विटजरलैंड 2003. |
− | * | + | * केअर नीदरलैण्ड, डेस्क अध्ययन [[Resilient WASH systems in drought-prone areas | रेजिलिएंट वाश सिस्टम इन ड्राउट- प्रोन एरियाज़]]. अक्तूबर 2010. |
Latest revision as of 03:08, 15 January 2016
वर्षाजल संचयन का सुझाव घरों और स्कूलों आदि भवनों के लिए दिया जाता हैं, जहां वर्षाजल का संग्रहण जमीन के भीतर या बाहर वाली टंकियों में किया जा सकता है, ताकि बाद में इसका इस्तेमाल किया जा सके. पानी के संग्रह का एक तरीका छत पर वर्षाजल संचयन है, यह किसी भी सुयोग्य छत पर की जा सकती है, फिर चाहे वह- टाइल्स वाले हों, मेटलशीट वाले या प्लास्टिक के, लेकिन यह घास या खजूर के पत्तों वाली छतों पर नहीं किया जा सकता- क्योंकि ये सब वर्षाजल की धारा के लिए अवरोध के रूप में काम करते हैं, गटर और नीचे गिरने वाले पाइप (लकड़ी, बांस, लोहा या पीवीसी बने) के सहारे इन्हें जमा किया जाता है, ताकि घरवालों को उच्च गुणवत्ता वाला पेयजल उपलब्ध हो सके. छत आधारित वर्षाजल संचयन तंत्र के तहत 500 क्यूबिक मीटर वाला भूतल संग्रह टैंक भी हो सकता है, जिसकी मदद से पूरे समुदाय को सहायता उपलब्ध कराई जा सके या एक बाल्टी के जरिये भी हो सकता है जिसे छत के नीचे बिना गटर के सहारे के खड़ा कर दिया गया हो. वर्षाजल संचयन के तंत्र का इस्तेमाल काफी प्राचीन काल से होता रहा है और सभी बड़ी सभ्यताओं में इसके उदाहरण मिलते हैं.
Contents
परिचय
कई मामलों में, भूजल की उपलब्धता पेयजल के रूप में नहीं होती. भूजल काफी गहराई पर उपलब्ध होता है, यह आर्सेनिक या लवण जैसे खनिज और रसायन से प्रदूषित होता है, सतही जल भी विष्ठा या रसायन से दूषित हो सकता है. ऐसे मामलों में वर्षाजल संग्रहण एक प्रभावी और कम लागत वाला समाधान साबित हो सकता है.
वर्षाजल के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह आपकी अपनी छत पर गिरता है और लगभग बेहतर गुणवत्ता में उपलब्ध होता है. कई अध्ययनों से जाहिर हुआ है कि ढंग से ढके और देखभाल किये हुए रूफटॉप टैंक का पानी पेयजल की गुणवत्ता के मानकों पर खरा उतरता है. यह घरों, स्कूलों, सामुदायिक भवनों और अस्पतालों को पेयजल और घरेलू इस्तेमाल के लिए तथा दूसरी आय से जुड़ी गतिविधियों के लिए पानी के मामले में सक्षम बनाता है.
यह आपको "बिना चले पानी पाने" की विलासिता उपलब्ध कराता है, पानी ढोकर लाने के परिश्रम से मुक्ति दिलाता है, खास तौर पर महिलाओं और बच्चों को. साफ पानी के 20 लीटर का हर बरतन स्वच्छ जल के निकटवर्ती स्रोत से एक किमी लंबी यात्रा की बचत कर देता है, और खास तौर पर ठंड, भींगे और फिसलन भरे मौसम में इस तरह का काम काफी अरुचिकर होता है, ऐसे में यह छोटी सी मात्रा भी काफी महत्वपूर्ण साबित होती है. युगांडा और श्रीलंका में, वर्षाजल पारंपरिक रूप से पेड़ों, केले के पत्तों और तनों के अस्थायी नलियों से इकट्ठा किया जाता है. यह सुविधा वहां बारिश वाले इलाके के हर घर में उपलब्ध है, फिर चाहे वह पहाड़ की चोटी पर बना हो या समुद्री टापू पर.
