Changes

no edit summary
|}
===Resilience to changes in the environmentपर्यावरण संबंधी बदलावों को लेकर लचीलापन=======Droughtसूखा===='''Effects of droughtसूखे के प्रभाव''': Less recharge of aquifer due to less rainfall; Increasing population & water demand; Size of aquifers – eकम बारिश के कारण जल स्रोत में कम रिसाव होता है, जबकि आबादी और पानी की मांग में लगातर इजाफा हो रहा है.g. limited sand volume; Wells not sunk deep enough into water table; Incorrect siting; Graded gravel around pipe not correctly doneजल स्रोतों का आकार- बालू की मात्रा, जलस्तर में बहुत अधिक गहराई का न होना, गलत जगह का चुनाव पाइप के इर्द गिर्द सही ढंग से ग्रेडिंग का न किया जाना.
'''Underlying causes of effectsइसकी वजह: ''': Less recharge of aquifer due to less rainfall; Increasing population & water demand; Size of aquifers – e.g. limited sand volume; Wells not sunk deep enough into water table; Incorrect siting; Graded gravel around pipe not correctly done.
'''To increase resiliency of WASH systemडब्ल्यूएएसएच-वाश सिस्टम का लचीलापन बढ़ाने के लिए''': Increase volume through construction of groundwater dam; Sink wells/pipes deeper; Deभूजल बांध के निर्माण के जरिए मात्रा में इजाफा किया जाना चाहिए. कुंओं को गहरा बनाएं और पाइप भी गहरे धंसाएं. जल स्तर के हिसाब से समय-water wells during caissoning within the water table; Construct during the latter half of the dry season; Site in riverbeds that are dry for part of the year, where water remains in the riverbed throughout the dry season; Increase flow by use of porous concrete & perforated pointed steel pipes driven horizontally into the aquifer (riverbed wells) and graded gravel (infiltration galleries & jetted wells); Site in a degrading river section where there is no deposition (infiltration galleries); Put graded gravel around pipes to minimize clogging and increase flowसमय पर कुंओं का पानी निकालना. कुंए के बाद वाले आधे हिस्से का निर्माण सूखे मौसम में करें. नदी तल के वे हिस्से जो साल के एक हिस्से में सूखे रहते हैं और पानी एक खास हिस्से में एकत्रित रहता है. वहां रिसाव वाले कांक्रीट का इस्तेमाल करके पानी का बहाव बढ़ाया जाता है. इसके अलावा जल स्रोत में इस्पात की पाइपों के जरिए भी पानी पहुंचाया जा सकता है. इसे नदी के उस हिस्से में होना चाहिए जहां रिसाव न हो. पाइप इस तरह लगाया जाना चाहिए ताकि पानी का बहाव तेज रह सके जबकि गंदगी का जमाव न्यूनतम हो.
More information on managing droughtसूखे के प्रबंधन पर अधिक जानकारी: [[Resilient WASH systems in drought-prone areasसूखा प्रभावित क्षेत्रों में लचीला वॉश सिस्टम का प्रयोग]].
===Construction, operations and maintenance===
794
edits