दूसरा विकल्प विभिन्न स्रोतों से पानी का इस्तेमाल करना है. पानी चाहे वह खारा हो या आर्सेनिक युक्त उसका इस्तेमाल नहाने-धोने और शौच के लिए आराम से किया जा सकता है. उच्च गुणवत्तायुक्त वर्षाजल को टैंक में सुरक्षित रखकर उसे पीने और खाना पकाने में इस्तेमाल किया जाता है.
सुविधाजनक परिस्थितियां
वर्षाजल संचयन के लिए कम से कम सालाना 100 से 200 मिमी. बारिश की जरूरत होती है. लैटिन अमेरिका के कई इलाकों में हर साल लगभग 500 मिमी. बारिश होती है.
यह तब भी सुविधाजनक होता है जब छतें छोटी हों. उदाहरण के लिए 5X6 मीटर (इसे 30 स्क्वायर मीटर कहा जा सकता है) वाले घर, 500 मिमी. सालाना बारिश के साथ, 15 हजार लीटर पानी प्राप्त करता है, यह मात्रा पांच लोगों के परिवार के लिए पर्याप्त है.
अनुकूल परिस्थिति | प्रतिकूल परिस्थिति |
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- लगभग हर मौसम में मुमकिन - अगर तंत्र की संरचना ठीक हो और उसका प्रबंधन ठीक से किया जाये तो वर्षाजल सामान्यतः पेयजल की गुणवत्ता वाला होता है. |
- सूखे मौसम में भंडार को ब्रिज करने की जरूरत होती है |
वातावरण के बदलाव का लचीलापन
सुखाड़
सुखाड़ का प्रभाव: जल भंडार का खाली हो जाना.
प्रभाव के अंतर्निहित कारण: बारिश की कमी; निर्माण की गड़बड़ियों की वजह से रिसाव; मांग के अनुरूप भंडार का पर्याप्त न होना – टैंक के काफी महंगे होने के कारण सूखे मौसम में पानी की मात्रा घट जाना.
वाश सिस्टम का लचीलापन बढ़ाना: छोटी टंकियों को बढ़ावा देना क्योंकि वे आसानी से बनाये, ढके और देखभाल किये जा सकते हैं, ये परिवारों के बजट के अनुकूल होते हैं; निर्माण की गड़बड़ी व अन्य कारणों की वजह से होने वाला रिसाव भी इसमें कम होता है; कंक्रटिंग के सही दिशानिर्देश का पालन करना(सीमेंट पर सुखाड़ के प्रभाव को देखें, नीचे); टंकियों का निर्माण कम गुणवत्ता वाली सामग्रियों से करना और बार-बार उसकी मरम्मत कराना; टंकियों की संरचना ऐसी बनवाना कि वह डेड स्टोरेज के लिए कोई जगह न हो; यह सुनिश्चित करना कि जलग्रहण क्षेत्र खुद प्रभावी हो (जैसे नालियां); सूक्ष्म-वित्त तक पहुंच को बेहतर बनाना; सरकार या निजी क्षेत्र की मदद करना ताकि वे टंकी निर्माण योजना के लिए धन उपलब्ध करा सकें.
सीमेंट की टंकियों पर सुखाड़ का प्रभाव
सुखाड़ का प्रभाव: बुरी तरह तैयार कंकरीट और दरारें (उदाहरण के लिए टंकियां, बांध, जलप्रवाह, कुएं और अन्य संरचनाएं).
प्रभाव की मूलभूत वजहें: संसाधन के लिए कम पानी का इस्तेमाल; मिलाने के लिए अशुद्ध पानी का इस्तेमाल.
वाश तंत्र के लचीलेपन को बढ़ाना: समुचित मिश्रण, अनुपात, सामग्रियों की शुद्धता, मिश्रण के लिए न्यूनतम जल को सुनिश्चित करना, समुचित संसाधन उपलब्ध कराना.
सुखाड़ प्रबंधन के लिए अधिक जानकारियां: रेजिलिएंट वाश सिस्टम इन ड्राउट प्रोन एरियाज़.
सुखाड़ के मद्देनजर सीमेंट का निर्माण: कॉन्क्रीट प्रोडक्शन और ड्राउट.
निर्माण, संचालन एवं रख-रखाव
जलग्रहण एवं भंडारण टंकियां
जल के प्रवाह में रुकावट विभिन्न तरीकों से आ सकती है. जलग्रहण के विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे छत पर जलग्रहण, फर्श पर जलग्रहण, सतह पर जलग्रहण और नदी के बेड पर जलग्रहण. इनमें से सबसे सस्ता भंडारण है धरातल पर भंडार, एक तकनीक जिससे भूजल को रिचार्ज किया जाता है. इसमें वर्षाजल को धरती में प्रवेश कराया जाता है. इससे स्थानीय तौर पर भूजल का स्तर बेहतर हो जाता है और पानी को जब चाहे पंप करके निकाला जा सकता है. इससे पानी का लेबल एक छोटे से इलाके में बढ़ता है या बड़े इलाके में यह मिट्टी की स्थितियों पर निर्भर करता है.
अगर भंडारण टंकी का निर्माण करा रहे हैं कि फेरोसीमेंट या ब्रिक सीमेंट सबसे सस्ता और बेहतर विकल्प होते हैं और वे स्थानीय स्तर पर भी बनाये जा सकते हैं. जब पानी की टंकी धरातल से नीचे है तो इसे एक हौज कहा जाता है. विभिन्न भंडारों के प्रकार में भूमिगत टैंक, क्लासिकल फेरोसीमेंट टैंक| फेरोसीमेंट टैंक, प्लास्टिक-लाइन्ड टैंक, आदि हैं. टंकी का आकार लागत, पानी के इस्तेमाल की आवश्यकता, सुखाड़ के मौसम का अंतराल आदि पर निर्भर करता है. ऐसा सुझाव है कि बड़ी टंकी बनवाने से पहले एक बार छोटी टंकी बनवाकर देख लेना चाहिये. भंडारण टंकियों को जरूरत के हिसाब से पंप से भी भरा जा सकता है. कई दफा भंडारण टंकियों से पंप के जरिये पानी ऊपर भी लाया जाता है, उदाहरण के लिए रोप पंप या डीप वेल पंप, के जरिये, जिनसे पानी को 30 मीटर तक ऊपर लाया जा सकता है.
पानी को स्वच्छ रखना
छत वाला वर्षाजल अमूमन बेहतर गुणवत्ता युक्त होता है और इसके किसी भी तरह के परिशोधन की जरूरत नहीं होती. अगर घर पर चिमनी हो मुमकिन है कि पानी में धुएं का अंश आ जाये. इसलिए ऊंची चिमनी बनाने की सलाह दी जाती है. पानी छत की नालियों के सहारे इकट्ठा की जाती है, ये पीवीसी, बांस आदि की बनी होती है, फिर इनका भंडारण किया जाता है. पानी की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए सबसे जरूरी चीज है बेहतर आच्छादन, रोशनी और कीड़ों से दूर रखना और एक फिल्टर लगाना, हर तरह के धूलकण से बचाना. कंकरीट का बना ढक्कन टंकी को हर तरह के प्रदूषण से बचाता है, टंकियों में अगर छोटी मछलियां डाल दी जायें तो यह कीड़े-मकोड़ों से सुरक्षा करती है.
एक फाउल-फ्लश यंत्र या अलग होने वाला पाइप भी लगाया जा सकता है ताकि अंधड़ की वजह से आने वाले पहला 20 लीटर पानी स्टोरेज टंकी में जाने से रोका जा सके. क्योंकि यह पानी अमूमन धूलकण, पत्तों, कीड़ों और चिड़ियों के मल से युक्त होता है. इस तरह के गंदे पानी को टंकी में जाने से रोकने के लिए बालू, कंकड़ के फिल्टर का इस्तेमाल किया जा सकता है, फिल्टर को टंकी में जाने से पहले भी लगाया जा सकता है या छत पर जलग्रहण नालियों के पास भी लगाया जा सकता है. जहां इस तरह का संयंत्र न हो वहां उपयोगकर्ता को खुद हर बारिश के पहले 20 लीटर पानी को टंकी में जाने से रोककर कहीं और बहा देना चाहिये या इस्तेमाल कर लेना चाहिये.
ईएमएएस शुद्धिकरण संयंत्र
वर्षाजल संचयन के लिए इस्तेमाल होने वाले ईएमएएस तंत्र में विभिन्न ईएमएएस तकनीकों के अतिरिक्त कुछ सामान्य उपकरणों का इस्तेमाल वर्षाजल को पीने लायक जल बनाने में किया जाता है. अगर छतवाला वर्षाजल इस्तेमाल किया जाता है, तो यह एक स्थायी नाली के जरिये संग्रहित किया जाता है. पानी को साफ करने के लिए नाली के निचले हिस्से पर एक घड़ा या फैरोसीमेंट टंकी रखा जाता है, जिसमें पानी बाहर निकालने के लिए एक पाइप जुड़ा होता है. घड़े के कोर पर सिंथेटिक कपड़े की एक थैली बंधी होती है, इसे लोहे या तार से बांधा जाता है, यह किनारे के चारो ओर बंधी होती है. इस थैली को हर तीन महीने में साफ करना होता है.
जैसे ही पानी जमा होने लगता है, अत्यधिक मात्रा में कचड़ा जमा होने से रोकने के लिए पहले कुछ मात्रा में पानी को हटा दिया जाता है, जिसमें अधिकतर कचड़ा ही होता है. इसके बाद पानी को सीधे ईएमएएस सिस्टर्न में भेजा जा सकता है. छत के आकार के आधार पर भंडारण के लिए कई टंकियां बनायी जा सकती हैं. एक बार में पानी बाहर लाने वाले पाइप एक टंकी को जोड़ा जाना चाहिये. यहां से पानी को पंप करके नियमित ईएमएएस पंप के जरिये वितरित किया जाना चाहिये. पंप को घर के आसपास के टैंक और नलों से भी जोड़ा जा सकता है.
रख-रखाव
एक महीने से लंबे चलने वाले हर सुखाड़ की अवधि में इस तंत्र की जांच और साफ सफाई की जानी चाहिये. धातु की टंकियों की बाहरी सतह की साल में कम से कम एक बार रंगाई की जानी चाहिये. रिसाव की मरम्मत पूरे साल की जानी चाहिये, खासकर रिसती टंकियां ओर नलों को, क्योंकि इससे सेहत पर खतरा उत्पन्न हो सकता है. पानी का क्लोरीनेशन भी आवश्यक है.
नालियों और छत से घास-फूस और काइयों को हटाना भी आवश्यक है ताकि नालियां जाम न हो जायें. टैंक के रख-रखाव में भौतिक जांच और दरारों को सीमेंट से भरना भी शामिल है. कई अध्ययनों से साबित हुआ है कि बेहतर रख-रखाव वाली और ढकी हुई टंकियों का पानी पेयजल की गुणवत्ता के मानकों पर खरा उतरता है.
पहले साल पानी की आधारभूत गुणवत्ता की जांच की सलाह दी जाती है, इसके अलावा जब भी कोई शक हो पानी की जांच करा लेनी चाहिये. ‘HACH’ जांच एक कम लागत वाला जांच है, इसमें सिर्फ US$1 प्रति जांच का खर्च आता है. अगर प्रदूषण की आशंका हो या पानी की गुणवत्ता की गारंटी की जरूरत हो तो पानी का उपचार कई तरीकों से किया जा सकता है.
साझी छतें
साझी छतों में संचालन और रख-रखाव काफी चुनौतीपूर्ण होता है. स्कूलों के छत वाले जल संचयन तंत्र में उदाहरण के लिए पानी की टोटी खुली रह सकती है. ऐसे में पानी आपूर्ति पर नियंत्रण के लिए ताले का इस्तेमाल जरूरी हो जाता है. आदर्श रूप में एक व्यक्ति को नियमित साफ-सफाई, रख-रखाव, मरम्मती और पानी के इस्तेमाल पर नियंत्रण आदि की जिम्मेदारी दी जा सकती है. एक तरीका यह भी है कि पानी को बेचा जाये, जिससे रख-रखाव और संचालन का खर्चा निकल सके. जहां कई परिवारों ने एक सामुदायिक तंत्र स्थापित किया हो (उदाहरण के तौर पर जहां कई छतों का पानी एक टंकी में जमा होता हो) वहां उपयोगकर्ता एक जल समिति का गठन कर सकते हैं जो प्रबंधन, संचालन और रख-रखाव की गतिविधियों को अंजाम दे. इन गतिविधियों में शुल्क जमा करना और केयरटेकर के काम को नियंत्रित करने और हर परिवार को कितना पानी दिया जाये यह सुनिश्चित करना शामिल हो सकता है. निम्न संचालन एवं रख-रखाव प्रक्रिया में बाहरी एजेंट भी निम्न क्षेत्रों में भूमिका निभा सकते हैं :
— तंत्र की स्थिति और पानी की गुणवत्ता की निगरानी;
— तंत्र की पुनर्स्थापना और खरीद के लिए ऋण सुविधा उपलब्ध कराना;
— प्रबंधन एवं संचालन व रख-रखाव के लिए उपयोगकर्ता व केयरटेकर को प्रशिक्षण देना;
— स्थानीय कारीगरों को बड़ी मरम्मत के लिए प्रशिक्षित करना .
संभावित समस्याएं
- धात्विक छत, नालियों का क्षय होना, आदि.;
- रख-रखाव की कमियों की वजह से फाउल-फ्लश का नाकाम हो जाना.;
- जलाशय का टेप लीक करना और हैंड पंप में खराबी आना;
- बिना ढकी हुई टंकियों में प्रदूषण, खास तौर पर जहां पानी रस्सी या बाल्टी से निकाला जाता हो.;
- असुरक्षित टंकियों में मच्छरों का अंडा देना, जिससे वेक्टर आधारित रोगों का खतरा बढ़ जाता है. ;
- तंत्र का पेयजल की मांग को पूरा न कर पाना, साल के कुछ खास समयावधि में, जिससे कि दूसरे स्रोत का निर्माण या फिर से पारंपरिक स्रोत की तरफ जाना पड़ता हो;
- आवश्यक वित्तीय निवेश उपलब्ध न हो पाना- परिवार या समुदाय का एक उपयुक्त टंकी और समुचित छत तैयार न कर पाना.
लागत
लागत की तुलना
- ब्रिक सीमेंट टैंक 6 क्यूबिक मी. वाला : 3 सीमेंट की बोरी, 300 ईटें, 3 किलो तार अमरीकी डॉलर 40
- ब्रिक सीमेंट टैंक 1 क्यूबिक मी. वाला: 1 सीमेंट की बोरी, 100 ईटें, 1 किलो तार अमरीकी डॉलर 20
- प्लास्टिक-लाइन्ड टैंक 5 क्यूबिक मी. वाला: अमरीकी डॉलर 50
- उप-धरातल क्लासिकल फेरो-सीमेंट टैंक|फेरो-सीमेंट टैंक 60 क्यूबिक मी. वाला: अमरीकी डॉलर 1,900 प्रति घन मीटर के हिसाब से जितनी बड़ी टंकी बनवायेंगे, सामग्रियों की जरूरत उतनी कम होगी (और इस हिसाब से लागत भी).
दक्षिण अफ्रीका में, 11 मी. लोहे की नाली वाले अमरीकी डॉलर 320 वाले तंत्र में ; 1.3 क्यूबिक मी. लोहे की टंकी ; नीचे के पाइप वाली ; टेप और फिल्टर ; परिवहन की लागत शामिल नहीं. जहां छतें जल संचयन के लिए उपयुक्त न हो, छत को उस लायक बनाने की लागत अतिरिक्त है और इसमें शामिल नहीं की गयी है. यह लागत अमरीकी डॉलर 4 प्रति वर्ग मी. (केन्या में सब्सिडी मिलती है) से अमरीकी डॉलर 12 प्रति वर्ग मी. तक है. 1
जमीनी अनुभव
- वर्षाजल संचयन एक ऐसी तकनीक है जो काफी लचीली है और विभिन्न प्रकार की सेटिंग के लायक है, यह धरती के सबसे अमीर और सबसे गरीब समुदायों में इस्तेमाल की जाती है, और सबसे नमी वाले इलाकों से सबसे सूखे इलाकों तक.
- ओकार, ब्राजील में वर्षाजल टंकियां कंकरीट के ब्लॉक से तैयार की जाती हैं.
- एक कम लागत वाला विकल्प ब्रिक सीमेंट टैंक, उदाहरण के तौर पर निकारागुआ और घाना में इस्तेमाल होता है.
एक्वो आरएसआर परियोजनाएं
निम्न परियोजनाएं छत वाले वर्षाजल संचयन में प्रयोग की जाती हैं.
मैनुअल, वीडियो और लिंक्स
मैनुअल
- पुस्तकें डाउनलोड करें हार्वेस्टिंग-हैंडबुक-प्रैक्टिशनर्स "रूफवाटर हार्वेस्टिंग: अ हैंडबुक फॉर प्रैक्टिशनर्स" आईआऱसी द्वारा.
- पुस्तिका स्मार्ट वाटर हार्वेस्टिंग सॉल्यूशन्स
- स्मार्ट 3आर सॉल्यूशन्स
वीडियोज
बाहरी लिंक
- वर्षाजल संचयन कार्यान्वयन नेटवर्क (रेन)
- वर्षाजल संचयन सूचनाएं प्रायोगिक सक्रियता से संबंधित
- वर्षाजल संचयन से संबंधित भारतीय वेबसाइट
- वर्षाजल संचयन से संबंधित विकिपीडिया आलेख
- वर्षाजल संचयन परिचय वारविक विवि की डीटीयू इकाई द्वारा
- वर्षाजल गठबंधन
- कैच वाटर व्हेअर इट फाल्स - टूलकिट ऑन अर्बन रेनवाटर हा्र्वेस्टिंग
- एक्वो वीक 5 का समाधान
संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 ब्रिक, फ्रैंकोइस और ब्रेडेरो, मार्टेन. सामुदायिक जलापूर्ति और स्वच्छता के मद्देनजर तकनीकी को क्रयान्वयन और रखरखाव के साथ जोड़ना: योजनाकारों और परियोजना पर काम करने वाले कार्यकर्त्ताओं के लिये एक सन्दर्भ दस्तावेज. विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईआरसी वाटर एण्ड सेनिटेशन सेंटर. जेनेवा, स्विटजरलैण्ड 2003.
आभार
- ब्रिक, फ्रैंकोइस और ब्रेडेरो, मार्टेन. तकनीकी विकल्प को संचालन और रख-रखाव से जोड़ना खास तौर पर सामुदायिक जल आपूर्ति और स्वच्छता के संदर्भ में : योजनाकारों और परियोजना कर्मियों के लिए एक संदर्भ दस्तावेज या (वैकल्पिक लिंक). विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईआरसी वाटर एण्ड सेनिटेशन सेंटर. जिनेवा, स्विटजरलैंड 2003.
- केअर नीदरलैण्ड, डेस्क अध्ययन रेजिलिएंट वाश सिस्टम इन ड्राउट- प्रोन एरियाज़. अक्तूबर 2010.